मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया जाए। उन्होंने हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के लिए पहले की तरह परिवहन सब्सिडी योजना को भी फिर से शुरू करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परिवहन की लागत काफी अधिक है। उन्होंने निर्यात प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक अधोसंरचना विकास परियोजनाओं, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं तथा प्रमाणन प्रयोगशालाओं के लिए उदार वित्तीय सहायता देने का भी आग्रह किया। पूंजीगत सब्सिडी जारी करने का आग्रह मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस) के तहत पूंजीगत सब्सिडी की लंबित राशि जारी करने तथा आईडीएस के तहत लंबित मामलों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की सभी मागों और मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा तथा प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। ये नेता रहे मौजूद बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया जाए। उन्होंने हिमाचल जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के लिए पहले की तरह परिवहन सब्सिडी योजना को भी फिर से शुरू करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण परिवहन की लागत काफी अधिक है। उन्होंने निर्यात प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक अधोसंरचना विकास परियोजनाओं, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं तथा प्रमाणन प्रयोगशालाओं के लिए उदार वित्तीय सहायता देने का भी आग्रह किया। पूंजीगत सब्सिडी जारी करने का आग्रह मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस) के तहत पूंजीगत सब्सिडी की लंबित राशि जारी करने तथा आईडीएस के तहत लंबित मामलों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की सभी मागों और मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा तथा प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। ये नेता रहे मौजूद बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में दिवाली से पहले खराब होने लगी हवा:5 शहरों का AQI लेवल 100 पार; धूल व पड़ोसी राज्यों की पराली की मार दिवाली से एक दिन पहले हिमाचल में हवा खराब होने लगी है। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बिगड़ रहा है। प्रदेश के 5 शहरों का AQI 100 माइक्रो ग्राम के स्तर को पार कर गया है। इसकी बड़ी वजह धूल और पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली बताई जा रही है। बद्दी का AQI लेवल 177 माइक्रो ग्राम के साथ सबसे खराब हुआ है। हालांकि बीते 25 अक्टूबर को बद्दी में AQI 233 माइक्रो ग्राम पहुंच गया था। मगर तब राज्य के अन्य सभी शहरों में AQI लेवल 100 माइक्रो ग्राम से नीचे था। बीते 28 अक्टूबर को ऊना, पांवटा साहिब और बद्दी में तीन शहरों का AQI 100 पार पहुंचा था। 2 दिन पहले शानदार थी हिमाचल की हवा वहीं दो दिन पहले शिमला, धर्मशाला, मनाली की हवा बिल्कुल साफ सुथरी और इन तीनों शहरों का AQI लेवल 50 माइक्रो ग्राम से कम था। अब तीनों जगह AQI लेवल 50 माइक्रो ग्राम को पार कर गया है। कार्बन क्रेडिट स्टेट हिमाचल में एक साथ 5 शहरों का AQI लेवल 100 पार करना चिंताजनक है। मनाली का AQI 28 से बढ़कर 89 हुआ 2 दिन पहले शिमला का AQI 32 माइक्रो ग्राम था। बीते 24 घंटे में यह बढ़कर 52 माइक्रो ग्राम हो गया। इसी तरह 28 अक्टूबर को मनाली का AQI 28 माइक्रो ग्राम था जो अब 89 माइक्रो ग्राम, धर्मशाला का AQI दो दिन पहले 45 माइक्रो ग्राम से बढ़कर 67 हो गया है। यह दर्शाता है कि प्रदेश के सभी शहरों में हवा का स्तर बिगड़ने लगा है। राहत की बात यह है कि प्रदेश के किसी भी शहर में अभी 200 पार का लेवल नहीं हुआ, जो कि काफी खराब माना जाता है। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में एक महीने से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। इसी तरह पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से उड़ रहे धुएं से भी प्रदेश की हवा खराब हो रही है। क्या होता है AQI AQI वायुमंडल में घुलने वाली खतरनाक गैस को मापने का जरिया है। यह हवा के जरिए गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच जाता है। इससे अस्थमा व सांस के रोगों की शुरुआत होने का भय रहता है। धूल के कारण चर्म रोग और आंखों में भी जलन होती है। दिल्ली में इस कारण आपात जैसे हालात है।
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