हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:​​​​​​​नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा

हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:​​​​​​​नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार की 7 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा 3-3 सीटें जीतने में कामयाब रही। हिसार से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव जीती हैं। वहीं बरवाला से भाजपा के रणबीर गंगवा, हांसी से विनोद भयाणा, नलवा से रणधीर पनिहार, आदमपुर से पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़ और उकलाना से नरेश सेलवाल चुनाव जीते। खास बात है कि 2019 में भाजपा ने हिसार, नलवा, हांसी सीट ही जीती थी इस बार भी भाजपा ने 3 सीटें जीती हैं, जिसमें नलवा, हांसी और बरवाला शामिल है। इसी तरह कांग्रेस ने 2019 में आदमपुर सीट जीती थी जो इस बार भी कांग्रेस के पास है साथ ही कांग्रेस ने उकलाना और नारनौंद सीट जजपा से छीनी है। इसी तरह भाजपा ने जजपा की बरवाला सीट पर कब्जा किया है। पिछले चुनाव में जजपा ने 3 सीटें हासिल की थी। मगर इस बार जजपा कहीं मुकाबले में भी नजर नहीं आई। अगर 2024 लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो कांग्रेस ने हिसार, हांसी और बरवाला सीट छोड़कर सभी 4 सीट जीती थी मगर इन सीटों में नलवा सीट पर भाजपा परचम लहराने में कामयाब रही। ऐसे बने नए रिकॉर्ड और ऐसे टूट गए
खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने बरसों पुराने रिकॉर्ड को हिसार में तोड़ दिया। कांग्रेस ने जहां 57 साल पुराने आदमपुर के दुर्ग को भेदा तो वहीं नारनौंद में 52 साल के सूखे को भी खत्म किया। आदमपुर में बिश्नोई परिवार 1967 से चुनाव जीतता आ रहा था मगर अबकी बार कांग्रेस के पूर्व आइएएस चंद्रप्रकाश ने उनको हरा दिया। वहीं नारनौंद में अंतिम बार कांग्रेस 1972 में जीती थी। जब जोगेंद्र जोग यहां से विधायक चुने गए थे। अब कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़ चुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने इन दोनों के अलावा उकलाना सीट भी जीती है। उकलाना में कांग्रेस 15 साल बाद कोई विधानसभा चुनाव जीती है। खास बात है कि तब भी कांग्रेस के नरेश सेलवाल ने ही चुनाव जीता था और अब भी नरेश सेलवाल ने ही कांग्रेस से चुनाव जीता है। हिसार सीट भाजपा 10 साल बाद हारी
भाजपा अपने गढ़ हिसार में 10 साल बाद हार गई। भाजपा लगातार 10 साल से चुनाव जीत रही थी। इस बार BJP प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी। जनता को उम्मीद थी कि भाजपा सावित्री जिंदल को टिकट देगी मगर कमल गुप्ता अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण टिकट लेने में कामयाब रहे। इस चुनाव में कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे वह कांग्रेस के रामनिवास राड़ा से भी पीछे रहे। इस चुनाव में सावित्री जिंदल विजयी रही। सावित्री जिंदल को हिसार से 49231 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 30290 वोट और कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले। भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर गौतम सरदाना महज 6831 वोट लेने में ही कामयाब हुए। भाजपा से बागी हुए तरूण जैन को सिर्फ 1135 वोट मिले। हांसी, बरवाला और हिसार में कांग्रेस का सूखा
कांग्रेस हांसी, हिसार और बरवाला में भी जीत को तरस रही है। यहां 2009 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। हांसी में 2009 में अंतिम बार कांग्रेस से विनोद भयाणा जीते थे। विनोद भयाणा अब भाजपा में हैं। 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती थी जो अब भाजपा में हैं। इसी तरह हिसार से 2009 में सावित्री जिंदल कांग्रेस की टिकट पर जीती थी मगर वह अबकी बार निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीत गई। बरवाला पहली बार खिला कमल
भाजपा की बात करें पार्टी ने बरवाला हलके में पहली बार कमल खिलाया है। 2019 में भाजपा के सुरेंद्र पूनिया महज कुछ मतों से बरवाला से हार गए थे और जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। इससे पहले कांग्रेस और इनेलो ही यहां से विधायक बनाती आई है। इस बार भाजपा ने नलवा से विधायक रहे रणबीर गंगवा का स्थान बदलकर बरवाला से टिकट दिया जिससे सबको हैरानी भी हुई मगर रणबीर गंगवा ने बरवाला में मेहनत कर चुनाव उठाया और जीता भी। बरवाला में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली थी। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत दोबारा रंग लाई और विधानसभा चुनाव में पहली बार कमल खिला। नारनौंद हलके से 3 विधायक चुने गए
नारनौंद हलके से अबकी बार भी 3 विधायक चुने गए हैं। पेटवाड़ गांव से कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़, नारनौंद के रामकुमार गौतम की भाजपा से सफीदों हल्के से चुने गए हैं। लोहारी राघो गांव के विनोद भ्याना हांसी से भाजपा के विधायक बने हैं। पिछली बार भी रामकुमार गौतम, विनोद भ्याना और जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। जैसे ही नारनौंद की मतगणना शुरू हुई पहले राउंड से ही कांग्रेस के प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। एक से 6 राउंड में लगातार बढ़त बनाई। सातवें, आठवें ओर बाहर वें राउंड में ही कैप्टन को बढ़त मिली। उसके बाद जस्सी लगातार बढ़त बनाते रहे। जस्सी को बाहरा खाप ओर रोघी खाप में अच्छी बढ़त मिली। नारनौंद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जस्सी पेटवाड़ को 84086 वोट मिले, जबकि भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु को 71836 वोट मिले। जस्सी पेटवाड़ 13086 मत से विजेता रहे। हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार की 7 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा 3-3 सीटें जीतने में कामयाब रही। हिसार से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव जीती हैं। वहीं बरवाला से भाजपा के रणबीर गंगवा, हांसी से विनोद भयाणा, नलवा से रणधीर पनिहार, आदमपुर से पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़ और उकलाना से नरेश सेलवाल चुनाव जीते। खास बात है कि 2019 में भाजपा ने हिसार, नलवा, हांसी सीट ही जीती थी इस बार भी भाजपा ने 3 सीटें जीती हैं, जिसमें नलवा, हांसी और बरवाला शामिल है। इसी तरह कांग्रेस ने 2019 में आदमपुर सीट जीती थी जो इस बार भी कांग्रेस के पास है साथ ही कांग्रेस ने उकलाना और नारनौंद सीट जजपा से छीनी है। इसी तरह भाजपा ने जजपा की बरवाला सीट पर कब्जा किया है। पिछले चुनाव में जजपा ने 3 सीटें हासिल की थी। मगर इस बार जजपा कहीं मुकाबले में भी नजर नहीं आई। अगर 2024 लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो कांग्रेस ने हिसार, हांसी और बरवाला सीट छोड़कर सभी 4 सीट जीती थी मगर इन सीटों में नलवा सीट पर भाजपा परचम लहराने में कामयाब रही। ऐसे बने नए रिकॉर्ड और ऐसे टूट गए
खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने बरसों पुराने रिकॉर्ड को हिसार में तोड़ दिया। कांग्रेस ने जहां 57 साल पुराने आदमपुर के दुर्ग को भेदा तो वहीं नारनौंद में 52 साल के सूखे को भी खत्म किया। आदमपुर में बिश्नोई परिवार 1967 से चुनाव जीतता आ रहा था मगर अबकी बार कांग्रेस के पूर्व आइएएस चंद्रप्रकाश ने उनको हरा दिया। वहीं नारनौंद में अंतिम बार कांग्रेस 1972 में जीती थी। जब जोगेंद्र जोग यहां से विधायक चुने गए थे। अब कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़ चुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने इन दोनों के अलावा उकलाना सीट भी जीती है। उकलाना में कांग्रेस 15 साल बाद कोई विधानसभा चुनाव जीती है। खास बात है कि तब भी कांग्रेस के नरेश सेलवाल ने ही चुनाव जीता था और अब भी नरेश सेलवाल ने ही कांग्रेस से चुनाव जीता है। हिसार सीट भाजपा 10 साल बाद हारी
भाजपा अपने गढ़ हिसार में 10 साल बाद हार गई। भाजपा लगातार 10 साल से चुनाव जीत रही थी। इस बार BJP प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी। जनता को उम्मीद थी कि भाजपा सावित्री जिंदल को टिकट देगी मगर कमल गुप्ता अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण टिकट लेने में कामयाब रहे। इस चुनाव में कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे वह कांग्रेस के रामनिवास राड़ा से भी पीछे रहे। इस चुनाव में सावित्री जिंदल विजयी रही। सावित्री जिंदल को हिसार से 49231 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 30290 वोट और कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले। भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर गौतम सरदाना महज 6831 वोट लेने में ही कामयाब हुए। भाजपा से बागी हुए तरूण जैन को सिर्फ 1135 वोट मिले। हांसी, बरवाला और हिसार में कांग्रेस का सूखा
कांग्रेस हांसी, हिसार और बरवाला में भी जीत को तरस रही है। यहां 2009 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। हांसी में 2009 में अंतिम बार कांग्रेस से विनोद भयाणा जीते थे। विनोद भयाणा अब भाजपा में हैं। 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती थी जो अब भाजपा में हैं। इसी तरह हिसार से 2009 में सावित्री जिंदल कांग्रेस की टिकट पर जीती थी मगर वह अबकी बार निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीत गई। बरवाला पहली बार खिला कमल
भाजपा की बात करें पार्टी ने बरवाला हलके में पहली बार कमल खिलाया है। 2019 में भाजपा के सुरेंद्र पूनिया महज कुछ मतों से बरवाला से हार गए थे और जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। इससे पहले कांग्रेस और इनेलो ही यहां से विधायक बनाती आई है। इस बार भाजपा ने नलवा से विधायक रहे रणबीर गंगवा का स्थान बदलकर बरवाला से टिकट दिया जिससे सबको हैरानी भी हुई मगर रणबीर गंगवा ने बरवाला में मेहनत कर चुनाव उठाया और जीता भी। बरवाला में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली थी। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत दोबारा रंग लाई और विधानसभा चुनाव में पहली बार कमल खिला। नारनौंद हलके से 3 विधायक चुने गए
नारनौंद हलके से अबकी बार भी 3 विधायक चुने गए हैं। पेटवाड़ गांव से कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़, नारनौंद के रामकुमार गौतम की भाजपा से सफीदों हल्के से चुने गए हैं। लोहारी राघो गांव के विनोद भ्याना हांसी से भाजपा के विधायक बने हैं। पिछली बार भी रामकुमार गौतम, विनोद भ्याना और जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। जैसे ही नारनौंद की मतगणना शुरू हुई पहले राउंड से ही कांग्रेस के प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। एक से 6 राउंड में लगातार बढ़त बनाई। सातवें, आठवें ओर बाहर वें राउंड में ही कैप्टन को बढ़त मिली। उसके बाद जस्सी लगातार बढ़त बनाते रहे। जस्सी को बाहरा खाप ओर रोघी खाप में अच्छी बढ़त मिली। नारनौंद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जस्सी पेटवाड़ को 84086 वोट मिले, जबकि भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु को 71836 वोट मिले। जस्सी पेटवाड़ 13086 मत से विजेता रहे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर