उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने और प्रदेश में क्राइम कल्चर पर नकेल कसने में कामयाब हुई योगी सरकार ने अब आजमगढ़ में फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में नए जिला कारागार के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाई है। योगी सरकार द्वारा योजना विभाग की टेक्निकल सेल को इस कार्य को पूरा कराने का जिम्मा सौंपा गया है। बता दें की आजमगढ़ में 39 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से फॉरेंसिक लैब और हाथरस में 146 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से नए जिला कारागार का निर्माण होना है, ऐसे में इन सभी कार्यों को तय समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए इस पर योगी सरकार का विशेष फोकस है। योजना विभाग की टेक्निकल सेल को सौंपा गया है जिम्मा योजना विभाग की टेक्निकल सेल द्वारा इन कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी के निर्धारण के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूर्ण किए जा रहे हैं। ऐसे में, पीएमसी एजेंसी के निर्धारण के जरिए परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण की गुणवत्ता व प्रगति को सुनिश्चित करने और निर्धारित समयावधि में पूरा करने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया की पूर्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए आवेदन मांगे गए हैं। 18 महीने में निर्माण कार्यों को करना होगा पूरा दोनों ही परियोजनाओं की पूर्ति के लिए नियुक्त होने वाली पीएमसी एजेंसी को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना होगा। एक ओर, जहां आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण संबंधी आर्किटेक्चरल डिजाइन को कार्यावंटन के उपरांत पीएमसी एजेंसी को 75 दिनों में पूरा करना होगा। आर्किटेक्चरल डिजाइन के पूरा हो जाने के बाद सभी निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। पूरी कार्यावधि के दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड निर्धारित किया गया। इसी प्रकार, हाथरस में निर्माणाधीन नवीन जिला कारागार के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली पीएमसी एजेंसी को ये सुनिश्चित करना होगा कि 18 महीनों में सभी निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता अनुरूप पूरा कर लिया जाए। इस दौरान पीएमसी एजेंसी को सुपरविजन एजेंसी के तौर पर कार्य करना होगा तथा परियोजना के अंतर्गत 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है। कई प्रकार के निर्माण कार्यों को करना होगा पूरा पीएमसी एजेंसी को दोनों ही परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्यों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग प्रक्रिया को पूरा करना होगा। उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि दोनों ही परियोजनाओं में इस दौरान रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाए। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम करना होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को भी एजेंसी की देखरेख में पूर्ण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने और प्रदेश में क्राइम कल्चर पर नकेल कसने में कामयाब हुई योगी सरकार ने अब आजमगढ़ में फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में नए जिला कारागार के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाई है। योगी सरकार द्वारा योजना विभाग की टेक्निकल सेल को इस कार्य को पूरा कराने का जिम्मा सौंपा गया है। बता दें की आजमगढ़ में 39 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से फॉरेंसिक लैब और हाथरस में 146 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से नए जिला कारागार का निर्माण होना है, ऐसे में इन सभी कार्यों को तय समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए इस पर योगी सरकार का विशेष फोकस है। योजना विभाग की टेक्निकल सेल को सौंपा गया है जिम्मा योजना विभाग की टेक्निकल सेल द्वारा इन कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी के निर्धारण के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूर्ण किए जा रहे हैं। ऐसे में, पीएमसी एजेंसी के निर्धारण के जरिए परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण की गुणवत्ता व प्रगति को सुनिश्चित करने और निर्धारित समयावधि में पूरा करने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया की पूर्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए आवेदन मांगे गए हैं। 18 महीने में निर्माण कार्यों को करना होगा पूरा दोनों ही परियोजनाओं की पूर्ति के लिए नियुक्त होने वाली पीएमसी एजेंसी को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना होगा। एक ओर, जहां आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण संबंधी आर्किटेक्चरल डिजाइन को कार्यावंटन के उपरांत पीएमसी एजेंसी को 75 दिनों में पूरा करना होगा। आर्किटेक्चरल डिजाइन के पूरा हो जाने के बाद सभी निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। पूरी कार्यावधि के दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड निर्धारित किया गया। इसी प्रकार, हाथरस में निर्माणाधीन नवीन जिला कारागार के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली पीएमसी एजेंसी को ये सुनिश्चित करना होगा कि 18 महीनों में सभी निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता अनुरूप पूरा कर लिया जाए। इस दौरान पीएमसी एजेंसी को सुपरविजन एजेंसी के तौर पर कार्य करना होगा तथा परियोजना के अंतर्गत 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है। कई प्रकार के निर्माण कार्यों को करना होगा पूरा पीएमसी एजेंसी को दोनों ही परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्यों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग प्रक्रिया को पूरा करना होगा। उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि दोनों ही परियोजनाओं में इस दौरान रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाए। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम करना होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को भी एजेंसी की देखरेख में पूर्ण किया जाएगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी में जाति की वजह से साहब बच गए:दो बड़े अफसरों के आगे माननीय फेल, वेस्ट वाले साहब के साथ मजाक हो गया
यूपी में जाति की वजह से साहब बच गए:दो बड़े अफसरों के आगे माननीय फेल, वेस्ट वाले साहब के साथ मजाक हो गया आजकल ब्यूरोक्रेसी में जाति की वजह से एक साहब की कुर्सी बचने की चर्चा खूब हो रही है। साहब राजधानी के चमकते सितारे हैं। एक माननीय की उनके ही विभाग में नहीं चल रही है। पढ़ाई-लिखाई वाले विभाग में वह तबादला एक्सप्रेस चलाना चाहते हैं, लेकिन अफसर नियम के बाहर जाने ही नहीं दे रहे। राजनीति में चर्चा है कि भगवा पार्टी से टिकट के लिए दिल्ली की दौड़ लगाने वाले नेता मायूस हैं। उन्हें कह दिया गया है कि यूपी में दखल नहीं दिया जा रहा है। इस शनिवार सुनी-सुनाई में पढ़िए ब्यूरोक्रेसी और राजनीति में चल रही चर्चाएं… माननीय की नहीं सुनते साहब स्कूली शिक्षा से जुड़े महकमे में इन दिनों माननीय और साहब के बीच खींचतान चल रही है। महकमे के दो बड़े साहब ने मिलकर माननीय को अच्छा खासा परेशान कर रखा है। दोनों साहब माननीय को नियमों के इधर-उधर कुछ भी नहीं करने दे रहे। प्रशासनिक कामकाज में भी माननीय का दखल कम कर दिया है। चर्चा है कि माननीय महकमे में तबादला एक्सप्रेस चलाना चाहते हैं, लेकिन साहब इसके खिलाफ हैं। माननीय के परिवार का राजनीतिक कद बीते दिनों घटा भी है। पहले जैसा रसूख नहीं रहा, नहीं तो वह सबको हिला कर रख देते। विभाग के एक साहब सत्ता के करीब हैं। इस कारण माननीय भी पंगा लेने से बच रहे हैं। दिल्ली का दखल नहीं चलेगा
देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव में भगवा टोली की हार का ठीकरा यूपी वालों ने दिल्ली वालों पर फोड़ा। दिल्ली वालों ने हार के लिए यूपी को जिम्मेदार ठहराया। करीब दो महीने तक चले इस खेल के बाद इस बात पर सैद्धांतिक सहमति बनी कि अब सूबे में भगवा टोली के हर काम में दिल्ली का दखल नहीं होगा। जैसे ही यह खबर सूबे में फैली, उप चुनाव में टिकट के दावेदारों के दिल्ली दौरे भी कम हो गए। वो मायूस हो गए हैं। पहले अगर यूपी में नहीं सुनी जाती थी तो दिल्ली से सीधे ‘वीटो’ लगवा देते थे। अब टिकट तो दूर की बात है, सुनवाई भी हो जाए तो बड़ी बात है। गजब का मजाक है
पिछले दिनों आधी रात में कुछ आईएएस अधिकारियों के तबादले हुए। पहले खबर आई की लखनऊ के जिलाधिकारी को भी हटा दिया गया। कौन बना, यह नाम भी चल गया। जिनका नाम चला वह बधाइयां स्वीकार करने लगे। पश्चिमी यूपी से प्रदेश की राजधानी की बागडोर संभालने की तैयारी करने लगे। खबर देर रात की थी, इसलिए अखबारों को भी कन्फर्म करने का मौका नहीं मिला। कई अखबारों में इनके जाने की और उनके आने की खबरें पहले पेज पर छप गईं। बाद में पता चला कि साहब का तो ट्रांसफर ही नहीं हुआ। अगर ट्रांसफर नहीं हुआ तो फिर नाम कैसे चल गया? क्या देर रात तबादलों में कोई बदलाव किया गया? यह जानने के लिए वह साहब ज्यादा परेशान हैं, जिनका नाम राजधानी के कलेक्टर के तौर पर अखबारों में भी छप गया। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनके साथ यह मजाक किसने किया? ट्रांसफर लिस्ट को लेकर बढ़ा बीपी
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को लेकर बैठक की। बैठक में कई बड़े अफसरों के काम को लेकर नाराजगी भी जताई। माना जा रहा था कि जिनके कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं, उन पर गाज गिर सकती है। कुछ अफसर लखनऊ में अपने चाहने वालों से यह जानने की कोशिश करने में लगे हैं कि आने वाली संभावित लिस्ट में उनका नाम तो नहींं? अब नाम किसका है और किसका नहीं? यह तो किसी को नहीं पता, लिस्ट का इंतजार सबको है। कुछ की धड़कनें और कुछ का बीपी इस लिस्ट को लेकर पहले से बढ़ गया है। वहीं, साइड पोस्टिंग में सजा काट रहे अफसर भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद इस लिस्ट में उनका नाम आ जाए और वह साइड पोस्टिंग से निजात पा जाएं। और सूर्य ढलने से बच गया
बीते दिनों बड़े साहब लोगों की एक तबादला सूची जारी हुई। तबादला सूची को लेकर सोशल मीडिया में खबर चली कि लखनऊ में बीते दो साल से छाया सूर्य अस्त हो गया है। लेकिन, जब सरकार की अधिकृत सूची आई तो पता चला कि सूर्य आसानी से ढलने वाला नहीं है। सूर्य को अस्त करने की कोशिश हुई तो जात और जमात के पैरोकार सक्रिय हो गए। किसी ने एक जाति के दो अफसरों को एक साथ साइडलाइन करने पर वोट बैंक के नुकसान का तर्क दिया। तो किसी ने तीन-चार महीने बाद होने वाले प्रमोशन के बाद हटाने की सलाह दी। खैर अब एसपीजी यूनिट पता करने में लगी है कि सोशल मीडिया में अंदर की बात किसने बाहर की। ये भी पढ़ें… भगवा दल में अब नो टेंशन वाले नेताजी:मंत्री के पीआरओ की सोने की चेन चर्चा में; बड़े साहब के दफ्तर में ठेकेदार की बैठकी
फतेहाबाद में जिला खेल अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार:मामला डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन फर्जी सर्टिफिकेट का; 4 युवाओं ने इनसे ली नौकरी
फतेहाबाद में जिला खेल अधिकारी समेत 4 गिरफ्तार:मामला डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन फर्जी सर्टिफिकेट का; 4 युवाओं ने इनसे ली नौकरी हरियाणा के फतेहाबाद में डी ग्रेड में स्पोर्ट्स ग्रेडेशन के फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में पुलिस ने तत्कालीन जिला खेल अधिकारी (DSO) समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन फर्जी सर्टिफिकेट के बल पर कई युवाओं ने खेल कोटे से नौकरी हासिल की थी। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मक्खन सिंह निवासी ढाण्ड, महावीर निवासी बनावाली, राहुल निवासी बोदीवाली व खेल अधिकारी राजेन्द्र सिंह बेरवाल निवासी न्यू भरत नगर भिवानी के रूप में हुई है। फतेहाबाद के सिटी थाना में पुलिस ने 21 अप्रैल 2023 को सीएम फ्लाइंग हिसार के इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह की शिकायत पर केस दर्ज किया था। सीएम फ्लाइंग शिकायत मिली थी कि डी ग्रेड स्पोर्ट्स ग्रेडेशन के फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इसके बाद सीएम फ्लाइंग टीम ने जिला खेल अधिकारी फतेहाबाद के रिकार्ड की जांच की। तीन युवकों ने फर्जी सर्टिफिकेट पर ली नौकरी रिकॉर्ड की जांच में खुलासा हुआ कि जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी द्वारा वर्ष 2019-20 में 122 खिलाड़ियों के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाए गए थे। इनमें 109 ग्रेड सी व 13 ग्रेड डी के थे। इसके आधार पर राहुल ने लोक निर्माण विभाग फतेहाबाद व मक्खन सिंह ने लोक निर्माण विभाग गुरुग्राम में, महावीर सिंह ने सिंचाई विभाग फतेहाबाद में नौकरी पाई। जांच में पाया गया कि इन लोगों ने कभी इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया जांच में सामने आया कि तत्कालीन जिला खेल अधिकारी राजेन्द्र बेरवाल ने बिना जांच करवाए ही खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। इस मामले में फतेहाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। मामले में जांच आर्थिक अपराध शाखा, फतेहाबाद द्वारा की गई। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा अब इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खेल अधिकारी राजेंद्र बेरवाल अब रिटायर हो चुके हैं। बिना प्रतियोगिता में भाग लिए बन गए सर्टिफिकेट इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह के अनुसार, तीनों मक्खन सिंह निवासी ढाण्ड, महावीर निवासी बनावाली, राहुल निवासी बोदीवाली ने जिन स्कूल से शिक्षा ली, वहां पता करने पर सामने आया कि तीनों ने कभी भी कराटे प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया। तीनों के कराटे एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ से प्रमाण पत्र बने हैं। प्रमाण पत्रों में तीनों ही खिलाड़ी एक ही दिन 24 जनवरी 2016 को एक ही खेल में प्रथम आए हैं। इसके अलावा कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सीनियर नेशनल कराटे चैंपियनशिप 2016 अरनाकुलम केरला के प्रमाण पत्र भी तीनों खिलाडिय़ों के एक ही दिन 14 फरवरी 2016 को भाग लेने के बनाए गए। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्रों पर जन्म तिथि, वजन, क्रमांक, कैटेगरी, मेल-फीमेल, खेल स्थान कुछ भी नहीं है। दोनों प्रतियोगिताओं के सर्टिफिकेट के आधार पर तीनों ने फतेहाबाद जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में प्रमाण पत्र हेतु आवेदन कर दिए। उन्होंने बताया कि तत्कालीन अधिकारी राजेंद्र बेरवाल ने भी बिना जांच किए खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी कर दिए, जो विज्ञापन संख्या 4/2018 दिनांक 18 सितंबर 2018 के अनुसार ग्रुप-डी की भर्ती के मान्य नहीं थी। एसोसिएशन नहीं होने की बात भी सामने आई इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तीनों के खेल प्रमाण पत्रों में पिता का नाम, इवेंट, भार वर्ग, आदि भी नहीं मिले हैं। इसलिए जांच में यह सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। उन्होंने बताया कि जांच में कराटे एसोसिएशन ऑफ चंडीगढ़ के नाम से भी कोई एसोसिएशन नहीं होने की बात सामने आई। कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया भी 2016 में भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन का सदस्य नहीं रहा। उन्होंने बताया कि तीनों खिलाड़ियों ने कथित फर्जी एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव और सचिव अशोक से फर्जी कराटे खेल प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरियां ली हैं और खेल अधिकारी ने बिना जांच करवाए कराटे खेल ग्रेडेशन प्रमाण पत्र जारी कर दिए। पुलिस ने सभी 6 लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कांग्रेस नेताओं ने स्व.वीरभद्र सिंह को किया याद:CM बोले- उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे; रिज पर जल्द लगेगी प्रतिमा, जगह तलाशी जा रही
कांग्रेस नेताओं ने स्व.वीरभद्र सिंह को किया याद:CM बोले- उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे; रिज पर जल्द लगेगी प्रतिमा, जगह तलाशी जा रही हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह की 91वीं जयंती पर कांग्रेस मुख्यालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा, वीरभद्र सिंह उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। आधुनिक हिमाचल के विकास में वीरभद्र सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। उनकी विकास की सोच व कार्यों को आगे बढ़ाना यह सब कांग्रेस का ध्येय है, यही उनके लिए कांग्रेस की सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र राजनीति से लेकर विधायक बनने तक उन्होंने वीरभद्र सिंह से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यों को आगे बढ़ाना उनकी प्राथमिकता है। आधुनिक हिमाचल निर्माता के तौर पर याद किया जाता रहेगा: प्रतिभा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा, स्व. वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में अहम योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर यशवंत सिंह परमार ने इस प्रदेश की नींव रखी थी, वहीं वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल के निर्माता के तौर पर जाना जाता रहेगा। ये नेता रहे मौजूद पार्टी मुख्यालय राजीव भवन शिमला में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल, सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान समेत कांग्रेस के बढ़ी संख्या में नेता मौजूद रहे। इस अवसर पर वीरभद्र सिंह की बेटी एवं सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश पूर्व सदस्य लोक पाल अभिलाषा सिंह ने भी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। CM बोले- रिज पर जल्द स्थापित होगी प्रतिमा मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा शिमला के रिज मैदान पर जल्द स्थापित किया जाएगा। इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा, देश की राजनीति में वीरभद्र सिंह का एक बहुत बड़ा नाम है। प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री का प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए उनकी याद में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी।