लखनऊ में मॉर्निंग वॉक से लौटे 45 साल के दवा कारोबारी की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे वह मॉर्निंग वॉक पर निकले। दो घंटे बाद वापस घर आए। कारोबारी को घबराहट और बेचैनी हो रही थी। शुगर भी बढ़ा था। इसलिए शुगर और डिप्रेशन की दवा खाई। कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन पास के प्राइवेट अस्पताल में ले गए। स्थिति गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की आशंका जताई। चार दिन पहले कारोबारी के छोटे भाई की कचहरी में हार्ट अटैक से जान चली गई थी। 25 साल के नौजवान भाई की मौत से वे टूट गए थे। डिप्रेशन में आए गए थे। आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि दोनों भाइयों में अटूट प्रेम था। 4 दिन के भीतर 2 भाइयों की एक जैसी मौत से हर कोई गमगीन है। परिवार ने शव का कानपुर में गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया। 2 तस्वीरें देखिए… भाई के नाम से चलाते थे मेडिकल स्टोर
सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के बंथरा में मोनू सिंह (45) परिवार के साथ रहते थे। उनके 25 वर्षीय छोटे भाई अभिषेक सिंह उर्फ पवन वकील थे। सरोजनी नगर तहसील में प्रैक्टिस करते थे। 9 जून को तहसील में अचानक अभिषेक को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। शव घर लाया गया तो परिवार की महिलाएं रोने-बिलखने लगीं। मोनू की पत्नी गश खाकर जमीन पर गिर गईं। लोगों ने उन्हें संभालने की कोशिश की, लेकिन ढांढ़स बंधाने के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं थे। पड़ोसियों के मुताबिक, मोनू सिंह और पवन के बीच बहुत प्यार था। दोनों एक दूसरे को जी-जान से ज्यादा चाहते थे। मोनू ने अपने भाई पवन के नाम पर मेडिकल स्टोर खोला था। पवन की फरवरी में शादी होनी थी। पवन की मौत से वह डिप्रेशन में चले गए। उन्होंने डिप्रेशन की दवाई भी लेनी शुरू कर दी। शुक्रवार को उनकी भी मौत हो गई। 20 साल पहले हुई थी शादी
मोनू की शादी करीब 20 वर्ष पहले हुई थी। उनके परिवार में पत्नी, पिता लाल बहादुर और मां हीरामणि हैं। मोनू के कोई बच्चे नहीं थे। बंथरा के हनुमान मंदिर के पास रहने वाले इस परिवार में पवन सबके लाड़ले थे। दोनों बेटों की मौत से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। 11 जून को दैनिक भास्कर मोनू-पवन के घर पहुंचा था। मोनू ने ही पवन की पूरी जानकारी दी थी, क्या पता था वे भी अपने परिवार को छोड़ जाएंगे। पढ़िए हूबहू … छोटे भाई पवन की मौत के बाद मोनू डिप्रेशन में आ गए थे। उन्होंने कहा था, ‘भाई पवन को कभी बुखार तक नहीं आया। एकदम स्वस्थ था। हमेशा खुशमिजाज रहता था। उसे किसी तरह की कोई टेंशन नहीं थी। हार्ट अटैक आया और अचानक ही हमारा सबकुछ खत्म हो गया। थोड़ा समय मिल गया होता तो हम किसी भी कीमत पर भाई को बचा लेते।’ उन्होंने कहा कि भाई रोजाना की तरह सुबह कोर्ट गया था। बिजनौर में रजिस्ट्री का काम कराना था। वहां काम निपटाकर अपने चैंबर के पास पहुंचा। चैंबर के पास अपने एक साथी से बातचीत की फिर अचानक से गिर गया। इसके बाद नहीं उठा। मिनटों में सब खत्म हो गया। यह बताते हुए अचानक मोनू गुमसुम हो गए। फरवरी में पवन की शादी होनी थी
मोनू ने बताया था कि वकालत शुरू करने के बाद पवन ठीक पैसा कमा लेता था। अब परिवार संभालने लायक भी हो गया था। इसलिए माता-पिता ने उसका रिश्ता भी पक्का कर दिया था। रायबरेली में शादी तय हो गई थी। फरवरी में शादी होनी थी। इसके पहले एक शुभ कार्यक्रम रखने की तैयारी चल रही थी। हालांकि, अभी डेट तय नहीं हुई थी। हादसे के बाद से सारी खुशियां मातम में बदल गईं। कानपुर के घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
मोनू ने बताया कि घटना की सूचना दोपहर करीब 3:35 बजे मिली। मैं अपने साथियों के साथ पहुंचा। कई अस्पतालों में भाई को ले गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर भी हार्ट अटैक ही बता रहे थे। तभी सीसीटीवी भी सामने आ गया जिसमें महज हादसा लगा। इसीलिए पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। हमें किसी पर कोई संदेह नहीं है। उस दिन की घटना रिमाइंड करिए… बिजनौर में काम के बाद तहसील लौटा
9 जून को बिजनौर में एक रजिस्ट्री का काम था तो अभिषेक (पवन) अपने एक साथी के साथ वहां गया। काम खत्म करके करीब 3 बजे वापस सरोजनी नगर तहसील पहुंचा। कुछ साथियों के साथ तहसील परिसर में आपस में कुछ बात रहा था। तभी अभिषेक को चक्कर जैसा आया, जिससे वह गश खाकर गिर गया। उसका सिर दीवार में थोड़ा लड़ा फिर वह अचेत हो गया। मौके पर साथी वकीलों की भीड़ जमा हो गई। अभिषेक को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। पीजीआई पहुंचने में लगे 30 मिनट
अभिषेक के साथी वकीलों को पीजीआई तक पहुंचाने में 30 मिनट लगे। वहां 4 बजे पहुंचे और डॉक्टरों ने बताया कि इनकी डेथ हो चुकी है। SGPGI के इमरजेंसी विभाग के प्रभारी डॉ. तन्मय ने बताया, शाम 4 बजे के करीब अभिषेक नाम के युवक को ‘ब्रॉट डेड’ कंडीशन में लाया गया था। ECG करने पर हार्ट बीट फ्लैट लाइन के रूप में दिख रही थीं। डेड बॉडी के साथ करीब आधा दर्जन वकील भी थे। उन लोगों ने बताया कि ऑफिस में काम करने के दौरान वो अचानक गिर गए थे। उसके बाद हम जितना जल्दी हो सका अस्पताल लेकर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर लखनऊ में मॉर्निंग वॉक से लौटे 45 साल के दवा कारोबारी की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे वह मॉर्निंग वॉक पर निकले। दो घंटे बाद वापस घर आए। कारोबारी को घबराहट और बेचैनी हो रही थी। शुगर भी बढ़ा था। इसलिए शुगर और डिप्रेशन की दवा खाई। कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन पास के प्राइवेट अस्पताल में ले गए। स्थिति गंभीर बताते हुए डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की आशंका जताई। चार दिन पहले कारोबारी के छोटे भाई की कचहरी में हार्ट अटैक से जान चली गई थी। 25 साल के नौजवान भाई की मौत से वे टूट गए थे। डिप्रेशन में आए गए थे। आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि दोनों भाइयों में अटूट प्रेम था। 4 दिन के भीतर 2 भाइयों की एक जैसी मौत से हर कोई गमगीन है। परिवार ने शव का कानपुर में गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया। 2 तस्वीरें देखिए… भाई के नाम से चलाते थे मेडिकल स्टोर
सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के बंथरा में मोनू सिंह (45) परिवार के साथ रहते थे। उनके 25 वर्षीय छोटे भाई अभिषेक सिंह उर्फ पवन वकील थे। सरोजनी नगर तहसील में प्रैक्टिस करते थे। 9 जून को तहसील में अचानक अभिषेक को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। शव घर लाया गया तो परिवार की महिलाएं रोने-बिलखने लगीं। मोनू की पत्नी गश खाकर जमीन पर गिर गईं। लोगों ने उन्हें संभालने की कोशिश की, लेकिन ढांढ़स बंधाने के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं थे। पड़ोसियों के मुताबिक, मोनू सिंह और पवन के बीच बहुत प्यार था। दोनों एक दूसरे को जी-जान से ज्यादा चाहते थे। मोनू ने अपने भाई पवन के नाम पर मेडिकल स्टोर खोला था। पवन की फरवरी में शादी होनी थी। पवन की मौत से वह डिप्रेशन में चले गए। उन्होंने डिप्रेशन की दवाई भी लेनी शुरू कर दी। शुक्रवार को उनकी भी मौत हो गई। 20 साल पहले हुई थी शादी
मोनू की शादी करीब 20 वर्ष पहले हुई थी। उनके परिवार में पत्नी, पिता लाल बहादुर और मां हीरामणि हैं। मोनू के कोई बच्चे नहीं थे। बंथरा के हनुमान मंदिर के पास रहने वाले इस परिवार में पवन सबके लाड़ले थे। दोनों बेटों की मौत से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। 11 जून को दैनिक भास्कर मोनू-पवन के घर पहुंचा था। मोनू ने ही पवन की पूरी जानकारी दी थी, क्या पता था वे भी अपने परिवार को छोड़ जाएंगे। पढ़िए हूबहू … छोटे भाई पवन की मौत के बाद मोनू डिप्रेशन में आ गए थे। उन्होंने कहा था, ‘भाई पवन को कभी बुखार तक नहीं आया। एकदम स्वस्थ था। हमेशा खुशमिजाज रहता था। उसे किसी तरह की कोई टेंशन नहीं थी। हार्ट अटैक आया और अचानक ही हमारा सबकुछ खत्म हो गया। थोड़ा समय मिल गया होता तो हम किसी भी कीमत पर भाई को बचा लेते।’ उन्होंने कहा कि भाई रोजाना की तरह सुबह कोर्ट गया था। बिजनौर में रजिस्ट्री का काम कराना था। वहां काम निपटाकर अपने चैंबर के पास पहुंचा। चैंबर के पास अपने एक साथी से बातचीत की फिर अचानक से गिर गया। इसके बाद नहीं उठा। मिनटों में सब खत्म हो गया। यह बताते हुए अचानक मोनू गुमसुम हो गए। फरवरी में पवन की शादी होनी थी
मोनू ने बताया था कि वकालत शुरू करने के बाद पवन ठीक पैसा कमा लेता था। अब परिवार संभालने लायक भी हो गया था। इसलिए माता-पिता ने उसका रिश्ता भी पक्का कर दिया था। रायबरेली में शादी तय हो गई थी। फरवरी में शादी होनी थी। इसके पहले एक शुभ कार्यक्रम रखने की तैयारी चल रही थी। हालांकि, अभी डेट तय नहीं हुई थी। हादसे के बाद से सारी खुशियां मातम में बदल गईं। कानपुर के घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
मोनू ने बताया कि घटना की सूचना दोपहर करीब 3:35 बजे मिली। मैं अपने साथियों के साथ पहुंचा। कई अस्पतालों में भाई को ले गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर भी हार्ट अटैक ही बता रहे थे। तभी सीसीटीवी भी सामने आ गया जिसमें महज हादसा लगा। इसीलिए पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। हमें किसी पर कोई संदेह नहीं है। उस दिन की घटना रिमाइंड करिए… बिजनौर में काम के बाद तहसील लौटा
9 जून को बिजनौर में एक रजिस्ट्री का काम था तो अभिषेक (पवन) अपने एक साथी के साथ वहां गया। काम खत्म करके करीब 3 बजे वापस सरोजनी नगर तहसील पहुंचा। कुछ साथियों के साथ तहसील परिसर में आपस में कुछ बात रहा था। तभी अभिषेक को चक्कर जैसा आया, जिससे वह गश खाकर गिर गया। उसका सिर दीवार में थोड़ा लड़ा फिर वह अचेत हो गया। मौके पर साथी वकीलों की भीड़ जमा हो गई। अभिषेक को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। पीजीआई पहुंचने में लगे 30 मिनट
अभिषेक के साथी वकीलों को पीजीआई तक पहुंचाने में 30 मिनट लगे। वहां 4 बजे पहुंचे और डॉक्टरों ने बताया कि इनकी डेथ हो चुकी है। SGPGI के इमरजेंसी विभाग के प्रभारी डॉ. तन्मय ने बताया, शाम 4 बजे के करीब अभिषेक नाम के युवक को ‘ब्रॉट डेड’ कंडीशन में लाया गया था। ECG करने पर हार्ट बीट फ्लैट लाइन के रूप में दिख रही थीं। डेड बॉडी के साथ करीब आधा दर्जन वकील भी थे। उन लोगों ने बताया कि ऑफिस में काम करने के दौरान वो अचानक गिर गए थे। उसके बाद हम जितना जल्दी हो सका अस्पताल लेकर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
4 दिन में दोनों भाइयों की हार्ट अटैक से मौत:लखनऊ में एक की चलते-चलते जान गई, सदमे में दूसरा घर में गिरा…फिर उठा नहीं
