हिसार जिले में अबकी बार भाजपा 2 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। हांसी के लिए इस बार अलग से जिलाध्यक्ष चुना गया है। BJP की ओर से नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है। हिसार से पूर्व जिलाध्यक्ष रहीं आशा खेदड़ और हांसी से मौजूदा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। दोनों की नेता काफी पुराने समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। हिसार से जिलाध्यक्ष बनी आशा खेदड़ फतेहाबाद की चुनाव अधिकारी भी थीं। अशोक सैनी और आशा खेदड़ का पार्टी कार्यालय में अभिनंदन किया गया। चुनाव अधिकारी सीमा त्रिखा और पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने दोनों जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया। आशा खेदड़ इससे पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं। पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला के साथ विवाद के चलते पार्टी ने अध्यक्ष पद से हटाकर अशोक सैनी को तब जिलाध्यक्ष बनाया गया था। रणजीत चौटाला ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद भीतरघात के आरोप लगाए थे और आशा खेदड़ सहित कई नेताओं पर आरोप लगाए थे। वहीं जिलाध्यक्ष के पद पर दोबारा आसीन होने के बाद आशा खेदड़ ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा “वैलकम बैक”। BJP ने सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया
खास बात यह रही कि BJP ने जिलाध्यक्ष के नामों के ऐलान में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया था। हिसार से जिलाध्यक्ष बनाई गई आशा खेदड़ एससी समुदाय से आती हैं और इनकी शादी जाट परिवार में हुई है। आशा खेदड़ को महिला होने के साथ-साथ दो जातियों का भी फायदा मिला। आशा खेदड़ रिजर्व सीट उकलाना से चुनाव लड़ चुकी हैं। वहीं हांसी से अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष बनाकर ओबीसी वोटरों को साधने का प्रयास किया है। हिसार में ओबीसी आबादी 20.09% है। अकेले सैनी समुदाय के 58 हजार वोटर हैं। जो हिसार और हांसी विधानसभा में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हिसार में 56 और हांसी में 13 नेताओं ने आवेदन किया था
हिसार में भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया के तहत जिला अध्यक्ष के लिए रविवार को नेताओं से आवेदन लिए गए थे। भाजपा कार्यालय में नेताओं की भीड़ देखने को मिली थी। हिसार व हांसी जिला अध्यक्ष के लिए 69 से ज्यादा नेताओं ने आवेदन किया है। हिसार में 56 और हांसी में 13 नेताओं के आवेदन आए थे। हिसार जिला अध्यक्ष अशोक सैनी ने हांसी, पूर्व जिला अध्यक्ष आशा खेदड़ ने हिसार से आवेदन किया था। वहीं पूर्व जिला महामंत्री सरोज सिहाग, संजीव रेवाड़ी, रामचंद्र गुप्ता, रतन सैनी, मनीष अहलावादी, राजकुमार इंदौरा, रामफल नैन, जिला उपाध्यक्ष रणधीर धीरू, नेहा धवन, जयवीर माजरा, धर्मवीर रतेरिया आदि नेताओं ने आवेदन किए थे। हिसार में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश
हिसार में विधायक सावित्री जिंदल वैश्य समाज से हैं। मेयर प्रवीण पोपली पंजाबी समाज से आते हैं। ऐसे में तीसरे सबसे बड़े वोटर ओबीसी से अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष व एससी समुदाय से आशा खेदड़ को जिलाध्यक्ष बनाया है। हिसार में जाट वोटर सबसे ज्यादा हैं। ये कुल का 32 फीसदी हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोटर करीब 23 फीसदी आबादी के साथ दूसरे नंबर पर हैं। इनमें 1 लाख 20 हजार ब्राह्मण, 96 हजार पंजाबी, 84 हजार कुम्हार, 62 हजार वैश्य, 58 हजार सैनी, 51 हजार बिश्नोई, 52 हजार जांगड़ा, 35 हजार ओड, 32 हजार अहीर, 28 हजार सैन, 21 हजार गुर्जर, 17 हजार नायक, 17 हजार लोहार, 14 हजार सुनार तथा करीब साढ़े 10 हजार सिंधी मतदाता हैं। रणजीत चौटाला से विवाद के बाद आशा खेदड़ की कुर्सी गई थी
2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष रहीं आशा खेदड़ का रणजीत चौटाला के साथ विवाद हो चुका है। इस विवाद के चलते कार्यकाल पूरा करने से 8 महीने पहले ही उनको हटा दिया गया था। रणजीत चौटाला हिसार से BJP के प्रत्याशी थे। रणजीत चौटाला हिसार से लोकसभा चुनाव हार गए थे। रणजीत चौटाला ने चुनाव हारने के बाद इंटरनल रिपोर्ट BJP हाईकमान को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में रणजीत चौटाला ने BJP जिलाध्यक्ष पर बड़े नेताओं के लिए काम करने का आरोप लगाया था। रणजीत चौटाला ने आरोप लगाए थे कि आशा खेदड़ ने पूरे चुनाव में हिसार के सभी 22 मंडलों का दौरा नहीं किया है। लोकसभा चुनाव में भी वे अपने निर्वाचन क्षेत्र उकलाना में निष्क्रिय रहीं। वहीं चुनावी आंकड़े बताते हैं कि उकलाना विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला बुरी तरह पिछड़ गए। आशा खेदड़ ने रणजीत चौटाला का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। यही कारण था कि रणजीत चौटाला ने भी अपनी रिपोर्ट में हार के लिए जिला अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया था। हिसार जिले में अबकी बार भाजपा 2 जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। हांसी के लिए इस बार अलग से जिलाध्यक्ष चुना गया है। BJP की ओर से नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है। हिसार से पूर्व जिलाध्यक्ष रहीं आशा खेदड़ और हांसी से मौजूदा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। दोनों की नेता काफी पुराने समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। हिसार से जिलाध्यक्ष बनी आशा खेदड़ फतेहाबाद की चुनाव अधिकारी भी थीं। अशोक सैनी और आशा खेदड़ का पार्टी कार्यालय में अभिनंदन किया गया। चुनाव अधिकारी सीमा त्रिखा और पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने दोनों जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया। आशा खेदड़ इससे पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुकी हैं। पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला के साथ विवाद के चलते पार्टी ने अध्यक्ष पद से हटाकर अशोक सैनी को तब जिलाध्यक्ष बनाया गया था। रणजीत चौटाला ने लोकसभा चुनाव हारने के बाद भीतरघात के आरोप लगाए थे और आशा खेदड़ सहित कई नेताओं पर आरोप लगाए थे। वहीं जिलाध्यक्ष के पद पर दोबारा आसीन होने के बाद आशा खेदड़ ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा “वैलकम बैक”। BJP ने सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया
खास बात यह रही कि BJP ने जिलाध्यक्ष के नामों के ऐलान में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया था। हिसार से जिलाध्यक्ष बनाई गई आशा खेदड़ एससी समुदाय से आती हैं और इनकी शादी जाट परिवार में हुई है। आशा खेदड़ को महिला होने के साथ-साथ दो जातियों का भी फायदा मिला। आशा खेदड़ रिजर्व सीट उकलाना से चुनाव लड़ चुकी हैं। वहीं हांसी से अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष बनाकर ओबीसी वोटरों को साधने का प्रयास किया है। हिसार में ओबीसी आबादी 20.09% है। अकेले सैनी समुदाय के 58 हजार वोटर हैं। जो हिसार और हांसी विधानसभा में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हिसार में 56 और हांसी में 13 नेताओं ने आवेदन किया था
हिसार में भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया के तहत जिला अध्यक्ष के लिए रविवार को नेताओं से आवेदन लिए गए थे। भाजपा कार्यालय में नेताओं की भीड़ देखने को मिली थी। हिसार व हांसी जिला अध्यक्ष के लिए 69 से ज्यादा नेताओं ने आवेदन किया है। हिसार में 56 और हांसी में 13 नेताओं के आवेदन आए थे। हिसार जिला अध्यक्ष अशोक सैनी ने हांसी, पूर्व जिला अध्यक्ष आशा खेदड़ ने हिसार से आवेदन किया था। वहीं पूर्व जिला महामंत्री सरोज सिहाग, संजीव रेवाड़ी, रामचंद्र गुप्ता, रतन सैनी, मनीष अहलावादी, राजकुमार इंदौरा, रामफल नैन, जिला उपाध्यक्ष रणधीर धीरू, नेहा धवन, जयवीर माजरा, धर्मवीर रतेरिया आदि नेताओं ने आवेदन किए थे। हिसार में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश
हिसार में विधायक सावित्री जिंदल वैश्य समाज से हैं। मेयर प्रवीण पोपली पंजाबी समाज से आते हैं। ऐसे में तीसरे सबसे बड़े वोटर ओबीसी से अशोक सैनी को जिलाध्यक्ष व एससी समुदाय से आशा खेदड़ को जिलाध्यक्ष बनाया है। हिसार में जाट वोटर सबसे ज्यादा हैं। ये कुल का 32 फीसदी हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोटर करीब 23 फीसदी आबादी के साथ दूसरे नंबर पर हैं। इनमें 1 लाख 20 हजार ब्राह्मण, 96 हजार पंजाबी, 84 हजार कुम्हार, 62 हजार वैश्य, 58 हजार सैनी, 51 हजार बिश्नोई, 52 हजार जांगड़ा, 35 हजार ओड, 32 हजार अहीर, 28 हजार सैन, 21 हजार गुर्जर, 17 हजार नायक, 17 हजार लोहार, 14 हजार सुनार तथा करीब साढ़े 10 हजार सिंधी मतदाता हैं। रणजीत चौटाला से विवाद के बाद आशा खेदड़ की कुर्सी गई थी
2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष रहीं आशा खेदड़ का रणजीत चौटाला के साथ विवाद हो चुका है। इस विवाद के चलते कार्यकाल पूरा करने से 8 महीने पहले ही उनको हटा दिया गया था। रणजीत चौटाला हिसार से BJP के प्रत्याशी थे। रणजीत चौटाला हिसार से लोकसभा चुनाव हार गए थे। रणजीत चौटाला ने चुनाव हारने के बाद इंटरनल रिपोर्ट BJP हाईकमान को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में रणजीत चौटाला ने BJP जिलाध्यक्ष पर बड़े नेताओं के लिए काम करने का आरोप लगाया था। रणजीत चौटाला ने आरोप लगाए थे कि आशा खेदड़ ने पूरे चुनाव में हिसार के सभी 22 मंडलों का दौरा नहीं किया है। लोकसभा चुनाव में भी वे अपने निर्वाचन क्षेत्र उकलाना में निष्क्रिय रहीं। वहीं चुनावी आंकड़े बताते हैं कि उकलाना विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला बुरी तरह पिछड़ गए। आशा खेदड़ ने रणजीत चौटाला का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। यही कारण था कि रणजीत चौटाला ने भी अपनी रिपोर्ट में हार के लिए जिला अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
