हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज शिमला से धर्मशाला के शीतकालीन प्रवास पर जाने का कार्यक्रम है। मगर दोपहर बाद 3.30 बजे तक शिमला से धर्मशाला नहीं जा पाए, क्योंकि प्रदेश में आज सुबह से मौसम खराब बना हुआ है। इससे CM का हेलिकॉप्टर धर्मशाला के लिए नहीं उड़ पाया है। सीएम सुक्खू इसे देखते हुए गुरुवार दोपहर बाद तक सचिवालय में ही फाइलें निपटाते रहे। अब मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है। सूचना के अनुसार, सीएम यदि आज नहीं जा पाए तो कल सुबह के समय वह हेलिकॉप्टर से धर्मशाला पहुंचेंगे और अगले 9 दिन तक धर्मशाला से ही सरकार चलाएंगे। शीतकालीन प्रवास पर जा रहे मुख्यमंत्री बता दें कि मुख्यमंत्री सुक्खू शीतकालीन प्रवास पर कांगड़ा जिला के धर्मशाला जा रहे हैं। प्रदेश में यह परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 90 के दशक में शुरू की थी, ताकि प्रदेश के निचले क्षेत्रों की जनता के काम निकल सके और मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का समाधान कर सके। कांगड़ा में जनता दरबार लगाएंगे CM कांगड़ा जिला के दौरे के दौरान सीएम सुक्खू क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास विकास कार्य का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। वह एक दिन मनाली भी जाएंगे। 25 जनवरी तक सीएम कांगड़ा जिला के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता का दरबार भी लगाएंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आज शिमला से धर्मशाला के शीतकालीन प्रवास पर जाने का कार्यक्रम है। मगर दोपहर बाद 3.30 बजे तक शिमला से धर्मशाला नहीं जा पाए, क्योंकि प्रदेश में आज सुबह से मौसम खराब बना हुआ है। इससे CM का हेलिकॉप्टर धर्मशाला के लिए नहीं उड़ पाया है। सीएम सुक्खू इसे देखते हुए गुरुवार दोपहर बाद तक सचिवालय में ही फाइलें निपटाते रहे। अब मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही है। सूचना के अनुसार, सीएम यदि आज नहीं जा पाए तो कल सुबह के समय वह हेलिकॉप्टर से धर्मशाला पहुंचेंगे और अगले 9 दिन तक धर्मशाला से ही सरकार चलाएंगे। शीतकालीन प्रवास पर जा रहे मुख्यमंत्री बता दें कि मुख्यमंत्री सुक्खू शीतकालीन प्रवास पर कांगड़ा जिला के धर्मशाला जा रहे हैं। प्रदेश में यह परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 90 के दशक में शुरू की थी, ताकि प्रदेश के निचले क्षेत्रों की जनता के काम निकल सके और मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का समाधान कर सके। कांगड़ा में जनता दरबार लगाएंगे CM कांगड़ा जिला के दौरे के दौरान सीएम सुक्खू क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास विकास कार्य का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। वह एक दिन मनाली भी जाएंगे। 25 जनवरी तक सीएम कांगड़ा जिला के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता का दरबार भी लगाएंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल मस्जिद विवाद में बोले AIMIM नेता:हाईकोर्ट में करेंगे PIL; कानून सबके लिए एक समान, बोले-मस्जिद वैध या अवैध कोर्ट तय करेगा, लोग नहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी संजौली से उठा मस्जिद विवाद शांत होने नहीं दिख रहा। बेशक, संजौली मस्जिद कमेटी ने लिखित में अंडरटेकिंग देकर कोर्ट का फैसला आने पर मस्जिद का अवैध निर्माण तोड़ने की सहमति जताई है। मगर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जामाई ने संजौली मस्जिद पहुंचकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के वैध है या अवैध, यह कोर्ट तय करेगा। वह कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) डालेंगे। शोएब जामाई वीडियो में कह रहे हैं कि संजौली मस्जिद के साथ बनी दूसरी बिल्डिंग की ऊंचाई दिखाकर कह कर रहे हैं कि जितनी ऊंचाई मस्जिद की है, उससे ज्यादा की ऊंचाई आसपास बने घरों की है। वह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो यहां बने घर कैसे वैध हो सकते हैं। कानून सबके लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा, वह संविधान से हटकर बात नहीं कर रहे। मोहब्बत की दुकान यहां भी खुलनी चाहिए। शोएब जामाई कह रहे हैं कि मस्जिद के मौलाना ने अच्छे से हैंडल किया है। इतनी कम आबादी होने के बावजूद अच्छा फैसला लिया है। इतना सप्रोर्ट नहीं है। सरपरस्त ताकतें आवाज उठा रही है हर जगह। इंसाफ सभी के लिए होना चाहिए। प्रदेश में मस्जिद विवाद संजौली की इसी मस्जिद के कारण उपजा है। संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा बीते 12 सितंबर को लिखित में नगर निगम आयुक्त को मस्जिद के अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की गई। कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट अगर ऑर्डर देगा तो मस्जिद का अवैध खुद तोड़ेंगे। फैसला आने तक मस्जिद की 3 मंजिल को सील कर दिया जाए। मस्जिद कमेटी इसके लिए तैयार है। इसके बाद शिमला में मस्जिद विवाद शांत हुआ। हालांकि प्रदेश के अन्य शहरों में संजौली मस्जिद के बाद प्रदर्शन जारी है। वहीं संजौली मस्जिद मामले में आगामी 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई होनी है। विवादित संजौली मस्जिद 1947 में बनी थी, 3 मंजिल पर आपत्ति संजौली में मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। तब यहां 2 मंजिला कच्ची मस्जिद होती थी। संजौली में नगर एवं ग्राम नियोजन एक्ट (TCP) लागू है। इसके तहत बिना मंजूरी और नक्शा पास कराए बगैर यहां निर्माण नहीं किया जा सकता है। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि इन्होंने बिना नक्शा पास कराए यहां 5 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी। साल 2010 में इसकी पक्की इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। तब से लेकर नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने का नोटिस दे चुका है। इस मामले में 45 बार नगर निगम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। मस्जिद कमेटी के अनुसार, लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। 31 अगस्त से शुरू हुआ विवाद ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। इसके बाद हिंदू संगठन भड़क उठे और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बुधवार को तीसरी बार प्रदर्शन किया। क्या बोले SP शिमला इसे लेकर जब पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मस्जिद सील नहीं है। नमाज पढ़ने मुस्लिम यहां आ रहे हैं। शोएब जामाई कब आया और वीडियो कब बनाया, यह चेक किया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि इससे माहौल खराब होगा।
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हिमाचल: धर्मशाला-ताबो का टेंपरेचर 24 घंटे में 5-6 डिग्री बढ़ा:कल्पा में नॉर्मल से 10 डिग्री ज्यादा तापमान; 3 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी रिकार्ड तोड़ने लगी है। ऊंचाई वाले इलाकों में जहां ज्यादा ठंड पड़ती है, वहां तापमान में असामान्य उछाल आया है। शिमला और कल्पा में दिसंबर महीने का सोमवार को दूसरा रिकार्ड मैक्सिमम टैम्परेचर दर्ज किया गया है। शिमला का अधिकतम तापमान नॉर्मल की तुलना में 7 डिग्री ज्यादा के साथ 21 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इससे पहले 8 दिसंबर 2017 में रिकार्ड टेंपरेचर 21.3 डिग्री था। कल्पा में 16 दिसंबर 1991 को रिकार्ड टैम्परेचर 19 डिग्री था, जबकि बीते सोमवार को कल्पा का अधिकतम तापमान नार्मल की तुलना में 9.9 डिग्री के उछाल के बाद 18.9 डिग्री पहुंच गया। धर्मशाला के तापमान में भी नॉर्मल की तुलना में 6.6 का उछाल आया और 24.6 डिग्री सेल्सियस तापमान हो गया। प्रदेश का औसत मैक्सिमम टेंपरेचर भी नॉर्मल से 3.5 डिग्री ज्यादा हो गया है। बीते 24 घंटे के दौरान कल्पा और धर्मशाला के तापमान में नॉर्मल की तुलना में 5 डिग्री और ताबो के तापमान में 6 डिग्री का उछाल आया है। 3 जिलों में शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट वहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने तीन जिले ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में कोल्ड-वेव का ऑरेंज अलर्ट और कांगड़ा जिला में येलो अलर्ट जारी किया है। जाहिर है कि इससे मैदानी इलाकों में सुबह की शाम लोगों को खूब परेशान करेगी। यह अलर्ट अगले 72 घंटे यानी तीन दिन के लिए जारी की गई है। शिमला, नारकंडा और कुफरी के तापमान में उछाल प्रदेश के मैदानी इलाकों में तीन दिन से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, वहीं मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में निरंतर मौसम गर्म हो रहा है। आलम यह है कि शिमला का न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से 5.3 डिग्री ज्यादा के साथ 11.2 डिग्री पहुंच गया है। इसी तरह नारकंडा का न्यूनतम तापमान भी 8.5 डिग्री और कुफरी का तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस हो गया है। आमतौर पर शिमला, नारकंडा और कुफरी में 15 दिसंबर के बाद न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू के आसपास तक गिर जाता है। मगर इस बार तापमान में उछाल आ रहा है। ऊंचे पहाड़ों से मैदानी इलाकों को चल रही कोल्ड वेव: कुलदीप मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में अगले 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं है। इससे मैदानी इलाकों में ठंड और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान नॉर्मल से ज्यादा रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि ऊंचे क्षेत्रों से मैदानी इलाकों की तरफ कोल्ड वेव चल रही है। इससे पहाड़ों से ज्यादा ठंड मैदानी इलाकों में पड़ रही है।
हिमाचल हाईकोर्ट की NHAI-PWD को फटकार:कहा-लापरवाही से एक भी व्यक्ति की जान गई तो करेंगे कार्रवाई; ब्यास नदी से चट्टानें नहीं हटाने पर सख्त
हिमाचल हाईकोर्ट की NHAI-PWD को फटकार:कहा-लापरवाही से एक भी व्यक्ति की जान गई तो करेंगे कार्रवाई; ब्यास नदी से चट्टानें नहीं हटाने पर सख्त हिमाचल हाईकोर्ट (HC)ने लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि बरसात में एक भी व्यक्ति की जान गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। HC ने समय रहते जंगलों, नदी व नालों का उचित रखाव करने के आदेश दिए। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वेद्य की बैंच ने अब तक ब्यास नदी से चट्टानें नहीं हटाने पर नाराजगी जाहिर की, क्योंकि इन चट्टानों से टकराने के बाद पानी नदी के तट पर आ जाता है। इससे रिवर बेड फेल जाता है और नुकसान की बड़ी वजह बन जाता है। कोर्ट की डबल बैंच ने कहा, बीते 12 जून को आदेश पारित करने के बावजूद ब्यास से चट्टानें नहीं हटाई गई। इसी तरह जंगलों में डंप मलबे से भूमि कटाव होता है। यह बात सब जानते है। मगर NHAI ने दलील दी कि स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद हटाएंगे। कोर्ट ने कहा, यह दलील स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा, पत्थरों को हटाने के लिए पूरा जून महीना था। इस दौरान कुछ नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा, यदि NHAI की निष्क्रियता से कोई अप्रिय घटना होती है तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीते साल ब्यास ने मचाई थी तबाही बता दें कि बीते साल ब्यास नदी ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। खासकर कुल्लू और मंडी जिला में भारी नुकसान हुआ था। ब्यास के तेज बहाव से नदी के दोनों ओर भारी नुकसान हुआ था और कई जगह मनाली को कीरतपुर से जोड़ने वाले फोरलेन का नामो निशां तक मिट गया था। कुल्लू और मंडी में नदी किनारे 40 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने बीते 12 जून को ही राज्य सरकार और NHAI को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे।