हिमाचल CM के सामने BJP का प्रदर्शन:बदलना पड़ा रूट; सेंटर यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ देने की मांग, मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की रखी आधारशिला

हिमाचल CM के सामने BJP का प्रदर्शन:बदलना पड़ा रूट; सेंटर यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ देने की मांग, मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की रखी आधारशिला

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के दाड़ी में गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जनसभा स्थल से चंद कदमों की दूरी पर प्रदर्शन किया। इससे मुख्यमंत्री सुक्खू अपना रूट बदलकर जनसभा स्थल पर पहुंचना पड़ा। इसके बाद भाजपा वर्कर जनसभा स्थल की बढ़ने लगे। मगर मौके पर पहले से मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद मंच से बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देने के लिए बुलाया गया। तब जाकर माहौल शांत हो पाया। दरअसल, मुख्यमंत्री सुक्खू दाड़ी बाजार में जनसभा संबोधित करने पहुंचे थे। भाजपा कार्यकर्ता इससे पहले ही धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा के दफ्तर के बाहर इकट्‌ठा होकर नारेबाजी कर रहे थे। इससे बाजार में ट्रैफिक जाम लग गया। बीजेपी वर्कर सेंटर यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार से 30 करोड़ रुपए जारी करने की मांग कर रहे थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दाड़ी में जनसभा संबोधित करने पहुंचे सुक्खू आज धर्मशाला के दाड़ी में आज मुख्यमंत्री सुक्खू की जनसभा रखी गई है। इससे पहले उन्होंने कांगड़ा जिला के ढंगवार में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट की आधारशिला रखी। दाड़ी में सड़क के नीचे मुख्यमंत्री की जनसभा रखी गई है, जबकि सड़क के ऊपर भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के ऑफिस में भाजपा कार्यकर्ता इकट्‌ठे हुए हैं। इससे दाड़ी बाजार में ट्रैफिक जाम लगा है। 225 करोड़ से बनेगा मिल्क प्लांट
ढंगवार में 225 करोड़ रुपए की लागत से मॉडर्न मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है। इसकी प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग करने की क्षमता होगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लगने से कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिला के दूध उत्पादक लाभान्वित होंगे। इन क्षेत्रों में दूध इकट्ठा करने के लिए सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। मिल्क प्लांट में दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध से लेकर दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजरेला चीज जैसे मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार किए जाएंगे। किसानों को मिलेंगे दूध के उचित दाम: DC
कांगड़ा के DC हेमराज बैरवा के अनुसार, यह प्लांट न केवल किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य दिलाएगा, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के माध्यम से पशुपालकों की आय में भी इजाफा होगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला के दाड़ी में गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जनसभा स्थल से चंद कदमों की दूरी पर प्रदर्शन किया। इससे मुख्यमंत्री सुक्खू अपना रूट बदलकर जनसभा स्थल पर पहुंचना पड़ा। इसके बाद भाजपा वर्कर जनसभा स्थल की बढ़ने लगे। मगर मौके पर पहले से मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद मंच से बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन देने के लिए बुलाया गया। तब जाकर माहौल शांत हो पाया। दरअसल, मुख्यमंत्री सुक्खू दाड़ी बाजार में जनसभा संबोधित करने पहुंचे थे। भाजपा कार्यकर्ता इससे पहले ही धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा के दफ्तर के बाहर इकट्‌ठा होकर नारेबाजी कर रहे थे। इससे बाजार में ट्रैफिक जाम लग गया। बीजेपी वर्कर सेंटर यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार से 30 करोड़ रुपए जारी करने की मांग कर रहे थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दाड़ी में जनसभा संबोधित करने पहुंचे सुक्खू आज धर्मशाला के दाड़ी में आज मुख्यमंत्री सुक्खू की जनसभा रखी गई है। इससे पहले उन्होंने कांगड़ा जिला के ढंगवार में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट की आधारशिला रखी। दाड़ी में सड़क के नीचे मुख्यमंत्री की जनसभा रखी गई है, जबकि सड़क के ऊपर भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के ऑफिस में भाजपा कार्यकर्ता इकट्‌ठे हुए हैं। इससे दाड़ी बाजार में ट्रैफिक जाम लगा है। 225 करोड़ से बनेगा मिल्क प्लांट
ढंगवार में 225 करोड़ रुपए की लागत से मॉडर्न मिल्क प्लांट लगाया जा रहा है। इसकी प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग करने की क्षमता होगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लगने से कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिला के दूध उत्पादक लाभान्वित होंगे। इन क्षेत्रों में दूध इकट्ठा करने के लिए सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। मिल्क प्लांट में दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध से लेकर दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजरेला चीज जैसे मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार किए जाएंगे। किसानों को मिलेंगे दूध के उचित दाम: DC
कांगड़ा के DC हेमराज बैरवा के अनुसार, यह प्लांट न केवल किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य दिलाएगा, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के माध्यम से पशुपालकों की आय में भी इजाफा होगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर