हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के

हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के

हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को दोबारा नौकरी पर रखने की मांग को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन का निर्णय लिया है। जॉइंट फ्रंट ने 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए लड़ रहे है। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए, जिससे बिजली बोर्ड कर्मचारी नाराज है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बोर्ड की कार्यशेली पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही 10 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे 81 परिवारों की रोजी रोटी पर प्रबंधन ने लात मारी है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि दो दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड फ्रंट ने बैठक में स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार ऐसा ख्याल भी कर रही है तो इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें। जॉइंट फ्रंट इसका जोरदार तरीक़े से विरोध करेगा। 28 को होगा सांकेतिक प्रदर्शन हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो उसी दिन प्रदर्शन के साथ जॉइंट फ्रंट अगले कदम का ऐलान कर देगा। क्या है मांगे..? हिमाचल की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट में OPS बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद सभी विभागों के कर्मचारियों की OPS बहाल कर दी गई। मगर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब सरकार ने इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए है। इससे खासकर बोर्ड अभियंता तिलमिला गए है। इनका कहना है कि इंजीनियर के पद खत्म करने से बोर्ड का काम प्रभावित होगा और इनका प्रमोशन चैनल रुक जाएगा। हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को दोबारा नौकरी पर रखने की मांग को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन का निर्णय लिया है। जॉइंट फ्रंट ने 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए लड़ रहे है। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए, जिससे बिजली बोर्ड कर्मचारी नाराज है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बोर्ड की कार्यशेली पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही 10 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे 81 परिवारों की रोजी रोटी पर प्रबंधन ने लात मारी है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि दो दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड फ्रंट ने बैठक में स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार ऐसा ख्याल भी कर रही है तो इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें। जॉइंट फ्रंट इसका जोरदार तरीक़े से विरोध करेगा। 28 को होगा सांकेतिक प्रदर्शन हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो उसी दिन प्रदर्शन के साथ जॉइंट फ्रंट अगले कदम का ऐलान कर देगा। क्या है मांगे..? हिमाचल की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट में OPS बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद सभी विभागों के कर्मचारियों की OPS बहाल कर दी गई। मगर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब सरकार ने इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए है। इससे खासकर बोर्ड अभियंता तिलमिला गए है। इनका कहना है कि इंजीनियर के पद खत्म करने से बोर्ड का काम प्रभावित होगा और इनका प्रमोशन चैनल रुक जाएगा।   हिमाचल | दैनिक भास्कर