8 साल बाद फिर शुरू होगा जेपीएन इंटरनेशनल सेंटर:पूरा जिम्मा अब LDA को, संचालन शुरू करने में 150 करोड़ रुपए आएगी लागत

8 साल बाद फिर शुरू होगा जेपीएन इंटरनेशनल सेंटर:पूरा जिम्मा अब LDA को, संचालन शुरू करने में 150 करोड़ रुपए आएगी लागत

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) आठ वर्षों बाद फिर से शुरू होने जा रहा है। शासन ने इसके निर्माण और संचालन की पूरी जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का निर्णय लिया है। LDA इंजीनियरों के अनुसार, इस केंद्र को पूरी तरह चालू होने में लगभग एक साल का समय लगेगा। इसके लिए करीब 150 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सूत्रों के मुताबिक, प्राधिकरण इसका संचालन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर करवा सकता है। पहले देखिए तीन तस्वीरें… अब LDA के हाथ में पूरा नियंत्रण
अब तक JPNIC का निर्माण कार्य शासन की निगरानी में LDA द्वारा किया जा रहा था। शासन के निर्देश पर ही किसी भी तरह का कार्य संपन्न होता था, लेकिन अब प्राधिकरण को इसके निर्माण और संचालन का पूरा अधिकार सौंपा जा रहा है। शासन की ओर से इस ट्रांसफर की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बदहाल हो चुका है परिसर, पूल बन चुका है कबाड़
कभी लखनऊ की शान कहे जाने वाला यह सिग्नेचर प्रोजेक्ट अब जर्जर हालत में है। सेंटर के अंदर का वातावरण उजड़े मेले जैसा हो चुका है। मुख्य गेट से बिल्डिंग तक जाने वाला रास्ता घने जंगल में तब्दील हो चुका है। करोड़ों की लागत से बना ऑल वेदर ओलिंपिक साइज स्विमिंग पूल अब कबाड़ जैसा दिखता है। कन्वेंशन ब्लॉक, म्यूजियम और पार्किंग एरिया की हालत भी बेहद खराब है। 50 करोड़ के उपकरण हो चुके हैं बेकार
2017 से बंद पड़े इस सेंटर में 50 करोड़ रुपए के विदेशी और महंगे उपकरण लगाए गए थे, लेकिन उपयोग न होने के कारण ये खराब हो चुके हैं। चूहों ने वायर काट दिए हैं। कई स्थानों पर बारिश का पानी घुस गया है। इन उपकरणों की वारंटी भी समाप्त हो चुकी है। तीन बार बढ़ चुकी है लागत, अब भी अधूरा है निर्माण
JPNIC का निर्माण 2013 में 265.58 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था। यह लागत तीन बार बढ़ाई गई और 2016 तक यह 864.99 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2023 में LDA ने इसके लिए 60.43 करोड़ रुपए और मांगे थे, लेकिन वो अब बढ़ कर 150 करोड़ हो गई है। सदस्य बने 500 लोग, अब खत्म होगी सदस्यता
केंद्र की सदस्यता के लिए दो लाख रुपए तक की फीस तय थी, जबकि अधिकारियों को यह सदस्यता 50,000 रुपए में दी गई थी। अब तक लगभग 500 सदस्य बनाए जा चुके हैं। LDA ने अब इन सदस्यताओं को समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा है।
निर्माण में भारी लागत और अनियमितताओं को लेकर अब तक तीन बार जांच हो चुकी है। दो बार शासन स्तर पर और एक बार राइट्स (RITES) द्वारा। इन जांचों में तत्कालीन LDA वीसी, मुख्य अभियंता और वित्त नियंत्रक सहित कई अधिकारी दोषी पाए गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) आठ वर्षों बाद फिर से शुरू होने जा रहा है। शासन ने इसके निर्माण और संचालन की पूरी जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का निर्णय लिया है। LDA इंजीनियरों के अनुसार, इस केंद्र को पूरी तरह चालू होने में लगभग एक साल का समय लगेगा। इसके लिए करीब 150 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सूत्रों के मुताबिक, प्राधिकरण इसका संचालन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर करवा सकता है। पहले देखिए तीन तस्वीरें… अब LDA के हाथ में पूरा नियंत्रण
अब तक JPNIC का निर्माण कार्य शासन की निगरानी में LDA द्वारा किया जा रहा था। शासन के निर्देश पर ही किसी भी तरह का कार्य संपन्न होता था, लेकिन अब प्राधिकरण को इसके निर्माण और संचालन का पूरा अधिकार सौंपा जा रहा है। शासन की ओर से इस ट्रांसफर की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बदहाल हो चुका है परिसर, पूल बन चुका है कबाड़
कभी लखनऊ की शान कहे जाने वाला यह सिग्नेचर प्रोजेक्ट अब जर्जर हालत में है। सेंटर के अंदर का वातावरण उजड़े मेले जैसा हो चुका है। मुख्य गेट से बिल्डिंग तक जाने वाला रास्ता घने जंगल में तब्दील हो चुका है। करोड़ों की लागत से बना ऑल वेदर ओलिंपिक साइज स्विमिंग पूल अब कबाड़ जैसा दिखता है। कन्वेंशन ब्लॉक, म्यूजियम और पार्किंग एरिया की हालत भी बेहद खराब है। 50 करोड़ के उपकरण हो चुके हैं बेकार
2017 से बंद पड़े इस सेंटर में 50 करोड़ रुपए के विदेशी और महंगे उपकरण लगाए गए थे, लेकिन उपयोग न होने के कारण ये खराब हो चुके हैं। चूहों ने वायर काट दिए हैं। कई स्थानों पर बारिश का पानी घुस गया है। इन उपकरणों की वारंटी भी समाप्त हो चुकी है। तीन बार बढ़ चुकी है लागत, अब भी अधूरा है निर्माण
JPNIC का निर्माण 2013 में 265.58 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था। यह लागत तीन बार बढ़ाई गई और 2016 तक यह 864.99 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2023 में LDA ने इसके लिए 60.43 करोड़ रुपए और मांगे थे, लेकिन वो अब बढ़ कर 150 करोड़ हो गई है। सदस्य बने 500 लोग, अब खत्म होगी सदस्यता
केंद्र की सदस्यता के लिए दो लाख रुपए तक की फीस तय थी, जबकि अधिकारियों को यह सदस्यता 50,000 रुपए में दी गई थी। अब तक लगभग 500 सदस्य बनाए जा चुके हैं। LDA ने अब इन सदस्यताओं को समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा है।
निर्माण में भारी लागत और अनियमितताओं को लेकर अब तक तीन बार जांच हो चुकी है। दो बार शासन स्तर पर और एक बार राइट्स (RITES) द्वारा। इन जांचों में तत्कालीन LDA वीसी, मुख्य अभियंता और वित्त नियंत्रक सहित कई अधिकारी दोषी पाए गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर