हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को 2006 बैच के IAS एवं सेक्रेटरी रैंक के प्रियतू मंडल को रिलिव कर दिया है। केंद्र सरकार ने हिमाचल कैडर के IAS प्रियतू मंडल को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर एंड सेनिटेशन (SPM-NIWAS) कोलकाता में डायरेक्टर के तौर पर तैनाती दी है। हिमाचल के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को उन्हें रिलिव करने के आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में प्रियतू मंडल अभी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, मछली पालन और राजस्व सचिव के साथ साथ प्रबंधक निदेशक एचपी फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन शिमला और चेयरमैन एपिलेट एचपी टैक्स ट्रिब्यूनल धर्मशाला का भी अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे। प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा प्रियतू मंडल के रिलिव होने के बाद उनके विभाग दूसरे अधिकारी को सौंपे जाने है। जाहिर है प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। प्रियतू मंडल से पहले आशुतोष गर्ग भी पिछले महीने ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए है। IAS आशुतोष गर्ग को केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। वह भी पांच साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। मनीष और अमनदीप गर्ग भी जल्द दिल्ली जाएंगे केंद्रीय कैबिनेट कमेटी (ACC) ने 10 दिन पहले ही हिमाचल कैडर के 2 सीनियर IAS 1996 बैच के मनीष गर्ग और वर्ष 1999 बैच के अमनदीप गर्ग को भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की मंजूरी दी है। मनीष गर्ग अभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अमनदीप गर्ग अभी वन, कार्मिक और PWD महकमा देख रहे हैं। मनीष गर्ग की तैनाती केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के तौर पर हुई है। उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रेंक का मिलेगा, जबकि अमनदीप गर्ग को एडिश्नल सेक्रेटरी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में तैनाती मिली है। इनके विभागों का भी दूसरे अधिकारियों को जिम्मा सौंपा जाना है। हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को 2006 बैच के IAS एवं सेक्रेटरी रैंक के प्रियतू मंडल को रिलिव कर दिया है। केंद्र सरकार ने हिमाचल कैडर के IAS प्रियतू मंडल को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर एंड सेनिटेशन (SPM-NIWAS) कोलकाता में डायरेक्टर के तौर पर तैनाती दी है। हिमाचल के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को उन्हें रिलिव करने के आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में प्रियतू मंडल अभी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, मछली पालन और राजस्व सचिव के साथ साथ प्रबंधक निदेशक एचपी फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन शिमला और चेयरमैन एपिलेट एचपी टैक्स ट्रिब्यूनल धर्मशाला का भी अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे। प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा प्रियतू मंडल के रिलिव होने के बाद उनके विभाग दूसरे अधिकारी को सौंपे जाने है। जाहिर है प्रदेश में जल्द बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। प्रियतू मंडल से पहले आशुतोष गर्ग भी पिछले महीने ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए है। IAS आशुतोष गर्ग को केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। वह भी पांच साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। मनीष और अमनदीप गर्ग भी जल्द दिल्ली जाएंगे केंद्रीय कैबिनेट कमेटी (ACC) ने 10 दिन पहले ही हिमाचल कैडर के 2 सीनियर IAS 1996 बैच के मनीष गर्ग और वर्ष 1999 बैच के अमनदीप गर्ग को भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की मंजूरी दी है। मनीष गर्ग अभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अमनदीप गर्ग अभी वन, कार्मिक और PWD महकमा देख रहे हैं। मनीष गर्ग की तैनाती केंद्रीय चुनाव आयोग में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर के तौर पर हुई है। उन्हें वेतन एडिशनल सेक्रेटरी रेंक का मिलेगा, जबकि अमनदीप गर्ग को एडिश्नल सेक्रेटरी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में तैनाती मिली है। इनके विभागों का भी दूसरे अधिकारियों को जिम्मा सौंपा जाना है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा
हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भितरघात की आशंका है। भाजपा ने तीनों सीटों पर निर्दलीय पूर्व विधायकों को टिकट दिया है। इससे 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के साथ-साथ भावी टिकट के दावेदार भी पार्टी से नाराज हैं। भाजपा को देहरा और नालागढ़ सीट पर भितरघात की आशंका ज्यादा है। देहरा में पूर्व मंत्री रमेश चंद धवाला ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि वह पार्टी प्रत्याशी होशियार सिंह के लिए वोट नहीं मांगेंगे। उनकी नाराजगी सिर्फ होशियार सिंह से ही नहीं बल्कि भाजपा हाईकमान के बड़े नेताओं से भी है। नाराज धवाला ने कहा है कि भेड़ की खाल में भेड़िये ने उनके साथ जो किया है, उसकी पाई-पाई वह लेंगे। भाजपा के कई नेताओं ने धवाला को मनाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं माने। इसलिए उपचुनाव में उनकी नाराजगी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। नालागढ़ में बागी हरप्रीत BJP के लिए चुनौती उधर, नालागढ़ सीट पर भी भाजपा के सह-मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके चुनाव लड़ने से भी भाजपा को यहां भी भीतरघात का डर है। हरप्रीत सिंह को भाजपा हल्के में नहीं ले रही, क्योंकि वह तीन बार के BJP के पूर्व विधायक एवं दिग्गज नेता हरि नारायण सैणी के भतीजे हैं। हरप्रीत के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को उम्मीदें हरप्रीत सिंह के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बहुत ज्यादा उम्मीद है। ऐसे में बीजेपी अगर नालागढ़ में अपने कॉडर को एकजुट नहीं रख पाई तो यहां पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह 2022 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी लखविंदर राणा का इशारा भी बीजेपी की जीत-हार की पटकथा लिखेगा। हालांकि बीजेपी नाराज लखविंदर राणा को मनाने में कामयाब रही है। मगर उनके समर्थकों में नाराजगी है। हमीरपुर में भी अंदरखाते भाजपा नेताओं में नाराजगी हमीरपुर में भी बीजेपी को भीतरघात का डर है। निर्दलीय एवं पूर्व विधायक आशीष शर्मा को टिकट देने से बीजेपी के कई नेता अंदरखाते नाराज है। आशीष शर्मा यदि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतते हैं तो पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत युवा भाजपा नेताओं के कई साल तक चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर सकता है। इससे पार्टी को यहां भी भीतरघात का डर है। कांग्रेस को तीनों सीटों पर लंबे समय से जीत नहीं लगी हाथ वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को भीतरघात का ज्यादा डर नहीं है। मगर तीनों सीटों पर कांग्रेस को कई सालों से सत्ता नहीं मिल पाई है। देहरा में तो कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। हमीरपुर सीट पर आखिरी बार 2007 में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद लगातार तीन चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है। हालांकि नालागढ़ सीट पर 2017 में कांग्रेस के लखविंदर राणा जरूर जीते थे। मगर 2022 में वह भी भाजपा में शामिल हो गए। इससे नालागढ़ में कांग्रेस की राह भी आसान नहीं है।
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हिमाचल सचिवालय के बाहर दृष्टिबाधितों का प्रदर्शन:सर्कुलर रोड पर चक्का जाम, एकमुश्त बैकलॉग कोटे से नौकरी देने की मांग पर अड़े दिव्यांग हिमाचल प्रदेश सचिवालय छोटा शिमला के बाहर सरकारी नौकरी की मांग कर रहे दृष्टिहीन दिव्यांगों ने मंगलवार को चक्का जाम कर दिया। इस दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने यातायात को बहाल करने के लिए कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों को सड़क पर एक किनारे किया। तब हल्की धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। दरअसल, दृष्टि बाधित बेरोजगार एक साल से शिमला में धरने पर बैठे हुए हैं और बैकलॉग कोटे के सभी पद एकमुश्त भरने की मांग कर रहे हैं। सरकारी नौकरी की मांग को लेकर इससे पहले भी दृष्टिबाधित बेरोजगार कई बार सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं। आज भी अचानक दृष्टिबाधित बेरोजगार सचिवालय के बाहर पहुंचे और सड़क पर बैठ गए और चक्का जाम किया। 350 दिन से धरना दे रहे दृष्टिबाधितों का आरोप है कि उन्हें बार बार आश्वासन दिए जा रहे है, लेकिन नौकरी नहीं दी जा रही। इसलिए इनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्हें बार बार धोखा दिया जा रहा है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वह सभी लंबे वक्त से बैकलॉग भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनके एक साथी को गाड़ी में उठाकर ले गई है और पुलिस अफसर धमकी दे रहे हैं। साल 1995 के बाद से लेकर अब तक भर्ती नहीं हुई है। दृष्टिबाधित एसोसिएशन को धरना देते हुए 350 से ज्यादा दिन का वक्त बीत गया है। मगर सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रही। सर्कुलर रोड पर लगा ट्रैफिक जाम दृष्टिबाधितों के प्रदर्शन के दौरान सर्कुलर रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इससे शिमलावासियों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक किनारे कर दिया।
सुधीर शर्मा का दावा- 200 पुलिस जवानों की रेड:SP बोली- नाइट एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज, पूरे जिले में चल रही, चुनाव से पहले अनिवार्य होती है
सुधीर शर्मा का दावा- 200 पुलिस जवानों की रेड:SP बोली- नाइट एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज, पूरे जिले में चल रही, चुनाव से पहले अनिवार्य होती है हिमाचल कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक एवं बीजेपी प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने देर रात अपने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमे उन्होंने लिखा की उनके घर के चारों ओर 200 पुलिस जवानों व अफसरों के साथ परेड की गई। उनके कार्यकर्ताओं के घरों, दुकानों व होटलों पर दबिश दी गई। अंत में उन्होंने लिखा कि यह बौखलाहट नहीं तो और क्या है? धर्मशाला में उनके घर के पास काफी देर तक सायरन और हूटर बजते रहे। इससे लोगों में भी कुछ देर को हड़कंप मच गया। इसके बाद सुधीर ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया,जिस पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे है। वहीं जब इस बारे एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री से बात की गई तो बताया कि कोई रेड नहीं हुई। यह नाइट एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज होती है, जो कि चुनाव से पहले पुलिस फोर्स करती है। SP बोली- पूरे जिला में चल रही नाइट एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज SP ने बताया कि यह एक्सरसाइज पूरे जिला में हुई है। नगरोटा, जयसिंहपुर, धर्मशाला, ज्वालाजी व देहरा में भी की गई। चुनाव ड्यूटी में तैनात पुलिस फोर्स फ्लैग मार्च करती है। यही एक्सरसाइज बुधवार शाम के समय की गई। इस रूट में सुधीर शर्मा का घर भी आता है। पिछले दो दिन से यह एक्सरसाइज चली हुई है। सुधीर को बागियों का सरहना बोलते रहे मुख्यमंत्री बता दें कि मुख्यमंत्री सुक्खू सरकार पर सियासी संकट के बाद से ही सुधीर शर्मा पर हमलावर रहे हैं। मुख्यमंत्री बार बार कहते रहे कि सुधीर शर्मा बागी विधायकों के सरगना है। बागी विधायक बीजेपी की राजनीतिक मंडी में बिक गए। सीएम ने कई बार सार्वजनिक मंच से कहा कि पूर्व विधायक 15-15 करोड़ में बिके है। सुधीर शर्मा सबसे ज्यादा सीएम के निशाने पर रहे है। कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों की बगावत की वजह से आज उप चुनाव लड़ा जा रहा है। ऐसे में सुधीर शर्मा का यह पोस्ट सीधे तौर पर मुख्यमंत्री पर निशाना है। गुंडागर्दी पर उतर सरकार: जमवाल वहीं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है और भाजपा के चुनावी उम्मीदवार के घर 200 से अधिक पुलिस जवान भेज कर गुंडागर्दी पर उतर आई है। सत्ता का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बीजेपी इसकी निंदा करती है।