बिहार में 16 साल पहले एक युवक अचानक लापता हो गया। चाचा समेत 5 लोगों पर किडनैप के बाद मर्डर का आरोप लगा। सभी जेल गए…अब कुछ दिन बाद उनको कोर्ट से सजा मिल सकती थी। मगर, 16 साल बाद इस केस में अचानक ऐसा मोड़ आया कि बिहार से लेकर यूपी तक हलचल मच गई। जिसका किडनैप और मर्डर हुआ था, वो शख्स यूपी के झांसी में जिंदा मिला। सूचना पर बिहार पुलिस के साथ वो बेगुनाह लोग भी आए, जो जेल काट चुके थे। बिहार पुलिस उस शख्स को अपने साथ ले गई। अब मामले की नए सिरे से जांच शुरू हो गई है। चलिए अब मर्डर मिस्ट्री की अनोखी कहानी को सिलसिलेवार बताते हैं मामा ने दर्ज कराया था मर्डर का केस
ये कहानी बिहार के रोहताश जिले के देवरिया गांव की है। यहां के नथुनी पाल (50) पुत्र रामचंद्र खेती किसानी करता था। पिता के बाद मां गंगीदेवी की मौत हो चुकी थी। शादी के 4 साल तक बच्चे नहीं हुए तो पत्नी उसे छोड़कर किसी और के साथ रहने लगी थी। ऐसे में नथुनी पाल अकेला पड़ गया। उसका अपने चाचा रतिपाल के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 2008 में अचानक एक दिन नथुनी पाल लापता हो गया। उसे काफी ढूंढ़ा गया, मगर कोई सुराग नहीं लगा। ऐसे में नथुनी के मामा औरंगाबाद निवासी बाबूलाल ने अकोड़ीगोला थाने में नथुनी का अपहरण करके हत्या करने और लाश को खुर्दबुर्द करने का केस दर्ज करा दिया। इसमें सगे चाचा रतिपाल, उनके 4 बेटे विमलेश पाल, भगवान पाल, सतेंद्र पाल और जितेंद्र पाल नामजद हुए। 7 जगह खुदाई हुई, लाश नहीं मिली
पांचों पर अपहरण करके हत्या करने और लाश को छुपाने का आरोप था। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। लाश बरामद के लिए 7 जगह खुदाई कराई गई। कई महीनों के बाद पुलिस को नथुनी पाल की लाश नहीं मिली। ऐसे में अपहरण के आरोप में सभी के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। काेई 1 साल जेल में रहा, तो किसी ने 11 महीने और 6 से 7 महीने जेल काटी। अब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कुछ ही दिन में फैसला होने वाला था और आरोपियों को सजा भी हो सकती थी। संदिग्ध व्यक्ति से सुलझा बड़ा केस
इस केस में बिहार पुलिस सबकुछ भुला चुकी थी। बस कोर्ट में तारीखें लग रही थी। जो आरोपी पकड़े गए, वे खुद को बेगुनाह बता रहे थे। अचानक 6 जनवरी 2025 को झांसी के बरुआसागर थाना अध्यक्ष शिवजीत सिंह राजावत को गश्त के दौरान धवारा भरोल गांव में एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। गांव के लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि 6 माह से धर्मदास अहिरवार के घर पर रह रहा है। संदिग्ध व्यक्ति से नाम पूछा तो उसने अपना नाम नथुनी पाल पुत्र रामचंद्र बताया। बोला कि मैं बिहार के रोहताश जिले के अकोड़ी गोला थाना क्षेत्र के देवरिया गांव का रहने वाला हूं। थाना अध्यक्ष ने ऑनलाइन अकोड़ी गोला थाने का नंबर निकला और बिहार पुलिस को उसके बारे में सूचना दी। बिहार पुलिस बोली- वो तो मर गया
थाना अध्यक्ष ने जब बिहार पुलिस को फोन कर बताया कि यहां नथुनी पाल नाम का शख्स मिला है। जांच पड़ताल के बाद बिहार पुलिस ने वापस फोन किया और बताया कि वो तो 16 साल पहले ही मर गया। किडनैप के बाद उसका मर्डर हो गया था। कोई झूठ बोल रहा है। ऐसे में नथुनी पाल की फोटो सेंड की गई। बिहार पुलिस ने फोटो गांव में दिखाई तो लोग बोले ये नथुनी पाल है। जिन लोगों पर किडनैप के बाद हत्या का आरोप था, वो बिहार पुलिस के साथ मंगलवार को झांसी पहुंच गए। जांच पड़ताल के बाद नथुनी को बिहार पुलिस के हवाले कर दिया गया। हमने जेल काटी, वो जिंदा मिला इस केस में जेल काटने वाले सतेंद्र पाल भी बिहार पुलिस के साथ झांसी आए। उन्होंने कहा- ने अपने चाचा के बेटे नथुनी पाल को अपने पास रखा था। एक दिन वो अचानक लापता हो गया। फिर नथुनी पाल के किडनैप और मर्डर केस में मैं जेल चला गया। बाकी 4 अन्य लोग भी जेल गए। किसी तरह हम लोगों की जमानत हो गई, अभी केस कोर्ट में चल रहा है। आज हमें नथुनी पाल बरुआसागर में जिंदा मिला है। अब आगे क्या होगा?
बरुआसागर थाना अध्यक्ष शिवजीत सिंह राजावत का कहना है कि इस केस में बिहार पुलिस फाइनल आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर चुकी थी। अब नथुनी पाल के बरामद हो जाने से पुलिस कोर्ट में आवेदन करके केस को री-ओपन करेगी। नथुनी पाल के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। इस केस में वादी मुकदमा नथुनी के मामा की मौत हो चुकी है। वह पहले पंजाब में रहा, फिर झांसी आ गया था। ——————– ये खबर भी पढ़िए- चाहे जितने दिन शव रख लो…कोई मांग पूरी नहीं होगी: लखीमपुर में परिजनों से बोले CO, युवक की मौत पर बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज लखीमपुर खीरी में युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। कहा, पुलिस ने उनसे जबरन शव छीन लिया। परिजनों की शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। वहीं परिजनों को समझाने गए सीओ धौरहरा पीपी सिंह ने परिजनों से कहा- जितने दिन शव रखना है रखो, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं होगी। अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। युवक के गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। पढ़ें पूरी खबर… बिहार में 16 साल पहले एक युवक अचानक लापता हो गया। चाचा समेत 5 लोगों पर किडनैप के बाद मर्डर का आरोप लगा। सभी जेल गए…अब कुछ दिन बाद उनको कोर्ट से सजा मिल सकती थी। मगर, 16 साल बाद इस केस में अचानक ऐसा मोड़ आया कि बिहार से लेकर यूपी तक हलचल मच गई। जिसका किडनैप और मर्डर हुआ था, वो शख्स यूपी के झांसी में जिंदा मिला। सूचना पर बिहार पुलिस के साथ वो बेगुनाह लोग भी आए, जो जेल काट चुके थे। बिहार पुलिस उस शख्स को अपने साथ ले गई। अब मामले की नए सिरे से जांच शुरू हो गई है। चलिए अब मर्डर मिस्ट्री की अनोखी कहानी को सिलसिलेवार बताते हैं मामा ने दर्ज कराया था मर्डर का केस
ये कहानी बिहार के रोहताश जिले के देवरिया गांव की है। यहां के नथुनी पाल (50) पुत्र रामचंद्र खेती किसानी करता था। पिता के बाद मां गंगीदेवी की मौत हो चुकी थी। शादी के 4 साल तक बच्चे नहीं हुए तो पत्नी उसे छोड़कर किसी और के साथ रहने लगी थी। ऐसे में नथुनी पाल अकेला पड़ गया। उसका अपने चाचा रतिपाल के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 2008 में अचानक एक दिन नथुनी पाल लापता हो गया। उसे काफी ढूंढ़ा गया, मगर कोई सुराग नहीं लगा। ऐसे में नथुनी के मामा औरंगाबाद निवासी बाबूलाल ने अकोड़ीगोला थाने में नथुनी का अपहरण करके हत्या करने और लाश को खुर्दबुर्द करने का केस दर्ज करा दिया। इसमें सगे चाचा रतिपाल, उनके 4 बेटे विमलेश पाल, भगवान पाल, सतेंद्र पाल और जितेंद्र पाल नामजद हुए। 7 जगह खुदाई हुई, लाश नहीं मिली
पांचों पर अपहरण करके हत्या करने और लाश को छुपाने का आरोप था। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। लाश बरामद के लिए 7 जगह खुदाई कराई गई। कई महीनों के बाद पुलिस को नथुनी पाल की लाश नहीं मिली। ऐसे में अपहरण के आरोप में सभी के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। काेई 1 साल जेल में रहा, तो किसी ने 11 महीने और 6 से 7 महीने जेल काटी। अब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कुछ ही दिन में फैसला होने वाला था और आरोपियों को सजा भी हो सकती थी। संदिग्ध व्यक्ति से सुलझा बड़ा केस
इस केस में बिहार पुलिस सबकुछ भुला चुकी थी। बस कोर्ट में तारीखें लग रही थी। जो आरोपी पकड़े गए, वे खुद को बेगुनाह बता रहे थे। अचानक 6 जनवरी 2025 को झांसी के बरुआसागर थाना अध्यक्ष शिवजीत सिंह राजावत को गश्त के दौरान धवारा भरोल गांव में एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। गांव के लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि 6 माह से धर्मदास अहिरवार के घर पर रह रहा है। संदिग्ध व्यक्ति से नाम पूछा तो उसने अपना नाम नथुनी पाल पुत्र रामचंद्र बताया। बोला कि मैं बिहार के रोहताश जिले के अकोड़ी गोला थाना क्षेत्र के देवरिया गांव का रहने वाला हूं। थाना अध्यक्ष ने ऑनलाइन अकोड़ी गोला थाने का नंबर निकला और बिहार पुलिस को उसके बारे में सूचना दी। बिहार पुलिस बोली- वो तो मर गया
थाना अध्यक्ष ने जब बिहार पुलिस को फोन कर बताया कि यहां नथुनी पाल नाम का शख्स मिला है। जांच पड़ताल के बाद बिहार पुलिस ने वापस फोन किया और बताया कि वो तो 16 साल पहले ही मर गया। किडनैप के बाद उसका मर्डर हो गया था। कोई झूठ बोल रहा है। ऐसे में नथुनी पाल की फोटो सेंड की गई। बिहार पुलिस ने फोटो गांव में दिखाई तो लोग बोले ये नथुनी पाल है। जिन लोगों पर किडनैप के बाद हत्या का आरोप था, वो बिहार पुलिस के साथ मंगलवार को झांसी पहुंच गए। जांच पड़ताल के बाद नथुनी को बिहार पुलिस के हवाले कर दिया गया। हमने जेल काटी, वो जिंदा मिला इस केस में जेल काटने वाले सतेंद्र पाल भी बिहार पुलिस के साथ झांसी आए। उन्होंने कहा- ने अपने चाचा के बेटे नथुनी पाल को अपने पास रखा था। एक दिन वो अचानक लापता हो गया। फिर नथुनी पाल के किडनैप और मर्डर केस में मैं जेल चला गया। बाकी 4 अन्य लोग भी जेल गए। किसी तरह हम लोगों की जमानत हो गई, अभी केस कोर्ट में चल रहा है। आज हमें नथुनी पाल बरुआसागर में जिंदा मिला है। अब आगे क्या होगा?
बरुआसागर थाना अध्यक्ष शिवजीत सिंह राजावत का कहना है कि इस केस में बिहार पुलिस फाइनल आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर चुकी थी। अब नथुनी पाल के बरामद हो जाने से पुलिस कोर्ट में आवेदन करके केस को री-ओपन करेगी। नथुनी पाल के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। इस केस में वादी मुकदमा नथुनी के मामा की मौत हो चुकी है। वह पहले पंजाब में रहा, फिर झांसी आ गया था। ——————– ये खबर भी पढ़िए- चाहे जितने दिन शव रख लो…कोई मांग पूरी नहीं होगी: लखीमपुर में परिजनों से बोले CO, युवक की मौत पर बवाल, पुलिस का लाठीचार्ज लखीमपुर खीरी में युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। कहा, पुलिस ने उनसे जबरन शव छीन लिया। परिजनों की शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। वहीं परिजनों को समझाने गए सीओ धौरहरा पीपी सिंह ने परिजनों से कहा- जितने दिन शव रखना है रखो, लेकिन कोई मांग पूरी नहीं होगी। अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। युवक के गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर