भास्कर न्यूज | जालंधर डिप्टी कमिश्नर डॉ.हिमांशु अग्रवाल की तरफ से माइनिंग और पुलिस विभाग के अधिकारियों को जिले में नाजायज माइनिंग करने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। जीरो-टालरैंस नीति पर जोर देते हुए डीसी ने गैर-कानूनी गतिविधि को रोकने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब माइनिंग एंड मिनरल एक्ट-2013 की धारा 21 के अंतर्गत गैर- कानूनी माइनिंग में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध इस साल कुल 19 एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके तहत पांच साल तक की सजा, 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों की व्यवस्था है। इसके अलावा उल्लंघन करने वालों से कुल 20.05 लाख रुपए जुर्माना पहले भी वसूल किया जा चुका है। उन्होंने गैर-कानूनी माइनिंग वालों विरुद्ध पेंडिंग मामलों के बारे में संबंधित विभागों से विस्थारित रिपोर्ट की मांग भी की। डीसी ने गैर-कानूनी माइनिंग करने वालों से बकाया जुर्माने की वसूली में तेजी लाने की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में गैर-कानूनी माइनिंग सामने आने पर संबंधित अधिकारियों की निजी जिम्मेदारी तय की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को जब्त किए वाहनों की नीलामी पॉलिसी के दिशा-निर्देशों अनुसार जल्द से जल्द करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य जब्त किए सामान का नियमों अनुसार तुरंत और पारदर्शी ढंग से निपटारा यकीनी बना कर गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना है। बैठक में एसडीएम फिल्लौर अमनपाल सिंह, एसडीएम शाहकोट ऋषभ बांसल, एसडीएम-1 डॉ. जयइंद्र सिंह, एसडीएम-2 बलबीर राज सिंह और पुलिस और माइनिंग विभाग के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे। गौर है कि बैठक में गैर-कानूनी माइनिंग विरुद्ध कानूनों को सख़्ती के साथ लागू करने और क्षेत्र के प्राकृतिक स्रोतों की सुरक्षा के लिए ज़िला प्रशासन की सामूहिक वचनबद्धता को रेखांकित किया गया। डॉ. अग्रवाल के निर्देश जालंधर में गैर-कानूनी माइनिंग के खत्म करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम की निशानदेही करते है, जिससे वातावरण के बढिय़ा स्तर को कायम रखने के लिए जिले के यत्नों को और मज़बूती मिलेगी। भास्कर न्यूज | जालंधर डिप्टी कमिश्नर डॉ.हिमांशु अग्रवाल की तरफ से माइनिंग और पुलिस विभाग के अधिकारियों को जिले में नाजायज माइनिंग करने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। जीरो-टालरैंस नीति पर जोर देते हुए डीसी ने गैर-कानूनी गतिविधि को रोकने की तत्काल जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब माइनिंग एंड मिनरल एक्ट-2013 की धारा 21 के अंतर्गत गैर- कानूनी माइनिंग में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध इस साल कुल 19 एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके तहत पांच साल तक की सजा, 5 लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर दोनों की व्यवस्था है। इसके अलावा उल्लंघन करने वालों से कुल 20.05 लाख रुपए जुर्माना पहले भी वसूल किया जा चुका है। उन्होंने गैर-कानूनी माइनिंग वालों विरुद्ध पेंडिंग मामलों के बारे में संबंधित विभागों से विस्थारित रिपोर्ट की मांग भी की। डीसी ने गैर-कानूनी माइनिंग करने वालों से बकाया जुर्माने की वसूली में तेजी लाने की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में गैर-कानूनी माइनिंग सामने आने पर संबंधित अधिकारियों की निजी जिम्मेदारी तय की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को जब्त किए वाहनों की नीलामी पॉलिसी के दिशा-निर्देशों अनुसार जल्द से जल्द करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य जब्त किए सामान का नियमों अनुसार तुरंत और पारदर्शी ढंग से निपटारा यकीनी बना कर गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकना है। बैठक में एसडीएम फिल्लौर अमनपाल सिंह, एसडीएम शाहकोट ऋषभ बांसल, एसडीएम-1 डॉ. जयइंद्र सिंह, एसडीएम-2 बलबीर राज सिंह और पुलिस और माइनिंग विभाग के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे। गौर है कि बैठक में गैर-कानूनी माइनिंग विरुद्ध कानूनों को सख़्ती के साथ लागू करने और क्षेत्र के प्राकृतिक स्रोतों की सुरक्षा के लिए ज़िला प्रशासन की सामूहिक वचनबद्धता को रेखांकित किया गया। डॉ. अग्रवाल के निर्देश जालंधर में गैर-कानूनी माइनिंग के खत्म करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम की निशानदेही करते है, जिससे वातावरण के बढिय़ा स्तर को कायम रखने के लिए जिले के यत्नों को और मज़बूती मिलेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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