हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है। हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला के रिज पर फिर पड़ी दरारें:अनसेफ घोषित एरिया में 15 दुकानें खाली कराई; जमीन धंसी तो पेयजल टैंक खतरा
शिमला के रिज पर फिर पड़ी दरारें:अनसेफ घोषित एरिया में 15 दुकानें खाली कराई; जमीन धंसी तो पेयजल टैंक खतरा हिमाचल की राजधानी शिमला में रिज पर फिर से जमीन धंसनी शुरू हो गई है। इससे रिज के एक कोने में बने पदमदेव कॉम्प्लेक्स के निकट स्थित कुछ दुकानों को खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए वीरवार को यहां चल रही दुकानें खाली करने को कह दिया गया है। बताया जा रहा है कि रिज पर बने टैंक में भी हल्की दरारें पड़ी हैं। रिज के एक कोने पर दरारें आने के बाद वीरवार की दोपहर बाद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान खुद मौके पर पहुंचे और यहां चल रही दुकानें एहतियात खाली करने के आदेश दिए। यहां जमीन धंसने के बाद क्षेत्र को अनसेफ घोषित किया जा चुका है। यहां पर लगभग 15 दुकानें हैं। इनमें अधिकांश अवैध तौर पर चल रही है। यदि ज्यादा बारिश होती है तो दुकानें गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि दुकानें गिरती है तो रिज पर बने पानी के टैंक को भी खतरा हो सकता है। यह दरारें रिज पर बने टैंक के नीचे नहीं, बल्कि जिस जगह घोड़े खड़े रहते हैं, वहां मौजूद पेड़ से लेकर लक्कड़ बाजार की ओर को आई है। कई सालों से धंस रहा रिज, लक्कड़ बाजार का एरिया रिज से दोनों और करीब 100-100 मीटर का एरिया सालों से चिंता का कारण बना हुआ है। रिज से लक्कड़ बाजार वाला क्षेत्र कई सालों से धंस रहा है। जिस जगह ताजा दरारें आई है, वहां चार से पांच फीट जमीन पहले भी नीचे बैठ चुकी है। इस बरसात में दोबारा से लक्कड़ बाजार सड़क पर पड़ी दरारों ने चिंता बढ़ाई है। रिज को सेफ करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे: मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा, दरारें पड़ने के बाद क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए हर समय कदम उठाए जाएंगे। इस क्षेत्र को अनसेफ घोषित कर सभी दुकानों को खाली करने को कहा गया है। जल्द यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा। डीसी बोले-शिमला में तीन महीने टास्क फोर्स आपदा से निपटेगी वहीं डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा, शिमला शहर में संयुक्त टास्क फोर्स किसी भी आपदा से निपटेगी। एनडीआरएफ और गृह रक्षक के सदस्य फोर्स में शामिल किए गए है। यह टास्क फोर्स तीन महीने तक कार्य करेगी। उन्होंने दावा किया कि, टास्क फोर्स अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी। जिलाधीश अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी की अध्यक्षता में वीरवार को शिमला शहर में आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और गृह रक्षकों के संयुक्त टास्क फोर्स के साथ विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनुपम कश्यप ने कहा, आपदा में राहत कार्यों को तीव्रता से तभी पूरा किया जा सकता है, जब घटना स्थल के बारे पूर्ण जानकारी एकत्रित होगी। जब हमारी टास्क फोर्स मौके पर पहुंच जाए तो प्लान बनाने की बहुत कम आवश्यकता रहें। इसके साथ ही हमारा रिस्पॉन्स समय बहुत ही तेज गति से होना चाहिए। पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि आपदा में फोर्स की ओर से टीम वर्क होना चाहिए। टीम में निपुण सदस्यों को कार्य का बंटवारा किया जाना चाहिए ताकि राहत कार्यों को करने में कम से कम दिक्कतों का सामना करना पड़े।
हरियाणा-पंजाब,हिमाचल के मंत्रियों के विभागों का एनालिसिस:खट्टर से शहरी वोट साधे, बिट्टू से 70% किसानों पर पकड़; नड्डा से BJP की गुटबाजी खत्म
हरियाणा-पंजाब,हिमाचल के मंत्रियों के विभागों का एनालिसिस:खट्टर से शहरी वोट साधे, बिट्टू से 70% किसानों पर पकड़; नड्डा से BJP की गुटबाजी खत्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। हरियाणा से 3 मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को कुल 6 विभाग मिले हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बड़ा गैर जाट चेहरा हैं। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के जरिए भाजपा ने जहां अपने कोर शहरी वोट बैंक को साधा है। वहीं हरियाणा में शहरी क्षेत्र की जीटी रोड बेल्ट को साधने की कोशिश की है। वहीं पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। BJP इससे पंजाब की 70 प्रतिशत किसानों की आबादी और 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। रेलवे के प्रोजेक्ट्स के जरिए शहरों को भी पार्टी की कवर करने की कोशिश है। हिमाचल से जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई विभाग और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया है। ऊना जिला के मलाहत में प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर पिछले 5 साल से लटका हुआ है। उम्मीद है कि नड्डा इस प्रोजेक्ट को रफ्तार दिलाएंगे। अब जानिए विभागों के बंटवारे के पीछे क्या मायने… मनोहर के जरिए शहरी वोट पर नजर
हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल के साथ लगता राज्य है। हरियाणा में पावर की दृष्टि से काफी संभावनाएं हैं। इसका फायदा दिल्ली को भी होगा। हरियाणा के यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में अब 800 मेगावॉट की एक ओर इकाई स्थापित की जा रही है। 300 मेगावॉट की 2 इकाइयां पहले से स्थापित हैं। इसके अलावा, 600 मेगावॉट की 2 इकाइयां हिसार और 250 की 2 व 210 मेगावॉट की एक इकाई पानीपत में है। वहीं फतेहाबाद के गोरखपुर में भी परमाणु संयंत्र स्थापित है। इस कारण हरियाणा पावर की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसी तरह खट्टर को शहरी विकास मंत्रालय भी दिया गया है। शहरी आबादी के बड़े प्रोजेक्ट खट्टर ही देखेंगे। भाजपा का बड़ा वोट बैंक भी शहरी है। लोकसभा चुनाव में शहरी वोटरों ने भाजपा को बढ़चढ़ कर मतदान किया। इसलिए ईमानदार छवि के मनोहर लाल खट्टर को यह मंत्रालय दिया गया है। राव इंद्रजीत को संस्कृति मंत्रालय देकर दक्षिण के साथ दूसरे इलाके भी साधे
राव इंद्रजीत अहीरवाल में बड़ा चेहरा है। राव इंद्रजीत का कद वैसे भी हरियाणा में बड़ा है। कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की राव इंद्रजीत पर सबकी मेहरबानी रही है। राव अपनी राजनीति से दक्षिण हरियाणा को प्रभावित करते हैं। राव को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय देकर पूरे हरियाणा को साधा गया है। कुरुक्षेत्र हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी है। इसके अलावा, हिसार के राखीगढ़ी, फतेहाबाद के कुनाल में प्राचीन साइटें हैं। एक तरह से हरियाणा प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहा है। कृष्णपाल को किसानों से जुड़ा महकमा
कृष्ण पाल गुर्जर भी दक्षिण हरियाणा से आते हैं। मगर उनका असर हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक है। कृष्णपाल को सहकारिता राज्यमंत्री बनाया गया है। यह किसानों से जुड़ा महकमा है। इसलिए हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान इससे प्रभावित हैं। वहीं गुर्जर आबादी भी अधिकतर पशुपालन का काम करती है। कृष्णपाल सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ यह मंत्रालय देखेंगे। रवनीत बिट्टू के जरिए 2027 के विधानसभा चुनाव पर नजर
पंजाब से राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। रेलवे में वे कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और फूड प्रोसेसिंग में कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान के साथ काम करेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बठिंडा से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के पास भी यही महकमा था। भाजपा बिट्टू के जरिए प्रदेश की 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। इसके अलावा, बिट्टू खालिस्तान के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। ऐसे में पंजाब में अमन पसंद सिखों और हिंदुओं को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की गई है। फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट सीधे किसानों से जुड़ा हुआ है। पंजाब गेहूं और चावल के उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। जबकि प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में नंबर वन पर है। इसी तरह किन्नू उत्पादन में दूसरे और शहद उत्पादन में तीसरे नंबर पर आता है। इस डिपार्टमेंट से पंजाब की 70 फीसदी आबादी को सीधा जोड़ा जा सकेगा। जिसका पार्टी को फायदा मिलेगा। इसी तरह रेलवे की बात करें तो उत्तरी भारत में रेलवे की बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। पंजाब के कपूरथला में तो रेल कोच फैक्ट्री (RCF) भी है। इसमें काफी सामान रेलवे का तैयार होता है। जिससे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है। यह करीब 465 किलोमीटर लंबी है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ना है। अभी तक यह प्राथमिक चरण में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो अमृतसर दिल्ली का सफर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। इसी तरह, चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जोकि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए टोकन मनी हजार रुपए मंजूर हुई थी। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो ट्राइसिटी समेत हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पूर्व कांग्रेसी नेता पवन बंसल के बाद यह विभाग पंजाब या चंडीगढ़ में आया है। बिट्टू को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है। नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने से सैटेलाइट PGI सेंटर पूरा होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को हैवीवेट स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा NDA-1 सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले 1998 में हिमाचल सरकार में भी वह स्वास्थ्य महकमा संभाल चुके हैं। पीएम मोदी ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके पुराने विभाग दिए हैं। इससे मंत्रियों को उनके विभागों के कामकाज को समझने व सिरे चढ़ाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पुराने मंत्री जानते हैं कि उनके विभाग में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। NDA-2 सरकार में मनसुख मांडविया हेल्थ मिनिस्टर रहे हैं। मात्र 4 लोकसभा सीटों वाले हिमाचल से संबंध रखने वाले नड्डा के लिए हैवीवेट मंत्रालय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। नड्डा की ताजपोशी के बाद हिमाचल के ऊना में लटके मिनी सैटेलाइट PGI और 4 ट्रामा सेंटर प्रोजेक्ट के जल्द सिरे चढ़ने की आस है। नड्डा ने बतौर केंद्रीय मंत्री मलाहत में 480 करोड़ की लागत से बनने प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर की आधारशीला रखी थी। मगर आज तक यह नहीं बन पाया। इस सेंटर में 300 बेड की सुविधा के दावे किए गए थे। 5 साल पहले इसकी आधारशीला रखते वक्त नड्डा ने कहा था कि यह 40 महीने में बनकर तैयार होगा। NDA-1 सरकार में नड्डा हिमाचल को बिलासपुर में AIIMS दिला चुके हैं। इसके अलावा भाजपा ने नड्डा को बड़ा मंत्रालय देकर सभी 4 लोकसभा सीटें जिताने वाले हिमाचल प्रदेश को अहमियत का अहसास कराया है। नड्डा के जरिए अनुराग ठाकुर की वजह से पैदा हो रही कथित गुटबाजी को भी खत्म करने की कोशिश की गई है।
हिमाचल में हादसे में 3 की मौत:मृतकों में दो महिला और एक युवक शामिल, सवारियों को लेकर जा रही थी टाटा सूमो
हिमाचल में हादसे में 3 की मौत:मृतकों में दो महिला और एक युवक शामिल, सवारियों को लेकर जा रही थी टाटा सूमो हिमाचल प्रदेश के भरमौर क्षेत्र की ग्राम पंचायत गुराड के राख सामरा रोड पर आज सुबह हुए सड़क हादसे में दो लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक महिला ने अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ दिया। इस हादसे में दस लोगों के घायल होने की खबर है। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब साढ़े दस बजे टाटा सूमो HP01C 0871 सवारियों को लेकर सामरा से राच की तरफ जा रही थी। टाटा सूमो को चालक संजय कुमार चला रहा था। बताया जाता है कि टाटा सूमो में कुल 13 यात्री सवार थे। बताया जाता है कि राख बग्गा बिंदला सामरा रोड पर सूमो अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिरकर पलट गई। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक महिला ने अस्पताल ले जाते हुए दम तोड़ दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कालेज चंबा में भर्ती कराया। इस हादसे में सूमो सवार दस यात्री घायल हुए हैं। मृतकों में सरला देवी पत्नी प्रवेश निवासी गांव सालवां, पिंकी देवी पत्नी भगत राम निवासी गांव बगोदी सामरा और चमन सिंह पुत्र ओंकार सिंह गांव पुखरेड शामिल हैं।