हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो। कोर्ट ने इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। इससे पहले HPTDC ने अपने सभी होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी थी। इसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इनमें तैनात स्टाफ की तैनाती को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन होटलों पर लटकेगा ताला हाईकोर्ट ने द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर, होटल शिवालिक परवाणू को बंद करने के आदेश दिए। कोर्ट ने MD को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने HPTDC से चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अब इस दुनिया में नहीं रहे उन दुर्भाग्य कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत करने को कहा है जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के पश्चात दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन निगम द्वारा इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो। कोर्ट ने इन होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा, पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है। इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है और न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है। इससे पहले HPTDC ने अपने सभी होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखी थी। इसके आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है। इनमें तैनात स्टाफ की तैनाती को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन होटलों पर लटकेगा ताला हाईकोर्ट ने द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर, होटल शिवालिक परवाणू को बंद करने के आदेश दिए। कोर्ट ने MD को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालन शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने HPTDC से चतुर्थ श्रेणी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों तथा अब इस दुनिया में नहीं रहे उन दुर्भाग्य कर्मचारियों की सूची भी प्रस्तुत करने को कहा है जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM पर रणधीर का पलटवार:बोले-मस्जिद विवाद के समाधान को सप्ताह बाद भी नहीं बनाई कमेटी, नड्डा नहीं राहुल गांधी को सलाह दें सुक्खू हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर विधायक एवं बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने जुबानी हमला बोला। रणधीर शर्मा ने कहा, मस्जिद विवाद से उपजे हालात के बाद प्रदेशभर में लोग सड़कों पर आए। इस स्थिति को संभालने के लिए CM ने बीते 13 सितंबर को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद एक स्टेटमेंट दी और कहा, यह सहमति बनी की बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की पहचान की जाएगी। इस विवाद के निपटाने को एक कमेटी बनेगी। दूसरी कमेटी बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे। मगर एक सप्ताह बीतने को आ गया। अभी तक कमेटी का भी गठित नहीं किया गया। रणधीर शर्मा ने कहा, इससे पता चलता है कि इतने गंभीर मसले को लेकर मुख्यमंत्री कितने गंभीर है। रणधीर ने कहा, बाहरी राज्यों से आने वालों की पहचान नहीं हो रही। रोटी रोटी कमाने के नाम पर यहां आ रहे लोग अवैध भवनों व मस्जिदों में रह रहे और अपराध को अंजाम देते है। उन्होंने कहा, वामपंथी दलों की तरह कांग्रेस भी प्रवासियों के वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, मस्जिद मामले में आंदोलन करने वालों पर केस बनाए जा रहे हैं। पत्रकारों को भी नोटिस आ गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का रवैया विधानसभा के भीतर और बाहर भी पत्रकारों के साथ तानाशाही वाला है। नड्डा को नसीहत नहीं, राहुल को सलाह दें सुक्खू: BJP रणधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नसीहत देने के बजाय राहुल गांधी को देश विरोधी बयान नहीं देने की सलाह देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में अनुशासन नाम की चीज नहीं है, उसके द्वारा यह कहना सही नहीं है। केंद्र पर आर्थिक सहायता नहीं मिलने का झूठा आरोप लगा रहे सुक्खू: रणधीर रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री के केंद्र सरकार के पास 23 हजार करोड़ रुपए पेंडिंग होने और प्रदेश से भेदभाव करने के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बोल रहे कि केंद्र आर्थिक दृष्टि से भेदभाव कर रहा है। यह कहना निराधार है। रणधीर ने कहा, कांग्रेस की प्रदेश की सरकार राज्य की अनुमानित दर से भी बजट मिला था। राज्य को 2023-24 में केंद्रीय करों में 8478 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी अनुमानित थी, जबकि केंद्र ने 9167 करोड़ 23 लाख रुपए दिए है। इसी तरह 2024-25 में हिमाचल सरकार को 10124 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, जबकि केंद्र ने प्रदेश को 10351 करोड 82 लाख रुपए दिए है। मदद के तौर पर भीर 2023-24 में 13249 करोड़ रुपए और 2024-25 में 13287 करोड़ रुपए केंद्र ने हिमाचल को दिए है। राज्य सरकार के कुप्रबंधन से बिगड़ी आर्थिक सेहत रणधीर शर्मा ने कहा, हिमाचल की आर्थिक सेहत फिजूलखर्ची और राज्य के कुप्रबंधन की वजह से बिगड़ रही है। राज्य सरकार इसके लिए केंद्र पर दोष मढ़ कर अपनी कमियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। एक राष्ट्र, एक चुनाव का निर्णय सराहनीय रणधीर शर्मा ने एक राष्ट्र एक चुनाव के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने इससे करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची रुकेंगी। इस देश में एक ही बार लोकसभा व विधानसभा चुनाव समय की आवश्यकता है। बार बार चुनाव के कारण आचार संहिता लगती है। इससे विकास कार्य भी ठप्प हो जाते है।
हिमाचल के 5 जिलों में बारिश से राहत:आगामी दिनों में धीमी पड़ सकती है बारिश की रफ्तार, 7 जिलों में येलो अलर्ट
हिमाचल के 5 जिलों में बारिश से राहत:आगामी दिनों में धीमी पड़ सकती है बारिश की रफ्तार, 7 जिलों में येलो अलर्ट हिमाचल प्रदेश में बीते कहीं दिनों से जारी बारिश का दौर जल्द ही थम सकता है। प्रदेश वासियों को भारी बारिश से राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश में आज 5 जिलों में बारिश ना होने की संभावना जताई है। हालांकि प्रदेश के 7 जिलों में अभी अभी बारिश बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार आगामी दिनों में बारिश और अधिक कम होने की संभावना है। 7 जिलो के लिए जारी किया अलर्ट मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के सात जिलों में आज बारिश होने की संभावना है। जिसमें ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा शिमला, सोलन, सिरमौर शामिल है। इसके अलावा चम्बा, कुल्लू, मंडी किन्नौर और लाहुल स्पीति में आज मौसम विज्ञान केंद्र ने मौसम के साफ रहने का की संभावना जताई है। 5 जिलों में फ्लैश फ्लड़ की संभावना वहीं IMD ने पूर्वानुमान लगाया है कि प्रदेश के पांच जिलों कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, मंडी और चंबा में कई स्थानों पर अचानक बाढ़ आने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इन जिलों में कई स्थानों पर अचानक भारी बारिश होने की संभावना जताई है। सिरमौर में सबसे ज्यादा, किन्नौर में सबसे कम हुई बारिश हिमाचल प्रदेश में धीमी रफ्तार के साथ शुरू हुए मानसून ने अगस्त माह खूब रफ्तार पकड़ी। प्रदेश सात जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई, जबकि 5 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। अगस्त माह की बात करें, तो कांगड़ा में सबसे ज्यादा 518.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं किन्नौर में सबसे कम 25.2 मिमी कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि सामान्य से ज्यादा बारिश सबसे ज्यादा सिरमौर में 67 मिमी बारिश दर्ज की गई है। अगस्त माह में कहां कितनी हुई बारिश हिमाचल प्रदेश में अगस्त माह के 18 दिनों में अब तक बिलासपुर में 252.8, चंबा में 162.9, हमीरपुर में 261.4, कांगड़ा में 518.2, किन्नौर में 25.2, कुल्लू में 81.1, लाहुल स्पीति में 35.4, मंडी में 324.9, शिमला में 197.2, सिरमौर में 416.7, सोलन में 175.8 और ऊना में 237.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। 7 जिलों में सामान्य से ज्यादा हुई बारिश अगस्त माह में बिलासपुर में 27 मिमी, हमीरपुर में 4 मिमी, कांगड़ा में 33 मिमी, मंडी में 27 मिमी, शिमला में 57 मिमी, सिरमोर में 67 मिमी और ऊना जिला में 15 मिमी सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। सामान्य से कम हुई बारिश वहीं चंबा में -17 मिमी, किन्नौर में -47, लाहुल स्पीति में -49, कुल्लू में -31 और सोलन में -5 मिनी बारिश कम दर्द की गई है। हिमाचल प्रदेश में 128 सड़कें बन्द हिमाचल प्रदेश को इस मानसून सीजन में अभी तक 1140 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया है। प्रदेश में अभी भी रविवार सुबह तक 128 सड़कें ठप्प पड़ी हुई है। इस मानसून में अब तक 122 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके है। प्रदेश में सड़कों के खुलने व बन्द होने का सिलसिला लगातार जारी है। देर शाम तक 90 से ज्यादा सड़कें खुलने की संभावना है।