हिसार की जिला अदालत ने 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के दोषी सिकंदर को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक सिंगल की अदालत ने आरोपी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर मार्च 2021 में केस दर्ज किया था। जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 15 मार्च 2021 को वह अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मौजूद थी। उसकी सास का ऑपरेशन हुआ था। रात को उसकी 10 साल की बेटी और उसका पति घर पर सो रहे थे। प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश रात को करीब 12 बजे पति ने फोन कर बताया कि कोई घर में घुस आया और बेटी को बुरी नीयत से उठाकर ले गया। कुछ देर बाद जब वह घर पहुंची तो एक महिला उसकी बेटी को छोड़कर चली गई। उसने बेटी को देखा तो वह काफी डर गई। बाद में पता चला कि सिकंदर उसकी बेटी को घर से उठाकर ले गया था और एक प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने 11 दिसंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। बुधवार शाम को अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई। हिसार की जिला अदालत ने 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के दोषी सिकंदर को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक सिंगल की अदालत ने आरोपी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर मार्च 2021 में केस दर्ज किया था। जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 15 मार्च 2021 को वह अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मौजूद थी। उसकी सास का ऑपरेशन हुआ था। रात को उसकी 10 साल की बेटी और उसका पति घर पर सो रहे थे। प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश रात को करीब 12 बजे पति ने फोन कर बताया कि कोई घर में घुस आया और बेटी को बुरी नीयत से उठाकर ले गया। कुछ देर बाद जब वह घर पहुंची तो एक महिला उसकी बेटी को छोड़कर चली गई। उसने बेटी को देखा तो वह काफी डर गई। बाद में पता चला कि सिकंदर उसकी बेटी को घर से उठाकर ले गया था और एक प्लॉट में ले जाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट व विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने 11 दिसंबर को आरोपी को दोषी करार दिया था। बुधवार शाम को अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर
हिसार में नेताओं की नाराजगी से घटा मतदान:टिकट न मिलने पर हलकों से रहे दूर; बीरेंद्र सिंह-कुलदीप के गढ़ में दिखा असर हरियाणा के हिसार मे इसे संयोग कहा जाए या वर्करों-नेताओं की उदासीनता, जिसके चलते उन विधानसभा क्षेत्रों में 25 मई को हुई मतदान में मतदान प्रतिशत घट गया, जिन हलकों के नेताओं को पार्टियों ने टिकट नहीं दी। इसमें आदमपुर, उचाना और नारनौंद विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन तीनों क्षेत्रों से कई बड़े नेता अपनी पार्टियों में टिकट के दावेदारों में थे। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई और नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं उचाना से बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए हिसार से टिकट मांग रहे थे। मगर इन तीनों को ही कांग्रेस और भाजपा ने टिकट न देकर बाहर से उम्मीदवार लाकर उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि तीनों ही अपनी पार्टियों से नाराज होकर प्रचार से दूर हो गए। हालांकि भाजपा अपने नेताओं को मनाने में कामयाब रही, मगर बीरेंद्र सिंह की नाराजगी अंतिम दिन तक नजर आई। बीरेंद्र और बृजेंद्र सिंह दोनों ही कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश के प्रचार से दूर ही रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। बाहरी उम्मीदवार से जनता नाराज दिखी
आपको बता दें कि हिसार में सभी प्रमुख पार्टियों ने बाहर से कैंडिडेट लाकर मैदान में उतारे। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया। रणजीत चौटाला सिरसा के रहने वाले हैं और सिरसा की रानियां सीट से विधायक थे। इन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा। इसी तरह कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया। जयप्रकाश कैथल जिले की कलायत विधानसभा से आते हैं और यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार जजपा ने नैना को मैदान में उतारा जो सिरसा डबवाली की रहने वाली हैं। वहीं सुनैना चौटाला भी डबवाली से हैं। हालांकि नैना आदमपुर की दड़ौली और सुनैना दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं। मगर लोगों में इसकी नाराजगी दिखी की चारों प्रमुख पार्टियों ने बाहरी लोगों को मैदान में उतारा। पहली बार चुनाव से दूर रहा बिश्नोई परिवार
हिसार लोकसभा में 2009 से लगातार बिश्नोई परिवार चुनाव लड़ता आया है। स्व. भजनलाल ने 2009 में हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई 2011 में हिसार से सांसद चुने गए। 2014 में कुलदीप ने फिर हिसार से चुनाव लड़ा मगर हार गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य को मैदान में उतारा मगर वह हार गए। मगर इस बार बिश्नोई परिवार चुनाव से दूर रहा। इसका असर भी वोटिंग में देखने को मिला। कुलदीप समर्थकों में उत्साह कम देखने को मिला। आदमपुर में 2019 के मुकाबले कम मतदान देखने को मिला। आदमपुर में 2019 में पिछली बार लोकसभा में सबसे अधिक 77.74 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2024 में यह आदमपुर 9.51 प्रतिशत घटकर 68.63 पर पहुंच गया है। वहीं अगर इससे पहले भी देखा जाए तो 2014 में आदमपुर में 78.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार दूर रहा
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के परिवार के चुनाव से दूर रहने और मौजूदा विधायक दुष्यंत चौटाला से हलका वासियों की नाराजगी का असर भी उचाना में देखने को मिला। बीरेंद्र सिंह उचाना से ही बसरों से चुनाव लड़ते आए हैं। उन्होंने इस बार भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था और बेटे के लिए हिसार से टिकट चाहते थे मगर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट कटने से नाराज बीरेंद्र सिंह हिसार चुनाव से दूर हो गए और सिरसा में ही पिता-पुत्र प्रचार करते दिखे। इसका असर उचाना में वोटिंग पैटर्न पर भी पड़ा। उचाना में 2019 के मुकाबले 7.21 प्रतिशत कम मतदान हुआ। 2019 में उचाना में 72.62 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं 2024 में 65.41 प्रतिशत ही वोट पड़े हैं। उकलाना में सैलजा और नारनौंद में कैप्टन की बेरुखी रही
मूलत उकलाना के गांव प्रभुवाला की रहने वाली सैलजा हिसार के चुनाव से दूर रही। वह हिसार से अपने पसंदीदा कैंडिडेट को टिकट दिलाना चाहती थी मगर ऐसा नहीं हुआ। सैलजा को खुद सिरसा से लड़ना पड़ा और हिसार से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जयप्रकाश जेपी को टिकट मिला। इसके कारण सैलजा व उसके समर्थक चुनाव से दूर रहे। वहीं नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से टिकट मांग रहे थे मगर ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण कैप्टन कई दिनों तक प्रचार से दूर रहे। यहां तक की उनके समर्थक भी लगातार चुनाव प्रचार से दूर रहे। इसका असर वोटिंग में भी देखने को मिला। उकलाना और नारनौंद में भी पिछली बार की तुलना में मतदान में गिरावट देखने को मिली। देखें हिसार लोकसभा में चार साल में मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में कहां कितना घटा मतदान हिसार लोकसभा में 2024 और 2019 का वोटिंग प्रतिशत
करनाल में मेरठ रोड पर दर्दनाक हादसा:अज्ञात वाहन ने युवक को कुचला, पेट फटने से हुई मौत
करनाल में मेरठ रोड पर दर्दनाक हादसा:अज्ञात वाहन ने युवक को कुचला, पेट फटने से हुई मौत हरियाणा में करनाल के मेरठ रोड पर एक अज्ञात वाहन ने बाइक सवार युवक को कुचल दिया। वाहन युवक के पेट के ऊपर से गुजरा। जिससे युवक का पेट फट गया और मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच ई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी हाउस में रखवा दिया है। टक्कर लगने के बाद सड़क पर गिरा युवक मृतक की पहचान मॉडल टाउन करनाल निवासी श्याम के रूप में हुई है। राहगीर कमल ने बताया कि युवक बाइक पर था। वह रात करीब 8 बजे मेरठ से करनाल की तरफ जा रहा था। किसी वाहन ने उसकी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक सड़क पर दूसरी तरफ जा गिरा और तेज रफ्तार से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने उसको कुचल दिया। कमल ने बताया कि हादसा होता देख आसपास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए थे। युवक कम से कम 40 मिनट तक सड़क पर ही तड़प रहा था। न तो एंबुलेंस आई और न ही कोई पुलिस आई। जब एंबुलेंस और पुलिस आई तब तक युवक की मौत हो चुकी थी। अगर समय पर कोई एंबुलेंस आ जाती तो शायद मरीज को बचाया जा सकता था। पहले तो युवक की पहचान नहीं हो पा रही थी, लेकिन जब पुलिस द्वारा उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से पर्स मिला और पर्स में आधार कार्ड था। जिसके आधार पर पहचान हो पाई। सड़क पर अंधेरा और हादसे राहगीरों की माने तो मेरठ रोड पर अक्सर हादसे होते रहते है। यहां पर किसी तरह की कोई स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। कई बार अधिकारियों को गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन कोई कोई भी सुनने वाला नहीं है। हादसे होते रहते है लेकिन लाइट की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं होता है। मामला किया गया दर्ज मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी विजय पाल ने बताया कि युवक की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया है। सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा।
बवानी खेड़ा में पेयजल संकट पर भड़के ग्रामीण:आदर्श गांव बलियाली के जलघर को लगाया ताला; विधायक-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
बवानी खेड़ा में पेयजल संकट पर भड़के ग्रामीण:आदर्श गांव बलियाली के जलघर को लगाया ताला; विधायक-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी हरियाणा के भिवानी जिले के बवानीखेड़ा के अंतर्गत गांव बलियाली में पानी की समस्या को लेकर गुरुवार को ग्रामीणों ने जलघर को ताला जड़ दिया। ग्रामीणों ने इसके बाद स्थानीय विधायक व विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं पब्लिक हेल्थ के कनिष्ट अभियंता ने बताया कि नहर में पानी कम आने के कारण टयूबवेलों के सहारे काम चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सुंदर नहर में पानी काफी समय से न आने ओर आने पश्चात पीछे से पूरा पानी छोड़ने के कारण जलघरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा। आदर्श गांव बलियाली में भी पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण परेशान नजर आए। बताया जाता है कि टयूबवेलों के खारे पानी की सप्लाई को बंद करवा दिया। वहीं अन्य दो ट्यूबवेल के सहारे सप्लाई की व्यवस्था करवाई जा रही थी। ग्रामीणों की मानें तो जलघर गंदगी से लबालब हैं, पानी की भारी कमी है। प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा। नहर का पानी जलघर में न पहुंचने व हर घर में पानी की बिगड़ती व्यवस्था को देखकर ग्रामीणों ने जलघर को ताला जड़कर स्थानीय विधायक व विभाग के खिलाफ रोष प्रदर्शन कियाl वर्जन- इस बारे में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ट अभियंता सचिन कौशिक ने बताया कि नजर में पानी की कमी के कारण जलघर में पानी नहीं पहुंच पा रहा जिसमें वे कुछ नहीं कर सकते। हालांकि वे ट्यूबवेल के सहारे गांव में सप्लाई करवाने का कार्य कर रहे हैं।