हरियाणा के हिसार जिले में बास क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में लगने वाली सुंदर ब्रांच व पेटवाड डिस्ट्रीब्यूटरी नहर में पानी नही आने से परेशान किसानों ने सोमवार को भिवानी-चंडीगढ़ हाइवे जाम कर दिया। किसानों ने बास के तहसीलदार कृष्ण कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। तहसीलदार ने किसानों के सामने ही सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से फोन पर बात की। उन्होंने 27 जुलाई तक पानी आने की बात कही तो किसान भड़क गए। किसान अमित मोर, कुलदीप, दलजीत सिंह, श्रीभगवान, फतेह सिंह, मोनू, राजेंद्र, बलवान, राजेश, रामदिया, सूरजभान, फूल कुमार, जगबीर, भलेराम, नन्हा, नीरज व नरेंद्र इत्यादि किसानों ने बताया कि बास अकबरपुर, बास बादशाहपुर, बास खुर्द, बास आजमशाहपुर, रोशन खेड़ा, सोरखी, सीसर, खरबला, सिंघवा खास, मदनहेड़ी, मोहला व पुट्ठी सहित अन्य गांव में सुंदर ब्रांच नहर का पानी लगता है। वही आधा दर्जन गांवों में पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूटरी नहर का पानी लगता है। बास क्षेत्र में इस बार बारिश भी बहुत कम हुई है। क्षेत्र की हजारों एकड़ फसल नहर में पानी न होने की वजह से सूखने की कगार पर है। जिसके कारण किसानों की दशा अति दयनीय हो रही है। पिछले 10 वर्षों से किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसकी वजह से किसानों की फासले बर्बाद हो रही है। पिछले 6 महीने में हर महीने केवल तीन से चार दिन ही पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण इस क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल सूखे की मार झेल रही है। बास क्षेत्र के लगभग 10 गांवों के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। जिसके चलते बास क्षेत्र के किसान ने सोमवार को बास के तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। करीब आधा घंटा बाद किसानों ने जाम खोल दिया। जाम के दौरान भिवानी चंडीगढ़ रोड पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। तहसीलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि क्षेत्र के किसानों द्वारा नहरी पानी की समस्या को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। हमने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा पीछे से पानी की कमी का कारण बताया है। 27 जुलाई तक नहरों में पानी आने की संभावना है। हरियाणा के हिसार जिले में बास क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में लगने वाली सुंदर ब्रांच व पेटवाड डिस्ट्रीब्यूटरी नहर में पानी नही आने से परेशान किसानों ने सोमवार को भिवानी-चंडीगढ़ हाइवे जाम कर दिया। किसानों ने बास के तहसीलदार कृष्ण कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा। तहसीलदार ने किसानों के सामने ही सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से फोन पर बात की। उन्होंने 27 जुलाई तक पानी आने की बात कही तो किसान भड़क गए। किसान अमित मोर, कुलदीप, दलजीत सिंह, श्रीभगवान, फतेह सिंह, मोनू, राजेंद्र, बलवान, राजेश, रामदिया, सूरजभान, फूल कुमार, जगबीर, भलेराम, नन्हा, नीरज व नरेंद्र इत्यादि किसानों ने बताया कि बास अकबरपुर, बास बादशाहपुर, बास खुर्द, बास आजमशाहपुर, रोशन खेड़ा, सोरखी, सीसर, खरबला, सिंघवा खास, मदनहेड़ी, मोहला व पुट्ठी सहित अन्य गांव में सुंदर ब्रांच नहर का पानी लगता है। वही आधा दर्जन गांवों में पेटवाड़ डिस्ट्रीब्यूटरी नहर का पानी लगता है। बास क्षेत्र में इस बार बारिश भी बहुत कम हुई है। क्षेत्र की हजारों एकड़ फसल नहर में पानी न होने की वजह से सूखने की कगार पर है। जिसके कारण किसानों की दशा अति दयनीय हो रही है। पिछले 10 वर्षों से किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसकी वजह से किसानों की फासले बर्बाद हो रही है। पिछले 6 महीने में हर महीने केवल तीन से चार दिन ही पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण इस क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल सूखे की मार झेल रही है। बास क्षेत्र के लगभग 10 गांवों के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। जिसके चलते बास क्षेत्र के किसान ने सोमवार को बास के तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। करीब आधा घंटा बाद किसानों ने जाम खोल दिया। जाम के दौरान भिवानी चंडीगढ़ रोड पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। तहसीलदार कृष्ण कुमार ने बताया कि क्षेत्र के किसानों द्वारा नहरी पानी की समस्या को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है। हमने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा पीछे से पानी की कमी का कारण बताया है। 27 जुलाई तक नहरों में पानी आने की संभावना है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कर रहा राजस्थान के हिस्से का पानी इस्तेमाल:पंजाब सरकार ने जताई आपत्ति, लिखा पत्र; 15 दिन में पैमाइश के बाद खुलासा पंजाब द्वारा भाखड़ा नहर से राजस्थान को छोड़े जाने वाले पानी का हरियाणा अपने हिस्से से ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है। यह बात पंजाब द्वारा राजस्थान को छोड़े जाने वाले पानी की 15 दिन में माप के बाद सामने आई है। पानी की माप रिपोर्ट सामने आने के बाद पंजाब जल संसाधन विभाग की ओर से राजस्थान सरकार को पत्र लिखा गया है। साथ ही इस संबंध में पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। राजस्थान ने पहले उठाया था मुद्दा जानकारी के अनुसार, कुछ समय पहले चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की बैठक में राजस्थान की ओर से कम पानी मिलने का मुद्दा उठाया गया था। राजस्थान ने कहा था कि हरियाणा भाखड़ा मेन लाइन से उचित तरीके से पानी नहीं छोड़ रहा है। इसके साथ ही हरियाणा ने दावा किया है कि पंजाब कम पानी दे रहा है। इस कारण हम उस हिसाब से पानी नहीं दे पा रहे हैं। यह भी सामने आया है कि इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से काफी समय पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सरकार ने माप कराई इस मामले के सामने आते ही सरकार ने अपने स्तर पर जांच की। पंजाब सरकार की ओर से हरियाणा को लिखे पत्र में कहा गया है कि भाखड़ा मेन लाइन की शुरुआत से लेकर हरियाणा एंट्री प्वाइंट तक 390 प्वाइंट हैं। जल संसाधन विभाग ने 1 नवंबर से 15 नवंबर तक पानी की माप कराई। इस दौरान भाखड़ा से हर दिन 6062 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जबकि जरूरत 6017 क्यूसेक पानी की थी। इसमें राजस्थान का पानी भी शामिल था। राजस्थान की भाखड़ा मेन लाइन से रोजाना पानी की मांग 623 क्यूसेक है। जबकि उसे 423 क्यूसेक पानी मिल रहा है। इससे साफ है कि राजस्थान को नहर से हर दिन 199 क्यूसेक कम पानी मिल रहा है।
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बिल न चुका सका तो बच्ची गोद देने लगा:हरियाणा के प्राइवेट अस्पताल को देने थे 50 हजार, मैसेज वायरल हुआ तो पिता समेत 2 पर FIR हरियाणा के सोनीपत में 11 दिन की एक नवजात बच्ची को 50 हजार रुपए लेकर गोद देने का प्रयास किया गया। मामला डीसी डॉ. मनोज कुमार के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने बच्ची के पिता और एक अन्य के खिलाफ सिटी थाने में केस दर्ज किया है। प्रशासन के संज्ञान में आया है कि नवजात को गोद देने के लिए एक मैसेज प्रसारित किया गया। इसमें कहा गया कि बच्ची निजी अस्पताल में है। उसके माता-पिता अस्पताल का 40-50 हजार रुपए का बिल देने में असमर्थ हैं। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली से 24 अक्टूबर को सोनीपत डीसी को एक पत्र मिला था। 24 अक्टूबर की तारीख के पत्र में बताया गया कि सोनीपत के गोहाना से एक व्यक्ति सुशील सहगल द्वारा एक मैसेज प्रसारित किया गया है। इसमें 11 दिन की एक नवजात बच्ची को अवैध रूप से गोद देने की बात कही गई है। इसमें पूरे मामले में जांच कराने को कहा गया। अस्पताल का बिल चुकाने में हैं असमर्थ जांच में सामने आया है कि 11 दिन की नवजात लड़की गोहाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल में उसके इलाज का बिल 40 से 50 हजार रुपए हो गया है। बच्ची के माता-पिता इस बिल को चुकाने के काबिल नहीं हैं। इसमें ये भी कहा गया कि अस्पताल का बिल चुकाने में असमर्थता के कारण वे बच्ची को गोद देना चाह रहे हैं। डीसी, जो कि विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल अधिकारी हैं, ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। डीसी ने जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU), जिला बाल संरक्षण अधिकारी (DCPO) और जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) को तुंरत अस्पताल का दौरा करने के निर्देश दिए। टीम को पुलिस व सीएमओ के साथ समन्वय करने काे कहा गया। बाद में डीसीपीयू स्टाफ ने पुलिस कर्मियों और सिविल अस्पताल के आरएमओ को लेकर गोहाना के एक निजी अस्पताल का दौरा किया। बच्ची को निरंतर देखभाल और संरक्षण के लिए निजी अस्पताल से रोहतक पीजीआई रेफर किया गया। टीम ने बच्ची को गोद देने के मामले में नवजात के पिता से बात की तो उसने कहा कि वह चाहता था कि बच्ची को गोद दे दिया जाए। आयोग ने मांगी जांच रिपोर्ट
नवजात बच्ची को अवैध तौर पर गोद देने के प्रयास के मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल संरक्षण आयोग ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13(1)(जे) के तहत संज्ञान लिया। आयोग ने शिशु की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करके मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आदेश दिए कि बच्ची को गोद देने के लिए मैसेज प्रसारित करने के अवैध कार्य में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। डीसी के पत्र पर 2 के खिलाफ FIR
इसके बाद डीसी डॉ. मनोज कुमार ने सोनीपत के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा। डीसी के पत्र के आधार पर पुलिस ने अब गोहाना सिटी थाने में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 80 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने मैसेज डालने वाले सुशील सहगल व बच्ची को गोद देने की बात करने वाले उसके पिता पर केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। फिलहाल अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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