शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के दावे पर मुस्लिम समुदाय भड़क गया है। संजौली मस्जिद कमेटी ने इस मामले को तूल देने वालों और बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ वक्फ बोर्ड से कार्रवाई की मांग की है। संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को सर्कुलर जारी कर साफ कहा है कि मस्जिदों में नमाज के अलावा कोई भी गतिविधि न की जाए। ऐसे में बालूगंज मस्जिद में बीते बुधवार को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की मीटिंग कैसे आयोजित की गई? उन्होंने कहा, बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बालूगंज मस्जिद की मीटिंग से उपजा विवाद दरअसल, बीते बुधवार को शिमला के बालूगंज की मस्जिद में मुस्लिम समुदाय की एक मीटिंग हुई। इसमें ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया गया। इस मीटिंग में MC आयुक्त के अवैध मस्जिद को गिराने के फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया गया। इस पर संजौली मस्जिद कमेटी भड़क उठी और कुछ लोगों पर शिमला का माहौल खराब करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। MC आयुक्त ने कमेटी की सिफारिश पर तोड़ने के आदेश दिए संजौली मस्जिद कमेटी और वक्त बोर्ड ने खुद नगर निगम आयुक्त को लिखित में देकर कहा था कि यदि कोर्ट अवैध निर्माण गिराने के आदेश देता है तो वह मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए तैयार है। इसके आधार पर निगम आयुक्त ने अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए। हाशमी बोले-जो अधिकृत नहीं थे, उन्होंने मस्जिद तोड़ने की बात कही वहीं ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता लियाकत अली हाशमी ने कहा, कुछ लोगों ने 2 गुटों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग दिया। फिर MC आयुक्त ने हिंदू संगठनों के दबाव में संजौली मस्जिद की फाइल को खोला और संबंधित पार्टी को कोर्ट में न बुलाकर ऐसे आदमी को बुलाया, जिसने दहशत में आकर मस्जिद को गिराने की पेशकश कर डाली, ऐसी पेशकश करने वाला व्यक्ति इसके लिए अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा, कि आयुक्त ने यह नहीं देखा कि कौन पार्टी है। एक दो लोगों की राय के आधार पर फैसला सुनाया गया है। उन्होंने कहा, मुस्लिमों की इबादत गाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वक्फ बोर्ड ने इमाम को जारी किया नोटिस: कुतुबुद्दीन हिमाचल वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने बताया कि बालूगंज मस्जिद में ऑर्गनाइजेशन की बैठक की सूचना उन्हें मिली है। इसे लेकर बोर्ड ने मस्जिद के इमाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने बीते 24 सितंबर एक सर्कुलर जारी था जिसमें मस्जिद में नमाज के अलावा किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक के आदेश दिए गए थे। क्या है संजौली मस्जिद का विवाद.. आजादी से पहले थी 2 मंजिला मस्जिद दरअसल, संजौली में आजादी से पहले 2 मंजिला मस्जिद थी। साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। बीते 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के MC आयुक्त ने आदेश दे दिए है। मस्जिद का नक्शा पास नहीं मामले ने कैसे पकड़ा तूल? दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि मारपीट करने वाले मस्जिद में जा छिपे। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और विरोध पूरे प्रदेश में होने लगा। इसी मामले में हिंदू संगठनों ने पहले 2 बार संजौली और एक बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर रोष जाहिर किया। 11 सितंबर को में मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के दावे पर मुस्लिम समुदाय भड़क गया है। संजौली मस्जिद कमेटी ने इस मामले को तूल देने वालों और बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ वक्फ बोर्ड से कार्रवाई की मांग की है। संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को सर्कुलर जारी कर साफ कहा है कि मस्जिदों में नमाज के अलावा कोई भी गतिविधि न की जाए। ऐसे में बालूगंज मस्जिद में बीते बुधवार को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की मीटिंग कैसे आयोजित की गई? उन्होंने कहा, बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बालूगंज मस्जिद की मीटिंग से उपजा विवाद दरअसल, बीते बुधवार को शिमला के बालूगंज की मस्जिद में मुस्लिम समुदाय की एक मीटिंग हुई। इसमें ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया गया। इस मीटिंग में MC आयुक्त के अवैध मस्जिद को गिराने के फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया गया। इस पर संजौली मस्जिद कमेटी भड़क उठी और कुछ लोगों पर शिमला का माहौल खराब करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। MC आयुक्त ने कमेटी की सिफारिश पर तोड़ने के आदेश दिए संजौली मस्जिद कमेटी और वक्त बोर्ड ने खुद नगर निगम आयुक्त को लिखित में देकर कहा था कि यदि कोर्ट अवैध निर्माण गिराने के आदेश देता है तो वह मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए तैयार है। इसके आधार पर निगम आयुक्त ने अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए। हाशमी बोले-जो अधिकृत नहीं थे, उन्होंने मस्जिद तोड़ने की बात कही वहीं ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता लियाकत अली हाशमी ने कहा, कुछ लोगों ने 2 गुटों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग दिया। फिर MC आयुक्त ने हिंदू संगठनों के दबाव में संजौली मस्जिद की फाइल को खोला और संबंधित पार्टी को कोर्ट में न बुलाकर ऐसे आदमी को बुलाया, जिसने दहशत में आकर मस्जिद को गिराने की पेशकश कर डाली, ऐसी पेशकश करने वाला व्यक्ति इसके लिए अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा, कि आयुक्त ने यह नहीं देखा कि कौन पार्टी है। एक दो लोगों की राय के आधार पर फैसला सुनाया गया है। उन्होंने कहा, मुस्लिमों की इबादत गाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वक्फ बोर्ड ने इमाम को जारी किया नोटिस: कुतुबुद्दीन हिमाचल वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने बताया कि बालूगंज मस्जिद में ऑर्गनाइजेशन की बैठक की सूचना उन्हें मिली है। इसे लेकर बोर्ड ने मस्जिद के इमाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने बीते 24 सितंबर एक सर्कुलर जारी था जिसमें मस्जिद में नमाज के अलावा किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक के आदेश दिए गए थे। क्या है संजौली मस्जिद का विवाद.. आजादी से पहले थी 2 मंजिला मस्जिद दरअसल, संजौली में आजादी से पहले 2 मंजिला मस्जिद थी। साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। बीते 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के MC आयुक्त ने आदेश दे दिए है। मस्जिद का नक्शा पास नहीं मामले ने कैसे पकड़ा तूल? दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि मारपीट करने वाले मस्जिद में जा छिपे। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और विरोध पूरे प्रदेश में होने लगा। इसी मामले में हिंदू संगठनों ने पहले 2 बार संजौली और एक बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर रोष जाहिर किया। 11 सितंबर को में मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बतौर कैबिनेट मिनिस्टर शामिल किया है। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा इसी महीने 30 जून को अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने उन्हीं की अगुवाई में लड़ा। हिमाचल के बिलासपुर से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा इस समय गुजरात से राज्यसभा के मेंबर हैं। 2 दिसंबर 1960 को जन्मे नड्डा केंद्र सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात को भी साधने की कोशिश की है। 64 साल के नड्डा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं। नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट
हिमाचल में 2007 के विधानसभा में BJP को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद प्रेमकुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के CM बने। उनकी सरकार में नड्डा फॉरेस्ट मिनिस्टर बने, लेकिन उनका धूमल के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। साल 2010 में नड्डा ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राज्यसभा सांसद बनकर दिल्ली शिफ्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और संगठन में काम करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। धूमल सरकार से इस्तीफा देकर दिल्ली जाना नड्डा की लाइफ का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मोदी का नड्डा के घर आना-जाना, शाह के खास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1996 से 1998 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी रहे। नड्डा की उसी समय से उनसे नजदीकियां रही हैं। संगठन का काम करते हुए मोदी जब बिलासपुर जाते तो उनका नड्डा के घर आना-जाना रहता था। साल 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को PM फेस घोषित किया। उसके बाद पार्टी ने जेपी नड्डा को चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा। नड्डा ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में रहते हुए पूरे देश में पार्टी की कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की। मोदी के अलावा वह अमित शाह के भी करीबी रहे हैं। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नड्डा का दूसरा कार्यकाल इसी महीने 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया। पटना में जन्म, स्कूलिंग भी वहीं से
जेपी नड्डा का जन्म हिमाचल प्रदेश नहीं बल्कि बिहार के पटना में हुआ है। नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना यूनिवर्सिटी में टीचर थे। नड्डा का पालन-पोषण और बीए तक की पढ़ाई पटना में ही हुई। एलएलबी के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। बड़ा मंत्रालय मिलना तय
कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद नड्डा को केंद्र में बड़ा पोर्टफोलियो मिलना भी लगभग तय है। वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने नड्डा को अपनी सरकार में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा सौंपा था। 2019 में दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मोदी-शाह ने नड्डा को BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अब मोदी ने नड्डा को फिर से अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है, ऐसे में उन्हें बड़ा मंत्रालय मिलना भी लगभग तय है। नड्डा के कारण अनुराग की छुट्टी
हिमाचल प्रदेश के कोटे से नड्डा के मंत्री बनने के साथ ही, हमीरपुर से 5वीं बार सांसद चुने गए अनुराग ठाकुर की केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हो गई। वर्ष 2019 में मोदी की अगुवाई वाली सरकार में केंद्रीय सूचना
एवं प्रसारण मंत्रालय संभालने वाले अनुराग ठाकुर इस बार भी मंत्रिपद के दावेदार थे लेकिन नड्डा के मिनिस्टर बन जाने के कारण वह चूक गए। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अनुराग ठाकुर को अब भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा भी वर्ष 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। भाजपा ने तीसरी बार हिमाचल की चारों सीटें जीती
इस लोकसभा चुनाव में BJP ने एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें जीती है। 2014 और 2019 में भी पार्टी ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीती थी। इस बार शिमला से सुरेश कश्यप, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज और मंडी से कंगना रनोट सांसद चुनी गईं हैं। चारों सांसद पिछले चार दिन से दिल्ली में ही हैं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में मोदी को बाइक पर घुमाने वाले खट्टर बने मंत्री:दिल्ली का दुकानदार पहले CM और अब केंद्रीय मंत्री बना, गरीबी के कारण नहीं बन पाए डॉक्टर
अनुराग ठाकुर बोले- 100% रोजगार की गारंटी है अग्निवीर स्कीम:सेना को युवा करने के लिए बनाई; चार साल बाद मिलेंगे 25 से 30 लाख
अनुराग ठाकुर बोले- 100% रोजगार की गारंटी है अग्निवीर स्कीम:सेना को युवा करने के लिए बनाई; चार साल बाद मिलेंगे 25 से 30 लाख केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए- अग्निवीर योजना को 100 फीसदी रोजगार की गारंटी बताया। हमीरपुर में मीडिया से बातचीत में अनुराग ने कहा कि अग्निवीर देश की सेना को ओर युवा करने के लिए है। इससे युवाओं को सेना का प्रशिक्षण मिलता है। चार साल सेना में सेवा करने का अवसर मिलता है। अनुराग ठाकुर ने कहा- चार साल की सेवा के बाद 25 फीसदी लोगों को सेना में रखा जाएगा। बाकी के 75 फीसदी लोगों को पहले चार साल तक तनख्वाह मिलेगी। उसके बाद 25 से 30 लाख मिलेगा। फिर उन्हें सेंट्रल आर्म्स फोर्स और राज्य की पुलिस फोर्स में उनके लिए आरक्षण रखा गया है। अनुराग ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकारों ने हमेशा सेना को मजबूत बनाया है। अटल सरकार ने कारगिल युद्ध में शहीद की पार्थिव देह पहली बार घर पहुंचाने का प्रावधान किया। शहीद के परिजनों को पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी व नगद पैसे भी दिए। फिर परमाणु बम का विस्फोट करके दुनियाभर में भारत का कद अटल विहारी वाजपेयी सरकार ने बढ़ाया। अनुराग बोले- ये है मोदी सरकार की रक्षा क्षेत्र में उपलब्धि अनुराग ने कहा- मोदी सरकार ने राफेल विमान भी खरीदा। ब्रह्मोस मिसाइल, आइएनएस, तेजस एयरक्राफ्ट, बुलेट प्रूफ जैकेट खुद बनाया। लड़ाकू विमान के साथ साथ लेटेस्ट हथियार बनाए। वन रेंक, वन पेंशन देकर बड़ी मांग पूरी की अनुराग ने कहा- मोदी सरकार ने वन रेंक, वन पेंशन कर्मचारियों को दिया। कांग्रेस ने तो वन रेंक वन पेंशन भी नहीं दिया। मोदी सरकार ने 1 लाख 20 हजार करोड़ के लाभ दिए। बॉर्डर पर 6800 किलोमीटर लंबी सड़कें, हवाई पटि्टयां व रेलवे लाइन बनाकर सेना को सशक्त किया। अग्निवीर योजना पर अमित शाह भी दे चुके सफाई हिमाचल की हमीरपुर संसदीय सीट में अग्निवीर भर्ती योजना बड़ा मुद्दा बन रही है। खासकर कांग्रेस प्रत्याशी सत्तपाल रायजादा इस मुद्दे को बार बार उठा रहे हैं। इसके बाद अग्निवीर भर्ती योजना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हिमाचल की धरती पर सफाई दे चुके हैं। अब अनुराग ने भी इसे मुद्दा बना रहे विपक्ष पर पलटवार किया है।
हिमाचल में मानसून हुआ एक्टिव:कल-परसो भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, बीते 24 घंटे में नॉर्मल से 83% ज्यादा बादल बरसे
हिमाचल में मानसून हुआ एक्टिव:कल-परसो भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, बीते 24 घंटे में नॉर्मल से 83% ज्यादा बादल बरसे हिमाचल में मानसून लंबे समय बाद एक्टिव हो गया है। प्रदेश में बीते कल नॉर्मल से 83 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जुलाई को 8.8 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन पिछले कल प्रदेश में औसत 16.1 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। मौसम विभाग की माने तो, अगले चार-पांच दिन में अच्छी व प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश होगी। इसे देखते हुए 31 जुलाई को छह जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है, जबकि एक अगस्त के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमौर जिला को यह चेतावनी जारी की गई। इस चेतावनी के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। 24 घंटे में 10 जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बारिश वहीं बीते 24 घंटे के दौरान लाहौल स्पीति और हमीरपुर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे है। कांगड़ा में सबसे ज्यादा 44.6 मिलीमीटर, चंबा में 29.5 मिलीमीटर और शिमला में 28.1 मिलीमीटर बारिश हुई। बिलासपुर में 15.4 मिमी,हमीरपुर में 15.5 मिमी, किन्नौर में 2.5 मिमी, कुल्लू में 7.1 मिमी, मंडी में 15.2 मिमी, सिरमौर में 25.1 मिमी, सोलन में 25 मिमी बारिश हुई। बीते 24 घंटे में तेज बारिश से शिमला, सोलन और किन्नौर में काफी नुकसान हुआ है। शिमला में तीन अलग अलग जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आई। मानसून सीजन में 35 प्रतिशत कम बारिश प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान नॉर्मल से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां पूरे सीजन में नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हो। एक जून से 29 जुलाई तक 339.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 35 प्रतिशत कम यानी 221 मिलीमीटर बादल बरसे है। 425 करोड़ की संपत्ति तबाह प्रदेश में इस मानसून सीजन में 425 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश से 19 मकान पूरी तरह जमीदोज हुए हैं, जबकि 89 मकान को आंशिक क्षति हो चुकी है। इसी तरह 1 दुकान, 85 गौशालाएं और 5 लैबर शेड भी बरसात की भेंट चढ़ चुके हैं।