पंजाब के होशियारपुर जिले के गोलियां गांव निवासी एक युवक की सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने भारत सरकार से शव को सऊदी अरब से गांव लाने की गुहार लगाई है। मृतक 2 बहनों का इकलौता भाई था। परिजनों ने की शव भारत लाने की मांग गढ़शंकर क्षेत्र के गोलियां गांव निवासी परमजीत सिंह थिंद के 26 वर्षीय बेटे परमदीप सिंह थिंद की साऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक परमदीप सिंह के ताया अवतार सिंह और बहनें दलवीर कौर और जसविंदर कौर ने ग्रामीणों की मौजूदगी में बताया कि परमदीप सिंह 30 नवंबर 2023 को सऊदी अरब गया था, और वह वहां गाड़ी चलाता था। हाल ही में उन्हें सऊदी अरब से एक व्यक्ति का फोन आया कि परमदीप सिंह की मौत हो गई है। बता दें कि परमदीप सिंह थिंद के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। अब परिजनों ने भारत सरकार से शव को गांव लाने की मांग की है। जिससे परमदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया जा सके। पंजाब के होशियारपुर जिले के गोलियां गांव निवासी एक युवक की सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने भारत सरकार से शव को सऊदी अरब से गांव लाने की गुहार लगाई है। मृतक 2 बहनों का इकलौता भाई था। परिजनों ने की शव भारत लाने की मांग गढ़शंकर क्षेत्र के गोलियां गांव निवासी परमजीत सिंह थिंद के 26 वर्षीय बेटे परमदीप सिंह थिंद की साऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक परमदीप सिंह के ताया अवतार सिंह और बहनें दलवीर कौर और जसविंदर कौर ने ग्रामीणों की मौजूदगी में बताया कि परमदीप सिंह 30 नवंबर 2023 को सऊदी अरब गया था, और वह वहां गाड़ी चलाता था। हाल ही में उन्हें सऊदी अरब से एक व्यक्ति का फोन आया कि परमदीप सिंह की मौत हो गई है। बता दें कि परमदीप सिंह थिंद के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। अब परिजनों ने भारत सरकार से शव को गांव लाने की मांग की है। जिससे परमदीप सिंह का अंतिम संस्कार किया जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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CAA के तहत 20 अफगानी सिखों को मिली नागरिकता:32 साल का इंतजार हुआ खत्म; अधिकतर अमृतसर, लुधियाना के, 380 केस पैंडिंग 1992 में पहली अफगान वामपंथी सरकार के गिरने के बाद भारत में प्रवेश करने वाले 400 अफगानी सिखों में से 20 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता मिल गई है। इनमें से अधिक अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में बसे हैं। जबकि अभी भी 380 के करीब केस केंद्र सरकार के पास पैंडिंग पड़े हुए हैं। परिवारों से बातचीत के बाद पता चला कि 32 साल पहले 1992 में अफगानिस्तान का माहौल खराब होने के बाद करीब 400 अफगान सिख भारत आ गए थे। कई अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में बस गए। जबकि कुछ ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपना डेरा बसाया। भारत में शरण लेने वाले इन सिख परिवारों को रहने के लिए अपना वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। हालांकि, 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों के लिए लांग टर्म वीजा (LTV) मानदंडों में काफी ढील दी। जिसे देखते हुए 1955 नागरिकता एक्ट के तहत आवेदन कर दिए गए, लेकिन तब से इनके आवेदन केंद्र के पास पेंडिंग पड़े थे। CAA के तहत दिए आवेदन बीते माह इन अफगान सिखों ने गृह मंत्रालय भारत सरकार से 1955 एक्ट के आवेदनों को CAA में बदलने की याचिका दायर की। ये याचिका अप्रैल महीने के की गई। जिसके बाद केंद्र ने इनके आवेदनों पर विचार किया और अब 20 अफगानी सिखों को भारतीय नागरिकता मिल गई है। कई खो चुके हैं अपने डॉक्यूमेंट 1992 में भारत में आने वाले कई अफगान सिख अपने डॉक्यूमेंट्स खो चुके हैं। कइयों के पास पासपोर्ट नहीं हैं तो कई अपने जरूरी डॉक्यूमेंट खो चुके हैं। परिवारों ने बताया कि पहले आवेदन करने के लिए राज्य सरकारों का हस्ताक्षेप होता था, लेकिन CAA में उसे हटा दिया गया। जिसके चलते उनके आवेदनों पर जल्द कार्रवाई हो रही है। बदल जाएगा भारत में रहना अफगान सिख बीते 32 सालों से भारतीय नागरिकता हासिल करने के जद्दोजहद कर रहे थे। इन्हें हर साल अपना लांग टर्म वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। जिसके लिए कभी चंडीगढ़ तो कभी दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते थे। इनमें से कई इतने बुजुर्ग हो चुके हैं कि उनके लिए दिल्ली जाना आसान नहीं होता था। कई भारतीय नागरिकता के इंतजार में अपनी जान भी गवां चुके हैं। लेकिन अब जब इन्हें भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट मिल चुके है, ये पासपोर्ट एप्लाई कर सकते हैं और भारतीय पहचान पत्र बनवा सकते हैं। बंगलादेश को देखकर डर का माहौल अमृतसर में भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले एक परिवार से दैनिक भास्कर की टीम ने संपर्क किया। उनके परिवार के 8 के करीब सदस्यों भारतीय नागरिकता मिली है। लेकिन, वे ना खुशी जाहिर करना चाहते हैं और ना अधिक बात करना चाहते हैं। उनका कहना है कि अभी भी उनके परिवार के कई सदस्यों को CAA के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया चल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बांग्लादेश में माहौल खराब हो चुका है। अगर कहीं भारतीय सरकार ने उन्हें नागरिकता देना रोक दिया तो उनके भाई-बहनों को कई साल फिर से इंतजार करना होगा।
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पंजाब में रुकी AB-PMJA योजना:नड्डा ने कहा- दिल्ली में पार्टी की जयकार करना छोड़े, राज्य की स्थिति पर ध्यान दें सीएम मान
पंजाब में रुकी AB-PMJA योजना:नड्डा ने कहा- दिल्ली में पार्टी की जयकार करना छोड़े, राज्य की स्थिति पर ध्यान दें सीएम मान पंजाब में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन (PHANA) की तरफ से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य (AB-PMJA) योजना के रोके जाने की केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा ने आलोचना की है। इस योजना के अलावा सरकार की सेहत बीमा योजनाओं के तहत कैशलेस उपचार को भी रोक दिया गया है। PHANA ने राज्य सरकार के 600 करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान ना होने पर ये फैसला लिया था। PHNA ने दो दिन पहले ही कहा था कि पंजाब भर में निजी सेहत सुविधाएं इन योजनाओं में केवल तभी भाग लेगी, जब राज्य सरकार बकाया राशि का भुगतान कर देगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब के इन घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आयुष्मान भारत की परिकल्पना आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को सुनिश्चित चिकित्सा कवर के साथ सहायता करने के लिए की गई थी। आज पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के तहत राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण, लोग मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच खो चुके हैं। नड्डा का सीएम मान से सवाल मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री मान की सरकार ने निजी अस्पतालों का बकाया क्यों नहीं चुकाया? चुनाव से पहले, उन्होंने कहा था कि बेहतर क्लिनिक और सेहत केंद्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। लेकिन आज, उनकी सरकार गरीबों के हित के लिए काम नहीं कर सकती है। दिल्ली छोड़ पंजाब पर ध्यान केंद्रित करें मुख्यमंत्री जेपी नड्डा ने सीएम मान पर तंज कंसते हुए कहा कि सीएम मान से अस्पतालों का बकाया जल्द से जल्द चुकाने का आग्रह करता हूं। क्योंकि कई परिवार खासकर हमारे मेहनती किसान, जो आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हो रहे हैं। दिल्ली में पार्टी इकाई की जय-जयकार करने के बजाय, सीएम मान को पंजाब की घटती स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना अच्छा रहेगा।