हिमाचल में मानसून इस बार 3 दिन की देरी से 27 जून तक दस्तक दे सकता है। अमूमन प्रदेश में 22 से 25 जून के बीच मानसून की एंट्री होती है। मगर इस बार अभी प्री-मानसून की बौछारे भी नहीं बरसी। केवल पूर्व क्षेत्रों में ही इसका आंशिक असर देखा गया है। मौसम विभाग की माने तो आज प्रदेश के अधिकांश ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी इलाकों में आज धूप खिली रहेगी। अगले कल-परसो यानी 25 व 26 जून को प्रदेश के ज्यादा भागों में मौसम साफ रहेगा। इससे तापमान में हल्का उछाल आएगा। 29 जून के लिए बारिश का येलो अलर्ट 27 और 28 जून को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मानसून की बारिश का पूर्वानुमान है। 29 जून के लिए येलो अलर्ट दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार मानसून में अच्छी बारिश होगी। हिमाचल में होने वाली बरसात पर न केवल प्रदेशवासियों की बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान तक के किसान की नजरे टिकी हुई है, क्योंकि हिमाचल के पानी से ही इन राज्यों में खेती होती है। बरसात में अच्छी बारिश होने से पानी के स्त्रोत रीचार्ज होते है। जून में अब तक नॉर्मल से 57% कम बारिश हिमाचल में अब तक जून महीने में नॉर्मल से 57 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के पहले 24 दिन में 66.7 मिलीमीटर नॉर्मल रैन होती है, लेकिन इस बार 28.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर में नॉर्मल से 78 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं ऊना व कांगड़ा में 75-75 प्रतिशत, मंडी में 71 प्रतिशत, बिलासपुर में 45 प्रतिशत, चंबा में 55 प्रतिशत, किन्नौर में -69 प्रतिशत, कुल्लू में -51 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में -24 प्रतिशत, शिमला में 55 प्रतिशत, सिरमौर में 66 प्रतिशत और सोलन जिला में नॉर्मल से 43 प्रतिशत बादल बरसे है। अगले 72 घंटे तक पहाड़ों पर बढ़ेगा तापमान मानसून की एंट्री से पहले पहाड़ों पर अगले 72 घंटे तक खूब तपिश देखने को मिलेगी। खासकर ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और सोलन जिले के निचले इलाकों में गर्मी पड़ेगी। बीते तीन-चार दिनों के दौरान पहाड़ों पर बारिश के बावजूद ऊना का पारा 40.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, जो कि नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा है। बिलासपुर का तापमान 39 डिग्री, हमीरपुर का 38.2 डिग्री, भुंतर का 36.6 डिग्री, सुंदरनगर का 36.9 डिग्री, मंडी का 36.6 डिग्री, सियोबाग 35.3 डिग्री, बरठी 37.2 डिग्री, बजौरा 36.2 डिग्री, धौलाकुंआ 36.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। हिमाचल में मानसून इस बार 3 दिन की देरी से 27 जून तक दस्तक दे सकता है। अमूमन प्रदेश में 22 से 25 जून के बीच मानसून की एंट्री होती है। मगर इस बार अभी प्री-मानसून की बौछारे भी नहीं बरसी। केवल पूर्व क्षेत्रों में ही इसका आंशिक असर देखा गया है। मौसम विभाग की माने तो आज प्रदेश के अधिकांश ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी इलाकों में आज धूप खिली रहेगी। अगले कल-परसो यानी 25 व 26 जून को प्रदेश के ज्यादा भागों में मौसम साफ रहेगा। इससे तापमान में हल्का उछाल आएगा। 29 जून के लिए बारिश का येलो अलर्ट 27 और 28 जून को प्रदेश के ज्यादातर भागों में मानसून की बारिश का पूर्वानुमान है। 29 जून के लिए येलो अलर्ट दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार मानसून में अच्छी बारिश होगी। हिमाचल में होने वाली बरसात पर न केवल प्रदेशवासियों की बल्कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान तक के किसान की नजरे टिकी हुई है, क्योंकि हिमाचल के पानी से ही इन राज्यों में खेती होती है। बरसात में अच्छी बारिश होने से पानी के स्त्रोत रीचार्ज होते है। जून में अब तक नॉर्मल से 57% कम बारिश हिमाचल में अब तक जून महीने में नॉर्मल से 57 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के पहले 24 दिन में 66.7 मिलीमीटर नॉर्मल रैन होती है, लेकिन इस बार 28.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। हमीरपुर में नॉर्मल से 78 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं ऊना व कांगड़ा में 75-75 प्रतिशत, मंडी में 71 प्रतिशत, बिलासपुर में 45 प्रतिशत, चंबा में 55 प्रतिशत, किन्नौर में -69 प्रतिशत, कुल्लू में -51 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में -24 प्रतिशत, शिमला में 55 प्रतिशत, सिरमौर में 66 प्रतिशत और सोलन जिला में नॉर्मल से 43 प्रतिशत बादल बरसे है। अगले 72 घंटे तक पहाड़ों पर बढ़ेगा तापमान मानसून की एंट्री से पहले पहाड़ों पर अगले 72 घंटे तक खूब तपिश देखने को मिलेगी। खासकर ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और सोलन जिले के निचले इलाकों में गर्मी पड़ेगी। बीते तीन-चार दिनों के दौरान पहाड़ों पर बारिश के बावजूद ऊना का पारा 40.8 डिग्री सेल्सियस चल रहा है, जो कि नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा है। बिलासपुर का तापमान 39 डिग्री, हमीरपुर का 38.2 डिग्री, भुंतर का 36.6 डिग्री, सुंदरनगर का 36.9 डिग्री, मंडी का 36.6 डिग्री, सियोबाग 35.3 डिग्री, बरठी 37.2 डिग्री, बजौरा 36.2 डिग्री, धौलाकुंआ 36.4 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में मौसम की गलत भविष्यवाणी ने डराए टूरिस्ट:90% से 40% तक पहुंची ऑक्यूपेंसी; 3 दिन से ऑरेंज-अलर्ट; भारी बारिश एक बार भी नहीं
हिमाचल में मौसम की गलत भविष्यवाणी ने डराए टूरिस्ट:90% से 40% तक पहुंची ऑक्यूपेंसी; 3 दिन से ऑरेंज-अलर्ट; भारी बारिश एक बार भी नहीं हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग (IMD) की भारी बारिश की भविष्यवाणी से पर्यटक डर गए हैं। IMD 29 जून से निरंतर कुछ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दे रहा है। मगर बीते तीन दिनों में कहीं भी भारी बारिश नहीं हुई। इससे पर्यटन कारोबारी भी नाराज है, क्योंकि एक सप्ताह पहले की तुलना में प्रदेश के होटलों में ऑक्युपेंसी 90 प्रतिशत से गिरकर 40 फीसदी से भी नीचे आ गई है। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी से पर्यटक डरे हुए हैं। हकीकत में पहाड़ों पर हल्की-हल्की बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि बीते तीन दिन में कुल्लू जिला में उतनी ही बारिश हुई, जितनी गर्मी से राहत के लिए जरूरी थी। उन्होंने मौसम विभाग से ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी की समीक्षा करने का आग्रह किया है। अभी डरने की जरूरत नहीं : डॉ. पॉल मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि ऑरेंज अलर्ट जरूर दिया जा रहा है। मगर यह चेतावनी कुछेक इलाकों में दी जा रही है। उन्होंने जिन जिलों में अलर्ट हैं, उनमें 25 प्रतिशत क्षेत्रों में ही भारी बारिश का पूर्वानुमान है। पूरे जिले में नहीं। पर्यटकों को अभी डरने की जरूरत नहीं: पॉल IMD के पूर्वानुमान से पर्यटकों में डर के सवाल पर उन्होंने कहा, पर्यटकों को फिलहाल अभी डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि आज भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मगर पैनिक वाली बात नहीं है। डॉ. पॉल ने कहा, जब भी खतरनाक स्थिति होगी तो मौसम विभाग चार-पांच घंटे पहले ताजा अलर्ट जारी करेगा। मानसून कमजोर पड़ने की गिनाई तीन वजह मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक ने कहा, मानसून थोड़ा कमजोर है। इसकी तीन वजह है। बीते मई महीने में रेमल तूफान, हवाओं का कम दबाव बनने और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने से ज्यादा बारिश नहीं हो रही है। उन्होंने बताया, अभी मानसून बहुत एक्टिव नहीं है। जो चेतावनी दी जा रही है, वह जिले के 25 फीसदी क्षेत्रों को दी जा रही है। उन्होंने बताया, तीन चार जुलाई के बाद थोड़ी ज्यादा बारिश होगी। जुलाई के दूसरे सप्ताह में ज्यादा अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। आज पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट IMD की माने तो सात जुलाई तक निरंतर बारिश का पूर्वानुमान है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और सिरमौर जिले में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है। अन्य जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। अब जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। चंबा के चुवाड़ी में 64 MM बारिश बीते 24 घंटे के दौरान चंबा के चुवाड़ी में सबसे ज्यादा 64 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई है, जबकि चंबा जिला में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट नहीं था। सिरमौर के पांवटा में 38.2 MM, राजगढ़ में 32 MM, सलूणी में 22 MM, कागंड़ा में 11 MM, मनाली में 10 MM, धर्मपुर में 8 MM और देहरा में 8 MM बारिश हुई है।
शिमला में पहली बार पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद:राम मंदिर गए बिना ही वापस लौटे, साईं की मूर्ति होने से किया कार्यक्रम का बहिष्कार
शिमला में पहली बार पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद:राम मंदिर गए बिना ही वापस लौटे, साईं की मूर्ति होने से किया कार्यक्रम का बहिष्कार हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित राम मंदिर में साईं की मूर्ति को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। उत्तर दिशा के ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गुरुवार को पहली बार शिमला पहुंचे। शंकराचार्य देशभर में गो हत्या को रोकने और गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में राम मंदिर में भी शंकराचार्य गो ध्वज की स्थापना के लिए पहुंचे थे। इस दौरान वो पत्रकारों से भी बातचीत करने वाले थे, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है और राम मंदिर गए बिना ही वापस लौट गए। मन्दिर में साईं मूर्ति होने की वजह से नही गए मन्दिर
मिली जानकारी के मुताबिक शंकराचार्य गुरुवार सुबह सबसे पहले शिमला के प्राचीन मंदिर जाखू पहुंचे। यहां उन्होंने गो ध्वज की स्थापना की और इसी दौरान उन्हें राम मंदिर में साईं की प्रतिमा न हटाने की जानकारी मिली। जिसके बाद उनके स्टाफ ने जाखू मंदिर से ही एक संदेश दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि मन्दिर में साईं की मूर्ति होने की वजह से शंकराचार्य राम मंदिर नहीं गए, उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। मूर्ति को हटाने के लिए पहले दिया था पत्र
शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेंद्र योगीराज सरकार ने जानकारी दी कि उन्होंने पहले ही राम मंदिर से साईं की मूर्ति हटाने को कहा था, लेकिन नहीं हटाई गई। ऐसे में शंकराचार्य ने जाखू मंदिर से ही गो ध्वज फहराया और वहीं से वापस देहरादून लौट गए। उनके मीडिया प्रभारी ने कहा कि हिंदू धर्म में पहले ही 33 करोड़ देवी देवता हैं। ऐसे में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति की मूर्ति (प्रतिमा) का कोई मतलब नही है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य देशभर में जहां भी मन्दिर में साईं की मूर्ति है, वहां पूजा नही करते हैं। इसलिए उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। बताया जा रहा है कि शंकराचार्य बुधवार रात को शिमला पहुंचे थे और शिमला के न्यू शिमला में अपने किसी अनुयायी के घर रुके थे। गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्र व्यापी आंदोलन
बता दें अयोध्या राम मंदिर में भी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने शास्त्र और वेदों के माध्यम से अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने वाली भूमि को राम की जन्मभूमि होने का प्रमाण दिया था। फिलहाल उन्होंने गो माता को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए राष्ट्र व्यापी आंदोलन शुरू किया है। 22 सितंबर को अयोध्या में राम मंदिर में गो ध्वज स्थापना और जयघोष के साथ यह यात्रा शुरू हुई है। 27 अक्टूबर को समाप्त होगी यात्रा
इसमें उनके अनुसार 33 राज्यों की राजधानी में गो ध्वज फहराया जा रहा है। 25 हजार 600 किलोमीटर की यात्रा 27 अक्टूबर को वृंदावन बांके बिहारी मंदिर में गो ध्वज फहराने के साथ समाप्त होगी। राजधानी शिमला 33वां स्थान है, जहां गो ध्वज फहराया गया। इसी कड़ी में धर्म, संस्कृति और गो माता के सम्मान के महायज्ञ में आज सनातन धर्म के ध्वज को राम मंदिर के शिखर पर फहराने का कार्यक्रम था, जिसका शंकराचार्य ने बहिष्कार किया।
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई
हिमाचल के संजौली मस्जिद विवाद मामले में नया मोड़:मुस्लिम पक्ष ने निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में दी चुनौती, 6 को सुनवाई हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण विवाद मामले में नया मोड़ आ गया है। संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम कमिश्नर के कोर्ट से आए फैसले को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में चुनौती दी। यह मामला जिला अदालत में 6 नवंबर को लिस्ट हुआ है। ऐसे में मामले में उस दिन सुनवाई प्रस्तावित है। मुस्लिम पक्ष से जुड़ी तीन वेलफेयर सोसाइटी ने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि नगर निगम आयुक्त के कोर्ट का फैसला डिफेक्टिड है। उन्होंने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी के नगर निगम को दिए हलफनामे के आधार पर दिया है। सोसाइटी ने जिला अदालत में दायर याचिका में कहा है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर नहीं है, ऐसे में उनके अध्यक्ष मोहमद लतीफ द्वारा दिया गया हलफनामा गैर कानूनी है। जिला अदालत में याचिका दायर करने वाली मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी पोंटा साहिब के सदस्य नाजाक्त अली हाशमी ने बताया कि तीन अलग अलग कमेटी व सोसाइटी ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है। आयुक्त कोर्ट के फैसले को बताया डिफेक्टिड उन्होंने दावा किया कि जिला अदालत में उनकी याचिका स्वीकार हो गई है और 6 नवंबर को मामला जिला अदालत में लिस्ट हुआ है। हाशमी ने बताया कि उन्होंने जिला अदालत में दायर याचिका में मांग की है कि नगर निगम आयुक्त ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहमद लतीफ के हलफनामे के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। जो डिफेक्टिड है। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद कमेटी कोई रजिस्टर संस्था नहीं है। ऐसे में उनका हलफनामा गैर कानूनी है। इसलिए मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में दायर याचिका में अपील की है कि मामले में मुस्लिम समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई है। ऐसे में उनका पक्ष भी सुना जाना चाइए। उन्होंने बताया कि जिला अदालत में याचिका दायर करने में मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी पोंटा साहिब , जामा मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी बिलासपुर और अल हुदा एजुकेशनल सोसायटी दीनक मंडी शामिल है। जिन्होंने नगर निगम आयुक्त के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। 5 अक्टूबर को आया था नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद निर्माण विवाद मामले में नगर निगम आयुक्त के कोर्ट ने 5 अक्टूबर को मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड के नगर निगम आयुक्त को दिए हलफनामे पर फैसला सुनाया। मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिल गिराने के आदेश दिए थे। जिसके बाद मस्जिद कमेटी ने विवादित हिस्से को हटाने का कार्य शुरू कर दिया। मस्जिद का एटिक लगभग हटा भी दिया है। लेकिन अब मुस्लिम पक्ष ने मामले को जिला अदालत में चुनौती दी है। जिसके कारण मामले में नया पेंच फंस गया है। हाई कोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले को निपटाने के लिए आदेश बता दें कि इस मामले में स्थानीय लोगों की याचिका पर एक आदेश पारित किया है। जिसमें हाईकोर्ट ने मामले को 8 सप्ताह के भीतर निपटाने के आदेश पारित किए हैं। वहीं इस मामले में बची हुई 2 मंजिलों को लेकर नगर निगम आयुक्त कोर्ट में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है।