<p style=”text-align: justify;”><strong>Vimal Negi Death Case:</strong> हिमाचल प्रदेश में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस केस में सीबीआई जांच की मांग को हिमाचल हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. ये मांग उनकी पत्नी किरण नेगी की तरफ से की गई थी. मामले में सरकार को नोटिस जारी कर हाइकोर्ट ने तीन सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांगी हैं. केस की अगली सुनवाई 20 मई को होगी. इस मामले में आधिवक्ता आर.के. बावा की अगुवाई में राजीव रॉय, चमन नेगी, अधिवक्ता विवेकानंद नेगी पैरवी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजय मोहन गोयल की बेंच में मंगलवार (22 अप्रैल) को केस एडमिट हुआ है. एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता-सह-महाप्रबंधक विमल नेगी के परिवार ने सोमवार को सीबीआई जांच की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पुलिस जांच में गंभीर खामियों और प्रगति की कमी का हवाला देते हुए परिवार ने गड़बड़ी और संस्थागत उत्पीड़न का आरोप लगाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाखड़ा बांध से मिला था शव</strong><br />बता दें कि 10 मार्च को लापता होने के आठ दिन बाद 18 मार्च को बिलासपुर में भाखड़ा बांध से नेगी का शव बरामद किया गया था. पत्नी किरण नेगी ने याचिका में कहा है कि विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की जरूरत है. क्योंकि ऐसी एजेंसी द्वारा ही मामले की गहन और निष्पक्ष जांच सकती है. वह चाहती हैं कि उनको न्याय मिले और सच्चाई सबके सामने आए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं'</strong><br />उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस की जांच टीम में ऐसे अधिकारी शामिल हैं जो राज्य सरकार के प्रभाव में हैं. यही नहीं मामले में जांच कर रहे अधिकारी एचपीपीसीएल से निलंबित निदेशक देश राज के जिले से हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. तीन संदिग्ध आरोपी एमडी आईएएस हरिकेश मीणा, शिवम प्रताप सिंह और देशराज जांच को प्रभावित कर सकते हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Vimal Negi Death Case:</strong> हिमाचल प्रदेश में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस केस में सीबीआई जांच की मांग को हिमाचल हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. ये मांग उनकी पत्नी किरण नेगी की तरफ से की गई थी. मामले में सरकार को नोटिस जारी कर हाइकोर्ट ने तीन सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट मांगी हैं. केस की अगली सुनवाई 20 मई को होगी. इस मामले में आधिवक्ता आर.के. बावा की अगुवाई में राजीव रॉय, चमन नेगी, अधिवक्ता विवेकानंद नेगी पैरवी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजय मोहन गोयल की बेंच में मंगलवार (22 अप्रैल) को केस एडमिट हुआ है. एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता-सह-महाप्रबंधक विमल नेगी के परिवार ने सोमवार को सीबीआई जांच की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पुलिस जांच में गंभीर खामियों और प्रगति की कमी का हवाला देते हुए परिवार ने गड़बड़ी और संस्थागत उत्पीड़न का आरोप लगाया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाखड़ा बांध से मिला था शव</strong><br />बता दें कि 10 मार्च को लापता होने के आठ दिन बाद 18 मार्च को बिलासपुर में भाखड़ा बांध से नेगी का शव बरामद किया गया था. पत्नी किरण नेगी ने याचिका में कहा है कि विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की जरूरत है. क्योंकि ऐसी एजेंसी द्वारा ही मामले की गहन और निष्पक्ष जांच सकती है. वह चाहती हैं कि उनको न्याय मिले और सच्चाई सबके सामने आए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं'</strong><br />उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस की जांच टीम में ऐसे अधिकारी शामिल हैं जो राज्य सरकार के प्रभाव में हैं. यही नहीं मामले में जांच कर रहे अधिकारी एचपीपीसीएल से निलंबित निदेशक देश राज के जिले से हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. तीन संदिग्ध आरोपी एमडी आईएएस हरिकेश मीणा, शिवम प्रताप सिंह और देशराज जांच को प्रभावित कर सकते हैं.</p> हिमाचल प्रदेश Bihar Politics: ‘अगर निशांत नहीं आए तो JDU खत्म, पार्टी में कोई किसी की नहीं सुनेगा’- गोपाल मंडल
हिमाचल हाइकोर्ट पहुंचा विमल नेगी की संदिग्ध मौत का मामला, सुक्खू सरकार से मांगी रिपोर्ट
