हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विधायकों का आवासीय परिसर ओल्ड मेट्रोपोल असुरक्षित घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू ने स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया कि विधायकों को मेट्रोपोल में आवास अलॉट न किए जाए। दरअसल, यह प्रश्न बीजेपी विधायक विपन सिंह परमार ने सदन में पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 100 करोड़ रुपए और भी खर्च करने पड़ेंगे तो करेंगे। उन्होंने कहा, मेट्रोपोल में रह रहे कर्मचारियों को अन्य जगह आवास आवंटित किए जाएंगे। उनके लिए आवास किराया 10000 से 15000 रुपए तक प्रदान करने की भी योजना बनाई है। दो माह के भीतर मेट्रोपोल भवन को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा 121 साल पुराना है मेट्रोपोल बता दें कि शिमला के मॉल रोड और सर्कुलर रोड के बीचोबीच 121 साल वर्ष पुराना मेट्रोपोल भवन है। इसमें विधायकों को आवास मुहैया करवा रखे हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विधायकों का आवासीय परिसर ओल्ड मेट्रोपोल असुरक्षित घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू ने स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया कि विधायकों को मेट्रोपोल में आवास अलॉट न किए जाए। दरअसल, यह प्रश्न बीजेपी विधायक विपन सिंह परमार ने सदन में पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, नया भवन बनाने के लिए 38 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 100 करोड़ रुपए और भी खर्च करने पड़ेंगे तो करेंगे। उन्होंने कहा, मेट्रोपोल में रह रहे कर्मचारियों को अन्य जगह आवास आवंटित किए जाएंगे। उनके लिए आवास किराया 10000 से 15000 रुपए तक प्रदान करने की भी योजना बनाई है। दो माह के भीतर मेट्रोपोल भवन को पूरी तरह खाली करा लिया जाएगा 121 साल पुराना है मेट्रोपोल बता दें कि शिमला के मॉल रोड और सर्कुलर रोड के बीचोबीच 121 साल वर्ष पुराना मेट्रोपोल भवन है। इसमें विधायकों को आवास मुहैया करवा रखे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
