<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> ‘मैं एक मराठा हूं और यह मेरे सभी दस्तावेजों में है’, पिछले साल नवंबर में एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने ये बयान दिया था. दरअसल, महाराष्ट्र की सियासत मराठा समुदाय के ईर्द-गिर्द ही घूमती है. राज्य के 18 मुख्यमंत्रियों में से 10 मराठा रहे हैं, जिनमें वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, मराठा राज्य की 13 करोड़ आबादी का कम से कम 28 फीसदी हैं और राज्य की 288 में से लगभग 150 से अधिक विधानसभा सीटों या 48 में से 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनोज जरांगे मराठा आंदोलन का चेहरा</strong><br />राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन सुर्खियों में रहा है. मनोज जरांगे पाटिल इसका चेहरा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने कहा, “काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है. मैं किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा और ना ही मेरा उनसे कोई संबंध है.” उन्होंने कहा कि हम 14 सीट पर चुनाव लड़ने वाले थे और 11 सीट पर फैसला लंबित था. हम एक ही समुदाय (मराठा) के वोट से चुनाव नहीं जीत सकते.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए भी अलग है महाराष्ट्र की राजनीति</strong><br />वहीं इसके अलावा महाराष्ट्र की राजनीति देश के बाकी राज्यों से अलग है. यहां जिस तरह इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ा जा रहा है, वैसे कभी भी और कहीं भी नहीं लड़ा गया. महाराष्ट्र में दो दलों के चार दलों में बंटने के बाद प्रदेश की सियासत बिल्कुल अलग हो गई है. महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास अघाड़ी दो बड़े गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां शिवसेना दो भाग में बंट गई जहां एक गुट <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> का है तो दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का. इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी दो हिस्सों में बंट गई. इसमें एक गुट अजित पवार का है और दूसरा गुट शरद पवार का. इसके अलावा बीजेपी महायुति में शामिल है तो कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के तहत चुनाव लड़ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>20 नवंबर को होगी वोटिंग</strong><br />बता दें महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. इससे पहले सोमवार (4 नवंबर) को उम्मीदवारों के नाम वापसी की समयसीमा खत्म हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(IANS इनपुट के साथ)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”महाराष्ट्र की वो सीटें जहां बेहद रोचक है मुकाबला, कांटे की टक्कर की उम्मीद!” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-maharashtra-hot-seat-list-mva-mahayuti-baramati-worli-mahim-mumbai-2816516″ target=”_blank” rel=”noopener”>महाराष्ट्र की वो सीटें जहां बेहद रोचक है मुकाबला, कांटे की टक्कर की उम्मीद!</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> ‘मैं एक मराठा हूं और यह मेरे सभी दस्तावेजों में है’, पिछले साल नवंबर में एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने ये बयान दिया था. दरअसल, महाराष्ट्र की सियासत मराठा समुदाय के ईर्द-गिर्द ही घूमती है. राज्य के 18 मुख्यमंत्रियों में से 10 मराठा रहे हैं, जिनमें वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एमएसबीसीसी) की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, मराठा राज्य की 13 करोड़ आबादी का कम से कम 28 फीसदी हैं और राज्य की 288 में से लगभग 150 से अधिक विधानसभा सीटों या 48 में से 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनोज जरांगे मराठा आंदोलन का चेहरा</strong><br />राज्य में मराठा आरक्षण आंदोलन सुर्खियों में रहा है. मनोज जरांगे पाटिल इसका चेहरा रहे हैं. सोमवार को उन्होंने कहा, “काफी विचार-विमर्श के बाद मैंने राज्य में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. मराठा समुदाय खुद तय करेगा कि किसे हराना है और किसे चुनना है. मैं किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को समर्थन नहीं दे रहा और ना ही मेरा उनसे कोई संबंध है.” उन्होंने कहा कि हम 14 सीट पर चुनाव लड़ने वाले थे और 11 सीट पर फैसला लंबित था. हम एक ही समुदाय (मराठा) के वोट से चुनाव नहीं जीत सकते.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए भी अलग है महाराष्ट्र की राजनीति</strong><br />वहीं इसके अलावा महाराष्ट्र की राजनीति देश के बाकी राज्यों से अलग है. यहां जिस तरह इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ा जा रहा है, वैसे कभी भी और कहीं भी नहीं लड़ा गया. महाराष्ट्र में दो दलों के चार दलों में बंटने के बाद प्रदेश की सियासत बिल्कुल अलग हो गई है. महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास अघाड़ी दो बड़े गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां शिवसेना दो भाग में बंट गई जहां एक गुट <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> का है तो दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का. इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी दो हिस्सों में बंट गई. इसमें एक गुट अजित पवार का है और दूसरा गुट शरद पवार का. इसके अलावा बीजेपी महायुति में शामिल है तो कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के तहत चुनाव लड़ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>20 नवंबर को होगी वोटिंग</strong><br />बता दें महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. इससे पहले सोमवार (4 नवंबर) को उम्मीदवारों के नाम वापसी की समयसीमा खत्म हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(IANS इनपुट के साथ)</strong></p>
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