हिसार में लगातार 8 घंटे से तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण शहर के निचले इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। बारिश से शहर के लोगों को जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, वहीं इससे किसानों को फायदा जबरदस्त फायदा होने की संभावना है। बारिश के कारण धान और कपास उत्पादक किसानों को फायदा होगा। वहीं सड़कों पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निचले इलाकों में घरों तक पानी पहुंच गया है। हिसार शहर के दिल्ली रोड, ऑटो मार्केट, कैंप चौक, शांति नगर, मिल गेट रोड, अर्बन एस्टेट, अनाज मंडी रोड, विकास नगर, मॉडल टाउन, विद्युत नगर समेत कई इलाकों में पानी जमा हो गया है। बारिश के कारण लोगों के वाहन सड़क पर ही बंद हो गए। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया था कि एक जुलाई से पूरे हरियाणा में मानसून सक्रिय हो जाएगा। इसके चलते हिसार और आसपास के इलाकों हांसी, बरवाला, आदमपुर और अग्रोहा में तेज बारिश देखने को मिली। अफसरों की कोठियों में घुसा पानी
मॉडल टाउन स्थित जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय पानी में पूरी तरह जलमग्न हो गया। इसी रोड पर पब्लिक हेल्थ के अफसरों के घरों में पानी खड़ा हो गया। अर्बन एस्टेट और सत्या एन्कलेव जैसे पॉश इलाकों में पानी मुख्य मार्गों पर जमा हो गया। सबसे ज्यादा बुरा हाल हिसार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले दिल्ली रोड का है। यहां 3 फुट पानी सड़कों पर जमा है। दावा किया जा रहा था कि इस रोड पर बरसाती नाले की सफाई का काम किया गया है मगर एक बारिश ने उन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। देखिये बारिश के बाद सड़कों पर भरा पानी… दिल्ली रोड पर बरसाती नाले के ऊपर से गुजर रहा पानी दिल्ली रोड स्थित सत्या एन्कलेव का मुख्य रास्ता पानी में पूरी तरह डूबा… दिल्ली रोड स्थित सत्या एन्कलेव का मुख्य रास्ता पानी में पूरी तरह डूबा… मॉडल टाउन की तरफ जाने वाली सड़क पर खड़ा पानी… मॉडल टाउन की तरफ जाने वाली सड़क पर खड़ा पानी… धान की रोपाई पकड़ेगी जोर, लागत खर्च कम होगा
किसानों को बारिश से फायदा ही फायदा है। मानसून की अच्छी बारिश होने से धान की रोपाई जोर पकड़ेगी। किसानों को बारिश का इंतजार था। इससे खेत में नमी बढ़ेगी और पानी लगाने का खर्च कम होगा। वैसे तो हरियाणा में 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो चुकी है, लेकिन फिर भी किसानों को बरसात का इंतजार रहता है, ताकि खेत में नमी हो। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस बार धान की बिजाई बढ़ने की संभावना है। वहीं, खेत तैयार करने में 3 से 4 बार बुवाई करनी पड़ती है और खाद का खर्च भी अलग से लगता है। किसानों का मानना है कि धान की फसल को उगाने में ही 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है। हिसार में लगातार 8 घंटे से तेज बारिश हो रही है। बारिश के कारण शहर के निचले इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। बारिश से शहर के लोगों को जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, वहीं इससे किसानों को फायदा जबरदस्त फायदा होने की संभावना है। बारिश के कारण धान और कपास उत्पादक किसानों को फायदा होगा। वहीं सड़कों पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निचले इलाकों में घरों तक पानी पहुंच गया है। हिसार शहर के दिल्ली रोड, ऑटो मार्केट, कैंप चौक, शांति नगर, मिल गेट रोड, अर्बन एस्टेट, अनाज मंडी रोड, विकास नगर, मॉडल टाउन, विद्युत नगर समेत कई इलाकों में पानी जमा हो गया है। बारिश के कारण लोगों के वाहन सड़क पर ही बंद हो गए। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया था कि एक जुलाई से पूरे हरियाणा में मानसून सक्रिय हो जाएगा। इसके चलते हिसार और आसपास के इलाकों हांसी, बरवाला, आदमपुर और अग्रोहा में तेज बारिश देखने को मिली। अफसरों की कोठियों में घुसा पानी
मॉडल टाउन स्थित जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय पानी में पूरी तरह जलमग्न हो गया। इसी रोड पर पब्लिक हेल्थ के अफसरों के घरों में पानी खड़ा हो गया। अर्बन एस्टेट और सत्या एन्कलेव जैसे पॉश इलाकों में पानी मुख्य मार्गों पर जमा हो गया। सबसे ज्यादा बुरा हाल हिसार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले दिल्ली रोड का है। यहां 3 फुट पानी सड़कों पर जमा है। दावा किया जा रहा था कि इस रोड पर बरसाती नाले की सफाई का काम किया गया है मगर एक बारिश ने उन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। देखिये बारिश के बाद सड़कों पर भरा पानी… दिल्ली रोड पर बरसाती नाले के ऊपर से गुजर रहा पानी दिल्ली रोड स्थित सत्या एन्कलेव का मुख्य रास्ता पानी में पूरी तरह डूबा… दिल्ली रोड स्थित सत्या एन्कलेव का मुख्य रास्ता पानी में पूरी तरह डूबा… मॉडल टाउन की तरफ जाने वाली सड़क पर खड़ा पानी… मॉडल टाउन की तरफ जाने वाली सड़क पर खड़ा पानी… धान की रोपाई पकड़ेगी जोर, लागत खर्च कम होगा
किसानों को बारिश से फायदा ही फायदा है। मानसून की अच्छी बारिश होने से धान की रोपाई जोर पकड़ेगी। किसानों को बारिश का इंतजार था। इससे खेत में नमी बढ़ेगी और पानी लगाने का खर्च कम होगा। वैसे तो हरियाणा में 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो चुकी है, लेकिन फिर भी किसानों को बरसात का इंतजार रहता है, ताकि खेत में नमी हो। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस बार धान की बिजाई बढ़ने की संभावना है। वहीं, खेत तैयार करने में 3 से 4 बार बुवाई करनी पड़ती है और खाद का खर्च भी अलग से लगता है। किसानों का मानना है कि धान की फसल को उगाने में ही 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर