हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं मिलने की याचिका की सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है और इसकी अनुपालना रिपोर्ट 3 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को बोला है। घाटे में चल रहे होटलों को सफेद हाथी बताया कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। दूसरे होटल में ट्रांसफर किए जा सकेंगे कर्मचारी इससे पहले HPTDC ने अपने सभी होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी थी। इसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इन होटलों में तैनात कर्मचारियों को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर करने के लिए निगम प्रबंधन स्वतंत्र रहेगा। कोर्ट ने MD को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने HPTDC से चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अब इस दुनिया में नहीं रहे उन दुर्भाग्य कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत करने को कहा है जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पेंशनर को वित्तीय लाभ नहीं मिलने की याचिका की सुनवाई करते हुए घाटे में चल रहे 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है और इसकी अनुपालना रिपोर्ट 3 दिसंबर को कोर्ट में पेश करने को बोला है। घाटे में चल रहे होटलों को सफेद हाथी बताया कोर्ट ने घाटे में चल रहे इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम इनके रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न करें। ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। दूसरे होटल में ट्रांसफर किए जा सकेंगे कर्मचारी इससे पहले HPTDC ने अपने सभी होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी थी। इसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इन होटलों में तैनात कर्मचारियों को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर करने के लिए निगम प्रबंधन स्वतंत्र रहेगा। कोर्ट ने MD को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने HPTDC से चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अब इस दुनिया में नहीं रहे उन दुर्भाग्य कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत करने को कहा है जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 5 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज-अलर्ट:अगले 7 दिन सताएगी ठंड; मैदानी इलाकों में नॉर्मल से 5 डिग्री तक नीचे गिरा पारा हिमाचल प्रदेश में अगले सात दिन तक शीतलहर लोगों को परेशान करती रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कोल्ड-वेव चलने का ऑरेंज-अलर्ट जारी किया है। मैदानी इलाके बीते 4 दिन से शीतलहर का प्रकोप झेल रहे हैं। अगले सप्ताह भी इससे राहत के आसार नहीं है। इससे निचले क्षेत्रों में पारा माइनस या फिर नॉर्मल से नीचे गिर गया है। सबसे ज्यादा 4.8 डिग्री की गिरावट मंडी के तापमान में आई है। हमीरपुर का नॉर्मल से 4.4 डिग्री, पालमपुर का 4 डिग्री, बिलासपुर का न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 3.1 डिग्री नीचे गिर गया है। इसके विपरीत मध्यम ऊंचाई वाले व आमतौर पर ठंडे रहने वाले शिमला और मनाली का न्यूनतम तापमान नॉर्मल से ज्यादा है। शिमला का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस है, जबकि जबकि सुंदरनगर का 0.2 डिग्री, भुंतर का -1.5 डिग्री, ऊना का 1.2 डिग्री, पालमपुर का 1.7 डिग्री, हमीरपुर का 1.6 डिग्री और चंबा का 2.1 डिग्री सेल्सियस तापमान है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट मौसम विभाग ने ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, चंबा और कांगड़ा जिला कोल्ड वेव का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कुल्लू के कुछेक क्षेत्रों में भी शीतलहर लोगों को परेशान करेगी। शीतलहर के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी मौसम विभाग की कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को गर्म मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलने, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। इसी तरह शरीर पर काले रंग के स्पॉट नजर आने पर डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी गई है। प्रदेश में 5 दिन बारिश-बर्फबारी नहीं IMD के अनुसार, प्रदेश में अगले 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। इससे आने वाले दिनों में भी प्रदेशवासियों को सूखी ठंड का सामना करना पड़ेगा।
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