आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार ने 2 साल से विभिन्न विभागों बोर्ड-निगमों में खाली पड़े पदों को खत्म करने का निर्णय लिया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस देवेश कुमार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इन आदेशों के तहत स्थाई और अस्थाई पद समाप्त कर दिए गए है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को इस बारे औपचारिक आदेश जारी करने को कहा है। इसकी जानकारी वित्त विभाग को भेजने को कहा गया है। राज्य सरकार के यह आदेश उन 8 लाख बेरोजगारों के लिए बड़ा झटका माने जा रहे हैं जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में पढ़ाई करते हुए बूढ़े हो रहे है। प्रदेश 65 हजार से ज्यादा पद खाली प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 65 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हुए है। फाइनेंस सेक्रेटरी की अधिसूचना के अनुसार, जो पद 2 साल से खाली पड़े हैं, वह खत्म कर दिए गए है। इससे लगभग 15 से 20 हजार पद अधिकारियों व कर्मचारियों के खत्म हो जाएंगे। आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार ने 2 साल से विभिन्न विभागों बोर्ड-निगमों में खाली पड़े पदों को खत्म करने का निर्णय लिया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस देवेश कुमार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इन आदेशों के तहत स्थाई और अस्थाई पद समाप्त कर दिए गए है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को इस बारे औपचारिक आदेश जारी करने को कहा है। इसकी जानकारी वित्त विभाग को भेजने को कहा गया है। राज्य सरकार के यह आदेश उन 8 लाख बेरोजगारों के लिए बड़ा झटका माने जा रहे हैं जो सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में पढ़ाई करते हुए बूढ़े हो रहे है। प्रदेश 65 हजार से ज्यादा पद खाली प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 65 हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हुए है। फाइनेंस सेक्रेटरी की अधिसूचना के अनुसार, जो पद 2 साल से खाली पड़े हैं, वह खत्म कर दिए गए है। इससे लगभग 15 से 20 हजार पद अधिकारियों व कर्मचारियों के खत्म हो जाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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जिला कांगड़ा के धर्मशाला में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में काम करने वाले कैशियर रजनीश कुमार की करतूत का पता जब तक बैंक को लगता, तब तक 54.64 लाख रुपए का चूना लग चुका था। रजनीश कुमार SBI की कोतवाली बाजार ब्रांच में पिछले कई सालों से काम कर रहा है। इसी दौरान उसे ऑनलाइन गेम खेलने का नशा चढ़ गया। बैंक प्रबंधक ने रजनीश कुमार को एटीएम में कैश डालने की जिम्मेदारी दे रखी थी। रजनीश कुमार जब भी एटीएम में कैश लोड करने जाता तो हर बार उसमें से दो-तीन लाख रुपए कम कैश लोड करता, जबकि बैंक को सारी रकम का मैसेज सेंड हो जाता था। इंटरनल ऑडिट में घोटाले का हुआ खुलासा
बैंक में कैश मिलान की प्रक्रिया में हुए बिलंब के कारण रजनीश कुमार द्वारा गबन की गई राशि का बैंक प्रबंधन को पता ही नहीं चला। इंटरनल ऑडिट में गबन किए हुए अमाउंट का पता चला। जैसे ही मामला सामने आया तो एसबीआई बैंक मैनेजर ने इस मामले की शिकायत धर्मशाला पुलिस में दर्ज करवाई। पुलिस ने बैंक कैशियर रजनीश कुमार के खिलाफ धर्मशाला पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच में जुट गयी है। आरोपी से की गई पूछताछ
आरोपी कैशियर रजनीश कुमार को पुलिस सेशन में बुलाकर पूछताछ की गई और बैंक से एटीएम में कैश लोड करने से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में लिया गया है। वहीं एसबीआई धर्मशाला की सीनियर बैंक मैनेजर मोनिका शर्मा ने कहा- इस मामले में वह कोई भी जानकारी साझा करने के लिए बैंक की तरफ से अधिकृत नहीं हैं। एएसपी कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि एसबीआई बैंक मैनेजर की शिकायत पर धर्मशाला पुलिस स्टेशन में बैंक कैशियर रजनीश कुमार के खिलाफ 54.64 लाख रुपए के गबन का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। क्या है धारा 409
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 409 सरकारी कर्मचारियों, बैंकरों, व्यापारियों, फैक्टर, दलालों, वकीलों या एजेंटों द्वारा किए गए आपराधिक विश्वासघात से संबंधित है। इस अपराध की सज़ा है: आजीवन कारावास, 10 साल तक का कारावास और जुर्माना। आसानी से पैसा कमाने की चाहत
आसानी से पैसा कमाने की चाहत में करोड़ों लोग ऑनलाइन बेटिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं। खासकर क्रिकेट से जुड़े बेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। लेकिन इस तरह आसानी से इसमें आपकी जेब भरने से ज़्यादा जेब में रखे पैसे चले जाने की संभावना होती है। इसमें सफलता की संभावना बहुत कम होती है। साथ ही इस बेटिंग ऐप की लत लगने से लोग गंभीर आर्थिक तंगी का शिकार हो जाते हैं।