हिमाचल हाईकोर्ट ने 51 जजों के पदोन्नति व तबादला आदेश जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, विवेक को प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट शिमला, हरीश शर्मा को जिला सत्र न्यायाधीश (लीव रिजर्व) हाईकोर्ट शिमला, अमित मंडयाल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुल्लू, हरमेश कुमार को किन्नौर, रमणीक शर्मा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट सोलन, विवेक शर्मा को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट शिमला में तैनाती दी गई। सिद्धार्थ सरपाल को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी, सुभाष चंद्र भसीन को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नाहन, नितिन मित्तल को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट धर्मशाला, विक्रांत कौंडल को सीनियर सिविल जज कुल्लू, संदीप सिंह सिहाग को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा को एसीजेएम शिमला बनाया गया है। ज्योति पटियाल सिविल जज सोलन बनी दिव्या ज्योति पटियाल को वरिष्ठ सिविल जज सोलन, निखिल अग्रवाल को वरिष्ठ सिविल जज चंबा, उच्च न्यायालय शिमला के केंद्रीय परियोजना समन्वयक हकीकत ढांडा को वरिष्ठ सिविल जज कांगड़ा में तैनाती दी गई है। वह आगामी आदेशों तक धर्मशाला में मोबाइल यातायात मजिस्ट्रेट कांगड़ा और ऊना का कार्यभार भी देखेंगे। न्यायाधीश अक्षी को ठियोग से बिलासपुर भेजा न्यायाधीश ठियोग अक्षी शर्मा को बिलासपुर में वरिष्ठ सिविल जज, हमीरपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव असलम को वरिष्ठ सिविल जज लाहौल स्पीति एवं कुल्लू, नेहा शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला को सीजेएम ऊना, सिविल जज परवीन खडवाल को जेएमएफसी इंदौरा, सिविल जज टीना मल्होत्रा को जेएमएफसी-2 मंडी ट्रांसफर किया गया है। वरुण का धर्मशाला ट्रांसफर वरुण को सिविल जज धर्मशाला, करम प्रताप सिंह को सिविल जज बंजार, प्रिया डोगरा को सिविल जज गोहर, ज्योति भाग चंदानी को सिविल जज शिमला, पारस आहूजा को सिविल जज ऊना, सुष्मिता शर्मा को सिविल जज शिमला, विकास ठाकुर को सिविल जज मंडी, अपूर्व राज को सिविल जज शिमला, हिमानी को सिविल जज अंब, राघव शर्मा को सिविल जज रोहड़ू और रिद्धि पत्रवाल को सिविल जज सरकाघाट और मनीषा गोयल को सीजेएम मंडी, निशांत वर्मा को उच्च न्यायालय शिमला बनाया गया है। कनिका गुप्ता को एसजेएम ठियोग बनाया आभा चौहान, अजय कुमार, आकांक्षा डोगरा, विवेक कायथ को पदोन्नत किया गया। पदोन्नति पाने वाले जज अपनी वर्तमान जगह पर ही तैनात रहेंगे। अनुज बहल को एसीजेएम नादौन, प्रतीक गुप्ता को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर में तैनाती दी गई है। कनिका गुप्ता को एसीजेएम ठियोग, कुलदीप शर्मा को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हमीरपुर, उमेश वर्मा को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला, गौरव चौधरी को एसीजेएम देहरा, सोनल शर्मा को एसीजेएम सोलन, दीपाली गंभीर को एसीजेएम नूरपुर, आर मिहल शर्मा को एसीजेएम सोलन, एकांश कपिल जेएमएफसी शिमला, विभूति बहुगुणा जेएमएफसी शिमला, डॉ. पार्थ जैन को सिविल जज चंबा, राहुल को सिविल जज मनाली, श्वेता नरूला को सिविल जज करसोग, सिविल जज युद्धवीर सिंह सरकाघाट को जेएमएफसी सरकाघाट तैनात किया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने 51 जजों के पदोन्नति व तबादला आदेश जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, विवेक को प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट शिमला, हरीश शर्मा को जिला सत्र न्यायाधीश (लीव रिजर्व) हाईकोर्ट शिमला, अमित मंडयाल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुल्लू, हरमेश कुमार को किन्नौर, रमणीक शर्मा को जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट सोलन, विवेक शर्मा को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट शिमला में तैनाती दी गई। सिद्धार्थ सरपाल को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी, सुभाष चंद्र भसीन को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नाहन, नितिन मित्तल को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट धर्मशाला, विक्रांत कौंडल को सीनियर सिविल जज कुल्लू, संदीप सिंह सिहाग को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंबा को एसीजेएम शिमला बनाया गया है। ज्योति पटियाल सिविल जज सोलन बनी दिव्या ज्योति पटियाल को वरिष्ठ सिविल जज सोलन, निखिल अग्रवाल को वरिष्ठ सिविल जज चंबा, उच्च न्यायालय शिमला के केंद्रीय परियोजना समन्वयक हकीकत ढांडा को वरिष्ठ सिविल जज कांगड़ा में तैनाती दी गई है। वह आगामी आदेशों तक धर्मशाला में मोबाइल यातायात मजिस्ट्रेट कांगड़ा और ऊना का कार्यभार भी देखेंगे। न्यायाधीश अक्षी को ठियोग से बिलासपुर भेजा न्यायाधीश ठियोग अक्षी शर्मा को बिलासपुर में वरिष्ठ सिविल जज, हमीरपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव असलम को वरिष्ठ सिविल जज लाहौल स्पीति एवं कुल्लू, नेहा शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला को सीजेएम ऊना, सिविल जज परवीन खडवाल को जेएमएफसी इंदौरा, सिविल जज टीना मल्होत्रा को जेएमएफसी-2 मंडी ट्रांसफर किया गया है। वरुण का धर्मशाला ट्रांसफर वरुण को सिविल जज धर्मशाला, करम प्रताप सिंह को सिविल जज बंजार, प्रिया डोगरा को सिविल जज गोहर, ज्योति भाग चंदानी को सिविल जज शिमला, पारस आहूजा को सिविल जज ऊना, सुष्मिता शर्मा को सिविल जज शिमला, विकास ठाकुर को सिविल जज मंडी, अपूर्व राज को सिविल जज शिमला, हिमानी को सिविल जज अंब, राघव शर्मा को सिविल जज रोहड़ू और रिद्धि पत्रवाल को सिविल जज सरकाघाट और मनीषा गोयल को सीजेएम मंडी, निशांत वर्मा को उच्च न्यायालय शिमला बनाया गया है। कनिका गुप्ता को एसजेएम ठियोग बनाया आभा चौहान, अजय कुमार, आकांक्षा डोगरा, विवेक कायथ को पदोन्नत किया गया। पदोन्नति पाने वाले जज अपनी वर्तमान जगह पर ही तैनात रहेंगे। अनुज बहल को एसीजेएम नादौन, प्रतीक गुप्ता को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर में तैनाती दी गई है। कनिका गुप्ता को एसीजेएम ठियोग, कुलदीप शर्मा को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हमीरपुर, उमेश वर्मा को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला, गौरव चौधरी को एसीजेएम देहरा, सोनल शर्मा को एसीजेएम सोलन, दीपाली गंभीर को एसीजेएम नूरपुर, आर मिहल शर्मा को एसीजेएम सोलन, एकांश कपिल जेएमएफसी शिमला, विभूति बहुगुणा जेएमएफसी शिमला, डॉ. पार्थ जैन को सिविल जज चंबा, राहुल को सिविल जज मनाली, श्वेता नरूला को सिविल जज करसोग, सिविल जज युद्धवीर सिंह सरकाघाट को जेएमएफसी सरकाघाट तैनात किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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लुहरी प्रोजेक्ट से 450 मजदूरों की छटनी:इंटक ने कंपनी पर लगाए आरोप, डीसी और विधायकों से की बैठक
लुहरी प्रोजेक्ट से 450 मजदूरों की छटनी:इंटक ने कंपनी पर लगाए आरोप, डीसी और विधायकों से की बैठक शिमला जिले के लुहरी में निर्माणाधीन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस) ने प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी पर 450 मजदूरों की एक साथ गैर कानूनी तरीके से छटनी के आरोप लगाए है। मजदूर संगठन का कहना है कि SJVNL ने पटेल कंपनी को प्रोजेक्ट का कार्य दिया हुआ है, और पटेल कंपनी के अंतर्गत प्रोजेक्ट 587 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन कंपनी ने 450 से ज्यादा मजदूरों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया है। कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक ने प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करके इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की है। इसी कड़ी में मजदूरों ने आज डीसी शिमला अनुपम कश्यप के साथ बैठक की है। जिसमें कांग्रेस के 2 विधायक भी शामिल हुए। कंपनी ने की 450 मजदूरों की छटनी इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विहारी सेवगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि शिमला के निकट में रामपुर के पास निर्माणाधीन 210 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट में गैर कानूनी तरीके से करीब 450 लोगो की छटनी की गई है। प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही कंपनी ने 16 अगस्त को प्रोजेक्ट में कार्यरत 500 कर्मचारियों में से एक साथ 450 मजदूरों को निकाल दिया है। उन्होंने कहा कि निकाले गए कर्मचारियों को अंतिम 2 महीनों के वेतन तक नहीं दिया गया है। बिना नोटिस पीरियड दिए निकाल दिए मजदूर सेवगी ने कहा कि कंपनी ने मजदूरों का बिना नोटिस पीरियड दिए नौकरी से निकाल दिया है, ना ही मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। इंटक का मानना है कि इस प्रकार की छटनी गैर कानूनी है, और कंपनी द्वारा मजदूरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। DC शिमला के समक्ष रखा मजदूरों का पक्ष उन्होंने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से निकाले गए मजदूरों को लेकर आज बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों जिसमें रामपुर और ठियोग के विधायक भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि डीसी शिमला और दोनों विधायकों के सामने उन्होंने मजदूरों का पक्ष रखा है उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी । उन्होंने कहा कि डीसी शिमला के समक्ष प्रभावित मजदूरों को उनकी वितीय देनदारियां कंपनी से दिलवाने के निर्देश देने की मांग की है। ।
रामपुर में 71 लोगों से डेढ़ करोड़ टैक्स बकाया:लोक अदालत जाएगी नगर परिषद; कई बार नोटिस देने पर भी नहीं किया जमा
रामपुर में 71 लोगों से डेढ़ करोड़ टैक्स बकाया:लोक अदालत जाएगी नगर परिषद; कई बार नोटिस देने पर भी नहीं किया जमा शिमला में नगर परिषद रामपुर में करीब 71 लोगों ने करीब डेढ़ करोड़ हाऊस टैक्स और दुकानों का किराया जमा नहीं किया। जिसकी वसूली अब लोक अदालत के माध्यम से होगी। नगर परिषद ने टैक्स जमा करने के लिए कई बार सभी को नोटिस भी दिया है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी बताया कि कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने वर्षों से टैक्स जाम नहीं कराया है। नगर परिषद की ओर से समय समय पर इन लोगों को राशि चुकाने के लिए नोटिस भेजे गए, लेकिन इन लोगों ने टैक्स नहीं दिया। लोक अदालत में भेजे मामले नगर परिषद रामपुर को 71 लोगों ने वर्षों से दुकानों का किराया ही जमा नहीं करवाया है, जो करीब जमा नहीं करवाया है। जिसके चलते नगर परिषद ने इन मामलों को लोक अदालत में भेजा है। इसी माह से लोक अदालत में इन लोगों के मामले चलेंगे। हालांकि नगर परिषद ने जब लोक अदालत में मामले भेजने का नोटिस दिया, तो कुछ व्यापारियों ने तुरंत हाऊस टैक्स की राशि जमा करवाई।
हरियाणा पहुंचीं BJP सांसद कंगना रनोट:बॉलीवुड एक्ट्रेस ने बाजार में शॉपिंग, मंदिर में पूजा की; कड़ी सुरक्षा में भाई के ससुराल रुकीं
हरियाणा पहुंचीं BJP सांसद कंगना रनोट:बॉलीवुड एक्ट्रेस ने बाजार में शॉपिंग, मंदिर में पूजा की; कड़ी सुरक्षा में भाई के ससुराल रुकीं हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट मंगलवार को हरियाणा पहुंची। वह चरखी दादरी में अपने भाई के ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आईं। इस दौरान उन्होंने दादरी के बाजार में शॉपिंग की। उनके साथ उनकी बहन रंगोली, भाभी और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। यहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। वह जिस ओर गईं उसी ओर भीड़ देखने को मिली। सांसद ने शॉपिंग के बाद बाला वाला मंदिर में पहुंचकर पूजा की। इस दौरान उन्होंने महिलाओं से भी बात की। गाड़ी में बैठने के बाद विक्ट्री साइन दिखाया। आज रात दादरी में रहेंगी कंगना रनोट
वह आज रात यही रहेंगी। सुबह तड़के निकलेंगीं। जहां कंगना और उनका परिवार ठहरा है, वहां सुरक्षा कड़ी की गई है। बता दें कि सांसद के भाई का ससुराल चरखी दादरी के खेड़ी बत्तर गांव में है। इस गांव की रहने वाली रितु की शादी कंगना के भाई से हुई है। कृषि कानूनों पर बयान से सुर्खियों में रहीं सांसद
अभी हाल ही में BJP सांसद कृषि कानूनों को लेकर दिए बयान से सुर्खियों में आई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर वीडियो जारी कर रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की थी। जिस पर उनका विरोध हुआ। यही नहीं बीजेपी ने भी उनके इस बयान से किनारा कर लिया था। इसके बाद कंगना रनोट ने माफी मांग ली थी। कंगना बोलीं- मेरी इस बात से बहुत लोग निराश हैं, मुझे दुख है जानिए क्या है पूरा मामला… 23 सितंबर: कंगना रनोट ने कहा- किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
2 दिन पहले ही हिमाचल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कंगना ने 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने को कहा था। कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। बता दें कि नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने 14 महीने के किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लिए थे। कंगना के बयान पर 4 रिएक्शन… 1. भाजपा का बयान से किनारा, बोली- हम बयान का खंडन करते हैं
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर भाजपा सांसद कंगना रनोट का 3 कृषि कानूनों का लेकर दिया बयान चल रहा है। ये कानून पहले ही वापस लिए जा चुके हैं। मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि यह बयान कंगना रनोट का व्यक्तिगत है। BJP की ओर से कंगना ऐसा कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं, और न ही उनका बयान पार्टी की सोच है। इसलिए, उस बयान का हम खंडन करते हैं।’ 2. जेडीयू बोली- ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है
बीजेपी के सहयोगी दल भी कंगना के बयान से नाराज दिख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता केसी त्यागी ने कहा कि कंगना आखिर किसकी मदद कर रही हैं। आज हरियाणा में कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वह हमेशा लाइमलाइट में रहने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे बयानों से BJP और NDA की छवि खराब होती है। 3. कांग्रेस की चुनौती, 3 काले कानूनों को वापस लाने की ताकत किसी में नहीं
हरियाणा कांग्रेस ने कहा कि भाजपा फिर से 3 कृषि कानून वापस लाने का प्लान बना रही है। कांग्रेस किसानों के साथ है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना भी जोर लगा लें, ये कानून लागू नहीं होने दिए जाएंगे। इसके अलावा एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंच से कंगना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, ‘BJP की सांसद कंगना रनोट का कहना है कि 3 कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है। हरियाणा में BJP की सरकार बनी तो ये 3 काले कानून लागू करेंगे। मैं चुनौती देता हूं, हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो 3 काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके।’ 4. अकाली दल के नेता बोले- भाजपा कंगना को पार्टी से बाहर निकाले
पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने तो भाजपा से कंगना को पार्टी से निकालने और उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाने की मांग की थी। वहीं, पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि भाजपा अपने किसान विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कंगना का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग रखी थी। किसानों को लेकर 2 बार पहले भी बयान दे चुकीं कंगना… पहला बयान- महिला किसान पर टिप्पणी
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। दूसरा बयान- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे।