केंद्र और पंजाब सरकार की दमनात्मक नीतियों के खिलाफ किसान यूनियनों द्वारा 6 मई को शंभू पुलिस स्टेशन का घेराव किया जाएगा। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को आज तड़के सुबह 4 बजे हाउस अरेस्ट कर लिया गया। डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर इसकी जानकारी दी, जिससे किसान संगठनों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 6 मई को शंभू थाने के बाहर ‘जबरदस्ती विरोधी धरना’ देने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि हालिया किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने आंदोलन स्थलों को बलपूर्वक हटाया, नेताओं को धोखे से हिरासत में लिया और लगातार किसानों व मजदूरों पर दमन जारी रखा। किसान नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में हुई बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। डल्लेवाल ने कहा था, “जो केंद्र शिक्षा, कृषि और जीएसटी में राज्यों के अधिकार छीनता रहा है, वही अब संघीय ढांचे की बात कर रहा है – यह सरासर पाखंड है।” किसान यूनियनों की प्रमुख मांगें: किसानों की मांगे नहीं मानी गईं जगजीत सिंह डल्लेवाल ने इससे पहले सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी, जिसे उन्होंने अधिकारियों के आश्वासन पर समाप्त किया था। लेकिन मांगें पूरी न होने के कारण किसानों में फिर से असंतोष भड़क उठा है। केंद्र और पंजाब सरकार की दमनात्मक नीतियों के खिलाफ किसान यूनियनों द्वारा 6 मई को शंभू पुलिस स्टेशन का घेराव किया जाएगा। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन से एक दिन पहले, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को आज तड़के सुबह 4 बजे हाउस अरेस्ट कर लिया गया। डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर इसकी जानकारी दी, जिससे किसान संगठनों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 6 मई को शंभू थाने के बाहर ‘जबरदस्ती विरोधी धरना’ देने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि हालिया किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने आंदोलन स्थलों को बलपूर्वक हटाया, नेताओं को धोखे से हिरासत में लिया और लगातार किसानों व मजदूरों पर दमन जारी रखा। किसान नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में हुई बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। डल्लेवाल ने कहा था, “जो केंद्र शिक्षा, कृषि और जीएसटी में राज्यों के अधिकार छीनता रहा है, वही अब संघीय ढांचे की बात कर रहा है – यह सरासर पाखंड है।” किसान यूनियनों की प्रमुख मांगें: किसानों की मांगे नहीं मानी गईं जगजीत सिंह डल्लेवाल ने इससे पहले सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी, जिसे उन्होंने अधिकारियों के आश्वासन पर समाप्त किया था। लेकिन मांगें पूरी न होने के कारण किसानों में फिर से असंतोष भड़क उठा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
