हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली से लौटने के बाद DGP अतुल वर्मा और SP संजीव गांधी की अनुशासनहीनता पर एक्शन ले सकते हैं। इन दोनों अधिकारियों के कारण हिमाचल पुलिस की किरकिरी हुई है। SP संजीव गांधी ने पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में DGP द्वारा अदालत में दायर एफिडेविट को गैर जिम्मेदार बताया है। उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में DGP पर कई संगीन आरोप लगाए। डीजीपी कार्यालय के कर्मचारी को चिट्टा तस्करी में संलिप्त बताया। उन्होंने DGP द्वारा शिमला पुलिस के खिलाफ एफिडेविट देने की वजह भी गिनाई। सीएम सुक्खू किरकिरी से नाराज SP ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित पूर्व DGP संजय कुंडू को भी लपेटा है। CM सुक्खू 4 दिन से दिल्ली में हैं। इस मामला में किरकिरी की वजह से वह नाराज है, क्योंकि विपक्ष भी इसे तूल दे रहा है। लिहाजा सीएम आज शिमला पहुंचने के बाद सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग करके सख्त फैसले ले सकते हैं। DGP पर इसलिए कार्रवाई कर सकते हैं सुक्खू सूत्र बताते हैं कि DGP पर भी CM सुक्खू कार्रवाई कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने भी शिमला पुलिस की जांच को कटघड़े में खड़ा किया है। कहा जा रहा है कि पुलिस मुखिया के तौर पर अतुल वर्मा ने जो सवाल कोर्ट में एफिडेविट देकर उठाए है, वह SP के साथ बात करके हल करने चाहिए थे। इससे न केवल हिमाचल पुलिस की छवि खराब हुई है, बल्कि सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। सीबीआई भी आज सकती है शिमला चर्चा है कि आज सीबीआई टीम फिर से शिमला आएगी और एसपी शिमला से केस से संबंधित डॉक्यूमेंट मांगी। बेशक, हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए है। मगर, SP शिमला इस केस को डब बैंच में चुनौती देने की बात कह चुके हैं। गांधी ने बताया कि वह एसएलपी डालकर अदालत को डीजीपी के एफिडेविट की सच्चाई को बताएंगे। विमल नेगी मौत केस से जुड़ा है यह मामला DGP-SP विवाद पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले से जुड़ा हुआ है। दरअसल, विमल नेगी बीते 10 मार्च को अचानक लापता हुए। 18 मार्च को बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में उनका शव मिला। इससे पहले डीजीपी ने विमल नेगी की तलाश के लिए 15 मार्च को डीएसपी अमित कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई। इसमें SHO सदर थाना शिमला धर्मसेन नेगी, SHO पुलिस स्टेशन घुमारवीं अमिता देवी और जांच अधिकारी पुलिस स्टेशन शिमला यशपाल को सदस्य बनाया गया। 19 मार्च को बिलासपुर एम्स में शव का अंतिम संस्कार करवाया गया। 19 मार्च को ही शाम के वक्त परिजनों ने शिमला में पावर कॉरपोरेशन दफ्तर के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया, जो रात 10 बजे तक चलता रहा। परिजनों की मांग पर इन अधिकारियों पर FIR मृतक के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगाए। परिजनों की मांग पर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला थाना में 19 मार्च की शाम को मामला दर्ज किया गया। इसके बाद एमडी और दूसरे डायरेक्टर के नाम भी एफआईआर में जोड़ दिए गए। तब जाकर परिजनों ने धरना समाप्त किया। अगले दिन एसपी शिमला ने जांच के लिए SIT गठित की और आगे की जांच इसी एसआईटी ने की। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली से लौटने के बाद DGP अतुल वर्मा और SP संजीव गांधी की अनुशासनहीनता पर एक्शन ले सकते हैं। इन दोनों अधिकारियों के कारण हिमाचल पुलिस की किरकिरी हुई है। SP संजीव गांधी ने पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में DGP द्वारा अदालत में दायर एफिडेविट को गैर जिम्मेदार बताया है। उन्होंने शनिवार को मीडिया से बातचीत में DGP पर कई संगीन आरोप लगाए। डीजीपी कार्यालय के कर्मचारी को चिट्टा तस्करी में संलिप्त बताया। उन्होंने DGP द्वारा शिमला पुलिस के खिलाफ एफिडेविट देने की वजह भी गिनाई। सीएम सुक्खू किरकिरी से नाराज SP ने मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित पूर्व DGP संजय कुंडू को भी लपेटा है। CM सुक्खू 4 दिन से दिल्ली में हैं। इस मामला में किरकिरी की वजह से वह नाराज है, क्योंकि विपक्ष भी इसे तूल दे रहा है। लिहाजा सीएम आज शिमला पहुंचने के बाद सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग करके सख्त फैसले ले सकते हैं। DGP पर इसलिए कार्रवाई कर सकते हैं सुक्खू सूत्र बताते हैं कि DGP पर भी CM सुक्खू कार्रवाई कर सकते हैं, क्योंकि उन्होंने भी शिमला पुलिस की जांच को कटघड़े में खड़ा किया है। कहा जा रहा है कि पुलिस मुखिया के तौर पर अतुल वर्मा ने जो सवाल कोर्ट में एफिडेविट देकर उठाए है, वह SP के साथ बात करके हल करने चाहिए थे। इससे न केवल हिमाचल पुलिस की छवि खराब हुई है, बल्कि सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। सीबीआई भी आज सकती है शिमला चर्चा है कि आज सीबीआई टीम फिर से शिमला आएगी और एसपी शिमला से केस से संबंधित डॉक्यूमेंट मांगी। बेशक, हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को देने के आदेश दिए है। मगर, SP शिमला इस केस को डब बैंच में चुनौती देने की बात कह चुके हैं। गांधी ने बताया कि वह एसएलपी डालकर अदालत को डीजीपी के एफिडेविट की सच्चाई को बताएंगे। विमल नेगी मौत केस से जुड़ा है यह मामला DGP-SP विवाद पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले से जुड़ा हुआ है। दरअसल, विमल नेगी बीते 10 मार्च को अचानक लापता हुए। 18 मार्च को बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में उनका शव मिला। इससे पहले डीजीपी ने विमल नेगी की तलाश के लिए 15 मार्च को डीएसपी अमित कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई। इसमें SHO सदर थाना शिमला धर्मसेन नेगी, SHO पुलिस स्टेशन घुमारवीं अमिता देवी और जांच अधिकारी पुलिस स्टेशन शिमला यशपाल को सदस्य बनाया गया। 19 मार्च को बिलासपुर एम्स में शव का अंतिम संस्कार करवाया गया। 19 मार्च को ही शाम के वक्त परिजनों ने शिमला में पावर कॉरपोरेशन दफ्तर के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया, जो रात 10 बजे तक चलता रहा। परिजनों की मांग पर इन अधिकारियों पर FIR मृतक के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगाए। परिजनों की मांग पर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला थाना में 19 मार्च की शाम को मामला दर्ज किया गया। इसके बाद एमडी और दूसरे डायरेक्टर के नाम भी एफआईआर में जोड़ दिए गए। तब जाकर परिजनों ने धरना समाप्त किया। अगले दिन एसपी शिमला ने जांच के लिए SIT गठित की और आगे की जांच इसी एसआईटी ने की। हिमाचल | दैनिक भास्कर
