हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शाम पौने 6 बजे के करीब राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच यह मुलाकात शिष्टाचार भेंट बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस दौरान राज्य सरकार द्वारा राजभवन को भेजे गए उन बिलों को लेकर चर्चा की गई, जो राजभवन में अटके हुए हैं। मुख्यमंत्री ने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इन बिल को पास करने का राज्यपाल से आग्रह किया। बता दें कि राजभवन में कर्मचारियों से जुड़ा बिल पेंडिंग है। सरकार ने विंटर सेशन के तीसरे दिन सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक, 2024 को पारित किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को अनुबंध अवधि की सिनियोरिटी और इन्क्रीमेंट नहीं मिलेगी, जबकि हाईकोर्ट ने कुछ केस में नियुक्ति तिथि से सिनियोरिटी और वित्तीय फायदा देने के आदेश दे रखे है। इससे राज्य सरकार पर करोड़ों रुपए का वित्तीय बोझ पड़ रहा है। इससे बचने को सरकार ने यह बिल विधानसभा में पास किया था। बड़ी बात है कि ये कानून 12 दिसंबर 2003 यानी बैक डेट से लागू माना जाएगा।यह बिल राजभवन में अटका हुआ है। बजट सत्र को लेकर भी चर्चा
इसी तरह ट्राइबल में लोगों को जमीन देने का बिल भी राजभवन में अटका है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इसे लेकर भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि आगामी बजट सत्र को लेकर भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से बात की है, क्योंकि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से ही होती है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शाम पौने 6 बजे के करीब राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच यह मुलाकात शिष्टाचार भेंट बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस दौरान राज्य सरकार द्वारा राजभवन को भेजे गए उन बिलों को लेकर चर्चा की गई, जो राजभवन में अटके हुए हैं। मुख्यमंत्री ने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत इन बिल को पास करने का राज्यपाल से आग्रह किया। बता दें कि राजभवन में कर्मचारियों से जुड़ा बिल पेंडिंग है। सरकार ने विंटर सेशन के तीसरे दिन सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक, 2024 को पारित किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को अनुबंध अवधि की सिनियोरिटी और इन्क्रीमेंट नहीं मिलेगी, जबकि हाईकोर्ट ने कुछ केस में नियुक्ति तिथि से सिनियोरिटी और वित्तीय फायदा देने के आदेश दे रखे है। इससे राज्य सरकार पर करोड़ों रुपए का वित्तीय बोझ पड़ रहा है। इससे बचने को सरकार ने यह बिल विधानसभा में पास किया था। बड़ी बात है कि ये कानून 12 दिसंबर 2003 यानी बैक डेट से लागू माना जाएगा।यह बिल राजभवन में अटका हुआ है। बजट सत्र को लेकर भी चर्चा
इसी तरह ट्राइबल में लोगों को जमीन देने का बिल भी राजभवन में अटका है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इसे लेकर भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि आगामी बजट सत्र को लेकर भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से बात की है, क्योंकि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से ही होती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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