यूपी में 1 जुलाई से परिषदीय स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शनमुगा सुन्दरम ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है। परिषदीय स्कूलों के संचालन के समय को लेकर शासन और शिक्षा निदेशालय की तरफ से कई आदेश जारी किए गए हैं। 18 जून को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से पहली जुलाई से स्कूलों के संचालन का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किये जाने का आदेश जारी किया गया था। उसी दिन शाम होते-होते स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से स्कूल के संचालन का समय सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक किए जाने के आदेश जारी किये गये। गर्मी की छुट्टियों के बाद परिषदीय स्कूल 28 जून से खुल जाएंगे। शुरुआत के दो दिन यानी शुक्रवार 28 जून और शनिवार 29 जून को स्कूल का समय सुबह 7.30 से 10.00 बजे तक रहेगा। उसके बाद सोमवार पहली जुलाई से स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुलेंगे। गर्मी की छुट्टियों के बाद 28 को स्कूल के खुलने से पूर्व स्कूलों का वातावरण बच्चों के लिए आकर्षक और अनुकूल बनाने के लिए स्कूलों को साफ-सफाई कराकर उसे फूल-पत्तियों से सजाया जाएगा। स्कूल पहुंचने पर स्टूडेंट्स का होगा भव्य स्वागत 28 जून को विद्यालय आने वाले बच्चों को रोली-टीका लगाकर स्वागत किया जाएगा। उस दिन मध्याहन भोजन में बच्चों के लिए रूचिकर हलवा, खीर बनाया जाएगा। कक्षा में नये प्रवेश लेने वाले बच्चों का विशेष स्वागत करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इन सब की तैयारियों के लिए शिक्षकों के लिए विद्यालय 25 जून को ही खोला जा चुका है। स्कूलों में साफ-सफाई पर जोर शिक्षकों के लिए जारी निर्देश में कहा गया था कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर पहले परिसर गन्दा मिलेगा। यही कारण हैं कि 25 जून से 27 जून तक परिसर की समुचित साफ- सफाई कराते हुए विद्यालय को सुन्दर और आकर्षक बनाया जाये। घास-फूस और जंगली पौधों की सफाई कराई जाएगी। साथ ही कक्षा कक्षों की फर्श, दीवारें, खिड़की-दरवाजे, ब्लैक बोर्ड आदि की सफाई कराई जाएगी। साथ ही फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, टीएलएम पुस्तकें की साफ-सफाई कराई जाएगी। वहीं स्कूल के भण्डार कक्ष, पानी की टंकी, किचन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई और उन्हें संक्रमित विहीन कराया जाएगा। यूपी में 1 जुलाई से परिषदीय स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शनमुगा सुन्दरम ने बुधवार को यह आदेश जारी किया है। परिषदीय स्कूलों के संचालन के समय को लेकर शासन और शिक्षा निदेशालय की तरफ से कई आदेश जारी किए गए हैं। 18 जून को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से पहली जुलाई से स्कूलों के संचालन का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक किये जाने का आदेश जारी किया गया था। उसी दिन शाम होते-होते स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से स्कूल के संचालन का समय सुबह 7.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक किए जाने के आदेश जारी किये गये। गर्मी की छुट्टियों के बाद परिषदीय स्कूल 28 जून से खुल जाएंगे। शुरुआत के दो दिन यानी शुक्रवार 28 जून और शनिवार 29 जून को स्कूल का समय सुबह 7.30 से 10.00 बजे तक रहेगा। उसके बाद सोमवार पहली जुलाई से स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुलेंगे। गर्मी की छुट्टियों के बाद 28 को स्कूल के खुलने से पूर्व स्कूलों का वातावरण बच्चों के लिए आकर्षक और अनुकूल बनाने के लिए स्कूलों को साफ-सफाई कराकर उसे फूल-पत्तियों से सजाया जाएगा। स्कूल पहुंचने पर स्टूडेंट्स का होगा भव्य स्वागत 28 जून को विद्यालय आने वाले बच्चों को रोली-टीका लगाकर स्वागत किया जाएगा। उस दिन मध्याहन भोजन में बच्चों के लिए रूचिकर हलवा, खीर बनाया जाएगा। कक्षा में नये प्रवेश लेने वाले बच्चों का विशेष स्वागत करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इन सब की तैयारियों के लिए शिक्षकों के लिए विद्यालय 25 जून को ही खोला जा चुका है। स्कूलों में साफ-सफाई पर जोर शिक्षकों के लिए जारी निर्देश में कहा गया था कि गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर पहले परिसर गन्दा मिलेगा। यही कारण हैं कि 25 जून से 27 जून तक परिसर की समुचित साफ- सफाई कराते हुए विद्यालय को सुन्दर और आकर्षक बनाया जाये। घास-फूस और जंगली पौधों की सफाई कराई जाएगी। साथ ही कक्षा कक्षों की फर्श, दीवारें, खिड़की-दरवाजे, ब्लैक बोर्ड आदि की सफाई कराई जाएगी। साथ ही फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, टीएलएम पुस्तकें की साफ-सफाई कराई जाएगी। वहीं स्कूल के भण्डार कक्ष, पानी की टंकी, किचन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई और उन्हें संक्रमित विहीन कराया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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MP: बैंड न बजाने पर सस्पेंड कॉन्स्टेबल्स ने खटखटाया HC का दरवाजा, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
MP: बैंड न बजाने पर सस्पेंड कॉन्स्टेबल्स ने खटखटाया HC का दरवाजा, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला <p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> मध्य प्रदेश के पांच जिलों के 25 पुलिस कॉन्स्टेबल को बैंड न बजाने पर सस्पेंड किया गया है. इन सिपाहियों ने 15 अगस्त की परेड के लिए बैंड प्रशिक्षण में जाने से मना कर दिया था. प्रदेश के पांच जिले मंदसौर, रायसेन, खंडवा, हरदा और सीधी जिले के 25 कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. सस्पेंशन आदेशों में सिपाहियों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में कहा गया कि सस्पेंशन अवधि के दौरान सिपाही नियमों के अनुसार गुजारा भत्ता के हकदार होंगे. वह पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. रायसेन के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि “सिपाहियों को बैंड प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह गायब हो गए. इसके बाद उन्हें सस्पेंशन नोटिस दिया गया और पुलिस लाइन में रहने का आदेश दिया गया, लेकिन वह अभी तक नहीं आए हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस आदेश के बाद कई सिपाहियों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर और ग्वालियर बेंच में याचिका दायर की. जिसमें कहा गया कि उन्होंने पुलिस बैंड में शामिल होने के लिए न तो अपनी सहमति दी थी, न ही उन्होंने इस संबंध में कोई आवेदन दायर किया था. वह कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में रुचि रखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिपाहियों ने दिया ये तर्क </strong><br />सिपाहियों ने तर्क दिया था कि पुलिस बैंड के हिस्से के रूप में उनके नाम का उल्लेख करने वाला आदेश अवैध था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीनियर अधिकारी उनपर दबाव बना रहे हैं. वहीं पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि सिपाहियों से पहले लिखित सहमति मांगी गई थी, लेकिन किसी ने भी सहमति नहीं दी, जिसके कारण एक सामान्य नोटिस जारी किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने खारिज की याचिका</strong><br />इसके बाद उस समय (29 मई) के ग्वालियर बेंच के जस्टिस आनंद पाठक ने पांचों सिपाहियों की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा जब जनता उन्हें सांस्कृतिक और औपचारिक कार्यक्रमों में आमंत्रित करती है तो पुलिस बैंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण को निरंतर कौशल संवर्धन कार्यक्रम के रूप में माना जा सकता है, इसलिए याचिकाकर्ताओं से पहले से सहमति लेने की जरूरत नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम मोहन यादव ने शुरू की ये पहले</strong><br />कोर्ट ने आगे कहा कि पुलिस एक अनुशासित बल है और इसलिए याचिकाकर्ताओं यह दलील नहीं दे सकते कि वे अपनी सहमति के अनुसार कर्तव्यों का पालन करने के हकदार हैं. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद एक अगस्त को जबलपुर के तीन कॉन्स्टेबलों ने अपनी याचिका वापस ले ली. दरअसल, मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की पहल के बाद पुलिस बैंड की शुरुआत हो रही है. प्रदेश में करीब 330 पुलिसकर्मी पुलिस बैंड के सदस्य के रूप में प्रशिक्षित हुए हैं. यह सभी स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जिलों में प्रस्तुति देंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बीते दिन सोमवार को भी उज्जैन में महाकाल की द्वितीय सवारी पर पुलिस बैंड ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी थी. 10 जनवरी से शुरू 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश विशेष सशस्त्र बल के ट्रेनिंग सेंटर सातवीं वाहिनी भोपाल में 100, प्रथम वाहिनी इंदौर में 107 और छठीं वाहिनी जबलपुर में 123 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को बैंड वादन और वाद्ययंत्रों का गहन प्रशिक्षण दिया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इन 330 प्रशिक्षुओं में प्रदेश की सभी बटालियनों के पुलिसकर्मियों को सम्मिलित किया गया, ताकि सभी इकाइयों में बैंड स्थापना के लक्ष्य को जल्द पूरा किया जा सके. प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश के 49 जिलों में 15 अगस्त की परेड को गौरवपूर्ण बनाने के लिए अपने-अपने जिलों में भेजा गया. मध्य प्रदेश में छह जिलों में पहले से ही बैंड दल गठित है. इस प्रकार इस साल प्रदेश के सभी 55 जिलों में बैंड दल के साथ <a title=”स्वतंत्रता दिवस” href=”https://www.abplive.com/topic/independence-day-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>स्वतंत्रता दिवस</a> परेड संपन्न की जाएगी.</p>
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<p><strong>इसे भी पढ़ें:</strong> <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/madan-dilawar-rajasthan-education-minister-touch-retired-pt-teacher-feet-ann-2751158”>राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रिटायर पीटी टीचर के छू लिए पैर, कहा- ये कार्यक्रम मेरे लिए यादगार…</a></strong></p>
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रेप केस में प्रेमी को बरी किया:पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा- शादी का वादा पूरा न करने पर रेप का आरोप सही नहीं
रेप केस में प्रेमी को बरी किया:पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा- शादी का वादा पूरा न करने पर रेप का आरोप सही नहीं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शादी का वादा का शारीरिक संबंध बनाने के मामले में निचली अदालत के प्रेमी को 7 साल कैद की सजा के फैसले को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि वादा पूरा न करने का मतलब हर बार यह नहीं निकाला जा सकता कि वादा झूठा था। दुष्कर्म का मामला तभी बनता है, जब वादे के पीछे धोखे का इरादा हो। फैसले में हाईकोर्ट के जस्टिस हरप्रीत बराड़ ने कहा कि पीड़िता की गवाही के अनुसार वह प्रेमी से एक बार पहले मिली थी। उसी दिन उसने उसके साथ भागने का फैसला कर लिया। ऐसे में यह असंभव सा लगता है कि अपीलकर्ता प्रेमी ने दूसरी बार मिलने में ही शादी का झूठा वादा किया होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता की गवाही से पता चलता है कि आरोपी ने उसका मर्जी के खिलाफ अपहरण नहीं किया था। वह उसकी बाइक पर पीछे बैठी। फिर वे काला अंब के पास गए। वहां कई दिन तक साथ रहे। महिला की ओर से सहमति न होने रेप को साबित करने के लिए अनिवार्य है। मर्जी से घर छोड़ प्रेमी के साथ गई महिला
इस मामले में दर्ज FIR के मुताबिक आरोपी प्रेमी ने शादी के लिए उसे कहीं ले जाने के लिए बुलाया था। जिसके बाद पीड़िता अपनी मर्जी से उसके साथ चली गई। इसके बाद प्रेमी उसे ट्यूबवेल पर ले गया। जहां उसके साथ रेप किया। इसके बाद पीड़िता की मेडिको लीगल जांच की गई। जिसके बाद FIR में रेप की धाराएं जोड़ दी गई। प्रेमी का वकील बोला- 3 दिन साथ रही, कोई विरोध नहीं किया
कोर्ट में प्रेमी के वकील ने कहा कि महिला बालिग है। वह अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ भागी थी। महिला 3 दिन तक उसके साथ रही। बाइक पर लंबी दूरी तक भी गई। इस दौरान महिला ने किसी तरह का कोई विरोध नहीं किया। इन सब परिस्थितियों से साबित होता है कि महिला की सहमति थी। इसलिए इस मामले में अपीलकर्ता प्रेमी ने कोई अपराध नहीं किया। दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता 18 साल से ऊपर की है। इसमें ऐसा कोई सबूत नहीं कि आरोपी के साथ रहने के दौरान उसने कोई विरोध किया हो। यमुनानगर कोर्ट ने सुनाई थी सजा
इस मामले में यमुनानगर की एडिशनल सेशन कोर्ट ने प्रेमी को सजा दी थी। जिसमें IPC की धारा 376 के तहत 7 साल कैद, 363 के तहत 2 साल और 366 के तहत 5 साल की कठोर कैद की सजा दी गई थी। सभी सजा एक साथ चलनी थी, इसलिए उसे अधिकतम 7 साल की कैद हुई। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए प्रेमी को बरी कर दिया।
Allahabad High court : पॉक्सो मामलों में पीड़ितों की पैरवी करेंगी 182 महिला वकील, लीगल सर्विस कमेटी ने गठित किया पैनल
Allahabad High court : पॉक्सो मामलों में पीड़ितों की पैरवी करेंगी 182 महिला वकील, लीगल सर्विस कमेटी ने गठित किया पैनल <div id=”:3qn” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:3t2″ aria-controls=”:3t2″ aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Prayagraj News:</strong> इलाहाबाद हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में पीड़ित नाबालिग लड़कियों की तरफ से पैरवी करने के लिए एक सौ बयासी महिला वकीलों का पैनल तैयार किया है. लीगल सर्विस कमेटी ने महिला वकीलों का यह पैनल इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर तैयार किया है. पैनल में शामिल महिला वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में पॉक्सो एक्ट के तहत आने वाले मुकदमों में पीड़ितों का पक्ष रखेंगी. उनकी तरफ से पैरवी करेंगी और साथ ही उन्हें कानूनी मदद मुहैया कराते हुए दोषियों को सख्त सजा दिलाने का काम भी करेगी. <br /><br />लीगल सर्विस कमेटी ने महिला वकीलों का यह पैनल इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर तैयार किया है. हाईकोर्ट ने इसी साल 12 अप्रैल को क्रिमिनल मिसलेनियस बेल एप्लीकेशन 709/ 2024 रंजीत बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और दो अगस्त 2022 को क्रिमिनल मिसलेनियस बेल एप्लीकेशन 23834/2022 आशीष यादव बनाम यूपी सरकार के तहत हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी से महिला वकीलों का पैनल गठित करने का अनुरोध किया था.कमेटी में शामिल महिला वकीलों की नियुक्ति पॉक्सो मामलों में पीड़ितों का पक्ष रखने के लिए किया गया है. यह महिला वकील एमिकस क्यूरी यानी न्याय मित्र के तौर पर काम करेंगी.<br /><br /><strong>182 महिला वकीलों की सूची जारी</strong><br />पैनल में शामिल महिला वकील अमृता राय मिश्रा के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी ने पैनल के लिए महिला वकीलों से आवेदन मांगे थे. इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट में कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा बीस सालों तक वकालत करने वाली महिला वकीलों को आवेदन करना था. महिला वकीलों को 10 सितंबर तक आवेदन करना था. अमृता राय मिश्रा के मुताबिक स्क्रुटनी के बाद लीगल सर्विस कमेटी ने ज्यादातर आवेदनों को मंजूर कर लिया और कुल 182 महिला वकीलों के पैनल की सूची जारी कर दी है. <br /><br /><strong>क्या बोली महिला वकील सहर नकवी</strong><br />पैनल में शामिल एक अन्य महिला वकील सहर नकवी का कहना है कि यह उनके लिए बेहद सम्मान और गौरव की बात है कि वह लोग हाईकोर्ट में पीड़ित नाबालिग लड़कियों से जुड़े हुए मुकदमों में पैरवी कर उन्हें न्याय दिलाने में मदद करेंगी. उनके मुताबिक प्रभावशाली पैरवी नहीं होने की वजह से तमाम आरोपी छूट जाते हैं और आसानी से जमानत पा जाते हैं. <br /><br /><strong>इंसाफ मिलने में काफी मदद मिलेगी</strong><br />एडवोकेट सहर नकवी का कहना है कि महिला वकीलों की पैरवी से पीड़ितों को इंसाफ मिलने में काफी मदद मिलेगी. पैनल की सदस्य आंचल ओझा और दीबा सिद्दीकी का कहना है कि लीगल सर्विस कमेटी के सेलेक्शन ने उनकी जिम्मेदारियों को और बढ़ा दिया है. पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-keshav-prasad-maurya-has-given-clarification-on-batenge-to-katenge-2825017″>बंटेंगे तो कटेंगे के नारे पर किनारा करने के बाद अब आई केशव प्रसाद मौर्य की सफाई, सीएम योगी का नाम लेकर किया ये दावा</a></strong></p>
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