पंजाब में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर आज (3 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि 8 दिसंबर को चुनाव का प्रोग्राम जारी कर दिया जाएगा। हालांकि हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दो हफ्तों का समय दिया है। यह केस अदालत में बेअंत सिंह की तरफ से दायर किया गया था। पहले भी वह इस मामले को लेकर अदालत में पहुंचे थे। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 43 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने केस का निटपारा कर दिया था। शहीदी जोड़ मेले के दौरान चुनाव न करवाने की मांग पंजाब के सभी राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग से मांग कर चुके है कि दिसंबर अंत में चुनाव न करवाए जाए, क्योंकि इस महीने के आखिर में शहीदी दिवस होता है। इस माह से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होती हैं। ऐसे में सभी चीजों का ध्यान रखा जाए। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया था। पंजाब में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर आज (3 दिसंबर) को पंजाब एंड हरियाणा सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि 8 दिसंबर को चुनाव का प्रोग्राम जारी कर दिया जाएगा। हालांकि हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दो हफ्तों का समय दिया है। यह केस अदालत में बेअंत सिंह की तरफ से दायर किया गया था। पहले भी वह इस मामले को लेकर अदालत में पहुंचे थे। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 43 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने केस का निटपारा कर दिया था। शहीदी जोड़ मेले के दौरान चुनाव न करवाने की मांग पंजाब के सभी राजनीतिक दल निर्वाचन आयोग से मांग कर चुके है कि दिसंबर अंत में चुनाव न करवाए जाए, क्योंकि इस महीने के आखिर में शहीदी दिवस होता है। इस माह से लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होती हैं। ऐसे में सभी चीजों का ध्यान रखा जाए। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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