साल 2024 हिमाचल प्रदेश के लिए उथल-पुथल भरा रहा। कांग्रेस सरकार पर सियासी संकट आया। कांग्रेस के 6 विधायक बागी हो गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी इनका साथ दिया। इससे बहुमत के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा चुनाव तो हार गई। मगर, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले से सरकार बच गई। इसी तरह 6 मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) के कारण भी सरकार को झटका लगा। समर सीजन में गर्मी ने 123 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। बरसात आई तो आपदा ने भी खूब तबाही मचाई। इसके बाद कांग्रेस सरकार के समोसा कांड की CID जांच, जंगली मुर्गा, टॉयलेट टैक्स और आर्थिक संकट की वजह से खूब किरकिरी हुई। अब सिलसिलेवार पढ़िए 2024 की प्रमुख घटनाएं जिन्होंने न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में सुर्खियां बटोरी… 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हारी सरकार साल 2024 हिमाचल प्रदेश के लिए उथल-पुथल भरा रहा। कांग्रेस सरकार पर सियासी संकट आया। कांग्रेस के 6 विधायक बागी हो गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी इनका साथ दिया। इससे बहुमत के बावजूद कांग्रेस राज्यसभा चुनाव तो हार गई। मगर, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले से सरकार बच गई। इसी तरह 6 मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) के कारण भी सरकार को झटका लगा। समर सीजन में गर्मी ने 123 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। बरसात आई तो आपदा ने भी खूब तबाही मचाई। इसके बाद कांग्रेस सरकार के समोसा कांड की CID जांच, जंगली मुर्गा, टॉयलेट टैक्स और आर्थिक संकट की वजह से खूब किरकिरी हुई। अब सिलसिलेवार पढ़िए 2024 की प्रमुख घटनाएं जिन्होंने न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में सुर्खियां बटोरी… 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हारी सरकार हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र:आज कानून व्यवस्था, स्कूल बंद करने, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी और पुलिस की मुफ्त यात्रा पर तपेगा सदन हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन में कानून व्यवस्था को लेकर तपिश देखने को मिलेगी। BJP विधायक त्रिलोक जम्वाल, बलवीर वर्मा, सुखराम चौधरी और राकेश जम्वाल ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा मांग रखी है। विपक्ष ने इसे लेकर बीते कल भी सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया था। चर्चा नहीं मिलने पर विपक्ष ने वाक-ऑउट किया था। लिहाजा बीते दिनों के दौरान प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में मर्डर, रेप, गोलीकांड जैसी घटनाओं को लेकर विपक्ष सदन में सत्तापक्ष को घेरने का प्रयास करेगा। सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी। आज ज्यादातर प्रश्न आपदा, स्कूल बंद करने, सरकारी बसों में पुलिस की मुफ्त यात्रा से जुड़े पूछे गए है। लोकेंद्र के सवाल पर तपेगा सदन आनी से विधायक लोकेंद्र कुमार ने बीते 31 जुलाई की रात को उनके विधानसभा क्षेत्र में बादल फटने के बाद कई क्षेत्रों में हुई तबाही से जुड़ा सवाल पूछा है। लोकेंद्र कुमार सदन में सत्तापक्ष को बागीपुल, केदस, जायल, पोखनी, गुशैनी, डरोपा और शाहनू में राहत एवं बचाव कार्य को लेकर घेरने का प्रयास करेंगे। इसी तरह पुलिस की बस यात्रा को लेकर भी सदन में तपिश देखने को मिल सकती है। डॉक्टरों की कमी का मामला उठाएंगे केवल पठानिया प्रश्नकाल के बाद शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया उनके चुनाव क्षेत्र शाहचक्कियां व लंज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का मामला सदन में उठाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल इसका जवाब देंगे। इसके बाद बंजार के सुराग शिल्ह जंगल में अवैध कटान का मामला स्थानीय विधायक सुरेंद्र शौरी सदन में उठाएंगे। अवैध वन कटान पर सत्तापक्ष को घेरेंगे शौरी दोपहर बाद सदन में आपदा को लेकर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और बीजेपी के अन्य विधायकों ने सत्र के पहले दिन सदन में भारी बारिश से सड़कों, विभिन्न पेयजल योजनाओं, सरकारी भूमि, आम जन मानस, घरों को हुए नुकसान को लेकर चर्चा मांगी थी। इस पर बीते कल भी 6 विधायक अपनी अपनी बात रख चुके है। आज भी इस पर चर्चा जारी रहेगी।
शिमला में बोले नेता प्रतिपक्ष जयराम:कहा- टॉयलेट टैक्स के बाद सुक्खू सरकार लाई खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना; मैदान के मांग रहे 10 हजार
शिमला में बोले नेता प्रतिपक्ष जयराम:कहा- टॉयलेट टैक्स के बाद सुक्खू सरकार लाई खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना; मैदान के मांग रहे 10 हजार हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार टॉयलेट टैक्स के बाद ” खेल- खिलाड़ी टैक्स योजना ” लेकर आई है। जिसके तहत खेल और खिलाड़ियों के ऊपर टैक्स लगा रही है। सरकार की तरफ़ से प्रदेश के लोगों पर हर दिन किसी न किसी तरह का टैक्स लादा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम सुक्खू जनकल्याण कारी राज्य की परिभाषा भूल चुके हैं। प्रदेश के हर वर्ग को परेशान करने के बाद अब मुख्यमंत्री की सुई खेल और खिलाड़ियों पर आकर रुक गई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ केंद्र की मोदी सरकार ‘खेलो इंडिया’ के तहत खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल हजारों करोड़ का अतिरिक्त बजट खर्च कर रही है, दूसरी तरफ़ कांग्रेस की सुक्खू की सरकार हिमाचल में खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाकर उन्हें प्रदेश की आय का साधन बनाना चाह रही है। इसके पहले भी सुक्खू सरकार अंडर-12 के टूर्नामेंट के आयोजन पर भी रोक लगा चुकी है। खेलों के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण शर्मनाक है। खेल सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही सरकार- जयराम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा ‘खेल-खिलाड़ी टैक्स योजना’ के तहत खेल के सामान से लेकर मैदान पर टैक्स लगा रही है। कांग्रेस के ही नेता सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। सीएम सुक्खू ने उनकी बातें अनसुनी की होगी, इसीलिए ही उन्हें मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है। मैदान के लिए बच्चों ने मांग रहे 10 हजार रुपए- जयराम उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों के ट्रायल होने हैं, तो सरकार द्वारा मैदान का दस हज़ार रुपए का किराया मांगा जा रहा है। इसके अलावा एक प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता को भी सरकार द्वारा सहयोग न मिलने और खेलों के सामान व मैदान का शुल्क मांगने के कारण अन्य प्रदेश में आयोजित करवाना पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह से लोगों की आवाज को अनसुना नहीं करना चाहिए। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि खेल और खिलाड़ियों पर टैक्स लगाना चाहिए।
कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत
कुल्लू के खाइण में मनाया गया दियाली मेला:हिरण स्वांग नृत्य से हुआ मनोरंजन, मनु महाराज ने की थी शुरुआत हिमाचल प्रदेश कुल्लू जिला की शैंशर कोठी के खाइण गांव में दियाली मेले में अद्धभुत परम्परा का नजारा देखने को मिला। कुल्लू जिला में विभिन्न स्थानों पर पहाड़ी दियाली में अश्लील गाली गलौज व्यंग्यात्मक तरीके से होता है लेकिन शेंशर के दियाली (दीपावली) मेले में हॉर्न यानी हिरण स्वांग नृत्य से मनोरंजन हुआ। वहीं रातभर कुल्लू नाटी भी वाद्य यंत्रों की थाप होती रही। सुबह 4 बजे का आसपास खेत में घास जलाकर दियाली की परम्परा का निर्वहन किया गया। कुल्लू नाटी और हिरण स्वांग
दियाली मेले के दौरान रात भर कुल्लवी नाटी डाली गई, जिसमें स्थानीय लोगों ने भाग लिया। सुबह के समय खेत में घास जलाकर दियाली मनाई। जिसमें हिरण स्वांग का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। हिरण स्वांग में विभिन्न पात्रों ने मुखौटे लगाकर नृत्य किया। दर्शकों ने खूब मनोरंजन करने के साथ ही उक्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी लिया। मनु महाराज ने किया था दियाली का शुभारंभ
दियाली का शुभारंभ स्थानीय देवता मनु महाराज, माता शतरूपा व कशु नारायण के भव्य मिलन से हुआ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनु शतरूपा ने धरती पर सृष्टि का विस्तार महाप्रलय के बाद किया। यह 7वें मनु माने जाते हैं। इससे पहले भृगु ऋषि के पास मनु की उपाधि थी। क्या है हिरण स्वांग?
हरण लोकनाट्य हिमाचल के सर्वाधिक क्षेत्र में प्रदर्शित होता है। चम्बा में हरणेतर, किन्नौर में होरिंगफो, कुल्लू में हॉर्न भी कहते हैं। कुल्लू दशहरा में हिरण स्वांग नृत्य लंका दहन के दिन होता है। इसमें दो पक्षों का नृत्य और स्वांग होता है। नृत्य में तीन पात्र हरण, बूढ़ी और कान्हा चित्रा पट्टू डालकर हिरण बनते हैं और दाएं-बाएं चलकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य 15 पौष, कुछ स्थानों पर माघी त्योहार, कई स्थानों पर होली तक रातभर आयोजित किया जाता है। हिरण खलियानों के बीच में धीरे-धीरे नाचती है। ढोल नगारा, काहल, रणसिंगा, शहनाई, बांसुरी और भाणा वाद्य यंत्रों के संगीत पर हरण, बूढ़ी और कान्हा बारह प्रकार के वशिष्ठ नृत्य करते हैं। यह नृत्य घर-घर जाकर खोली में भी किया जाता है। लोग उनको अनाज और पैसे भी भेंट करते हैं।