हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। इनकी सीटों पर उपचुनाव हो सकता है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 50 के करीब पहुंच सकती है। प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा में CM के इस बयान ने खलबली मचा दी है। दरअसल, बीते 28 फरवरी को BJP के 9 विधायकों ने विधानसभा सदन के बीचो-बीच बैठने वाले विधानसभा रिपोर्टर से कागज छीन कर सदन में फाड़े और स्पीकर चेयर की और फेंके। स्पीकर ने जब मार्शल के माध्यम से इन्हें सदन से बाहर करने के आदेश दिए, तो मार्शल के साथ भी विधायकों की बहसबाजी की और बीजेपी विधायक सदन से बाहर नहीं गए। यह आरोप कांग्रेस ने बीजेपी विधायकों पर लगाया है। इस सारे प्रकरण के वीडियो भी मौजूद होने का विधानसभा सचिवालय प्रशासन दावा कर रहा है। इन्हीं के आधार पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी के इन विधायकों को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए निष्कासित किया था। कांग्रेस विधायक सोलंकी ने की शिकायत इस बीच कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी के इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर के पास एक याचिका दायर की और सदन की मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने भी 9 विधायकों को संविधान के अनुच्छेद-194 के तहत नोटिस जारी किए। अब इस मामले में स्पीकर का फैसला आना बाकी है। सीएम बोले- अपने विधायकों की चिंता करें जयराम इस पर सीएम सुक्खू ने कहा, जयराम ठाकुर सरकार बनाने के सपने लेना छोड़ दें। कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं। हाईकोर्ट में चल रहे CPS केस को लेकर जयराम ठाकुर लोगों को बहका रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम को CPS की नहीं, बल्कि अपने 9 विधायकों की चिंता करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कागजात फाड़कर आसन का अपमान किया और गुंडागर्दी का नंगा नाच सदन के भीतर खेला। इनके खिलाफ स्पीकर के पास याचिका लंबित है। इसलिए जयराम को उनकी चिंता करनी चाहिए। CM के बयान से गरमाई हिमाचल की सियासत मुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में बीजेपी के नौ विधायकों पर विधानसभा स्पीकर कार्रवाई कर सकते हैं। अभी विधानसभा में दलीय स्थिति वर्तमान में बीजेपी के पास 27 विधायक और कांग्रेस के पास 38 एमएलए है, जबकि तीन पर उप चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में यदि बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता जाती है तो नौ सीटों पर उप चुनाव तय है। CPS को लेकर नेता प्रतिपक्ष बार बार बोल रहे हमला वहीं जयराम ठाकुर भी बार बार छह CPS की सदस्यता जाने की बात कह रहे है। बीजेपी के 11 विधायकों ने सुक्खू सरकार द्वारा लगाए गए छह CPS को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। ऐसे में यदि हाईकोर्ट इनकी सदस्यता को रद्द करता है तो इनकी सीटों पर भी उप चुनाव हो सकता है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के एक बयान ने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायकों की सदस्यता जा सकती है। इनकी सीटों पर उपचुनाव हो सकता है। ऐसा हुआ तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 50 के करीब पहुंच सकती है। प्रदेश में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा में CM के इस बयान ने खलबली मचा दी है। दरअसल, बीते 28 फरवरी को BJP के 9 विधायकों ने विधानसभा सदन के बीचो-बीच बैठने वाले विधानसभा रिपोर्टर से कागज छीन कर सदन में फाड़े और स्पीकर चेयर की और फेंके। स्पीकर ने जब मार्शल के माध्यम से इन्हें सदन से बाहर करने के आदेश दिए, तो मार्शल के साथ भी विधायकों की बहसबाजी की और बीजेपी विधायक सदन से बाहर नहीं गए। यह आरोप कांग्रेस ने बीजेपी विधायकों पर लगाया है। इस सारे प्रकरण के वीडियो भी मौजूद होने का विधानसभा सचिवालय प्रशासन दावा कर रहा है। इन्हीं के आधार पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी के इन विधायकों को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए निष्कासित किया था। कांग्रेस विधायक सोलंकी ने की शिकायत इस बीच कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने बीजेपी के इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर के पास एक याचिका दायर की और सदन की मर्यादाओं को तार-तार करने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने भी 9 विधायकों को संविधान के अनुच्छेद-194 के तहत नोटिस जारी किए। अब इस मामले में स्पीकर का फैसला आना बाकी है। सीएम बोले- अपने विधायकों की चिंता करें जयराम इस पर सीएम सुक्खू ने कहा, जयराम ठाकुर सरकार बनाने के सपने लेना छोड़ दें। कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं। हाईकोर्ट में चल रहे CPS केस को लेकर जयराम ठाकुर लोगों को बहका रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम को CPS की नहीं, बल्कि अपने 9 विधायकों की चिंता करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कागजात फाड़कर आसन का अपमान किया और गुंडागर्दी का नंगा नाच सदन के भीतर खेला। इनके खिलाफ स्पीकर के पास याचिका लंबित है। इसलिए जयराम को उनकी चिंता करनी चाहिए। CM के बयान से गरमाई हिमाचल की सियासत मुख्यमंत्री के इस बयान ने प्रदेश की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में बीजेपी के नौ विधायकों पर विधानसभा स्पीकर कार्रवाई कर सकते हैं। अभी विधानसभा में दलीय स्थिति वर्तमान में बीजेपी के पास 27 विधायक और कांग्रेस के पास 38 एमएलए है, जबकि तीन पर उप चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में यदि बीजेपी के 9 विधायकों की सदस्यता जाती है तो नौ सीटों पर उप चुनाव तय है। CPS को लेकर नेता प्रतिपक्ष बार बार बोल रहे हमला वहीं जयराम ठाकुर भी बार बार छह CPS की सदस्यता जाने की बात कह रहे है। बीजेपी के 11 विधायकों ने सुक्खू सरकार द्वारा लगाए गए छह CPS को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है। ऐसे में यदि हाईकोर्ट इनकी सदस्यता को रद्द करता है तो इनकी सीटों पर भी उप चुनाव हो सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
सुजानपुर में भारी बारिश से लैंडस्लाइड:23 गांवों में पेयजल की सप्लाई बंद; 4 से 5 फुट नीचे मलबे में दबी पाइप लाइन
सुजानपुर में भारी बारिश से लैंडस्लाइड:23 गांवों में पेयजल की सप्लाई बंद; 4 से 5 फुट नीचे मलबे में दबी पाइप लाइन हमीरपुर जिले के सुजानपुर में भारी बारिश के कारण 23 गांव में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। अब इन गांवों के हजारों लोगों को अगले तीन या चार दिन तक पानी की सप्लाई नहीं मिल पाएगी। भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हो जाने के कारण यह समस्या सामने आ गई है। जल शक्ति विभाग के एसडीओ का कहना है कि युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है और जल्द से जल्द इस सप्लाई को बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंसला के पास जमीरी खड्ड में भूस्खलन के कारण पनोह, सपाहल और जोल लंबरी पंचायत को जलापूर्ति योजना की मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके परिणामस्वरूप इन पंचायतों के तहत 23 गांवों में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। प्रभावित गांवों में अगले 2-3 दिनों तक पानी की कमी रहेगी। इन गांवों में पानी की समस्या मुख्य पाइप लाइन टूटने से चौरी, पनोह, सपाहल, मुनाना, मझोट, धरोल, भटानी, जियाद, गलोटा, खिउंड, चाम्योला, विहाल, आंसला, भटेरा, ठलकना, छोंटी, खनेउ, सौड, मंधेतर, मरहाना, सैमरिहल, जंद्राल राजपुतान और जंद्राल ब्राह्मणा के लोगों को पानी की समस्या होगी। 4 से 5 फुट नीचे मलबे में दबी पाइप लाइन जल शक्ति विभाग के एसडीओ जितेश कुमार ने बताया कि भूस्खलन होने से से पाइप लाइन 4 से 5 फुट मलबा में दब चुकी है। मलबा गिरने से खड्ड का पानी भी रुक गया है। उसने एक झील का रूप ले लिया है इसलिए इसे बायपास किया जाएगा और 150 मीटर लंबी पाइपलाइन जल्द से जल्द बिछाई जाएगी।
हिमाचल राज्यपाल के बयान पर मंत्री नेगी का पलटवार:बोले- चुनावी वादा पूरा करने को है सरकार; नेता-प्रतिपक्ष को चाटुकारिता न करने की नसीहत
हिमाचल राज्यपाल के बयान पर मंत्री नेगी का पलटवार:बोले- चुनावी वादा पूरा करने को है सरकार; नेता-प्रतिपक्ष को चाटुकारिता न करने की नसीहत हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के बयान पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार किया है। जगत नेगी ने कहा, नौतोड़ नियम में प्रावधान है कि जिन जनजातीय लोगों के पास 20 बीघा से कम भूमि है, उन्हें 20 बीघा जमीन देने का प्रावधान है। बशर्ते, वह जमीन सरकारी भूमि (अनडिमार्केटेड फॉरेस्ट) हो। जगत नेगी ने कहा, पात्र लोगों को जमीन देने के 12742 केस पेडिंग हो गए हैं। इसके लिए राज्यपाल से 5 बार वह खुद फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट 1980 (FCA) को सस्पेंड करने का आग्रह कर चुके हैं। पूर्व में 3 राज्यपाल पहले भी कर चुके हैं। तब भी जरूरतमंदों को जमीन दी गई है। राज्यपाल के पास FCA सस्पेंड करने की शक्तियां: नेगी जनजातीय लोगों को 20 बीघा तक जमीन देने का प्रावधान 1968 में डॉ. यशवंत सिंह परमार सरकार ने किया था। इसके बाद हजारों लोगों को नौतोड़ जमीन दी गई। मगर FCA एक्ट बनने के बाद गैर जनजातीय क्षेत्र में यह नियम बंद कर दिया गया। मगर ट्राइबल में अभी भी नियम है। इसके लिए राज्यपाल के पास FCA सस्पेंड करने की शक्तियां है। नेगी ने कहा, बहुत सारा इलाका बॉर्डर एरिया के साथ है। ऐसे लोगों को वहीं रोकने व रोजगार के लिए जमीन देनी होगी। इससे जनजातीय परिवारों का उत्थान होगा। गवर्नर को मंत्री का जवाब बता दें कि गवर्नर ने कहा था कि हम किसी का चुनावी वादा पूरा करने को नहीं है। मंत्री जगत नेगी ने इस वक्तव्य को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, चुनी हुई सरकार चुनावी वादा पूरा करने के लिए ही है। जनजातीय क्षेत्र में नौतोड़ बहाली करना कांग्रेस का वादा है। जहां तक शपथ की बात है संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोगों को संविधान की शपथ लेनी पड़ती है। हम निष्पक्ष होकर काम की शपथ लेते हैं। लोकतांत्रित ढंग से अपनी बात को मनाने का संविधान अधिकार देता है। जयराम को नेगी की नसीहत, चाटुकारिता छोड़े जगत नेगी ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा, चाटुकारिता छोड़े और उन्हें सीख देना छोड़े। आप जनजातीय के हित में काम करें। दरअसल, जयराम ठाकुर ने राजभवन पर मंत्री के बयान पर आपत्ति के बाद राजस्व मंत्री पर निशाना साधा था और उन्होंने मुख्यमंत्री से मंत्री पर लगाम करने की मांग की थी। इस पर नेगी ने कहा कि पूर्व सरकार ने पांच साल में केवल एक चहेते व्यक्ति को ही नौतोड़ दिया। अब कांग्रेस नौतोड़ देने की दिशा में आगे बढ़ रही है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने भाजपा को जनजातीय का विरोधी बताया। जयराम हमे सीख न दें। वाइब्रेंट एरिया स्कीम में एक भी पैसा नहीं मिला जगत नेगी ने कहा, कि बॉर्डर इलाके के लिए केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो बजट का प्रावधान था। मगर बीजेपी सरकार बॉर्डर एरिया के लिए वाइब्रेंट विलेज स्कीम लेकर आई। केंद्र से कई मंत्री वाइब्रेंट एरिया में आए। हिमाचल ने 700 करोड़ रुपए की स्कीम इस योजना के तहत केंद्र को भेजी। मगर एक भी रुपया केंद्र ने इस स्कीम में नहीं दिया।
शिमला में कमीशन एजेंड के लाखों रुपए हड़पे:यूपी का सेब कारोबारी नहीं दे रहा 65 लाख, 3 साल में किया करोड़ों का कारोबार
शिमला में कमीशन एजेंड के लाखों रुपए हड़पे:यूपी का सेब कारोबारी नहीं दे रहा 65 लाख, 3 साल में किया करोड़ों का कारोबार शिमला जिले के जुब्बल में एक सेब कमीशन एजेंट के साथ लाखों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि कारोबारी, कमीशन एजेंट को 66 लाख रुपए का भुगतान नहीं कर रहा है। एजेंट की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर , जांच शुरू कर दी है। संदीप कालटा निवासी गांव बराल पोस्ट ऑफिस झारग तहसील रोहड़ू जिला शिमला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि वह फल मंडी खड़ापत्थर और फल मंडी रोहड़ू में कमीशन एजेंट का काम करता है। वर्ष 2021, 2022 और 2023 से वह सेब कारोबारी नफीस मोहम्मद और उसके भाई सगीर की कंपनी को सेब बेच रहा है। यूपी के कारोबारी को बेचे सेब एजेंट ने पुलिस को बताया कि दोनों भाईयों की उतर प्रदेश में गोंडा की फल मंडी में रैनी सी -57 के नाम से दुकान है। उसने इन तीन सालों मोहम्मद सगीर रैनी एंड कंपनी के साथ 1 करोड़ 78 लाख 52 हजार 590 रूपए का कारोबार किया है। जिसमें से उन्होंने 1,13,11,000 रुपए का भुगतान किया है, लेकिन 65,41,590 रुपए का अभी भी आरोपियों के पास बकाया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसने सेब कारोबारी नफीस मोहमद व उनके भाई मोहम्मद सगीर से माल के पैसे लेने के तमाम प्रयास कर लिए, लेकिन वह उसके बावजूद बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। जिस कारण अब उसने परेशान होकर पुलिस को शिकायत दी। उधर, पुलिस ने पुलिस थाना जुब्बल में एजेंट की शिकायत पर सेब कारोबारी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।