12 फोटो में देखें अयोध्या का गुरुपूर्णिमा महोत्सव:शिष्यों ने चरण धोकर आरती की,माला पहनाकर अंगवस्त्र और दक्षिणा दी,मिला कल्याण भव का आशीर्वाद

12 फोटो में देखें अयोध्या का गुरुपूर्णिमा महोत्सव:शिष्यों ने चरण धोकर आरती की,माला पहनाकर अंगवस्त्र और दक्षिणा दी,मिला कल्याण भव का आशीर्वाद

अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में गुरुपूर्णिमा महोत्सव देर शाम तक चला।देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों शिष्यों ने अपने चरण धोकर आरती की। माला पहनाकर अंग वस्त्र और दक्षिणा दी। इसके बाद गुरुओं ने शिष्यों को कल्याण भव का आशीर्वाद दिया। यह कल्याण संसार में जीतने और भगवान के प्रति अनुराग अर्थात प्रेम बढ़ाने का लिए था। मणिराम दास जी की छावनी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का उनके शिष्य महंत कमलनयन दास,पंजाबी बाबा,कथाचाक राधेश्याम शास्त्री आदि हजारों शिष्यों ने पूजन किया। दिल्ली स्थित मानव आश्रम के प्रमुख संजीव शंकर ने अपने सहयोगियों के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास का पूजन आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के साथ किया।उन्होंने गुरु की आरती पूजन कर समाज सेवा के प्रकल्प को और मजूबत करने का आशीर्वाद मांगा।संजीव शंकर दिल्ली में भव्य और बेहद आधुनिक कैंसर हास्पिटल का संचालन करते हैं।यह संस्था मरीजों को बेहद न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा के साथ बेहतर भोजन और आवास भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अग्रणी है। रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में महंत मैथिली रमण शरण ने उत्तर भारत में रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता रहे महंत सीताराम शरण के चित्रपट और पादुका का पूजन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिना गुरू की कृपा के जीवन अंधकर का पुंज हैं।गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश का संचार होता है।इसके बाद मनुष्य संसार से भगवान की प्राप्ति तक हर क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। सिद्ध संत बाबा गोमती दास की तपोस्थली हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण से अयोध्या,मेरठ और लखनऊ सहित देश के अनेक स्थानों ेसे आए शिष्यों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प दिलाया।उन्होंने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल है और गुरु पूर्णिमा भी सनातन धर्म का एक विशिष्ट महापर्व है। धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास ने मानवता के लिए समर्पित रहने का संकल्प दिलाया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास का पूजन उनके शिष्य और संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने किया।इस अवसर पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि धर्म चाहे जो भी वह गुरू परंपरा से ही समृद्ध हाेता है।हमारा अपने सभी शिष्यों और समर्थकों को संदेश है कि वे सच्ची मानवता के लिए समर्पित रहे।जो जीवन मानवता के काम न आया वह व्यर्थ है। रामानंद संप्रदाय की विंदु भावधारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का उनके शिष्य महंत रामभूषण दास कृपालु ने पूजन कर सनातन धर्म के विकास में विशिष्ट भागीदारी का आशीर्वाद मांगा।इस अवसर पर देश भर के 50 हजार से ज्यादा शिष्यों ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का पूजन किया। जबकि उन्होंने पूजन का आरंभ आश्रम के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की मूर्ति का अभिषेक और पूजन से किया। गोस्वामी तुलसी दास की छावनी के रूप में प्रसिद्ध हनुमत पीठ के महंत महामंडलेश्वर बाबा जनार्दन दास ने अपने गुरू महंत रामबचन दास महाराज और हनुमान जी का पूजन किया।जबकि उनके शिष्यों ने बड़े ही भावपूर्वक उनका पूजन कर हनुमत कृपा का आशीर्वाद मांगा। राजगोपाल मंदिर के महंत सीताराम शरण और अधिकारी सर्वेश्वर दास शरद ने अपने गुरु और हनुमत तत्व के गूढ़ उपासक महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी के चित्रपट और चरण पादुकाओं का पूजन किया।इस अवसर पर महंत सीताराम शरण ने आश्रम के शिष्यों को पीठ की परंपरा के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाया। अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में गुरुपूर्णिमा महोत्सव देर शाम तक चला।देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों शिष्यों ने अपने चरण धोकर आरती की। माला पहनाकर अंग वस्त्र और दक्षिणा दी। इसके बाद गुरुओं ने शिष्यों को कल्याण भव का आशीर्वाद दिया। यह कल्याण संसार में जीतने और भगवान के प्रति अनुराग अर्थात प्रेम बढ़ाने का लिए था। मणिराम दास जी की छावनी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का उनके शिष्य महंत कमलनयन दास,पंजाबी बाबा,कथाचाक राधेश्याम शास्त्री आदि हजारों शिष्यों ने पूजन किया। दिल्ली स्थित मानव आश्रम के प्रमुख संजीव शंकर ने अपने सहयोगियों के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास का पूजन आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के साथ किया।उन्होंने गुरु की आरती पूजन कर समाज सेवा के प्रकल्प को और मजूबत करने का आशीर्वाद मांगा।संजीव शंकर दिल्ली में भव्य और बेहद आधुनिक कैंसर हास्पिटल का संचालन करते हैं।यह संस्था मरीजों को बेहद न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा के साथ बेहतर भोजन और आवास भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अग्रणी है। रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में महंत मैथिली रमण शरण ने उत्तर भारत में रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता रहे महंत सीताराम शरण के चित्रपट और पादुका का पूजन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिना गुरू की कृपा के जीवन अंधकर का पुंज हैं।गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश का संचार होता है।इसके बाद मनुष्य संसार से भगवान की प्राप्ति तक हर क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। सिद्ध संत बाबा गोमती दास की तपोस्थली हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण से अयोध्या,मेरठ और लखनऊ सहित देश के अनेक स्थानों ेसे आए शिष्यों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प दिलाया।उन्होंने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल है और गुरु पूर्णिमा भी सनातन धर्म का एक विशिष्ट महापर्व है। धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास ने मानवता के लिए समर्पित रहने का संकल्प दिलाया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास का पूजन उनके शिष्य और संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने किया।इस अवसर पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि धर्म चाहे जो भी वह गुरू परंपरा से ही समृद्ध हाेता है।हमारा अपने सभी शिष्यों और समर्थकों को संदेश है कि वे सच्ची मानवता के लिए समर्पित रहे।जो जीवन मानवता के काम न आया वह व्यर्थ है। रामानंद संप्रदाय की विंदु भावधारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का उनके शिष्य महंत रामभूषण दास कृपालु ने पूजन कर सनातन धर्म के विकास में विशिष्ट भागीदारी का आशीर्वाद मांगा।इस अवसर पर देश भर के 50 हजार से ज्यादा शिष्यों ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का पूजन किया। जबकि उन्होंने पूजन का आरंभ आश्रम के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की मूर्ति का अभिषेक और पूजन से किया। गोस्वामी तुलसी दास की छावनी के रूप में प्रसिद्ध हनुमत पीठ के महंत महामंडलेश्वर बाबा जनार्दन दास ने अपने गुरू महंत रामबचन दास महाराज और हनुमान जी का पूजन किया।जबकि उनके शिष्यों ने बड़े ही भावपूर्वक उनका पूजन कर हनुमत कृपा का आशीर्वाद मांगा। राजगोपाल मंदिर के महंत सीताराम शरण और अधिकारी सर्वेश्वर दास शरद ने अपने गुरु और हनुमत तत्व के गूढ़ उपासक महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी के चित्रपट और चरण पादुकाओं का पूजन किया।इस अवसर पर महंत सीताराम शरण ने आश्रम के शिष्यों को पीठ की परंपरा के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाया।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर