लखनऊ के हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल में मंगलवार को कार्डियक कैथलैब, एंडोस्कोपी सुइट के साथ साथ ब्लड बैंक सुविधा की शुरुआत हुई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन सुविधाओं का मंगलवार को औपचारिक उद्घाटन किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक ऐसा कार्य है, जिसे ईश्वरीय काम का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर मरीजों का उपचार करने के साथ ही उन्हें मानसिक और भावनात्मक समर्थन तो देते ही हैं साथ ही उन मरीजों को एक नई जिंदगी भी प्रदान करते हैं। बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर जाहिर की चिंता लंबे समय से तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों पर यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चिंता जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोगों की बदलती जीवनशैली, खराब आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी आना और मानसिक तनाव हृदय रोगों को बढ़ावा देता है। उन्होंने सभी से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ साथ खानपान में सुधार करने, नियमित व्यायाम करने और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। 4 अगस्त को सीएम योगी ने किया था शुभारंभ हेल्थ सिटी विस्तार का शुभारंभ बीते साल 4 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। हॉस्पिटल के एमडी डॉ. संदीप कपूर के मुताबिक बेहद किफायती दामों पर विश्वस्तरीय उपचार प्रदान किया जा रहा। नई कार्डिएक कैथ लैब गोमती नगर एक्सटेंशन के निवासियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, क्योंकि यह यहां से बहुत नजदीक है। हेल्थ सिटी विस्तार में ऑर्थोपेडिक्स, स्पोर्ट्स इंजरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, बर्न यूनिट, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, पीडियाट्रिक सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, NICU, PICU और CCU जैसी बेहद खास चिकित्सीय सुविधाओं से लैस है। लखनऊ के हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल में मंगलवार को कार्डियक कैथलैब, एंडोस्कोपी सुइट के साथ साथ ब्लड बैंक सुविधा की शुरुआत हुई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन सुविधाओं का मंगलवार को औपचारिक उद्घाटन किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एक ऐसा कार्य है, जिसे ईश्वरीय काम का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर मरीजों का उपचार करने के साथ ही उन्हें मानसिक और भावनात्मक समर्थन तो देते ही हैं साथ ही उन मरीजों को एक नई जिंदगी भी प्रदान करते हैं। बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर जाहिर की चिंता लंबे समय से तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों पर यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चिंता जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोगों की बदलती जीवनशैली, खराब आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी आना और मानसिक तनाव हृदय रोगों को बढ़ावा देता है। उन्होंने सभी से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ साथ खानपान में सुधार करने, नियमित व्यायाम करने और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। 4 अगस्त को सीएम योगी ने किया था शुभारंभ हेल्थ सिटी विस्तार का शुभारंभ बीते साल 4 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। हॉस्पिटल के एमडी डॉ. संदीप कपूर के मुताबिक बेहद किफायती दामों पर विश्वस्तरीय उपचार प्रदान किया जा रहा। नई कार्डिएक कैथ लैब गोमती नगर एक्सटेंशन के निवासियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, क्योंकि यह यहां से बहुत नजदीक है। हेल्थ सिटी विस्तार में ऑर्थोपेडिक्स, स्पोर्ट्स इंजरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, बर्न यूनिट, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, पीडियाट्रिक सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, NICU, PICU और CCU जैसी बेहद खास चिकित्सीय सुविधाओं से लैस है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Uttarakhand: साइबर हमलों के बीच ITDA की कार्यक्षमता पर संकट, केंद्र से मदद की गुहार <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) को हाल ही में साइबर हमलों का सामना करना पड़ा, जिससे इसकी कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा. आईटीडीए का ढांचा पिछले साल संशोधित किया गया था, जिसमें 45 नए पद सृजित किए गए थे. इसके बाद एजेंसी ने 11 विशेषज्ञों की भर्ती और प्रतिनियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था, लेकिन अपेक्षित आवेदक न मिलने के कारण यह भर्ती प्रक्रिया अधूरी रह गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस समय आईटीडीए केवल तीन अधिकारियों के भरोसे चल रहा है, जिनमें से सिर्फ एक अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञ है. बाकी के दो अधिकारी एक आईएएस निदेशक और वित्त नियंत्रक हैं, जिनका तकनीकी विशेषज्ञता से कोई सीधा संबंध नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुनर्गठन के बाद सृजित पदों के बावजूद विशेषज्ञों की कमी ने आईटीडीए की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है. हाल ही में हुए साइबर हमले के दौरान केंद्रीय एजेंसियों को भी इस कमी का सामना करना पड़ा. एक साधारण कार्य जिसे 24 घंटे में पूरा किया जा सकता था, विशेषज्ञों की अनुपलब्धता के कारण तीन दिन में पूरा हो पाया. इस समस्या को देखते हुए अब आईटीडीए का ढांचा फिर से संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आईटी सचिव नितेश झा ने बताया कि आईटी की बढ़ती जरूरतों के आधार पर नया प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. इस नए ढांचे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साइबर हमलों से बचाव के लिए जरूरी उपाय भी शामिल किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आईटीडीए के ढांचे की कमी का एक अन्य बड़ा उदाहरण यह है कि बेंगलुरु की आईटीआई लिमिटेड, जिसे दो साल पहले डिजास्टर रिकवरी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, अब तक आईटीडीए के डेटा का बैकअप नहीं ले पाई है. नतीजतन, हाल के साइबर हमले के दौरान डिजास्टर रिकवरी प्रक्रिया को भी प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा सका. अब आईटी विभाग ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है और डिजास्टर रिकवरी के लिए एक नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने का अनुरोध किया है. केंद्र सरकार की सूचीबद्ध 18 एजेंसियों में से किसी एक को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेषज्ञों और स्टाफ की कमी ने आईटीडीए की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एजेंसी की साइबर सुरक्षा, तकनीकी विशेषज्ञता और डिजास्टर रिकवरी में सुधार के लिए नए ढांचे की सख्त जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.</p>
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उत्तराखंड में कांवड़ मेला का हुआ समापन, हरिद्वार के डीएम-एसपी ने किया भगवान शिव का जलाभिषेक
उत्तराखंड में कांवड़ मेला का हुआ समापन, हरिद्वार के डीएम-एसपी ने किया भगवान शिव का जलाभिषेक <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Kanwar Yatra 2024:</strong> उत्तराखंड में जारी कांवड़ मेले का आज समापन हो गया. हरिद्वार के डीएम धीराज गर्ब्याल और एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोभाल ने भगवान शिव को जलाभिषेक कर मेले का समापन किया. इस बार कांवड़ मेला अच्छे से और शांति प्रिय तरीके से संपन्न हुआ. डीएम हरिद्वार ने बताया कि मेले में करोड़ों की संख्या में शिव भक्त पहुंचे थे इस बार हजारोंकी संख्या में राज्य कर्मचारी इस मेले में लगे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस और राजस्व कर्मचारियों ने मिलकर इस मेले को अच्छे से संपन्न कराया. बता दें कि हर वर्ष सावन के महीने में बड़ी संख्या में कांवड़िए उत्तराखंड पहुंचते हैं. खासकर शिवरात्रि के दिन तक कावड़ यात्री भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में उत्तराखंड पहुंच रहे. कांवड़ियों को लेकर सुचारू व्यवस्थाएं करना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना रहता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गढ़वाल के आईजी ने दी पुलिस प्रशासन को बधाई </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आज शिवरात्रि के पावन पर्व पर कांवरियों की तरफ से जलाभिषेक कर ये यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हुई, जिसको लेकर आईजी गढ़वाल के एस नगन्याल ने पुलिस प्रशासन को बधाई दी और सराहना की है. उन्होंने कहा की इस बार अभी तक साढ़े चार करोड़ के आस पास कावड़िए उत्तराखंड आए, जिसका फाइनल आंकड़ा जल्द सामने आएगा. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/02/d92cda2fd603e8c92537f4bf7081f7d51722614158894664_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आईजी ने कहा कि कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरी कावड़ यात्रा इस बार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है. दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रियों के आने के बाद भी हाईवे खुला रखना भी, उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. पिछले वर्षों तक जाम की स्थिति पैदा होती थी या फिर लंबे समय तक जाम रहता था और संघर्ष करके डाइवर्ट करके रूट खोलना पड़ता था, जोकि इस बार देखने को नहीं मिला. वहीं पुलिस दिन रात मिलकर पूरी कर्मठता के साथ ड्यूटी में लगे रहे. यही वजह है कि शांतिपूर्ण तरीके से कांवड़ मेला संपन्न हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम धामी ने भी दी बधाई </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यात्रा संपन्न होने पर बधाई दी है. सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस बार कांवड़ मेले को संपन्न करने के लिए काफी अच्छा काम किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”प्रवर समिति को क्यों भेजा गया नजूल संपत्ति विधेयक, BJP विधायकों ने ही किया था विरोध” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/nazul-property-bill-sent-select-committee-bjp-mla-oppose-at-up-assembly-2752093″ target=”_self”>प्रवर समिति को क्यों भेजा गया नजूल संपत्ति विधेयक, BJP विधायकों ने ही किया था विरोध</a></strong></p>
गोरखपुर में राप्ती नदी के रौद्र रूप ने डराया, खतरे के निशान को किया पार, बाढ़ का खतरा मंडराया
गोरखपुर में राप्ती नदी के रौद्र रूप ने डराया, खतरे के निशान को किया पार, बाढ़ का खतरा मंडराया <p style=”text-align: justify;”><strong>Gorakhpur News:</strong> पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश की वजह से अब उत्तर प्रदेश में कई नदियां उफान पर हैं तो वहीं कई नदियां का जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर गया है. नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान को पार गई है. बर्डघाट पर राप्ती नदी खतरे के निशान से तीन सेमी ऊपर बह रही है. ज्यादा पानी आने की वजह से जलस्तर में और बढ़ोतरी आ सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गुरुवार सुबह गोरखपुर में राप्ती खतरे के निशान से 3 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 को पार कर 75.010 आरएल मीटर पर पहुंच गई. सुबह 8:00 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी ख़तरे के निशान को पार गई तो वहीं प्रदेश की दूसरी नदियों का भी यही हाल है. घाघरा नदी अयोध्या पुल के पास खतरे के निशान 92.73 से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खतरे के निशान के पार पहुंची राप्ती नदी</strong><br />इसके अलावा घाघरा नदी तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 से 13 सेंटीमीटर बह रही है को वहीं रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 से 1 मीटर नीचे बह रही है. इसी तरह कुआनो मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 से 1.3 मीटर नीचे और गुर्रा पिंडरा में खतरा बिंदु 70.50 से 45 सेमी नीचे बह रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की टीमें पहले से ही अलर्ट मोड़ पर है. नदी का पानी कई निचले इलाक़ों में भरने लगा है. जिसके बाद आसपास के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. राप्ती नदी में पानी भरने की वजह से बुधवार को राजघाट के गुरु गोरखनाथ घाट की सीढ़ियां भी पानी में डूब गईं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बाढ़ की परिस्थिति निपटने के लिए प्रशासन की ओर से निचले इलाक़ों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के इंतज़ाम भी किए गए हैं. बारिश और बढ़ते जलस्तर की वजह से प्रदेश के 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. सरकार की ओर से बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>