उत्तराखंड में सिखों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू होगी। यात्रा से पहले रास्ते को बर्फ से साफ करने और तैयार करने के लिए भारतीय सेना की टीम गुरुद्वारा गोविंदघाट पहुंच गई है और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। इस बार सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह पवित्र तीर्थयात्रा 22 मई को पंज प्यारों के नेतृत्व में पहले जत्थे की रवानगी होगी। जिसके बाद ये यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी। इस धार्मिक समारोह की भव्यता को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एस. गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सहित कई मंत्री और संत समाज एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब परिसर, ऋषिकेश में आकर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। 15 हजार फुट की ऊंचाई पर है गुरुद्वारा साहिब गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधन ट्रस्ट सभी अतिथियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत और सम्मान की तैयारियां की गईं हैं। करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंट साहिब के कपाट 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले सेना की एक टीम ने इलाके का सर्वेक्षण किया ताकि बर्फ हटाने और रास्ता बनाने का काम सुरक्षित और प्रभावी तरीके से शुरू किया जा सके। उत्तराखंड में सिखों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू होगी। यात्रा से पहले रास्ते को बर्फ से साफ करने और तैयार करने के लिए भारतीय सेना की टीम गुरुद्वारा गोविंदघाट पहुंच गई है और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। इस बार सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यह पवित्र तीर्थयात्रा 22 मई को पंज प्यारों के नेतृत्व में पहले जत्थे की रवानगी होगी। जिसके बाद ये यात्रा पूर्ण रूप से शुरू हो जाएगी। इस धार्मिक समारोह की भव्यता को बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एस. गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सहित कई मंत्री और संत समाज एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब परिसर, ऋषिकेश में आकर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। 15 हजार फुट की ऊंचाई पर है गुरुद्वारा साहिब गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधन ट्रस्ट सभी अतिथियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत और सम्मान की तैयारियां की गईं हैं। करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंट साहिब के कपाट 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले सेना की एक टीम ने इलाके का सर्वेक्षण किया ताकि बर्फ हटाने और रास्ता बनाने का काम सुरक्षित और प्रभावी तरीके से शुरू किया जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
