पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई, लेकिन ये मेरा मुकाम नहीं था। मेरे कदम बढ़ते गए, मंजिल खाकी वर्दी थी। और यहां तक आकर ही थमे। यह कहना है 2019 बैच के IPS अफसर सागर जैन का। सागर जैन इस समय सहारनपुर में SPRA पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह वाराणसी और मुरादाबाद में भी तैनात रह चुके हैं। अब तक 30 से ज्यादा एनकाउंटर कर अपराधियों को धर दबोचा। DFO के बाद IPS बने सागर जैन कहते हैं- लाइफ में सेट किए गए टारगेट को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सागर जैन की कहानी 6 चैप्टर में जानते हैं… सागर जैन बताते हैं- मेरा घर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में है। मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर स्थित पिपरिया गांव मेरी पहचान है। पापा अशोक जैन का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मेरी डेट ऑफ बर्थ 20 दिसंबर 1991 है। मेरी मां आरती जैन हाउस वाइफ रहीं। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट किया। यह बताते हुए सागर जैन अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं। सागर जैन कहते हैं- मैं गांव की मिट्टी में खेला, पढ़ा और बड़ा हुआ। प्राइमरी एजुकेशन भी गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद पापा ने सेंट जोसफ स्कूल में दाखिला दिला दिया। 2008 में मैंने फर्स्ट डिवीजन हाई स्कूल पास किया।मेरे पापा का सपना, मेरा सपना भी था। मुझे IIT की तैयारी करनी थी, इसलिए 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं राजस्थान के कोटा चला गया। 2010 में मैंने फर्स्ट डिवीजन मार्क्स के साथ इंटर पास किया। इसके बाद मैंने JEE Advanced क्वालिफाई कर लिया। मुझे झारखंड के धनबाद IIT में एडमिशन मिला। यहां मैंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बीटेक करते ही मुझे एक कंपनी में सलाना 9 लाख के पैकेज पर जॉब मिल गई। जमशेदपुर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर मैंने कंपनी में योगदान भी दिया। सागर जैन बताते हैं- बीटेक करने के बाद जॉब लगी, तो घर जमजैदपुर में रहने लगा। कुछ समय बाद लगा कि जॉब में मजा नहीं आ रहा। ऑफिसर बनने का अलग आनंद है। पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, तो वह सपना भी पूरा हो गया। डेढ़ साल जॉब करने के बाद मैंने 2015 में IPS बनने की ठान ली। मैं नौकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। यहां पहले सेल्फ स्टडी की। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे अटैंप्ट में UPSC को क्रैक किया, लेकिन रैंक 460 मिली। इसलिए IFS में चयन हुआ और DFO की पोस्ट पर नौकरी मिली। DFO बनते ही घर-परिवार में सभी बहुत खुश हुए। पापा-मम्मी, सभी ने कहा- अब बेटा सरकारी अफसर बन गया है। मेरी देहरादून में ट्रेनिंग हुई। लेकिन, मेरा लक्ष्य IPS बनना था। इसलिए मैंने हार नहीं मानी। मैं तब भी पढ़ता रहा। रात में 5 से 6 घंटे तैयारी करता रहा। मुझे यह उम्मीद थी कि आगे UPSC में बेहतर रैंक आएगी। साल 2018 में UPSC में तीसरा प्रयास था। मैंने एग्जाम दिया। इस बार 160 वीं रैंक आई। IPS पर चयन हुआ। मुझे बैच मिला 2019। सागर जैन बताते हैं- पहली बार जिस सपने को सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। उस पल को आज भी परिवार भूल नहीं पाता है। जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, वहां से निकलकर सफलता पाना अपने आप में गर्व की बात है। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी में 2020 में पहली पोस्टिंग मिली। उस समय अमित पाठक सर वाराणसी SSP थे। क्राइम की सूचना मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंच जाता था। उन दिनों महिला क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। इसमें मिशन शक्ति के तहत थाना स्तर पर महिला डेस्क की शुरुआत कराते हुए इसे प्रभावी ढंग से चलाया गया। वाराणसी में मिशन शक्ति को मजबूती से बल देने के लिए सभी थाना स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। महिला क्राइम संबंधी, जो भी सूचनाएं आती थीं। उन पर पुलिस रिस्पॉन्स करते हुए तत्काल मौके पर पहुंचती। जिन मामलों में FIR के लिए मामला होता, उनमें तत्काल FIR कराई जाती। नवंबर 2020 की बात है…रात में 10 बजे एक टीचर ने हमसे संपर्क किया। बोली- एक युवक लगातार मेरा पीछा कर रहा है। रात के समय भी वह घर के बाहर घूम रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। सागर जैन बताते हैं-महिला क्राइम का मामला था, इसलिए सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मैं अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गया। हमारे साथ महिला पुलिसकर्मी भी थीं। यहां आकर देखा तो टीचर वास्तव में बहुत डरी हुई थी। मैंने उनसे कहा- मैम, आप बेफिक्र रहिए। दरअसल, उनके पति दूसरे जिले में किसी सरकारी विभाग में पोस्टेट थे। वह अकेली थीं। हमने उनके घर पर ही शिकायत लिखवाई। इसके बाद हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कबूल करते हुए कहा कि वह टीचर पर दोस्ती का दबाव बना रहा था। हमने उसके ऊपर सख्त एक्शन लिया। टीचर को विश्वास दिलाया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी के बाद मुरादाबाद में मुझे तैनाती मिली। मुरादाबाद में मैंने कई क्रिमिनल केस पर काम किया। वेस्ट यूपी के जिलों में क्राइम का पैटर्न अलग लगा। 31 मार्च 2022 की बात है…मझौला क्षेत्र में फाजलपुर में एक शादी समारोह था। यहां रात को एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम जब मौके पर पहुंचे, महिला तड़प रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी सांसें थम गईं। क्राइम स्पॉट पर कोई कुछ भी सही बात बताने को तैयार नहीं था। हम पहले हर्ष फायरिंग के एंगल से केस को देख रहे थे। चर्चा भी यही थी। शादी में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई। लोगों ने बताया-डांस करते समय गोली चली और महिला को जा लगी। लेकिन, गोली चलाई किसने, और क्या वास्तव में यह हर्ष फायरिंग का केस था? इसका जवाब हमने तलाशना शुरू कर दिया। हमने शादी के वीडियो देखे, सीसीटीवी खंगाले। महिला के परिवार से पूरी जानकारी ली। इस दौरान हमने कुछ संदिग्ध युवकों को डिटेन किया। सभी की जानकारी वेरिफाई की। हमें फोरेंसिक एक्सपर्ट से भी कई क्लू मिले। इन सब में एक सुनील नाम के युवक की एक्टिविटी संदिग्ध रही। वह कैमरे में तमंचे से फायरिंग करते हुए कैद हुआ था। उसने कबूल करते हुए बताया- हां मेरी ही गोली से रुमाली देवी की हत्या हुई। इसके बाद सुनील का मेडिकल करा, उसे जेल भेजा गया। सागर जैन बताते हैं- दिसंबर 2021 को मुरादाबाद में बड़ा VIP कार्यक्रम था। इस बीच मुरादाबाद के सिविल लाइन इलाके से सब्जी के बड़े आढ़ती संदीप थरेजा का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। संदीप की पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। घटना आवास विकास रोड की थी। मैं सिविल लाइन पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज चेक की। फुटेज में 4 लोग आढ़ती संदीप को जबरन स्कॉर्पियो में डालकर ले जाते दिखाई दिए। उसकी बरामदगी के लिए पुलिस की 3 टीम लगाईं गईं। जिस स्कॉर्पियो में आढ़ती को लेकर गए थे, पता चला कि वह अलीगढ़ से आगरा की तरफ गई है। पुलिस ने आढ़ती को बरामद करने के लिए आसपास के जिलों में भी टीमें लगाईं। हमें पता चला कि आगरा में आढ़ती को बंधक बनाकर रखा गया है, वहां से पुलिस ने आढ़ती को बरामद किया। साथ ही अपहरण करने वाले सभी लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा। लेनदेन के विवाद में करीबियों ने ही यह अपहरण किया था। यदि पुलिस एक्टिव न होती तो आढ़ती के साथ अनहोनी भी हो सकती थी। यह अपहरण भी दिनदहाड़े हुए था, जहां स्कूटी से जाते समय व्यापारी को खींचकर स्कॉर्पियो में डालकर ले गए थे। सरेआम अपहरण को लेकर पुलिस के मन में यह भी सवाल था कि यह मामला लेनदेन से जुड़ा हो सकता है। सागर जैन बताते हैं- मुरादाबाद के बाद SPRA सहारनपुर में तैनाती मिली। नवंबर 2024 की बात है, सहारनपुर में रुडकी पंचकुला मार्ग पर नागल क्षेत्र में डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया। इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस की 6 टीमें लगाईं, मैंने खुद मौके पर पहुंचकर पूरा क्राइम सीन देखा। उसके बाद क्राइम पैटर्न पर पूरा काम किया। हाईवे पर CCTV फुटेज भी खंगाली। ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने माना की यह हत्या लूट के नहीं की गई है, इसमें रंजिश भी हो सकती है। इस घटना को अंजाम देने वाले शादाब उर्फ सोनू और आमिर को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया। मुख्य आरोपी शादाब पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था, शादाब ने ही अपने साथियों के साथ इस डबल मर्डर को अंजाम दिया था। दोनों हत्यारोपियों को एनकाउंटर में पुलिस ने पैर में गोली मारी, जहां मौके से एक पिस्टल भी बरामद हुई। इसी पिस्टल से शादाब ने डबल मर्डर को अंजाम दिया था। सागर जैन बताते हैं- इस डबल मर्डर में शुरुआत से ही रंजिश में हत्या होना लग रहा था, पुलिस ने पहले मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली। मरने वाले क्लीनर हुसनैन के परिवार से जब पुलिस ने जानकारी की तो परिवार ने कुछ नाम बताए। बताया कि एक साल से रंजिश चल रही है। हुसनैन के परिवार ने ही अपने ही गांव के लोगों पर हत्या करने का शक जताया था, केस में निकला भी वही। एक साल पहले हुसनैन और मारुफ ने एक साथ दोस्ती में शराब पी थी। दोनों में पुरानी मित्रता थी, जिसके बाद मारुफ की तालाब में डूबने से मौत हो गई, लेकिन मारुफ के परिजन हुसनैन पर हत्या कर फेंकने का आरोप लगाते थे। इसी रंजिश में एक साल बाद हुसनैन की हत्या की गई। साथ में ट्रक चालक को भी गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया। माफिया हाजी इकबाल की रीढ़ तोड़ी सागर जैन 22 फरवरी, 2023 से सहारनपुर में SPRA तैनात हैं। लोकसभा चुनाव में बेहतर तरह से कानून व्यवस्था संभाली। जहां 2 बार कांवड़ यात्रा के दौरान वह देर रात तक हाईवे पर चेकिंग को निकले। कांवड़ यात्रा बेहतर तरह से पूरी कराई। वेस्ट यूपी के सबसे बड़े खनन माफिया हाजी इकबाल के अवैध कारोबार पर भी रीढ़ तोड़ी। इसकी 600 करोड़ की संपत्ति को अलग-अलग बार में पुलिस ने कुर्क किया। इसी माफिया की बेनामी संपत्ति जांच में भी दोषी पाते हुए पूरे कारनामे को उजागर किया। जिसमें इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी हुई। सहारनपुर में रहते हुए कई बड़ी घटनाओं का खुलासा किया। चंद्रशेखर पर हमला करने वाला पूरा गैंग अरेस्ट कर जेल भेजा। हरियाणा और उत्तराखंड के बॉर्डर पर अवैध शराब की तस्करी करने वालों की रीढ़ तोड़ते हुए पूरे गैंग को जेल भेजा। परिवार की मर्जी से की शादी सागर जैन अपनी शादी के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि परिवार की मर्जी से तान्या जैन से शादी की। तान्या जैन CA हैं। वह परिवार के बारे में कहते हैं कि मेरी पूरी फैमिली बिजनेस से जुड़ी रही है, मैं ही पुलिस ऑफिसर बना हूं। अचीवमेंट्स …………………………….. खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें 16 लाख का पैकेज छोड़ IPS बने अभिमन्यु मांगलिक: हाजी इकबाल की जमीन खरीदने वाले इंस्पेक्टर को नपवाया, 7 साल में किए 41 एनकाउंटर 2018 बैच के IPS अभिमन्यु मांगलिक अभी भदोही के एसपी हैं। इससे पहले वह 26 महीने तक सहारनपुर में एसपी सिटी रहे। अभिमन्यु राज्यपाल के ADC भी रह चुके हैं। उनकी रिपोर्ट पर सहारनपुर में माफिया की जमीन खरीदने वाला इंस्पेक्टर बर्खास्त कर दिया गया। पढ़ें पूरी कहानी… पापा का सपना था कि मैं इंजीनियर बनूं। मैंने उनका सपना पूरा किया। IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई, लेकिन ये मेरा मुकाम नहीं था। मेरे कदम बढ़ते गए, मंजिल खाकी वर्दी थी। और यहां तक आकर ही थमे। यह कहना है 2019 बैच के IPS अफसर सागर जैन का। सागर जैन इस समय सहारनपुर में SPRA पद पर तैनात हैं। इससे पहले वह वाराणसी और मुरादाबाद में भी तैनात रह चुके हैं। अब तक 30 से ज्यादा एनकाउंटर कर अपराधियों को धर दबोचा। DFO के बाद IPS बने सागर जैन कहते हैं- लाइफ में सेट किए गए टारगेट को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसके सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सागर जैन की कहानी 6 चैप्टर में जानते हैं… सागर जैन बताते हैं- मेरा घर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में है। मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर स्थित पिपरिया गांव मेरी पहचान है। पापा अशोक जैन का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। मेरी डेट ऑफ बर्थ 20 दिसंबर 1991 है। मेरी मां आरती जैन हाउस वाइफ रहीं। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा मोटिवेट किया। यह बताते हुए सागर जैन अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं। सागर जैन कहते हैं- मैं गांव की मिट्टी में खेला, पढ़ा और बड़ा हुआ। प्राइमरी एजुकेशन भी गांव के प्राइमरी स्कूल से हुई। इसके बाद पापा ने सेंट जोसफ स्कूल में दाखिला दिला दिया। 2008 में मैंने फर्स्ट डिवीजन हाई स्कूल पास किया।मेरे पापा का सपना, मेरा सपना भी था। मुझे IIT की तैयारी करनी थी, इसलिए 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं राजस्थान के कोटा चला गया। 2010 में मैंने फर्स्ट डिवीजन मार्क्स के साथ इंटर पास किया। इसके बाद मैंने JEE Advanced क्वालिफाई कर लिया। मुझे झारखंड के धनबाद IIT में एडमिशन मिला। यहां मैंने 2014 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। बीटेक करते ही मुझे एक कंपनी में सलाना 9 लाख के पैकेज पर जॉब मिल गई। जमशेदपुर में बतौर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर मैंने कंपनी में योगदान भी दिया। सागर जैन बताते हैं- बीटेक करने के बाद जॉब लगी, तो घर जमजैदपुर में रहने लगा। कुछ समय बाद लगा कि जॉब में मजा नहीं आ रहा। ऑफिसर बनने का अलग आनंद है। पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, तो वह सपना भी पूरा हो गया। डेढ़ साल जॉब करने के बाद मैंने 2015 में IPS बनने की ठान ली। मैं नौकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। यहां पहले सेल्फ स्टडी की। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। दूसरे अटैंप्ट में UPSC को क्रैक किया, लेकिन रैंक 460 मिली। इसलिए IFS में चयन हुआ और DFO की पोस्ट पर नौकरी मिली। DFO बनते ही घर-परिवार में सभी बहुत खुश हुए। पापा-मम्मी, सभी ने कहा- अब बेटा सरकारी अफसर बन गया है। मेरी देहरादून में ट्रेनिंग हुई। लेकिन, मेरा लक्ष्य IPS बनना था। इसलिए मैंने हार नहीं मानी। मैं तब भी पढ़ता रहा। रात में 5 से 6 घंटे तैयारी करता रहा। मुझे यह उम्मीद थी कि आगे UPSC में बेहतर रैंक आएगी। साल 2018 में UPSC में तीसरा प्रयास था। मैंने एग्जाम दिया। इस बार 160 वीं रैंक आई। IPS पर चयन हुआ। मुझे बैच मिला 2019। सागर जैन बताते हैं- पहली बार जिस सपने को सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। उस पल को आज भी परिवार भूल नहीं पाता है। जिस क्षेत्र से मैं आता हूं, वहां से निकलकर सफलता पाना अपने आप में गर्व की बात है। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी में 2020 में पहली पोस्टिंग मिली। उस समय अमित पाठक सर वाराणसी SSP थे। क्राइम की सूचना मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंच जाता था। उन दिनों महिला क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। इसमें मिशन शक्ति के तहत थाना स्तर पर महिला डेस्क की शुरुआत कराते हुए इसे प्रभावी ढंग से चलाया गया। वाराणसी में मिशन शक्ति को मजबूती से बल देने के लिए सभी थाना स्तर पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई। महिला क्राइम संबंधी, जो भी सूचनाएं आती थीं। उन पर पुलिस रिस्पॉन्स करते हुए तत्काल मौके पर पहुंचती। जिन मामलों में FIR के लिए मामला होता, उनमें तत्काल FIR कराई जाती। नवंबर 2020 की बात है…रात में 10 बजे एक टीचर ने हमसे संपर्क किया। बोली- एक युवक लगातार मेरा पीछा कर रहा है। रात के समय भी वह घर के बाहर घूम रहा है। मुझे बहुत डर लग रहा है। सागर जैन बताते हैं-महिला क्राइम का मामला था, इसलिए सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर ही मैं अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गया। हमारे साथ महिला पुलिसकर्मी भी थीं। यहां आकर देखा तो टीचर वास्तव में बहुत डरी हुई थी। मैंने उनसे कहा- मैम, आप बेफिक्र रहिए। दरअसल, उनके पति दूसरे जिले में किसी सरकारी विभाग में पोस्टेट थे। वह अकेली थीं। हमने उनके घर पर ही शिकायत लिखवाई। इसके बाद हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने कबूल करते हुए कहा कि वह टीचर पर दोस्ती का दबाव बना रहा था। हमने उसके ऊपर सख्त एक्शन लिया। टीचर को विश्वास दिलाया कि वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। सागर जैन बताते हैं- वाराणसी के बाद मुरादाबाद में मुझे तैनाती मिली। मुरादाबाद में मैंने कई क्रिमिनल केस पर काम किया। वेस्ट यूपी के जिलों में क्राइम का पैटर्न अलग लगा। 31 मार्च 2022 की बात है…मझौला क्षेत्र में फाजलपुर में एक शादी समारोह था। यहां रात को एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हम जब मौके पर पहुंचे, महिला तड़प रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी सांसें थम गईं। क्राइम स्पॉट पर कोई कुछ भी सही बात बताने को तैयार नहीं था। हम पहले हर्ष फायरिंग के एंगल से केस को देख रहे थे। चर्चा भी यही थी। शादी में शामिल कुछ लोगों से पूछताछ में भी यही बात सामने आई। लोगों ने बताया-डांस करते समय गोली चली और महिला को जा लगी। लेकिन, गोली चलाई किसने, और क्या वास्तव में यह हर्ष फायरिंग का केस था? इसका जवाब हमने तलाशना शुरू कर दिया। हमने शादी के वीडियो देखे, सीसीटीवी खंगाले। महिला के परिवार से पूरी जानकारी ली। इस दौरान हमने कुछ संदिग्ध युवकों को डिटेन किया। सभी की जानकारी वेरिफाई की। हमें फोरेंसिक एक्सपर्ट से भी कई क्लू मिले। इन सब में एक सुनील नाम के युवक की एक्टिविटी संदिग्ध रही। वह कैमरे में तमंचे से फायरिंग करते हुए कैद हुआ था। उसने कबूल करते हुए बताया- हां मेरी ही गोली से रुमाली देवी की हत्या हुई। इसके बाद सुनील का मेडिकल करा, उसे जेल भेजा गया। सागर जैन बताते हैं- दिसंबर 2021 को मुरादाबाद में बड़ा VIP कार्यक्रम था। इस बीच मुरादाबाद के सिविल लाइन इलाके से सब्जी के बड़े आढ़ती संदीप थरेजा का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया। संदीप की पत्नी ने पुलिस को सूचना दी। घटना आवास विकास रोड की थी। मैं सिविल लाइन पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। सीसीटीवी फुटेज चेक की। फुटेज में 4 लोग आढ़ती संदीप को जबरन स्कॉर्पियो में डालकर ले जाते दिखाई दिए। उसकी बरामदगी के लिए पुलिस की 3 टीम लगाईं गईं। जिस स्कॉर्पियो में आढ़ती को लेकर गए थे, पता चला कि वह अलीगढ़ से आगरा की तरफ गई है। पुलिस ने आढ़ती को बरामद करने के लिए आसपास के जिलों में भी टीमें लगाईं। हमें पता चला कि आगरा में आढ़ती को बंधक बनाकर रखा गया है, वहां से पुलिस ने आढ़ती को बरामद किया। साथ ही अपहरण करने वाले सभी लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा। लेनदेन के विवाद में करीबियों ने ही यह अपहरण किया था। यदि पुलिस एक्टिव न होती तो आढ़ती के साथ अनहोनी भी हो सकती थी। यह अपहरण भी दिनदहाड़े हुए था, जहां स्कूटी से जाते समय व्यापारी को खींचकर स्कॉर्पियो में डालकर ले गए थे। सरेआम अपहरण को लेकर पुलिस के मन में यह भी सवाल था कि यह मामला लेनदेन से जुड़ा हो सकता है। सागर जैन बताते हैं- मुरादाबाद के बाद SPRA सहारनपुर में तैनाती मिली। नवंबर 2024 की बात है, सहारनपुर में रुडकी पंचकुला मार्ग पर नागल क्षेत्र में डबल मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया। इस केस को सॉल्व करने के लिए पुलिस की 6 टीमें लगाईं, मैंने खुद मौके पर पहुंचकर पूरा क्राइम सीन देखा। उसके बाद क्राइम पैटर्न पर पूरा काम किया। हाईवे पर CCTV फुटेज भी खंगाली। ट्रक चालक शोएब और क्लीनर हुसनैन की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने माना की यह हत्या लूट के नहीं की गई है, इसमें रंजिश भी हो सकती है। इस घटना को अंजाम देने वाले शादाब उर्फ सोनू और आमिर को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट किया। मुख्य आरोपी शादाब पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था, शादाब ने ही अपने साथियों के साथ इस डबल मर्डर को अंजाम दिया था। दोनों हत्यारोपियों को एनकाउंटर में पुलिस ने पैर में गोली मारी, जहां मौके से एक पिस्टल भी बरामद हुई। इसी पिस्टल से शादाब ने डबल मर्डर को अंजाम दिया था। सागर जैन बताते हैं- इस डबल मर्डर में शुरुआत से ही रंजिश में हत्या होना लग रहा था, पुलिस ने पहले मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली। मरने वाले क्लीनर हुसनैन के परिवार से जब पुलिस ने जानकारी की तो परिवार ने कुछ नाम बताए। बताया कि एक साल से रंजिश चल रही है। हुसनैन के परिवार ने ही अपने ही गांव के लोगों पर हत्या करने का शक जताया था, केस में निकला भी वही। एक साल पहले हुसनैन और मारुफ ने एक साथ दोस्ती में शराब पी थी। दोनों में पुरानी मित्रता थी, जिसके 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के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि परिवार की मर्जी से तान्या जैन से शादी की। तान्या जैन CA हैं। वह परिवार के बारे में कहते हैं कि मेरी पूरी फैमिली बिजनेस से जुड़ी रही है, मैं ही पुलिस ऑफिसर बना हूं। अचीवमेंट्स …………………………….. खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें 16 लाख का पैकेज छोड़ IPS बने अभिमन्यु मांगलिक: हाजी इकबाल की जमीन खरीदने वाले इंस्पेक्टर को नपवाया, 7 साल में किए 41 एनकाउंटर 2018 बैच के IPS अभिमन्यु मांगलिक अभी भदोही के एसपी हैं। इससे पहले वह 26 महीने तक सहारनपुर में एसपी सिटी रहे। अभिमन्यु राज्यपाल के ADC भी रह चुके हैं। उनकी रिपोर्ट पर सहारनपुर में माफिया की जमीन खरीदने वाला इंस्पेक्टर बर्खास्त कर दिया गया। पढ़ें पूरी कहानी… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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चरखी दादरी की बेटियों का राजस्थान में उत्पीड़न:5 लाख-बाइक ना मिलने पर घर से निकाला, एक का पति और ससुर आर्मी में हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव उण निवासी दो बहनों ने ससुराल पक्ष के लोगों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। दोनों बहनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोग उनसे 5 लाख रुपए नकद और दो बुलेट बाइक की मांग कर रहे हैं। वहीं उन्होंने बाइक और नकदी देने से मना करने पर गाली-गलौज और मारपीट कर घर से निकालने के भी आरोप लगाए हैं। चरखी दादरी महिला थाने में शिकायत देकर दोनों ने अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जिसके आधार पर पुलिस ने 4 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। 5 लाख और 2 बुलेट बाइक की मांग महिला थाना पुलिस को दी शिकायत में गांव उण निवासी दो सगी बहन प्रियंका और पूजा ने बताया कि उनकी शादी फरवरी 2023 में राजस्थान के अलवर जिले के शेरपुरा गांव निवासी दो भाई विपिन और निखिल के साथ हुई थी। शादी के समय उनके परिजनों ने उपहार में घरेलू सामान और नकद रुपए दिये थे। लेकिन उसकी ससुराल पक्ष के लोग इससे संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने बताया कि उनमें से प्रियंका का पति विपिन आर्मी में हैं, और उनका ससुर नवल सिंह भी आर्मी में है। इसी का हवाला देकर 5 लाख रुपए और दो बुलेट बाइक की मांग की। उनकी मांग पूरी नहीं करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा और भरपेट खाना तक नहीं दिया गया। मामले की जांच में जुटी पुलिस उन्होंने अपने मायके पक्ष के लोगों को पूरे मामले से अवगत करवाया तो मौजिज लोगों ने समझाकर मामले को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन कुछ दिन बाद उन्होंने उनकी ये मांग पूरी करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद ससुरालियों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट कर घर से निकाल दिया। एक महिला ने अपने पति पर अन्य महिला से अवैध संबंध होने के भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर दोनों भाई विपिन, निखिल, सास सोमा देवी और ससुर नवल सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने दोनों महिलाओं की शिकायत पर पति और सास-ससुर के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मथुरा में युवक की गोली मारकर हत्या:छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर वारदात, हत्यारे फरार
मथुरा में युवक की गोली मारकर हत्या:छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर वारदात, हत्यारे फरार मथुरा के थाना छाता इलाके में मंगलवार देर रात अज्ञात बदमाशों ने बाइक सवार युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। छाता कोतवाली से 500 मीटर दूर हाईवे पर हुई वारदात के बाद इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। पेप्सी फैक्ट्री में युवक करता था काम
छाता कस्बे का रहने वाला प्रेम सिंह दिल्ली कोलकाता नेशनल हाइवे पर बनी पेप्सी फैक्ट्री में काम करता था। देर रात वह अपने साथी युवक के साथ बाइक से वापस अपने घर आ रहा था। प्रेम सिंह और उसका साथी छाता कस्बे से करीब 500 मीटर पहले पहुंचे कि तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने गोली मार दी। नकाबपोश हत्यारों ने दिया वारदात को अंजाम
हाईवे पर तोमर होटल के समीप हुई प्रेम सिंह और उसके साथी पहुंचे थे। प्रेम सिंह पीछे बैठे थे जबकि साथी बाइक चला रहा था। इसी दौरान पीछे से दो अज्ञात बाइक सवार जिन्होंने मुंह ढका हुआ था आए और प्रेम सिंह को गोली मार दी। गोली लगने से प्रेम सिंह मौके पर ही गिर गया। मौके पर पहुंची पुलिस
वारदात की जानकारी प्रेम सिंह के साथी ने पुलिस को दी। मौके पर भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तत्काल प्रेम सिंह को अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। खुलासे के लिए लगाई टीम
वारदात की जानकारी मिलते ही एसएसपी शैलेश पांडे भी मौके पर पहुंच गए। एसएसपी ने वारदात स्थल का निरीक्षण किया और खुलासे के लिए टीमों को लगा दिया। एसएसपी ने बताया कि हत्या के पीछे क्या कारण रहे अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। परिवार ने कोई तहरीर भी नहीं दी है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को देखा जा रहा है इसके अलावा मोहल्ले और परिवार के लोगों से भी बात की जा रही है।
दिल्ली में सनसनीखेज वारदात, चार साल की मासूम का अपहरण कर रेप की कोशिश, पड़ोसी गिरफ्तार
दिल्ली में सनसनीखेज वारदात, चार साल की मासूम का अपहरण कर रेप की कोशिश, पड़ोसी गिरफ्तार <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Crime News:</strong> राजधानी दिल्ली में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. पुलिस की सख्ती के बावजूद आपराधिक वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला अपहरण कर रेप की कोशिश का सामने आया है. पुलिस की सक्रियता से आरोपी पकड़ में आ गया है. सनसनीखेज वारदात शाहबाद डेयरी थाना इलाके की है. डीसीपी देवेश माला ने घटना की पुष्टि की है. स्थानीय लोगों का कहर आरोपी के घर पर टूटा. गनीमत रही कि आरोपी का घर जलने से बच गया. गुस्साई भीड़ घर को आग के हवाले करने को तैयार थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>डीसीपी देवेश माला ने बताया कि 21 अगस्त को पुलिस से शिकायत की गयी थी. परिजनों के मुताबिक चार वर्षीय बच्ची को पड़ोसी लालच देकर उठा ले गया था. कई घंटों बाद उसने बच्ची को गली में छोड़ दिया. बच्ची ने घर पहुंचकर परिजनों को आपबीती सुनाई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को लेकर बीएसए अस्पताल पहुंची. डॉक्टरों ने बच्ची की जांच कर एमएलसी रिपोर्ट तैयार की. डीसीडब्ल्यू के काउंसलर से बच्ची की काउंसलिंग करायी गयी. बच्ची को पुलिस ने परिजनों के हवाले कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पड़ोसी पर लगा रेप की कोशिश का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने मामले में तेज कार्रवाई करते हुए कई टीमों का गठन किया. आरोपी की तलाश में जगह-जगह छापेमारी शुरू की गयी. आखिरकार पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया. आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. परिजनों के मुताबिक पालक (22) नाम से जाने जाने वाले पड़ोसी ने घटना को अंजाम दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया है. घटना से इलाके के लोगों में जबरदस्त गुस्सा फैल गया. गुसाई भीड़ ने आरोपी का घर जलाने की कोशिश की. पुलिस ने दखलअंदाजी कर आरोपी का घर जलने से बचा लिया. मामले में आगे जांच जारी है.</p>
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