हिमाचल सरकार ने नशा तस्करी में शामिल सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत पुलिस विभाग से हो गई है। CM के निर्देशों पर शिमला में चिट्टा तस्करी में शामिल दो पुलिस कर्मी संदीप कुमार और जुगल किशोर को टर्मिनेट कर दिया गया है। इनके तार शाह सिंडिकेट से जुड़े थे। नाम सामने आने के बाद दोनों को कैंथू में लाइन हाजिर किया था। इसके बाद दोनों जवानों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का मौका दिया गया था। इनका जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय से इन्हें टर्मिनेट करने के आदेश दिए गए। पुलिस के अनुसार, शिमला जिला में 24 सरकारी कर्मचारी चिट्टा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें डॉक्टर, तहसील वेलफेयर अधिकारी, टीचर, फॉरेस्ट गार्ड और पटवारी शामिल हैं। पुलिस ने सरकार से की कार्रवाई की सिफारिश पुलिस ने नशे के कारोबार में शामिल सभी सरकारी कर्मचारियों की सूची प्रदेश सरकार को भेज रखी है। इसमें सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी के बाद दूसरे सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। हिमाचल में 60 कर्मचारी नशा तस्करी में संलिप्त दरअसल, मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ही नशा तस्करी में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए थे। प्रदेश में 60 से ज्यादा कर्मचारी नशा तस्करी में संलिप्त बताए जा रहे हैं। जो नशा फैलाएगा, उसे नही बख्शेंगे:- SP SP शिमला संजीव गांधी ने कहा कि जिला में पुलिस ने नशे के खिलाफ मिशन क्लीन भरोसा अभियान चला रखा है। इसके तहत पुलिस सख़्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने साफ शब्दों में तस्करों को चेतावनी दी है कि शिमला जिला में जो भी चिट्टा फैलाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हिमाचल सरकार ने नशा तस्करी में शामिल सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत पुलिस विभाग से हो गई है। CM के निर्देशों पर शिमला में चिट्टा तस्करी में शामिल दो पुलिस कर्मी संदीप कुमार और जुगल किशोर को टर्मिनेट कर दिया गया है। इनके तार शाह सिंडिकेट से जुड़े थे। नाम सामने आने के बाद दोनों को कैंथू में लाइन हाजिर किया था। इसके बाद दोनों जवानों को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का मौका दिया गया था। इनका जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय से इन्हें टर्मिनेट करने के आदेश दिए गए। पुलिस के अनुसार, शिमला जिला में 24 सरकारी कर्मचारी चिट्टा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें डॉक्टर, तहसील वेलफेयर अधिकारी, टीचर, फॉरेस्ट गार्ड और पटवारी शामिल हैं। पुलिस ने सरकार से की कार्रवाई की सिफारिश पुलिस ने नशे के कारोबार में शामिल सभी सरकारी कर्मचारियों की सूची प्रदेश सरकार को भेज रखी है। इसमें सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी के बाद दूसरे सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। हिमाचल में 60 कर्मचारी नशा तस्करी में संलिप्त दरअसल, मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ही नशा तस्करी में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए थे। प्रदेश में 60 से ज्यादा कर्मचारी नशा तस्करी में संलिप्त बताए जा रहे हैं। जो नशा फैलाएगा, उसे नही बख्शेंगे:- SP SP शिमला संजीव गांधी ने कहा कि जिला में पुलिस ने नशे के खिलाफ मिशन क्लीन भरोसा अभियान चला रखा है। इसके तहत पुलिस सख़्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने साफ शब्दों में तस्करों को चेतावनी दी है कि शिमला जिला में जो भी चिट्टा फैलाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
