हिमाचल सरकार ने साल 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी बिमल गुप्ता के तबादला आदेश जारी किए है। बिमल गुप्ता को इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो लगाया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है।बिमल गुप्ता अभी आईजी वेलफेयर एंड एडमिनिस्ट्रेशन मुख्यालय में तैनात थे। इससे पहले भी बिमल गुप्ता आईजी विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो का काम देख चुके हैं। सरकार ने बीते 4 मार्च को ही उन्हें आईजी वेल्फेयर एंड एडमिनिस्ट्रेशन पुलिस मुख्यालय शिमला लगाया था। अब दोबारा विजिलेंस का जिम्मा दिया गया है। हिमाचल सरकार ने साल 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी बिमल गुप्ता के तबादला आदेश जारी किए है। बिमल गुप्ता को इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो लगाया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है।बिमल गुप्ता अभी आईजी वेलफेयर एंड एडमिनिस्ट्रेशन मुख्यालय में तैनात थे। इससे पहले भी बिमल गुप्ता आईजी विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो का काम देख चुके हैं। सरकार ने बीते 4 मार्च को ही उन्हें आईजी वेल्फेयर एंड एडमिनिस्ट्रेशन पुलिस मुख्यालय शिमला लगाया था। अब दोबारा विजिलेंस का जिम्मा दिया गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में लैंडस्लाइड की पहले ही मिलेगी जानकारी:आपदा प्रबंधन के लिए 33 सेंसरों से निगरानी, धर्मशाला-शिमला में स्थापित हैं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल
हिमाचल में लैंडस्लाइड की पहले ही मिलेगी जानकारी:आपदा प्रबंधन के लिए 33 सेंसरों से निगरानी, धर्मशाला-शिमला में स्थापित हैं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल हिमाचल प्रदेश में बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए 34 सेंसरों की निगरानी धर्मशाला और शिमला इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) द्वारा की जा रही है, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड (डीएससीएल) से मिली जानकारी के अनुसार यह केंद्र पूरी तरह कार्यात्मक है और किसी भी आपदा न्यूनीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दो आईसीसीसी शिमला और धर्मशाला में स्थापित किए गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन से निपटने में मदद के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर प्रदेशभर में लैंडस्लाइड और अचानक बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इनमें से जिला कांगड़ा के धर्मशाला और शाहपुर में चार अत्याधुनिक यंत्र स्थापित हैं। जिनसे लैंडस्लाइड होने से पहले ही सूचना मिल जाएगी। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों की ओर से बनाए गए इन यंत्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। जिनकी मॉनिटरिंग स्मार्ट सिटी धर्मशाला द्वारा स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से की जा रही है। कांगड़ा जिला में चार लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में स्थापित कांगड़ा जिला में बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए चार लैंडस्लाइड संभावित क्षेत्रों में समय से पहले ही लैंडस्लाइड का पता लगाने और चेतावनी देने वाली प्रणाली स्थापित की गई है। ये पूर्व चेतावनी यंत्र धर्मशाला के मैक्लोडगंज रोड, बनगोटू और चोला इंद्रूनाग तथा शाहपुर के डिब्बा और रूलेहड में स्थापित किए गए हैं। इस प्रणाली ने कार्य करना शुरू कर दिया है। आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों द्वारा विकसित यह प्रणाली लैंडस्लाइड की पूर्व चेतावनी देने में बेहद कारगर है। टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से मिलेगी जानकारी
लैंडस्लाइड निगरानी प्रणाली सड़क पर लगे हूटर और ब्लिंकर के जरिए दूर से ही टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से मिट्टी में होने वाली हलचल के बारे में अलर्ट देती है। इसके अतिरिक्त, यदि 5 मिमी. से अधिक बारिश का अनुमान है तो सिस्टम पहले ही बारिश की चेतावनी भेज देता है। मिट्टी की हलचल में परिवर्तन की निगरानी करके लैंडस्लाइड के वास्तव में होने से 10 मिनट पहले उसका अनुमान लगा लिया जाता है। यह प्रणाली ह्यूमिनिटी, तापमान और वर्षा की सूचना भी भेजती है। लैंडस्लाइड तीसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा
लैंडस्लाइड दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसमें भारत सबसे ज़्यादा प्रभावित है। भारत का 15% हिस्सा लैंडस्लाइड से ग्रस्त है। हर साल दुनियाभर में 5000 से ज़्यादा लोग लैंडस्लाइड के कारण जिंदा दफ़न हो जाते हैं, जिससे 26,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का आर्थिक नुकसान होता है। स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत धर्मशाला और शिमला में स्थापित एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) 34 सेंसरों के माध्यम से बाढ़ और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं से निपटने में मदद करेगा। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कम सीईओ जफर इकबाल ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत लगाए गए लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सेंसर रियल टाइम इनफार्मेशन दे रहे हैं। जिसका उपयोग किसी भी आपदा की स्थिति में पूर्व सूचना संबंधित लोगों को दी जा सकती है। लैंडस्लाइड की निगरानी किसी भी दुर्घटना और दुर्घटना को रोकने में मदद करती है। यह प्रणाली वायरलेस नोड्स से जुड़े उक्त जियो सेंसर का उपयोग करके वास्तविक समय के लैंडस्लाइड मापदंडों को मापती है।
अंब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत:न्यायिक परिसर का किया उद्घाटन, कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक पर दिया जोर
अंब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत:न्यायिक परिसर का किया उद्घाटन, कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक पर दिया जोर ऊना जिले के अंब में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने रविवार को 17.16 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित बहुमंजिला न्यायिक परिसर का लोकार्पण किया। इस अत्याधुनिक परिसर में 6 कोर्ट रूम, 2 बार रूम, पुस्तकालय और महिलाओं व पुरुषों के लिए प्रसाधन सुविधाएं उपलब्ध हैं। परिसर में आने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए भी विशेष प्रबंध हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने साल 2019 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए इस न्यायिक परिसर की आधारशिला रखी थी। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने न्यायिक परिसर अंब के उद्घाटन पर प्रसन्नता व्यक्त की, और इसे हिमाचल प्रदेश में न्यायिक प्रणाली के विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने अधिक से अधिक न्यायिक परिसरों के निर्माण पर बल देते हुए कोर्ट में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। डिजिटल तकनीक पर दिया जा रहा जोर न्यायमूर्ति ने सभी कोर्ट की कार्यप्रणाली में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ई-तकनीक के उपयोग से ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के माध्यम से भौगोलिक सीमाओं में अब कोई बाधा नहीं रही हैं। जिससे न्याय की पहुंच सभी के लिए सुगम हो गई है। इसके साथ ही, देश के विभिन्न जिला और उप मंडल बार के वकीलों को भी सुप्रीम कोर्ट के कार्यों का अनुभव प्राप्त हो रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अंब बार एसोसिएशन को भी ई-तकनीक का अधिक से अधिक सदुपयोग करने और एक ई-लाइब्रेरी विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के न्यायिक समुदाय की कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए इसे देश के सबसे समर्पित समुदायों में से एक बताया। इस दौरान अपने संबोधन में न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण में समय-समय पर मिले सभी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि न्यायिक परिसरों की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने और सभी लोगों तक न्याय की आसान पहुँच सुनिश्चित करने में होती है, जिससे न्याय प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जा सकता है। ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की दी जानकारी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मुख्य अतिथि सहित सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यायिक परिसर अंब के निर्माण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करते हुए इसे न्याय प्रणाली के विस्तार और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान को सम्मानित किया। न्यायाधीशों सम्मानित को किया सम्मानित वहीं, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेश कुमार ठाकुर ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए ऊना मंडल की प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ और कार्यक्रम में उपस्थित हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों को सम्मानित किया। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अनूप रतन तथा जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त जतिन लाल ने मुख्य अतिथि और सभी मेहमानों को माता श्री चिन्तपूर्णी जी के मंदिर की प्रतिकृति और माता की चुनरी भेंट कर सम्मानित किया।
सुजानपुर के पूर्व विधायक ने की बैठक:हमीरपुर में सरकार के खिलाफ देंगे धरना, भाजपा कार्यकर्ता होंगे शामिल
सुजानपुर के पूर्व विधायक ने की बैठक:हमीरपुर में सरकार के खिलाफ देंगे धरना, भाजपा कार्यकर्ता होंगे शामिल हमीरपुर जिले के सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने 9 दिसंबर को जिला मुख्यालय हमीरपुर पर धरना देने का आह्वान किया। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए सोमवार 9 दिसंबर को प्रातः 10:30 बजे जिला मुख्यालय हमीरपुर पर धरना दिया जा रहा है। जिसमें सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों कार्यकर्ता भाग लेंगे। राजेंद्र राणा ने कहा कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने सबसे अधिक सदस्यता लेकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसके लिए सभी कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में नए बूथ अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। यह कार्य भी इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार हुआ है। यह बात भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने अपने निवास स्थान पटलांदर में आयोजित नवनियुक्त बूथ अध्यक्षों एवं ग्राम केंद्र अध्यक्षों की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने का जश्न मनाने जा रही है, लेकिन जश्न किस बात का मनाया जा रहा है, इसका कोई पता नहीं है। क्योंकि प्रदेश सरकार का 2 वर्ष का कार्यकाल पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। इस सरकार ने हर वर्ग के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय कही गई सभी बातें झूठी साबित हुई हैं। इसलिए सरकार को जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं है। राजेंद्र राणा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार के इस 2 साल के कार्यकाल को निराशाजनक मानती है। क्योंकि इस सरकार ने हर वर्ग के साथ विश्वासघात किया है। इस अवसर पर राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि यह सरकार मित्रों की सरकार बन गई है। इस सरकार में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी चरम पर है। युवाओं के साथ विश्वासघात किया गया है। महिलाओं को 1500 रुपए के नाम पर ठगा गया है।