मेट्रो की टनल खुदाई कार्य के बाद जमीन का बड़ा हिस्सा दरकने से हरबंश मोहाल में एक मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया। दूसरा मकान भी आधा लटक गया। अब इसे भी पूरी तरह गिराया जाएगा। जो मकान गिरा, उसमें 4 किरायेदार रहते थे। सभी आज सड़कों पर आ गए हैं और उनकी पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई है। सड़क पर सोने को मजबूर
आसपास के मकानों में दरारें आ गई हैं। जिनके मकानों में पहले दरारें थीं, अब वो और गहराने लगी हैं। इसको देखते हुए कई लोगों ने गृहस्थी सड़क पर रख दी है। महिलाओं से लेकर बच्चे तक सड़क पर सोने को मजबूर हैं। गृहस्थी बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे रखी है। जो मकान गिरा, उसमें रह रहे 4 परिवारों की गृहस्थी पूरी तरह बर्बाद हो गई। लोग बोले हमारी छत छिन गई, हम कहां जाएं
वहीं किरायेदारों के आगे सबसे बड़ा संकट मकान का खड़ा हो गया है। जिनकी गृहस्थी बर्बाद हो गई, वो अब मेट्रो से मुआवजा मांग रहे हैं। वहीं पीएम आवास योजना के तहत घर की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी तक सुरेश अवस्थी को छोड़कर भाजपा का कोई विधायक, सांसद मौके पर नहीं पहुंचा है। एक और मकान जर्जर घोषित किया गया
मेट्रो ने जांच में एक और मकान हो जर्जर घोषित कर दिया है। आज रात तक उसे मेट्रो द्वारा गिराया जाएगा। क्षेत्रीय पार्षद रजत बाजपेई ने बताया कि विनोद सिंह, सुशील और गड्ढे में गिरने वाला शंभू समेत 1 अन्य व्यक्ति की गृहस्थी इस हादसे में पूरी तरह खत्म हो चुकी है। विधायक ने दी चेतावनी
मौके पर पहुंचे सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने मेट्रो अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मेट्रो की वजह से लोग सड़कों पर आ गए। इस इलाके में ज्यादातर मकान खतरे की जद में आ गए हैं। आज नहीं तो अगली बारिश में यहां एक नहीं कई मकान गिरेंगे। इसकी खामियाजा मेट्रो को ही उठाना होगा। जमीन के डिस्लोकेट होने की आशंका
विधायक ने बताया कि टनल खुदाई के दौरान अब ये जमीन पूरी तरह डिस्लोकेट हो सकती है। इसकी वजह से कई मकान और भी जद में आ सकते हैं। हालांकि मेट्रो ने जमीन के बड़े हिस्से में ग्राउटिंग करने की तैयारी कर रहा है। अन्य मकानों का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। मेट्रो ने बताया कि पहले ही नोटिस दिया था
वहीं कानपुर मेट्रो के जनसंपर्क विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मेट्रो ने टनल बनाने का काम ढाई महीने पहले ही पूरा कर लिया था। उक्त मकान 1962 का बना हुआ है। टनल निर्माण से पहले इस इलाके में बिल्डिंग कंडीशन सर्वे किया गया था, जिसमें 129 घरों को क्रिटिकल की श्रेणी में चिह्नित किया गया था। नगर निगम जर्जर हालत के लिए इनमें से 54 मकानों को पहले ही नोटिस दे चुका था। मेट्रो की टनल खुदाई कार्य के बाद जमीन का बड़ा हिस्सा दरकने से हरबंश मोहाल में एक मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया। दूसरा मकान भी आधा लटक गया। अब इसे भी पूरी तरह गिराया जाएगा। जो मकान गिरा, उसमें 4 किरायेदार रहते थे। सभी आज सड़कों पर आ गए हैं और उनकी पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गई है। सड़क पर सोने को मजबूर
आसपास के मकानों में दरारें आ गई हैं। जिनके मकानों में पहले दरारें थीं, अब वो और गहराने लगी हैं। इसको देखते हुए कई लोगों ने गृहस्थी सड़क पर रख दी है। महिलाओं से लेकर बच्चे तक सड़क पर सोने को मजबूर हैं। गृहस्थी बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे रखी है। जो मकान गिरा, उसमें रह रहे 4 परिवारों की गृहस्थी पूरी तरह बर्बाद हो गई। लोग बोले हमारी छत छिन गई, हम कहां जाएं
वहीं किरायेदारों के आगे सबसे बड़ा संकट मकान का खड़ा हो गया है। जिनकी गृहस्थी बर्बाद हो गई, वो अब मेट्रो से मुआवजा मांग रहे हैं। वहीं पीएम आवास योजना के तहत घर की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी तक सुरेश अवस्थी को छोड़कर भाजपा का कोई विधायक, सांसद मौके पर नहीं पहुंचा है। एक और मकान जर्जर घोषित किया गया
मेट्रो ने जांच में एक और मकान हो जर्जर घोषित कर दिया है। आज रात तक उसे मेट्रो द्वारा गिराया जाएगा। क्षेत्रीय पार्षद रजत बाजपेई ने बताया कि विनोद सिंह, सुशील और गड्ढे में गिरने वाला शंभू समेत 1 अन्य व्यक्ति की गृहस्थी इस हादसे में पूरी तरह खत्म हो चुकी है। विधायक ने दी चेतावनी
मौके पर पहुंचे सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने मेट्रो अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मेट्रो की वजह से लोग सड़कों पर आ गए। इस इलाके में ज्यादातर मकान खतरे की जद में आ गए हैं। आज नहीं तो अगली बारिश में यहां एक नहीं कई मकान गिरेंगे। इसकी खामियाजा मेट्रो को ही उठाना होगा। जमीन के डिस्लोकेट होने की आशंका
विधायक ने बताया कि टनल खुदाई के दौरान अब ये जमीन पूरी तरह डिस्लोकेट हो सकती है। इसकी वजह से कई मकान और भी जद में आ सकते हैं। हालांकि मेट्रो ने जमीन के बड़े हिस्से में ग्राउटिंग करने की तैयारी कर रहा है। अन्य मकानों का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। मेट्रो ने बताया कि पहले ही नोटिस दिया था
वहीं कानपुर मेट्रो के जनसंपर्क विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मेट्रो ने टनल बनाने का काम ढाई महीने पहले ही पूरा कर लिया था। उक्त मकान 1962 का बना हुआ है। टनल निर्माण से पहले इस इलाके में बिल्डिंग कंडीशन सर्वे किया गया था, जिसमें 129 घरों को क्रिटिकल की श्रेणी में चिह्नित किया गया था। नगर निगम जर्जर हालत के लिए इनमें से 54 मकानों को पहले ही नोटिस दे चुका था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर