हिमाचल में 2025 में बड़े बदलाव होंगे:कैबिनेट विस्तार-पंचायत चुनाव और अफसरशाही बदली जाएगी; कांग्रेस-BJP का नया संगठन ​​​​​​​बनेगा, भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष

हिमाचल में 2025 में बड़े बदलाव होंगे:कैबिनेट विस्तार-पंचायत चुनाव और अफसरशाही बदली जाएगी; कांग्रेस-BJP का नया संगठन ​​​​​​​बनेगा, भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष

हिमाचल प्रदेश में साल 2025 में पंचायत और नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजेगा। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा के चेहरे बदलने वाले है। संभवत, जनवरी महीने में ही कांग्रेस-भाजपा हाईकमान नए संगठन का ऐलान कर सकते है।इसी साल कैबिनेट विस्तार भी संभव है। राज्य की अफसरशाही और पुलिस को भी जल्द नया मुखिया मिलेगा। राज्य की कांग्रेस सरकार भी कई योजनाएं लॉन्च कर सकती है। अब सिलसिलेवार पढ़िए, 2025 में क्या बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे… प्रदेश में दिसंबर 2025 में पंचायत, नगर पंचायत और नगर परिषद के चुनाव होने हैं। राज्य में 3615 पंचायतें, 27 नगर परिषद और 39 नगर पंचायत हैं। इनमें नवंबर के आखिरी सप्ताह के बाद कभी भी चुनाव कराए जा सकते है। हालांकि मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल फरवरी 2026 में पूरा होगा। मगर फरवरी में बर्फबारी की वजह से आधा हिमाचल बर्फ में ढक जाता है। इससे बर्फ के बीच चुनाव संभव नहीं है। इसे देखते हुए नवंबर और दिसंबर में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। इसी तरह नगर परिषद और नगर पंचायतों में वार्ड में पहले पार्षद के चुनाव होंगे। इसके बाद पार्षद नगर पंचायत व नगर परिषद अध्यक्ष को चुनेगी। चुनाव से पहले बनेगी नई पंचायतें पंचायत चुनाव से पहले राज्य में नई पंचायतें बनाई जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए लोगों से आवेदन मांग लिए है। नई पंचायतों के आवेदन आने पर सरकार नई पंचायतें बनाने को लेकर फैसला लेगी। नई पंचायतें बन जाने के बाद मतदाता सूची बनाने का काम शुरू होगा। नई पंचायतें बनाने के बाद राज्य में पंचायतों की संख्या में इजाफा होगा। नई पंचायत के लिए कम से कम 1000 वोटर जरूरी है। BJP को मिलेगा नया अध्यक्ष साल 2025 की शुरुआत में ही भाजपा को नए अध्यक्ष के साथ साथ संगठन भी नया मिलेगा। BJP अध्यक्ष की रेस में मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, विपिन सिंह परमार, त्रिलोक जम्वाल, रणधीर शर्मा और विक्रम सिंह ठाकुर शामिल है। इनके अलावा प्रदेश के सबसे बड़े व सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले राजीव भारद्वाज और इंदु गोस्वामी का भी नाम भाजपा अध्यक्ष की रेस में गिना जा रहा है। अंदरखाते सभी नेता लॉबिंग में जुटे हुए है। अब इन पर पार्टी हाईकमान को अंतिम मुहर लगानी है। राज्य अध्यक्ष इसके बाद अपनी टीम बनाएगा। इसी तरह बीजेपी के 17 संगठनात्मक जिलों में भी अगले एक-दो दिन के भीतर अध्यक्षों की तैनाती होनी है। इसके बाद जिला अध्यक्ष अपनी टीम बनाएंगे। ठीक इसी तरह ब्लाक अध्यक्ष भी चुने जाएंगे। खड़गे ने भंग कर रखी राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी कांग्रेस की बात करें तो दो महीने से राज्य में पार्टी की राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी कार्यकारिणी भंग कर रखी है। इकलौती पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची हैं। इसी महीने बनेगी नई कार्यकारिणी कांग्रेस हाईकमान ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान को नई कार्यकारिणी के गठन से पहले पार्टी नेताओं से फीडबैक लेने का जिम्मा दिया है। दोनों सह प्रभारी प्रदेश के नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। इसी तरह पार्टी ने जिला और लोकसभा स्तर पर भी ऑब्जर्वर लगाकर भेजे थे। सभी ऑब्जर्वर हाईकमान को रिपोर्ट सौंप चुके हैं। अब हाईकमान की ओर से नए संगठन का ऐलान किया जाना शेष है। फिलहाल प्रतिभा सिंह अभी कांग्रेस अध्यक्ष ने अप्रैल में इनके भी तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद हाईकमान पर निर्भर करेगा कि प्रतिभा को कंटीन्यू किया जाता है या फिर उन्हें बदल दिया जाता है। इसी साल कैबिनेट विस्तार होगा हिमाचल कैबिनेट में मंत्री का एक पद खाली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इसी साल कैबिनेट विस्तार हो सकता है। कैबिनेट मंत्री की रेस में अर्की से विधायक संजय अवस्थी, ज्वालाजी से संजय रत्न, पालमपुर से आशीष बुटेल और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर मंत्री की रेस में शामिल है। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिले में है। क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिले से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिले से तीन-तीन मंत्री बनते रहे हैं। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही। क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिले से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। कांगड़ा जिला को यदि सीएम पद नहीं मिला तो कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर की ताजपोशी हो सकती है। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में कोई भी मंत्री नहीं है। सुंदर सिंह के मंत्री बनने से मंडी संसदीय क्षेत्र को भी मंत्री मिल जाएगा। बोर्ड-निगमों में होगी तैनाती नए साल में राज्य सरकार विभिन्न बोर्ड-निगमों में तैनाती कर सकती है। राज्य में महिला आयोग, राज्य मार्केटिंग बोर्ड, मिल्कफेड, कामगार कल्याण बोर्ड, गुड़िया सक्षम बोर्ड, चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, खादी बोर्ड, वूल फेडरेशन, एचआरटीसी, आपदा प्रबंधन बोर्ड समेत एक दर्जन से ज्यादा बोर्ड निगमों में सरकार दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी चेयरमैन-वाइस चेयरमैन की तैनाती नहीं कर पाई है। इससे कांग्रेस वर्कर मायूस है। ऐसे में सरकार वर्करों की नाराजगी दूर करने को तैनाती कर सकती है। इन पदों से तलबगार समय समय पर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। तैनाती नहीं मिलने से पार्टी वर्कर मायूस है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी बार बार बोर्ड निगमों में तैनाती की मांग करती रही है। इसकी कई बार हाईकमान से शिकायत भी कर चुकी है। हिमाचल की अफसरशाही में बड़ा फेरबदल होगा हिमाचल की अफसरशाही में भी नए साल में बड़ा फेरबदल होगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना 31 मार्च 2024 को रिटायर हो रहे हैं। सक्सेना के रिटायर होने के बाद नए मुख्य सचिव का लगना तय है। इसके लिए अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। मुख्य सचिव की रेस में राज्य के सबसे सीनियर IAS अधिकारी संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओकार शर्मा और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रही अनुराधा शर्मा का नाम चर्चा में है। सूत्र बताते हैं कि अनुराधा शर्मा भी हिमाचल लौटने को तैयार हैं। सूत्र की माने तो सरकार सक्सेना के रिटायर होने से पहली ही रेरा यानी रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण का चेयरमैन लगा सकती है। वह इसके लिए लॉबिंग कर रहे है। सरकार जल्द ही इसके लिए आवेदन मांगेगी। इसके बाद चेयरमैन पद के लिए अन्य दावेदार भी सामने आएंगे। अगर प्रबोध सक्सेना रेरा चेयरमैन बने तो इससे सूबे का नया मुख्य सचिव बनना भी तय है। इसी तरह हिमाचल के पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा भी 31 मई को रिटायर होंगे। जाहिर है कि पुलिस को भी नया मुखिया मिलेगा। शिमला में दुनिया के सबसे लंबे रोपवे का काम शुरू होगा शिमला में सरकार दुनिया का दूसरा सबसे लंबा (14..69 किलोमीटर) रोपवे बनाने जा रही है। नए साल में इसका काम शुरू हो जाएगा। यह रोपवे स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस पर 1546.04 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस रोपवे के बनने से शिमला की जनता को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। इसके लिए टैंडर की औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। जल्द ही किसी एक कंपनी को इसका काम अवार्ड कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की फंडिंग 80:20 के अनुपात यानी 80 फीसदी सेंटर शेयर और 20 फीसद स्टेट शेयर होगा। न्यू डवलपमेंट बैंक इस प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहा है। ये स्टेशन रोपवे से जुड़ेंगे इस रोपवे में तारादेवी से लेकर पुराना बस अड्डे, जाखू, छोटा शिमला, संजौली, ढली को मिलाकर 15 स्टेशन बनेंगे। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर ऑस्ट्रिया दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि शहर में जिस गति से ट्रैफिक बढ़ रहा है उसके लिए नए विजन के तहत कार्य करने की जरूरत है। अमीरों की मुफ्त बिजली बंद होगी हिमाचल में अभी 125 यूनिट या इससे कम बिजली उपभोग करने वाले लोगों को मुफ्त बिजली दी रही है। मगर नए साल में अब मुफ्त बिजली बंद कर दी जाएगी। पूर्व भाजपा सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार ने साधन संपन्न लोगों की सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। अब केवल निर्धन लोगों को ही मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। हालांकि यह फैसला 4 महीने पहले ले लिया गया। मगर इसे लागू नए साल में किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने आर्थिक हालत को देखते हुए यह फैसला लिया है। नए BPL परिवारों का चयन होगा हिमाचल में BPL परिवारों का चयन नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए सरकार मापदंड बदलने जा रही है। आय सीमा में सरकार बढ़ोतरी कर सकती है। मुख्यमंत्री अधिकारियों को मापदंड तय करने के निर्देश दिए हैं। इन्हें कैबिनेट बैठक में मंजूरी को लाया जाएगा। इसके बाद ग्रामसभा की बैठकों में पात्र परिवारों का चयन होगा। हिमाचल प्रदेश में साल 2025 में पंचायत और नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजेगा। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा के चेहरे बदलने वाले है। संभवत, जनवरी महीने में ही कांग्रेस-भाजपा हाईकमान नए संगठन का ऐलान कर सकते है।इसी साल कैबिनेट विस्तार भी संभव है। राज्य की अफसरशाही और पुलिस को भी जल्द नया मुखिया मिलेगा। राज्य की कांग्रेस सरकार भी कई योजनाएं लॉन्च कर सकती है। अब सिलसिलेवार पढ़िए, 2025 में क्या बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे… प्रदेश में दिसंबर 2025 में पंचायत, नगर पंचायत और नगर परिषद के चुनाव होने हैं। राज्य में 3615 पंचायतें, 27 नगर परिषद और 39 नगर पंचायत हैं। इनमें नवंबर के आखिरी सप्ताह के बाद कभी भी चुनाव कराए जा सकते है। हालांकि मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल फरवरी 2026 में पूरा होगा। मगर फरवरी में बर्फबारी की वजह से आधा हिमाचल बर्फ में ढक जाता है। इससे बर्फ के बीच चुनाव संभव नहीं है। इसे देखते हुए नवंबर और दिसंबर में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। इसी तरह नगर परिषद और नगर पंचायतों में वार्ड में पहले पार्षद के चुनाव होंगे। इसके बाद पार्षद नगर पंचायत व नगर परिषद अध्यक्ष को चुनेगी। चुनाव से पहले बनेगी नई पंचायतें पंचायत चुनाव से पहले राज्य में नई पंचायतें बनाई जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए लोगों से आवेदन मांग लिए है। नई पंचायतों के आवेदन आने पर सरकार नई पंचायतें बनाने को लेकर फैसला लेगी। नई पंचायतें बन जाने के बाद मतदाता सूची बनाने का काम शुरू होगा। नई पंचायतें बनाने के बाद राज्य में पंचायतों की संख्या में इजाफा होगा। नई पंचायत के लिए कम से कम 1000 वोटर जरूरी है। BJP को मिलेगा नया अध्यक्ष साल 2025 की शुरुआत में ही भाजपा को नए अध्यक्ष के साथ साथ संगठन भी नया मिलेगा। BJP अध्यक्ष की रेस में मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल, पूर्व अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, विपिन सिंह परमार, त्रिलोक जम्वाल, रणधीर शर्मा और विक्रम सिंह ठाकुर शामिल है। इनके अलावा प्रदेश के सबसे बड़े व सत्ता की चाबी तय करने वाले कांगड़ा जिले से संबंध रखने वाले राजीव भारद्वाज और इंदु गोस्वामी का भी नाम भाजपा अध्यक्ष की रेस में गिना जा रहा है। अंदरखाते सभी नेता लॉबिंग में जुटे हुए है। अब इन पर पार्टी हाईकमान को अंतिम मुहर लगानी है। राज्य अध्यक्ष इसके बाद अपनी टीम बनाएगा। इसी तरह बीजेपी के 17 संगठनात्मक जिलों में भी अगले एक-दो दिन के भीतर अध्यक्षों की तैनाती होनी है। इसके बाद जिला अध्यक्ष अपनी टीम बनाएंगे। ठीक इसी तरह ब्लाक अध्यक्ष भी चुने जाएंगे। खड़गे ने भंग कर रखी राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी कांग्रेस की बात करें तो दो महीने से राज्य में पार्टी की राज्य, जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी कार्यकारिणी भंग कर रखी है। इकलौती पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची हैं। इसी महीने बनेगी नई कार्यकारिणी कांग्रेस हाईकमान ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान को नई कार्यकारिणी के गठन से पहले पार्टी नेताओं से फीडबैक लेने का जिम्मा दिया है। दोनों सह प्रभारी प्रदेश के नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। इसी तरह पार्टी ने जिला और लोकसभा स्तर पर भी ऑब्जर्वर लगाकर भेजे थे। सभी ऑब्जर्वर हाईकमान को रिपोर्ट सौंप चुके हैं। अब हाईकमान की ओर से नए संगठन का ऐलान किया जाना शेष है। फिलहाल प्रतिभा सिंह अभी कांग्रेस अध्यक्ष ने अप्रैल में इनके भी तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद हाईकमान पर निर्भर करेगा कि प्रतिभा को कंटीन्यू किया जाता है या फिर उन्हें बदल दिया जाता है। इसी साल कैबिनेट विस्तार होगा हिमाचल कैबिनेट में मंत्री का एक पद खाली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इसी साल कैबिनेट विस्तार हो सकता है। कैबिनेट मंत्री की रेस में अर्की से विधायक संजय अवस्थी, ज्वालाजी से संजय रत्न, पालमपुर से आशीष बुटेल और कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर मंत्री की रेस में शामिल है। मंत्री पद को लेकर सबसे ज्यादा सियासी हलचल कांगड़ा जिले में है। क्योंकि कांगड़ा के 2 CPS बाहर हुए हैं। सुक्खू सरकार में अभी सबसे बड़े कांगड़ा जिले से दो ही मंत्री है। पूर्व की जयराम, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सरकार में कांगड़ा जिले से तीन-तीन मंत्री बनते रहे हैं। इसलिए कांगड़ा में तीसरे मंत्री पद को लेकर ज्यादा चर्चाएं है। संजय अवस्थी की दावेदारी से आड़े आएंगे क्षेत्रीय समीकरण संजय अवस्थी इस सरकार में CM सुक्खू के सबसे करीबी माने जाते हैं। मगर उनकी ताजपोशी में क्षेत्रीय समीकरण आड़े आ सकते हैं। सोलन जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें है। इस जिले से पहले ही धनीराम शांडिल मंत्री है। इसी तरह अर्की विधानसभा हलका शिमला संसदीय क्षेत्र में आता है। इस संसदीय क्षेत्र से सुक्खू सरकार में 6 मंत्री है, जबकि सीएम को मिलाकर कुल 11 मंत्री है। बीते दिनों बगावत और हिमाचल सरकार पर संकट की भी यही सबसे बड़ी वजह रही। क्योंकि हिमाचल सरकार पर सियासी संकट से पहले तक कांगड़ा जिले से केवल एक ही मंत्री बनाया गया था और तब सुधीर शर्मा ने खुलकर बगावत की। इसके बाद सरकार पर सियासी संकट आया था। क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ने के डर से दोबारा विरोध की चिंगारी न सुलगे, इस वजह से संजय अवस्थी की दावेदारी कमजोर पड़ सकती है। कांगड़ा जिला को यदि सीएम पद नहीं मिला तो कुल्लू से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर की ताजपोशी हो सकती है। कुल्लू जिला से सुक्खू सरकार में कोई भी मंत्री नहीं है। सुंदर सिंह के मंत्री बनने से मंडी संसदीय क्षेत्र को भी मंत्री मिल जाएगा। बोर्ड-निगमों में होगी तैनाती नए साल में राज्य सरकार विभिन्न बोर्ड-निगमों में तैनाती कर सकती है। राज्य में महिला आयोग, राज्य मार्केटिंग बोर्ड, मिल्कफेड, कामगार कल्याण बोर्ड, गुड़िया सक्षम बोर्ड, चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, खादी बोर्ड, वूल फेडरेशन, एचआरटीसी, आपदा प्रबंधन बोर्ड समेत एक दर्जन से ज्यादा बोर्ड निगमों में सरकार दो साल से अधिक समय बीतने के बाद भी चेयरमैन-वाइस चेयरमैन की तैनाती नहीं कर पाई है। इससे कांग्रेस वर्कर मायूस है। ऐसे में सरकार वर्करों की नाराजगी दूर करने को तैनाती कर सकती है। इन पदों से तलबगार समय समय पर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। तैनाती नहीं मिलने से पार्टी वर्कर मायूस है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी बार बार बोर्ड निगमों में तैनाती की मांग करती रही है। इसकी कई बार हाईकमान से शिकायत भी कर चुकी है। हिमाचल की अफसरशाही में बड़ा फेरबदल होगा हिमाचल की अफसरशाही में भी नए साल में बड़ा फेरबदल होगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना 31 मार्च 2024 को रिटायर हो रहे हैं। सक्सेना के रिटायर होने के बाद नए मुख्य सचिव का लगना तय है। इसके लिए अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। मुख्य सचिव की रेस में राज्य के सबसे सीनियर IAS अधिकारी संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओकार शर्मा और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रही अनुराधा शर्मा का नाम चर्चा में है। सूत्र बताते हैं कि अनुराधा शर्मा भी हिमाचल लौटने को तैयार हैं। सूत्र की माने तो सरकार सक्सेना के रिटायर होने से पहली ही रेरा यानी रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण का चेयरमैन लगा सकती है। वह इसके लिए लॉबिंग कर रहे है। सरकार जल्द ही इसके लिए आवेदन मांगेगी। इसके बाद चेयरमैन पद के लिए अन्य दावेदार भी सामने आएंगे। अगर प्रबोध सक्सेना रेरा चेयरमैन बने तो इससे सूबे का नया मुख्य सचिव बनना भी तय है। इसी तरह हिमाचल के पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा भी 31 मई को रिटायर होंगे। जाहिर है कि पुलिस को भी नया मुखिया मिलेगा। शिमला में दुनिया के सबसे लंबे रोपवे का काम शुरू होगा शिमला में सरकार दुनिया का दूसरा सबसे लंबा (14..69 किलोमीटर) रोपवे बनाने जा रही है। नए साल में इसका काम शुरू हो जाएगा। यह रोपवे स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस पर 1546.04 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस रोपवे के बनने से शिमला की जनता को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। इसके लिए टैंडर की औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। जल्द ही किसी एक कंपनी को इसका काम अवार्ड कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की फंडिंग 80:20 के अनुपात यानी 80 फीसदी सेंटर शेयर और 20 फीसद स्टेट शेयर होगा। न्यू डवलपमेंट बैंक इस प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहा है। ये स्टेशन रोपवे से जुड़ेंगे इस रोपवे में तारादेवी से लेकर पुराना बस अड्डे, जाखू, छोटा शिमला, संजौली, ढली को मिलाकर 15 स्टेशन बनेंगे। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस प्रोजेक्ट को लेकर ऑस्ट्रिया दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि शहर में जिस गति से ट्रैफिक बढ़ रहा है उसके लिए नए विजन के तहत कार्य करने की जरूरत है। अमीरों की मुफ्त बिजली बंद होगी हिमाचल में अभी 125 यूनिट या इससे कम बिजली उपभोग करने वाले लोगों को मुफ्त बिजली दी रही है। मगर नए साल में अब मुफ्त बिजली बंद कर दी जाएगी। पूर्व भाजपा सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने का फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार ने साधन संपन्न लोगों की सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। अब केवल निर्धन लोगों को ही मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। हालांकि यह फैसला 4 महीने पहले ले लिया गया। मगर इसे लागू नए साल में किया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने आर्थिक हालत को देखते हुए यह फैसला लिया है। नए BPL परिवारों का चयन होगा हिमाचल में BPL परिवारों का चयन नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए सरकार मापदंड बदलने जा रही है। आय सीमा में सरकार बढ़ोतरी कर सकती है। मुख्यमंत्री अधिकारियों को मापदंड तय करने के निर्देश दिए हैं। इन्हें कैबिनेट बैठक में मंजूरी को लाया जाएगा। इसके बाद ग्रामसभा की बैठकों में पात्र परिवारों का चयन होगा।   हिमाचल | दैनिक भास्कर