दो साल पहले एशिया कप 2022 में पाकिस्तान से हार के बाद जिस अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहकर लोगों ने ट्रोल किया था, आज उसी खिलाड़ी ने भारत को टी20 वर्ल्ड कप में अजेय बना दिया है। भारत ने बेदाग रिकॉर्ड के साथ टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अर्शदीप सिंह संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। गेंदबाजी में अपने शानदार प्रदर्शन से अर्शदीप सिंह ने अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी के साथ अपना नाम दर्ज करा लिया है। दोनों ने टी20 वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए। इस पूरे टूर्नामेंट में अर्शदीप सिंह प्रतिद्वंद्वियों पर हावी रहे। फाइनल मैच से पहले अर्शदीप सिंह के नाम 15 विकेट थे और वह चौथे नंबर पर थे। लेकिन पिछले फाइनल मैच में दो विकेट ने उन्हें फजलहक फारूकी के साथ पहले स्थान पर पहुंचा दिया। पूरे टूर्नामेंट में जब भी भारत पर दबाव बना, अर्शदीप सिंह ने अपनी गेंदबाजी का हुनर दिखाया। 8 मैचों में लिए 17 विकेट अर्शदीप सिंह और फजलहक ने 8-8 मैचों में 17-17 विकेट लेकर पहला स्थान प्राप्त किया है। जबकि अर्शदीप सिंह का इकॉनमी रेट 7.16 और फजलहक का इकॉनमी रेट 6.31 रहा। जबकि भारत के जसप्रीत बुमराह 8 मैचों में 4.17 की इकॉनमी रेट के साथ 15 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के एनरिक के साथ तीसरे स्थान पर हैं। जानिए अर्शदीप ने किसे पीछे छोड़ा फाइनल मैच से पहले अर्शदीप चौथे स्थान पर थे। फाइनल मैच तक अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी सबसे आगे चल रहे थे। जिन्होंने 17 विकेट लेकर श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा का रिकॉर्ड तोड़ा। श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा 2021/2022 सीजन में 16 विकेट लेकर पहले स्थान पर थे। लेकिन फाइनल में अर्शदीप सिंह ने हसरंगा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया बेंचमार्क स्थापित किया है और फजलाक के बराबर खड़ा कर दिया है। अर्शदीप सिंह का विवाद, जब उन्हें खालिस्तानी कहा गया दो साल पहले एशिया कप 2022 में भारत को पाकिस्तान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। सुपर-4 राउंड में एक समय भारतीय टीम की जीत पक्की लग रही थी, लेकिन खराब गेंदबाजी, फील्डिंग और लापरवाही के कारण भारत मैच हार गया। 18वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने आसिफ अली का कैच छोड़ दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया। यही इस मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा। जिसके बाद अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहकर ट्रोल किया जाने लगा। दो साल पहले एशिया कप 2022 में पाकिस्तान से हार के बाद जिस अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहकर लोगों ने ट्रोल किया था, आज उसी खिलाड़ी ने भारत को टी20 वर्ल्ड कप में अजेय बना दिया है। भारत ने बेदाग रिकॉर्ड के साथ टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अर्शदीप सिंह संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। गेंदबाजी में अपने शानदार प्रदर्शन से अर्शदीप सिंह ने अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी के साथ अपना नाम दर्ज करा लिया है। दोनों ने टी20 वर्ल्ड कप में 17 विकेट लिए। इस पूरे टूर्नामेंट में अर्शदीप सिंह प्रतिद्वंद्वियों पर हावी रहे। फाइनल मैच से पहले अर्शदीप सिंह के नाम 15 विकेट थे और वह चौथे नंबर पर थे। लेकिन पिछले फाइनल मैच में दो विकेट ने उन्हें फजलहक फारूकी के साथ पहले स्थान पर पहुंचा दिया। पूरे टूर्नामेंट में जब भी भारत पर दबाव बना, अर्शदीप सिंह ने अपनी गेंदबाजी का हुनर दिखाया। 8 मैचों में लिए 17 विकेट अर्शदीप सिंह और फजलहक ने 8-8 मैचों में 17-17 विकेट लेकर पहला स्थान प्राप्त किया है। जबकि अर्शदीप सिंह का इकॉनमी रेट 7.16 और फजलहक का इकॉनमी रेट 6.31 रहा। जबकि भारत के जसप्रीत बुमराह 8 मैचों में 4.17 की इकॉनमी रेट के साथ 15 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के एनरिक के साथ तीसरे स्थान पर हैं। जानिए अर्शदीप ने किसे पीछे छोड़ा फाइनल मैच से पहले अर्शदीप चौथे स्थान पर थे। फाइनल मैच तक अफगानिस्तान के फजलहक फारूकी सबसे आगे चल रहे थे। जिन्होंने 17 विकेट लेकर श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा का रिकॉर्ड तोड़ा। श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा 2021/2022 सीजन में 16 विकेट लेकर पहले स्थान पर थे। लेकिन फाइनल में अर्शदीप सिंह ने हसरंगा के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया बेंचमार्क स्थापित किया है और फजलाक के बराबर खड़ा कर दिया है। अर्शदीप सिंह का विवाद, जब उन्हें खालिस्तानी कहा गया दो साल पहले एशिया कप 2022 में भारत को पाकिस्तान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। सुपर-4 राउंड में एक समय भारतीय टीम की जीत पक्की लग रही थी, लेकिन खराब गेंदबाजी, फील्डिंग और लापरवाही के कारण भारत मैच हार गया। 18वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने आसिफ अली का कैच छोड़ दिया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया। यही इस मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा। जिसके बाद अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी कहकर ट्रोल किया जाने लगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में क्रिकेट टी-20 विश्व कप जीत का जश्न:लोगों ने फोड़े पटाखे, ढोल की थाप पर भांगड़ा, हुड़दंगियों के लिए पुलिस तैनात पंजाब के लुधियाना में भारत द्वारा टी-20 विश्व कप जीतने के बाद शहर में जश्न का माहौल रहा। हर गली-मोहल्ले में लोगों ने भारत की जीत पर खुशी जाहिर की। लोगों ने बड़ी संख्या में पटाखे फोड़े। युवाओं ने सड़कों पर भारत माता की जय के नारे लगाए। शहर के प्रमुख बाजारों में डिजिटल स्क्रीन लगाई गई थीं। सैकड़ों लोग भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे फाइनल मैच का लुत्फ उठाते नजर आए। युवाओं ने हाथों में तिरंगा झंडा लहराया। पुलिस अधिकारियों ने किप्स मार्केट और मुख्य मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, ताकि हुड़दंगी सड़क पर किसी तरह का हुड़दंग न मचा सकें। मैच के आखिरी ओवर में क्रिकेट प्रेमियों ने खूब जश्न मनाया। इसी तरह ईसा नगरी पुली, शिवाजी नगर, शिंगार सिनेमा रोड पर भी क्रिकेट प्रेमियों ने जश्न मनाया। क्रिकेट प्रेमी अवतार सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि आज भारत की जीत हुई है। इसलिए ढोल की थाप पर भांगड़ा भी किया जा रहा है। साथ ही लोग पटाखे भी फोड़ रहे हैं। क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन बहुत बड़ा है। क्रिकेट प्रेमी पूजा ने कहा कि जब से विश्व कप शुरू हुआ है, तब से वह रोजाना मैच देख रही हैं। आज उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत इस मैच में अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि हमें हर मैच को खेल भावना से देखना चाहिए। इसी तरह जवाहर नगर कैंप में भी लोगों ने भारत की जीत का जश्न मनाया। इलाके के लोगों ने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर भारत जीतेगा के नारे लगाए। जवाहर नगर कैंप में बड़ी संख्या में लोगों ने भांगड़ा किया। लोगों ने जश्न मनाया और एक दूसरे को बधाई दी।
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पंजाब की SHO ने DSP पर लगाए हैरेसमेंट के आरोप:बोलीं- झूठे केस में फंसाकर सस्पेंड करवाया; कोरोना वॉरियर रह चुकी लेडी इंस्पेक्टर पंजाब पुलिस की कोरोना वॉरियर रहीं लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल ने DSO रमनदीप सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए हैं। एक दिन पहले अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को 5 लाख रुपए लेकर नशा तस्करों को छोड़ने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। अर्शप्रीत ने DSP रमनदीप और SP बाल कृष्ण सिंगला पर रंजिश रखने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। उन्होंने कहा कि वह इसकी शिकायत मोगा SSP और DGP से करेंगी। अर्शप्रीत ने कहा कि वह इस मामले को हाईकोर्ट, पंजाब महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग तक लेकर जाएंगी। साथ ही उन्होंने मांग की है कि पंजाब सरकार उनके बयानों को मानें। दूसरी तरफ इस मामले में मोगा पुलिस जिला प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है। कई सीनियर पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने फोन तक नहीं उठाया। अब जानिए अर्शप्रीत की पोस्ट की अहम बातें 1- मामला झूठा और तुच्छ है हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। मेरे खिलाफ झूठा और तुच्छ मामला दर्ज किया गया है। मैं आश्चर्यचकित हूं कि कैसे डीएसपी को बचाने के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के प्रयास को झूठी एफआईआर में बदल दिया गया। इसकी योजना बनाई गई और साजिश रची गई। 2- काश समय रहते आवाज उठाई होती काश मैंने इसे समय रहते डीजीपी सर, एसएसपी सर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा किया होता। मैं शांत थी, अपने परिवार की प्रतिष्ठा का ख्याल रखते हुए और पिछले 10 वर्षों से पुलिस परिवार का हिस्सा होने के नाते, मैंने एसएसपी सर को यह बताने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पहले ही एसपी-डी सर बाल कृष्ण सिंगला और DSP सर रमनदीप द्वारा बहका दिया गया था। 3- अंदाजा नहीं था कि ना कहने पर ये होगा मुझे कभी इस बात का अंदाजा नहीं था कि गलत काम करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ डीडीआर प्रविष्टि डालना और डीएसपी रमनदीप सिंह को ना कहना मुझे इस स्थिति में डाल देगा। 4- पंजाब सरकार से लगाई गुहार
दो मामले हैं जिन्हें मैं जनता और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साझा करना चाहती हूं, मुझे उम्मीद है कि एसएसपी सर मोगा और पंजाब सरकार इसे गंभीरता से लेगी और मैं माननीय उच्च न्यायालय, पंजाब महिला आयोग और भारतीय महिला आयोग से अपील करती हूं कि कृपया इस मामले में स्वत: संज्ञान लें और इसे मेरा बयान मानें। अर्शप्रीत ने इन दो मामलों का किया जिक्र 1- बाली मर्डर केस में बात नहीं मानने पर किया परेशान पोस्ट में अर्शदीप ने लिखा- गांव डाला में एक कांग्रेसी व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी और यह बाली मर्डर केस के रूप में मशहूर था, जिसमें पहले 4 आरोपी थे और बाद में 8 से 9 आरोपी थे, जिन पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में मुझे तत्कालीन एसएसपी मोगा, एसपी-डी बाल कृष्ण सिंगला और अन्य अधिकारियों ने कार्यालय में बुलाया और 4 आरोपियों का डिस्चार्ज एप्लिकेशन देने के लिए कहा गया, हालांकि जब मैंने पूरे मामला का जिक्र करते हुए डीडीआर प्रविष्टि डाली तो कुछ दिनों बाद मुझे परेशान किया जाने लगा। एसपी-डी बाल कृष्ण सिंगला ने बयान दर्ज करने के लिए मुझे कई बार अपने कार्यालय में बुलाया। और मुझे कहा- “तू याद रखेगी वी डीडीआर एंट्री किवे पाई दी है”। मुझे कभी नहीं पता था कि अपना व्यक्तिगत बदला लेने के लिए वह इस हद तक जाएंगे और एसएसपी सर को मेरे खिलाफ भड़काएंगे और मेरे खिलाफ यह झूठी FIR दर्ज करवाई जाएगी। 2- यौन उत्पीड़न का प्रयास किया दूसरा मामला पिछले रविवार का है जब हम एक धर्मकोट के पास कैफ़े में पहुंचे वहां पर संयोग से डीएसपी धर्मकोट रमनदीप सिंह और एसएचओ मिली। इस दौरान डीएसपी रमनदीप सिंह ने मुझसे ऑफिस आकर मिलने को कहा। जैसे ही मैं वहां पहुंची, कार्यालय बंद हो गया और ताला लगा दिया गया। थोड़ी देर बाद डीएसपी रमनदीप वहां पर पहुंचे और उन्होंने अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा- हमारे बीच बहुत कुछ समान है, आपके लुक और काम के तरीके ने मुझे आकर्षित किया है। इस दौरान उन्होंने मुझे छूने की कोशिश की और जब मैंने इसका विरोध किया तो वो मुझे सॉरी कहने लगे। मैंने उसी पल डीएसपी रमनदीप से कहा कि मैं एसएसपी साहब और जरूरत पड़ी तो डीजीपी सर से शिकायत करूंगी। मिलने गई तो एसएसपी ने नहीं सुनी बात
अगले दिन मैं एसएसपी से मिलने के लिए गई लेकिन पहले से ही एसपी ने उन्हें मेरे खिलाफ भड़काया हुआ था। यही कारण रहा कि जैसे ही मैं शिकायत करने के लिए उनके पास पहुंची तो उन्होंने कहा- आपके खिलाफ शिकायतें आ रही हैं और मैं चेक करूंगा। फिर मुझे जाने के लिए कहा। लेकिन फिर भी मुझे कभी नहीं पता था कि डीएसपी को यौन उत्पीड़न के अपराधों से बचाने के लिए और एसपी-डी बाल कृष्ण सिंगला के खिलाफ डीडीआर प्रविष्टि डालने के सजा देने के लिए वो इस हद तक जाएंगे। जानिए क्या है पूरा मामला SHO ने नाके पर नशा तस्कर पकड़े थे मोगा के DSP रमनदीप सिंह की ओर से कोट इसे खां थाने में दर्ज कराई FIR के मुताबिक, कोट इसे खां थाने में तैनात SHO अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल ने 1 अक्टूबर को नाके पर एक नशा तस्कर को पकड़ा। उसका नाम अमरजीत सिंह था। वह कोट इसे खां में दातेवाला रोड का रहने वाला था। तलाशी के दौरान आरोपी से 2 किलो अफीम बरामद हुई। इस कार्रवाई में SHO अर्शप्रीत कौर के साथ कोट इसे खां थाने के मुंशी गुरप्रीत सिंह और बालखंडी चौकी के मुंशी राजपाल सिंह भी शामिल थे। इन्होंने जब आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसके साथ नशे की तस्करी में उसका बेटा गुरप्रीत सिंह और भाई मनप्रीत सिंह भी शामिल थे। 3 किलो अफीम और बरामद हुई, लेकिन रिकॉर्ड नहीं बनाया इसके बाद पुलिस ने अन्य दोनों आरोपियों की भी तलाश शुरू की और उन्हें पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर हिरासत में ले लिया। उनसे जब पूछताछ की तो 3 किलो और अफीम का खुलासा हुआ। पुलिसकर्मियों ने वह अफीम भी जब्त की, लेकिन इसकी कोई FIR दर्ज नहीं हुई। पुलिस ने केवल 2 किलो अफीम बरामद होने का ही मुकदमा दर्ज किया। इसी बीच किसी व्यक्ति के जरिए आरोपी तस्करों ने SHO अर्शदीप कौर से संपर्क किया और आरोपियों को छोड़ने की एवज में पैसे ऑफर किए। SHO ने ऑफर पर तोलमोल करते हुए 8 लाख रुपए की डिमांड की। 8 लाख में सौदा हुआ, 5 लाख ले लिए
आरोपियों ने 5 लाख रुपए इंस्पेक्टर को दे दिए, जिन्हें मुंशियों और SHO ने आपस में बांट लिया। इसके बाद 2 आरोपियों गुरप्रीत और मनप्रीत को छोड़ दिया। DSP रमनदीप के अनुसार, किसी मुखबिर ने इस मामले की जानकारी उन्हें दी। इसके बाद DSP ने मामले की जांच की और तीनों पुलिस वालों पर FIR दर्ज कराई। DSP ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। अब मामले की जांच की जा रही है। साथ ही जो 2 आरोपी गुरप्रीत और मनप्रीत फरार हैं, उन्हें पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। साथ ही आरोपी पुलिसवालों के पिछले रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। डीजीपी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा- हमारी पॉलिसी के हिसाब से मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कहा- मैं अभी 24 जिलों का एसएसपी नहीं हूं। मगर केस में किसी प्रकार से किसी भी अधिकारी के साथ गलत नहीं होगा, ये मेरी जिम्मेदारी है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा- जांच में जो भी अधिकारी आरोपी पाया जाएगा, उस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। कोई भी आरोपी व्यक्ति कार्रवाई से वंचित नहीं रहेगा।
पंजाब में SIT के सामने आज पेश नहीं होंगे मजीठिया:ड्रग तस्करी मामले में जारी हुआ था समन, अमृतसर कोर्ट में तारीख बताई वजह
पंजाब में SIT के सामने आज पेश नहीं होंगे मजीठिया:ड्रग तस्करी मामले में जारी हुआ था समन, अमृतसर कोर्ट में तारीख बताई वजह करोड़ों रुपये के ड्रग तस्करी मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) के समक्ष आज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पेश नहीं होंगे। उन्होंने एसआईटी से कहा है कि आज अमृतसर कोर्ट में उनके एक केस की सुनवाई है। जबकि 23 जुलाई को इसी मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में उन्हें अगली तारीख उसके बाद की दी जाए। उन्हें पटियाला में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि इससे पहले जब यह समन जारी किया गया था, तब अकाली दल ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया था। साथ ही कहा था कि बार-बार समन भेजने की बजाय सीएम भगवंत मान खुद आकर उनसे पूछताछ करें। ताकि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा न हो। इससे पहले समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी इससे पहले जब पिछले महीने एसआईटी ने बिक्रम सिंह मजीठिया को नोटिस जारी किया था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। हालांकि, हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। कोर्ट ने 8 जुलाई तक एसआईटी को उनसे पूछताछ करने से रोक दिया था। लेकिन जब, 8 जुलाई को दोबारा सुनवाई हुई तो एसआईटी ने जारी समन वापस ले लिया। इसके बाद उन्हें दोबारा समन जारी किया गया। कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुआ था मामला पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के दौरान 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है।