लुधियाना | लुधियाना में 5 साल की बच्ची को तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अर्धनग्न अवस्था में कंबल में लिपटी खून से लथपथ लाश से लग रहा है कि उसके साथ रेप किया गया। फिर उसे फेंक दिया गया। घटना थाना मोती नगर के अधीन आते इलाके में मंगलवार सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच की है। घटना के वक्त उसके माता-पिता फैक्ट्री में काम पर गए हुए थे। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। बच्ची के पिता ने बताया कि वह 25 दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसके 3 बच्चे है। वह लोहे की फैक्ट्री में काम पर गया था। तभी उसे फोन आया कि बच्ची छत से गिर गई है। घर पहुंचा तो प|ी ने बताया कि बच्ची के साथ रेप कर उसे छत से फेंका गया है। उसके 10 साल के बेटे ने बताया कि मम्मी के काम पर जाने के बाद वे तीनों भाई-बहन तीसरी मंजिल पर रहने वाली दादी के पास चले गए थे। सुबह 10:30 बजे तक सभी खेल रहे थे। फिर उसकी बहन ने कहा कि वह बाथरूम करने के लिए जा रही है। लेकिन 1 घंटे तक वह नहीं लौटी। उसे पड़ोस के एक बच्चे ने बताया कि उसकी बहन छत से गिर गई है। सीसीटीवी खंगाल रहे एडीसीपी प्रभजोत सिंह विर्क ने अपनी टीम के साथ जांच शुरू कर दी है। पुलिस सभी कमरों की जांच करते हुए एरिया के सीसीटीवी खंगाल रही है।घटना जिस जगह हुई, वहां 120 के करीब मकान हैं। इसमें 400 से ज्यादा लोग रहते हैं। आरोपी भी तीसरी मंजिल का रहने वाला हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। लुधियाना | लुधियाना में 5 साल की बच्ची को तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अर्धनग्न अवस्था में कंबल में लिपटी खून से लथपथ लाश से लग रहा है कि उसके साथ रेप किया गया। फिर उसे फेंक दिया गया। घटना थाना मोती नगर के अधीन आते इलाके में मंगलवार सुबह 10:30 से 11:30 बजे के बीच की है। घटना के वक्त उसके माता-पिता फैक्ट्री में काम पर गए हुए थे। वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। बच्ची के पिता ने बताया कि वह 25 दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसके 3 बच्चे है। वह लोहे की फैक्ट्री में काम पर गया था। तभी उसे फोन आया कि बच्ची छत से गिर गई है। घर पहुंचा तो प|ी ने बताया कि बच्ची के साथ रेप कर उसे छत से फेंका गया है। उसके 10 साल के बेटे ने बताया कि मम्मी के काम पर जाने के बाद वे तीनों भाई-बहन तीसरी मंजिल पर रहने वाली दादी के पास चले गए थे। सुबह 10:30 बजे तक सभी खेल रहे थे। फिर उसकी बहन ने कहा कि वह बाथरूम करने के लिए जा रही है। लेकिन 1 घंटे तक वह नहीं लौटी। उसे पड़ोस के एक बच्चे ने बताया कि उसकी बहन छत से गिर गई है। सीसीटीवी खंगाल रहे एडीसीपी प्रभजोत सिंह विर्क ने अपनी टीम के साथ जांच शुरू कर दी है। पुलिस सभी कमरों की जांच करते हुए एरिया के सीसीटीवी खंगाल रही है।घटना जिस जगह हुई, वहां 120 के करीब मकान हैं। इसमें 400 से ज्यादा लोग रहते हैं। आरोपी भी तीसरी मंजिल का रहने वाला हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फिरोजपुर में नशा तस्कर का घर गिराया:फोरेस्ट लैंड पर अवैध रूप से बनाई गई प्रॉपर्टी ध्वस्त; तीन मामलों में है वांटेड पंजाब में नशे के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए प्रशासन ने फिरोजपुर के झुग्गे हजारा इलाके में एक बड़े नशा तस्कर गुरचरणजीत सिंह उर्फ चन्नी का घर गिरा दिया। आरोपी 25 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार हुआ था और उसे सजा भी सुनाई गई थी। गुरचरणजीत सिंह उर्फ चन्नी एक शातिर नशा तस्कर है, जो लंबे समय से नशे की तस्करी में लिप्त था। पुलिस के मुताबिक, वह पहले भी 25 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया था और 7 साल की सजा काटने के बाद बेल पर बाहर आया था। लेकिन बेल मिलने के बाद वह फरार हो गया और फिर से अवैध गतिविधियों में शामिल हो गया। कैसे हुई कार्रवाई? पंजाब में जारी है नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार नशे की तस्करी को खत्म करने के लिए तस्करों पर नकेल कस रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य में नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि जो भी व्यक्ति नशे के व्यापार में शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण गिराए जाएंगे और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

अबोहर के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी:कई विभागों में लटके ताले, बेहोशी का डॉक्टर न होने से परेशान है सैकड़ों मरीज
अबोहर के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी:कई विभागों में लटके ताले, बेहोशी का डॉक्टर न होने से परेशान है सैकड़ों मरीज जहां एक ओर पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार करते हुए बड़ी संख्या में मोहल्ला क्लीनिक खोले जा रहे हैं।, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी के कारण अबोहर के सरकारी अस्पताल के कई विभागों में ताले लटके हुए है। जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। डॉक्टरों की कमी से परेशान मरीजों ने स्थानीय आप नेताओं और पंजाब सरकार से शीघ्र ही इस ओर ध्यान देने की मांग की है। डॉक्टरों की स्थाई रूप से नहीं हो रही नियुक्त जानकारी के अनुसार अबोहर के सरकारी अस्पताल में बेहोशी का कोई भी डॉक्टर स्थाई रूप से नियुक्त नहीं है। जिसके चलते फाजिल्का से एनथीसिया स्पेशलिस्ट डॉ. भूपेन की ड्यूटी सप्ताह में दो दिन अबोहर के अस्पताल में लगाई गई है। जिसमें वे जनरल ऑपरेशन के अलावा सिजेरियन डिलीवरी और मेजर ऑपरेशन करवाते थे। लेकिन पिछले तीन सप्ताह से अबोहर और फाजिल्का में उनकी ड्यूटी इमरजेंसी वार्ड में लगा दी जाती है। जिससे ऑपरेशन का कार्य पूरी तरह से बंद पड़ा है। परेशान होकर घर लौट रहे मरीज सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन करवाने आने वाले मरीज दिन भर धक्के खाने के बाद अपने घरों को लौट जाते हैं। इस बारे में सरकारी अस्पताल के शल्य चिकित्सक डॉ. गगनदीप सिंह का कहना है कि उनके पास प्रतिदिन करीब 3 मरीज आपरेशन के लिए आते हैं। वहीं तीन सप्ताह में 60 से अधिक महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी के केस वे फाजिल्का, जलालबाद और फरीदकोट रेफर कर चुके हैं। इतना ही नहीं करीब 30 से अधिक नसबंदी व पित्त की पथरी आदि के रोगी ऑपरेशन के इंतजार में हैं। लेकिन एनथीसिया का डॉक्टर न होने के कारण ऑपरेशन का कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़ा है। बेहोशी वाले डॉक्टर की कमी का शिकार हो रही गांव मम्मूखेड़ा निवासी वीरपाल कौर ने बताया कि वह पित्त की पथरी के ऑपरेशन के लिए पिछले तीन सप्ताह से अस्पताल के चक्कर लगा रही है। यहां कभी डॉक्टर नहीं होता तो कभी उसकी रिपोर्ट पुरानी हो जाती है। जबकि पैसों के अभाव में वह प्राइवेट अस्पताल में अपना उपचार नहीं करवा सकती। हड्डी ऑपरेशन के 100 मरीज पेंडिंग- डाॉ. माजी सरकारी अस्पताल के प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सनमान माजी से बात करने पर उन्होंने बताया कि हड्डियों से संबंधित विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन करवाने वाले करीब 80 मरीज पहले ही लाईन में थे। जबकि पिछले तीन सप्ताह से एनथीसिया का डॉक्टर न होने के कारण करीब 20 नए मरीजों की भी फाईलें जमा हो चुकी है। इनमें घुटनों, जोड़ों और कूल्हे आदि बदलने के मरीज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बेहोशी वाले डॉक्टर की कमी के कारण सिर्फ हड्डियों से संबंधित ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के ऑपरेशन वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने भी पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग से शीघ्र ही अबोहर में स्थाई तौर पर एनथीसिया डॉक्टर की नियुक्ति करने की मांग की है ताकि ऑपरेशन के लिए दर-दर की ठोकरें खाने वाले मरीजों को राहत मिल सके। निजी अस्पतालों में जा रहे डिलीवरी केस सरकारी अस्पताल में पिछले करीब दो वर्षों से महिला रोग विशेषज्ञ की कमी के कारण सिजेरियन डिलीवरी निजी अस्पतालों में जा रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अबोहर के अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के बारे में कोई ध्यान नहीं दिया। इस बारे में आशा वर्कर यूनियन की प्रधान अंजू रानी व सीतो गुन्नों की प्रधान संतोष रानी का कहना है कि जच्चा-बच्चा विभाग की माहिर नर्सों द्वारा सभी प्रकार के प्रसव मामलों में नॉर्मल डिलीवरी करवाने का प्रयास किया जाता है जिसमें वे पूरी तरह से सफल भी हो रही है। लेकिन कई ऑपरेशन योग्य प्रसूताओं को जब फरीदकोट, फाजिल्का और जलालाबाद रेफर किया जाता है। बाहर जाने की परेशानियों से बचने के लिए वे स्थानीय निजी नर्सिंग होम में चली जाती हैं। जिसके लिए आशा वर्करों को दोषी ठहराया जाता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अबोहर के सरकारी अस्पताल में एनथीसिया और महिला रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति शीघ्र ही करनी चाहिए। क्या कहते हैं एनथीसिया स्पेशलिस्ट डॉ. भूपेन इस बारे में एनथीसिया स्पेशलिस्ट डा. भूपेन से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे सप्ताह में दो दिन अबोहर के अस्पताल में ड्यूटी देते हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें कभी इमरजेंसी वार्ड में तो कभी कहीं और नियुक्त कर दिया जाता है जिससे वे ऑपरेशन थिएटर तक नहीं पहुंच पाते। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दिन उनकी ड्यूटी ऑपरेशन थिएटर में लगाई जाए तो काफी मरीजों के ऑपरेशन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। लेकिन अन्य डॉक्टरों की कमी के कारण वे ऑपरेशन थिएटर में अपना समय नहीं दे पाते। जबकि वे दो दिनों में ही अधिकतर मरीजों के ऑपरेशन करवाने का प्रयास करते थे। नेताओं के आपसी तालमेल न होने का खामियाजा भुगत रहे लोग इसे अबोहर के लोगों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां पर कभी भी सत्ताधारी पार्टी का विधायक नहीं मिला। जिससे यह क्षेत्र हमेशा ही विकास कार्यों में पीछे रहा है। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बारे में भी यहां के विधायक, सांसद और हल्का इंचार्ज का आपस में तालमेल नहीं है। क्योंकि विधायक संदीप जाखड़ कांग्रेस से जीत कर भाजपा के साथ मिल गए, सांसद शेर सिंह घुबाया कांग्रेस से हैं। जबकि हल्का इंचार्ज आम पार्टी के हैं। ऐसे में तीनों का तालमेल न होने का खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। इधर लोगों ने पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा है कि अगर सही मायनों स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है तो मोहल्ला क्लिनिक की बजाए मुख्य अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरी करवाई जाए ताकि हर वर्ग के लोगों को समय पर उचित उपचार मिल सके

ऑपरेशन सिंदूर के बाद करतारपुर कॉरिडोर बंद:श्रद्धालुओं को चेक पोस्ट से लौटाया; आतंकी हमले के बाद तीर्थ यात्रियों की संख्या घटी थी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद करतारपुर कॉरिडोर बंद:श्रद्धालुओं को चेक पोस्ट से लौटाया; आतंकी हमले के बाद तीर्थ यात्रियों की संख्या घटी थी पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद गुरदासपुर स्थित करतारपुर कॉरिडोर बंद कर दिया गया है। यहां से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए जाते हैं। बुधवार को भी 491 श्रद्धालुओं ने करतारपुर साहिब जाना था। इनमें से 170 श्रद्धालु डेरा बाबा नानक में इमिग्रेशन चेक पोस्ट से वापस लौटा दिए गए। पहलगाम हमले के बाद भारत से पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटाने के फैसले के बावजूद इस कॉरिडोर पर तब रोक नहीं लगाई गई थी। हालांकि एयर स्ट्राइक के बाद अब इसे अगले आदेश तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। 9 नवंबर 2019 को शुरू हुआ था कॉरिडोर
भारत-पाक सीमा पर स्थित यह कॉरिडोर 9 नवंबर 2019 को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर खोला गया था। पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तानी पंजाब के नारोवाल जिले में स्थित श्री दरबार साहिब गुरुद्वारे तक 4.5 किमी लंबा रास्ता है। दोनों देशों के बीच इस कॉरिडोर का 2029 तक समझौता हुआ है। जिससे भारतीय तीर्थ यात्री बिना वीजा के करतारपुर साहिब की यात्रा कर सकते हैं। हमले के बाद से ही गिरावट आती गई
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं में कमी आने लगी थी। 23 अप्रैल को जहां 408 श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान गए थे, वहीं 28 अप्रैल को यह संख्या घटकर महज 133 रह गई। यानी 6 दिन में यात्रा करने वालों की संख्या में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई। अभी 28 अप्रैल से लेकर 6 मई तक का डेटा सामने नहीं आया है। हालांकि, तब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) के सचिव प्रताप सिंह ने कहा था, “सिखों को डरने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। यात्रा को रद्द न करें।” गुरदासपुर में देर रात धमाका, बमनुमा चीज मिली
उधर, गुरदासपुर के पंधेर गांव में मंगलवार-बुधवार देर रात जोरदार धमाका हुआ। ग्रामीणों को यहां बमनुमा चीज मिली है। पुलिस की टीमों ने उक्त चीज को कब्जे में ले लिया है। सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचे ACP आदित्य ने बताया कि लोगों ने धमाके की आवाज सुनी थी। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। कोई भी संदिग्ध वस्तु मिले तो पुलिस को सूचित करें।