हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना की विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चल रही सभी ओपीडी सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हॉस्पिटल में केमिस्ट सड़क , पुलिस पोस्ट जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। पीठ के कहा कि जब तक चमियाणा हॉस्पिटल तक सड़क की मेटलिंग करके पक्का नहीं कर लिया जाता और सड़क को सुरक्षित तथा वाहन योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी शिमला में ही यह सारी ओपीडी चलाई जाएं। स्वास्थ्य सचिव व PWD विभाग की स्टेटस रिपोर्ट पर दिए आदेश खंड पीठ ने प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग द्वारा हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को लेकर कोर्ट में दायर स्टेट्स रिपोर्ट पर आदेश पारित में कहा कि चमियाणा अस्पताल में केंटीन और वहां तक मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को पहुंचने के लिए अच्छी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है। HRTC ने बसों और स्टाप की कमी का दिया हवाला दोनों विभागों द्वारा कोर्ट को दी गयी स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया था कि आईजीएमसी के प्रधानाचार्य को एचआरटीसी से बसें उपलब्ध करवाने को कहा गया था परंतु एचआरटीसी ने बसों और स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए बसें उपलब्ध करवाने से इंकार कर दिया। चमियाणा अस्पताल परिसर में केमिस्ट की दुकान तक नहीं है। स्टाफ और चिकित्सकों को रहने के आवास नहीं है। तीन किलोमीटर सड़क तक स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि ने वहां कोई पुलिस पोस्ट तक नहीं है।
31 अक्टूबर तक दुबारा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करे विभाग हाइकोर्ट में सुनवाई करते हुए खण्ड पीठ ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव व लोक निर्माण विभाग को 31 अक्टूबर तक पुनः स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश भी दिए। चमियाना में चल रही थी 8 विभागों की ओपीडी बता दें कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना बीते 12 अगस्त से आठ विभागों जिसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलोजी, गैस्ट्रोएनलॉजी, न्यूरोलोजी, नेफ़ॉलोजी, प्लास्टिक सर्जरी व एंडोक्रिनोलोजी विभाग की ओपीडी शिफ्ट हो गयी थी । परंतु हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए ओपीडी सेवाओं को तुंरत बन्द करने का फैसला किया है। अब सभी विभागों की ओपीडी सेवाएं IGMC में ही चलेगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना की विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा दी है। सोमवार को हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चल रही सभी ओपीडी सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हॉस्पिटल में केमिस्ट सड़क , पुलिस पोस्ट जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। पीठ के कहा कि जब तक चमियाणा हॉस्पिटल तक सड़क की मेटलिंग करके पक्का नहीं कर लिया जाता और सड़क को सुरक्षित तथा वाहन योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी शिमला में ही यह सारी ओपीडी चलाई जाएं। स्वास्थ्य सचिव व PWD विभाग की स्टेटस रिपोर्ट पर दिए आदेश खंड पीठ ने प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग के सचिव और लोक निर्माण विभाग द्वारा हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को लेकर कोर्ट में दायर स्टेट्स रिपोर्ट पर आदेश पारित में कहा कि चमियाणा अस्पताल में केंटीन और वहां तक मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को पहुंचने के लिए अच्छी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है। HRTC ने बसों और स्टाप की कमी का दिया हवाला दोनों विभागों द्वारा कोर्ट को दी गयी स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया था कि आईजीएमसी के प्रधानाचार्य को एचआरटीसी से बसें उपलब्ध करवाने को कहा गया था परंतु एचआरटीसी ने बसों और स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए बसें उपलब्ध करवाने से इंकार कर दिया। चमियाणा अस्पताल परिसर में केमिस्ट की दुकान तक नहीं है। स्टाफ और चिकित्सकों को रहने के आवास नहीं है। तीन किलोमीटर सड़क तक स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि ने वहां कोई पुलिस पोस्ट तक नहीं है।
31 अक्टूबर तक दुबारा स्टेट्स रिपोर्ट पेश करे विभाग हाइकोर्ट में सुनवाई करते हुए खण्ड पीठ ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव व लोक निर्माण विभाग को 31 अक्टूबर तक पुनः स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश भी दिए। चमियाना में चल रही थी 8 विभागों की ओपीडी बता दें कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल चमियाना बीते 12 अगस्त से आठ विभागों जिसमें कार्डियोलॉजी, यूरोलोजी, गैस्ट्रोएनलॉजी, न्यूरोलोजी, नेफ़ॉलोजी, प्लास्टिक सर्जरी व एंडोक्रिनोलोजी विभाग की ओपीडी शिफ्ट हो गयी थी । परंतु हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए ओपीडी सेवाओं को तुंरत बन्द करने का फैसला किया है। अब सभी विभागों की ओपीडी सेवाएं IGMC में ही चलेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर