हिमाचल सरकार के रेरा यानी रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के चेयरमैन का अतिरिक्त कार्यभार प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग को सौंपा है। सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इसके तहत जब तक रेरा चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक देवेश कुमार रेरा चेयरमैन का दायित्व निभाएंगे। बता दें कि बीते 11 दिसंबर को रेरा चेयरमैन श्रीकांत बाल्दी रिटायर हो गए हैं। नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए सरकार आवेदन मांगेगी। इसमें अभी वक्त लगेगा। इसे देखते हुए सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग को एडिश्नल चार्ज दे दिया है। रेरा चेयरमैन का चयन मुख्य न्यायाधीश अध्यक्षता में गठित कमेटी करती है। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इस कमेटी में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और विधि सचिव सदस्य होते हैं। वहीं रेरा में श्रीकांत बाल्दी के बाद इकलौते मेंबर आरके वर्मा भी 31 दिसंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। रेरा के दूसरे मेंबर बीसी बडालिया पहले ही रिटायर हो चुके हैं। रेरा का ये काम? प्रदेश में काम करने वाले बिल्डरों का रेरा में पंजीकरण होता है। उसके बाद ही बिल्डर हिमाचल में आवासीय कॉलोनियां बना पाते हैं। बिल्डर अगर फ्लैट बेचने में लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है तो पीड़ितों की शिकायत भी रेरा में ही सुनी जाती है। गलती पाए जाने पर बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं अगर बिल्डर मौके पर गलत काम कर रहा है तो इस स्थिति में रेरा के तहत ही बिल्डरों पर कार्रवाई होती है। हिमाचल सरकार के रेरा यानी रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के चेयरमैन का अतिरिक्त कार्यभार प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग को सौंपा है। सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए है। इसके तहत जब तक रेरा चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक देवेश कुमार रेरा चेयरमैन का दायित्व निभाएंगे। बता दें कि बीते 11 दिसंबर को रेरा चेयरमैन श्रीकांत बाल्दी रिटायर हो गए हैं। नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए सरकार आवेदन मांगेगी। इसमें अभी वक्त लगेगा। इसे देखते हुए सरकार ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग को एडिश्नल चार्ज दे दिया है। रेरा चेयरमैन का चयन मुख्य न्यायाधीश अध्यक्षता में गठित कमेटी करती है। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इस कमेटी में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और विधि सचिव सदस्य होते हैं। वहीं रेरा में श्रीकांत बाल्दी के बाद इकलौते मेंबर आरके वर्मा भी 31 दिसंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। रेरा के दूसरे मेंबर बीसी बडालिया पहले ही रिटायर हो चुके हैं। रेरा का ये काम? प्रदेश में काम करने वाले बिल्डरों का रेरा में पंजीकरण होता है। उसके बाद ही बिल्डर हिमाचल में आवासीय कॉलोनियां बना पाते हैं। बिल्डर अगर फ्लैट बेचने में लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है तो पीड़ितों की शिकायत भी रेरा में ही सुनी जाती है। गलती पाए जाने पर बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं अगर बिल्डर मौके पर गलत काम कर रहा है तो इस स्थिति में रेरा के तहत ही बिल्डरों पर कार्रवाई होती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 200 साल पुराने मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़:सावन के पहले सोमवार पर किया जलाभिषेक, पंजाब-चंडीगढ़ और हिमाचल में भी लगी लाइनें
हरियाणा के 200 साल पुराने मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़:सावन के पहले सोमवार पर किया जलाभिषेक, पंजाब-चंडीगढ़ और हिमाचल में भी लगी लाइनें सावन के पहले सोमवार को हरियाणा के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्त सुबह ही शिवालयों में पहुंच गए थे। हिसार के 200 साल पुराने शिवालय मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिली। पंजाब में भी श्रद्धालु शिव मंदिरों में पहुंचे। जालंधर स्थित सिद्ध शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर के अंदर प्राचीन शिवालय में सुबह ही भक्तों की कतार लग गई थी। लुधियाना के संगला शिवाला मंदिर में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। हिमाचल में शिमला के भट्टाकुफर मंदिर में सावन के पहले सोमवार को पूजा के लिए लोग लाइन में लगे दिखे। चंडीगढ़ के मंदिरों में भी श्रद्धालु भोलेनाथ के चरणों में माथा टेकने पहुंचे।
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।
कुल्लू में बादल फटा, पुल-दुकानें बहीं:होटलों में पानी-मलबा घुसा, सेब के बगीचे भी तबाह; अंजनी नाला में जलस्तर बढ़ने से लेह सड़क बंद
कुल्लू में बादल फटा, पुल-दुकानें बहीं:होटलों में पानी-मलबा घुसा, सेब के बगीचे भी तबाह; अंजनी नाला में जलस्तर बढ़ने से लेह सड़क बंद हिमाचल के कुल्लू में सोमवार-मंगलवार देर रात बादल फट गया। इससे मणिकर्ण घाटी के तोष नाला में तेज बारिश हुई। बारिश में शराब ठेका, दुकान और पुल बह गया। साथ ही 2 होटल में मलबा और पानी जाने से नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है। तोष नाला के पास खड़ी बागवानों की फसल और सेब के पेड़ भी तबाह हो गए। मौसम विभाग ने आज हिमाचल के 7 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में तेज बारिश आ सकती है। एक अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। अंजनी नाला का जलस्तर फिर बढ़ा, आवाजाही बंद मनाली में भी पलचान के पास अंजनी महादेव नाला का जलस्तर बढ़ गया है। पानी रोड की तरफ बह रहा है। जिसके चलते अटल टनल की तरफ जाने वाली सड़क और लेह रोड पर यातायात बाधित हो गया है। यहां भी नाले में बादल फट गया था। जिससे दुकानों और घरों को नुकसान पहुंचा। परवाणू में बोलेरो पिकअप का पत्थर गिरे, एक की मौत उधर, सोमवार अल सुबह बारिश के बीच चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर परवाणू के पास बोलेरो पिकअप पर पहाड़ी से पत्थर गिर गए। हादसे में पंजाब के देवराज की मौत हो गई, जबकि 3 लोग घायल हो गए। पिकअप सवार जालंधर से शिमला अखबार लेकर आ रहे थे। 2 दिन पहले किन्नौर में बादल फटा 2 दिन पहले यानी रविवार दोपहर को किन्नौर में बादल फट गया था। ज्ञाबुंग और रोपा नाला के पास तेज बारिश के बाद मलबा सेब के बगीचों में पहुंच गया। इससे बागवानों की फसल तबाह हो गई। रोपा में धर्म सिंह मेहता का मकान बह गया, जबकि हरि सिंह के मकान में पानी और मलबा भर गया। इसके अलावा, निगुलसरी ब्लॉक पॉइंट पर पहाड़ी से बार-बार पत्थर गिर रहे हैं। इससे नेशनल हाईवे-5 बंद हो रहा है। ये खबर भी पढ़ें :- हिमाचल में मानसून हुआ एक्टिव:दो दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, 24 घंटे में नॉर्मल से 83% ज्यादा बादल बरसे हिमाचल में मानसून लंबे समय बाद एक्टिव हो गया है। प्रदेश में गत दिवस नॉर्मल से 83 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जुलाई को 8.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन पिछले कल प्रदेश में औसत 16.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। अगले चार-पांच दिन में प्रदेश के ज्यादातर भागों में अच्छी बारिश होगी। 1 अगस्त के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमौर के लिए चेतावनी जारी की गई। पूरी खबर पढ़ें…