झांसी में 8 दिन पहले केशव जाटव की हत्या हो गई। उसकी लाश रक्सा के कोटखेरा गांव में सुनसान जगह पर नहर किनारे मिली। पुलिस के सामने इस ब्लाइंड मर्डर को खोलने की चुनौती थी, लेकिन केशव जाटव की 9 साल की बेटी ने इस मर्डर मिस्ट्री से एक झटके में पर्दा उठा दिया। बेटी ने आधी रात अपनी मां लक्ष्मी को फोन पर प्रेमी से बात करते हुए सुन लिया था। बेटी ने बताया- देर रात मम्मी हड़बड़ी में थी। वो किसी से कह रही थी कि शराब पिलाओ और उस केशव को आज हमेशा के लिए खत्म कर दो। जल्दी करो, इतनी देर क्यों कर रहे हो। जब सुबह बेटी जगी तो पता चला कि उसके पापा का मर्डर हो गया। घर में चीख-पुकार मची थी। रोते हुए परिजन कह रहे थे कि केशव की किसी से दुश्मनी नहीं थी, पता नहीं किसने मार डाला। तभी बच्ची ने मां और प्रेमी के बीच हुई बातचीत के बारे में अपनी दादी और घरवालों को बता दिया। इसके बाद घरवाले लक्ष्मी को थाने ले गए। पहले तो वो मना करती रही, लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने सबकुछ कबूल कर लिया। इस मर्डर केस के बाद दैनिक भास्कर की टीम मृतक केशव के घर पहुंची। यहां केशव के परिजनों ने जो कुछ बताया, वो चौंकाने वाला है। चलिए जानते हैं… 3 महीने से प्रेमी की घर पर एंट्री बंद हो गई थी मृतक केशव जाटव (46) पुत्र रामरतन मध्य प्रदेश के दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के बरिया गांव का रहने वाला था। वह खेतीबाड़ी के साथ मजदूरी करता था। केशव के दूर के रिश्तेदार दतिया के उन्नाव बालाजी थाना क्षेत्र के धवाई गांव निवासी कमलेश (36) का घर पर आना-जाना था। करीब 5 साल पहले कमलेश और केशव की पत्नी लक्ष्मी के बीच दोस्ती हो गई। ये दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी छुपे मिलने लगे थे। मृतक केशव की बुआ सरजू बाई ने बताया- कमलेश रात को 12 से 1 बजे आता था और रात को ही चला जाता था। लक्ष्मी दिनभर उसी से फोन पर बात करती थी। करीब 3 महीने पहले केशव ने पत्नी को फोन पर कमलेश से अश्लील बातें करते हुए पकड़ लिया था। तब से कमलेश का घर पर आना-जाना बंद था। वह पत्नी को कमलेश से बात करने के लिए रोकता था। 11 जुलाई को मर्डर की डेट फाइनल की दोनों के प्यार में केशव रोड़ा बन गया था। इसलिए पत्नी लक्ष्मी ने क्राइम सीरियल देखकर पति के मर्डर कर प्लान किया। पति का मर्डर करवाकर उसे प्रेमी से कोर्ट मैरिज करनी थी। कमलेश ने साजिश में अपने ममेरे भाई दतिया के बडौनी थाना क्षेत्र के राव गांव निवासी रवि अहिरवार को शामिल कर लिया। इसके बाद वे मर्डर के लिए मौका ढूंढ़ रहे थे। 11 जुलाई को केशव के साढ़ू जितेंद्र अहिरवार की बेटी की शादी कोटखेरा गांव में थी। शादी का निमंत्रण केशव के अलावा कमलेश और रवि को भी आया था। यही मौका उनको हत्या के लिए सबसे अच्छा लगा। तीनों ने 11 जुलाई की रात केशव के मर्डर करने के लिए फाइनल कर दी। पति को प्रेमी की बाइक पर बैठाया, फिर खरीदा फोन बुआ सरजू बाई आगे बताती हैं-केशव शादी में नहीं जाना चाहता था। उस दिन केशव अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ खेत में धान लगा रहा था। मैं भी वहां मौजूद थी। लड़ाई-झगड़ा कर लक्ष्मी ने केशव को शादी के लिए तैयार किया। दोनों खेत से घर आए तो दोबारा झगड़ा हो गया। तब लक्ष्मी ने मोबाइल तोड़ दिया। खुद शादी में जाने और फिर लौटकर घर नहीं आने की धमकी देने लगी। काफी देर तक झगड़ा चला, मगर लक्ष्मी ने केशव को कमलेश के साथ शादी में जाने के लिए मना लिया। दोनों गांव से ई-रिक्शा में सवार होकर करीब 20 किलोमीटर दूर इंदरगढ़ पहुंचे। यहां लक्ष्मी ने केशव को कमलेश की बाइक पर बैठाया। तब केशव का भतीजा संजय और छोटा भाई राम सिंह आ गए। उन्होंने यह सब देख लिया। दोनों के रवाना होने के बाद लक्ष्मी ने दुकान से नया मोबाइल खरीदा, ताकि वह प्रेमी से बात कर सके। चाचा ने कहा था कि चाची को घर छोड़ देना केशव के भतीजे संजय ने बताया- मैं और चाचा रामसिंह इंदरगढ़ में किराए का कमरा लेकर रहते हैं और मजदूरी करते हैं। 11 जुलाई की शाम को मजदूरी करके घर लौट रहा था। तब रास्ते में चाचा केशव और चाची लक्ष्मी मिल गई। चाचा कमलेश के साथ बाइक पर बैठकर शादी में जा रहे थे। मुझसे बोले कि चाची को घर छोड़ देना। लेकिन चाची अकेली ही घर चली गईं। अगले दिन 12 जुलाई को फोन आया कि चाचा केशव का मर्डर हो गया। मैंने चाची से कहा कि किसी ने चाचा को मार दिया, पता करो। तो वह चौंक गई और झल्लाते हुए बोली कि मुझे कुछ पता नहीं है। उनके चेहरे पर कोई सिकन नहीं था। चाची की गतिविधियां संदिग्ध लगी तो सबसे पहले उन पर ही शक गया। घर से भागने का बना लिया था प्लान बुआ ने आगे बताया- केशव के मर्डर के बाद 12 जुलाई को लक्ष्मी घर से भागना चाहती थी। उसने बैग पैक कर लिया था। कपड़े से लेकर सारा सामान रख लिया था। सुबह 6 बजे खाना बनाकर खा चुकी थी। अपनी बेटी से बोली कि मैं दंदरौआ सरकार मंदिर जा रही हूं। मर्डर की सूचना आने में थोड़ी देर होती तो लक्ष्मी घर से भाग जाती। मर्डर के बाद कमरे की तलाशी ली तो लक्ष्मी और कमलेश की एक फोटो मिली। साथ में कपड़ों के बीच में छुपाया हुआ मोबाइल भी मिला था। शराब में मिलाया कीटनाशक, फिर गला दबाकर मार डाला इंदरगढ़ में ही रवि उनको मिल गया तो वह बाइक के पीछे बैठ गया। बीच में केशव बैठा था और कमलेश बाइक चला रहा था। रक्सा के कोटखेरा गांव पहुंचे। वहां से शादी स्थल की दूरी लगभग 500 मीटर दूर थी। कमलेश ने शराब पीकर शादी में चलने की बात कहीं। केशव शराब का शौकीन था और पार्टी की बात सुनते ही वह राजी हो गया। तब दोनों आरोपियों ने शराब में कीटनाशक मिला दिया और वो शराब केशव को पिला दी। थोड़ी देर बाद केशव अचेत हो गया। तब दोनों आरोपियों ने उसी की तौलिया से गला घोंट दिया। इसके बाद वह मर गया। 12 जुलाई की सुबह केशव का शव मिला था। यह खबर भी पढ़ें गाजियाबाद में सिपाही ने खुद को मारी गोली: मरने से पहले बनाया वीडियो, बोला-गर्लफ्रेंड ब्लैकमेल कर रही, मेरे पास सिर्फ मौत का रास्ता गाजियाबाद में EVM की सुरक्षा में तैनात सिपाही पम्मी ने मंगलवार रात सरकारी बंदूक से गोली मारकर जान दे दी। मरने से पहले सिपाही ने 3 मिनट का वीडियो बनाया। पढ़ें पूरी खबर… झांसी में 8 दिन पहले केशव जाटव की हत्या हो गई। उसकी लाश रक्सा के कोटखेरा गांव में सुनसान जगह पर नहर किनारे मिली। पुलिस के सामने इस ब्लाइंड मर्डर को खोलने की चुनौती थी, लेकिन केशव जाटव की 9 साल की बेटी ने इस मर्डर मिस्ट्री से एक झटके में पर्दा उठा दिया। बेटी ने आधी रात अपनी मां लक्ष्मी को फोन पर प्रेमी से बात करते हुए सुन लिया था। बेटी ने बताया- देर रात मम्मी हड़बड़ी में थी। वो किसी से कह रही थी कि शराब पिलाओ और उस केशव को आज हमेशा के लिए खत्म कर दो। जल्दी करो, इतनी देर क्यों कर रहे हो। जब सुबह बेटी जगी तो पता चला कि उसके पापा का मर्डर हो गया। घर में चीख-पुकार मची थी। रोते हुए परिजन कह रहे थे कि केशव की किसी से दुश्मनी नहीं थी, पता नहीं किसने मार डाला। तभी बच्ची ने मां और प्रेमी के बीच हुई बातचीत के बारे में अपनी दादी और घरवालों को बता दिया। इसके बाद घरवाले लक्ष्मी को थाने ले गए। पहले तो वो मना करती रही, लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने सबकुछ कबूल कर लिया। इस मर्डर केस के बाद दैनिक भास्कर की टीम मृतक केशव के घर पहुंची। यहां केशव के परिजनों ने जो कुछ बताया, वो चौंकाने वाला है। चलिए जानते हैं… 3 महीने से प्रेमी की घर पर एंट्री बंद हो गई थी मृतक केशव जाटव (46) पुत्र रामरतन मध्य प्रदेश के दतिया जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के बरिया गांव का रहने वाला था। वह खेतीबाड़ी के साथ मजदूरी करता था। केशव के दूर के रिश्तेदार दतिया के उन्नाव बालाजी थाना क्षेत्र के धवाई गांव निवासी कमलेश (36) का घर पर आना-जाना था। करीब 5 साल पहले कमलेश और केशव की पत्नी लक्ष्मी के बीच दोस्ती हो गई। ये दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों चोरी छुपे मिलने लगे थे। मृतक केशव की बुआ सरजू बाई ने बताया- कमलेश रात को 12 से 1 बजे आता था और रात को ही चला जाता था। लक्ष्मी दिनभर उसी से फोन पर बात करती थी। करीब 3 महीने पहले केशव ने पत्नी को फोन पर कमलेश से अश्लील बातें करते हुए पकड़ लिया था। तब से कमलेश का घर पर आना-जाना बंद था। वह पत्नी को कमलेश से बात करने के लिए रोकता था। 11 जुलाई को मर्डर की डेट फाइनल की दोनों के प्यार में केशव रोड़ा बन गया था। इसलिए पत्नी लक्ष्मी ने क्राइम सीरियल देखकर पति के मर्डर कर प्लान किया। पति का मर्डर करवाकर उसे प्रेमी से कोर्ट मैरिज करनी थी। कमलेश ने साजिश में अपने ममेरे भाई दतिया के बडौनी थाना क्षेत्र के राव गांव निवासी रवि अहिरवार को शामिल कर लिया। इसके बाद वे मर्डर के लिए मौका ढूंढ़ रहे थे। 11 जुलाई को केशव के साढ़ू जितेंद्र अहिरवार की बेटी की शादी कोटखेरा गांव में थी। शादी का निमंत्रण केशव के अलावा कमलेश और रवि को भी आया था। यही मौका उनको हत्या के लिए सबसे अच्छा लगा। तीनों ने 11 जुलाई की रात केशव के मर्डर करने के लिए फाइनल कर दी। पति को प्रेमी की बाइक पर बैठाया, फिर खरीदा फोन बुआ सरजू बाई आगे बताती हैं-केशव शादी में नहीं जाना चाहता था। उस दिन केशव अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ खेत में धान लगा रहा था। मैं भी वहां मौजूद थी। लड़ाई-झगड़ा कर लक्ष्मी ने केशव को शादी के लिए तैयार किया। दोनों खेत से घर आए तो दोबारा झगड़ा हो गया। तब लक्ष्मी ने मोबाइल तोड़ दिया। खुद शादी में जाने और फिर लौटकर घर नहीं आने की धमकी देने लगी। काफी देर तक झगड़ा चला, मगर लक्ष्मी ने केशव को कमलेश के साथ शादी में जाने के लिए मना लिया। दोनों गांव से ई-रिक्शा में सवार होकर करीब 20 किलोमीटर दूर इंदरगढ़ पहुंचे। यहां लक्ष्मी ने केशव को कमलेश की बाइक पर बैठाया। तब केशव का भतीजा संजय और छोटा भाई राम सिंह आ गए। उन्होंने यह सब देख लिया। दोनों के रवाना होने के बाद लक्ष्मी ने दुकान से नया मोबाइल खरीदा, ताकि वह प्रेमी से बात कर सके। चाचा ने कहा था कि चाची को घर छोड़ देना केशव के भतीजे संजय ने बताया- मैं और चाचा रामसिंह इंदरगढ़ में किराए का कमरा लेकर रहते हैं और मजदूरी करते हैं। 11 जुलाई की शाम को मजदूरी करके घर लौट रहा था। तब रास्ते में चाचा केशव और चाची लक्ष्मी मिल गई। चाचा कमलेश के साथ बाइक पर बैठकर शादी में जा रहे थे। मुझसे बोले कि चाची को घर छोड़ देना। लेकिन चाची अकेली ही घर चली गईं। अगले दिन 12 जुलाई को फोन आया कि चाचा केशव का मर्डर हो गया। मैंने चाची से कहा कि किसी ने चाचा को मार दिया, पता करो। तो वह चौंक गई और झल्लाते हुए बोली कि मुझे कुछ पता नहीं है। उनके चेहरे पर कोई सिकन नहीं था। चाची की गतिविधियां संदिग्ध लगी तो सबसे पहले उन पर ही शक गया। घर से भागने का बना लिया था प्लान बुआ ने आगे बताया- केशव के मर्डर के बाद 12 जुलाई को लक्ष्मी घर से भागना चाहती थी। उसने बैग पैक कर लिया था। कपड़े से लेकर सारा सामान रख लिया था। सुबह 6 बजे खाना बनाकर खा चुकी थी। अपनी बेटी से बोली कि मैं दंदरौआ सरकार मंदिर जा रही हूं। मर्डर की सूचना आने में थोड़ी देर होती तो लक्ष्मी घर से भाग जाती। मर्डर के बाद कमरे की तलाशी ली तो लक्ष्मी और कमलेश की एक फोटो मिली। साथ में कपड़ों के बीच में छुपाया हुआ मोबाइल भी मिला था। शराब में मिलाया कीटनाशक, फिर गला दबाकर मार डाला इंदरगढ़ में ही रवि उनको मिल गया तो वह बाइक के पीछे बैठ गया। बीच में केशव बैठा था और कमलेश बाइक चला रहा था। रक्सा के कोटखेरा गांव पहुंचे। वहां से शादी स्थल की दूरी लगभग 500 मीटर दूर थी। कमलेश ने शराब पीकर शादी में चलने की बात कहीं। केशव शराब का शौकीन था और पार्टी की बात सुनते ही वह राजी हो गया। तब दोनों आरोपियों ने शराब में कीटनाशक मिला दिया और वो शराब केशव को पिला दी। थोड़ी देर बाद केशव अचेत हो गया। तब दोनों आरोपियों ने उसी की तौलिया से गला घोंट दिया। इसके बाद वह मर गया। 12 जुलाई की सुबह केशव का शव मिला था। यह खबर भी पढ़ें गाजियाबाद में सिपाही ने खुद को मारी गोली: मरने से पहले बनाया वीडियो, बोला-गर्लफ्रेंड ब्लैकमेल कर रही, मेरे पास सिर्फ मौत का रास्ता गाजियाबाद में EVM की सुरक्षा में तैनात सिपाही पम्मी ने मंगलवार रात सरकारी बंदूक से गोली मारकर जान दे दी। मरने से पहले सिपाही ने 3 मिनट का वीडियो बनाया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Noida: नोएडा एक्सप्रेसवे को जाम से बचाने ट्रैफिक पुलिस का प्लान, परी चौक जाने वाली बसों पर लगेगा ब्रेक!
Noida: नोएडा एक्सप्रेसवे को जाम से बचाने ट्रैफिक पुलिस का प्लान, परी चौक जाने वाली बसों पर लगेगा ब्रेक! <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi NCR News</strong>: परी चौक की ओर जाने वाले नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida Expressway) पर शाम के व्यस्ततम समय में दो घंटे के लिए बसों को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसकी घोषणा नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने की है. यह वैसी बसें होंगी जो दिल्ली से परी चौक की ओर आती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि शाम 6.30 बजे से 8.30 बजे के बीच प्रतिबंध लगा रहेगा. हालांकि दिल्ली आने वाली दूसरे कैरिजवे पर आवागमन पर रोक नहीं रहेगी. अधिकारियों ने कहा कि बस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद शुक्रवार को यह फैसला किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बसों के कारण ट्रैफिक की गति हो जाती है धीमी</strong><br />ट्रैफिक डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि यह प्रतिबंध केवल बसों पर लगाया गया है क्योंकि ट्रक पर सुबह सात से 11 बजे और शाम 5 से रात 10 बजे तक प्रतिबंध रहता है. उन्होंने कहा कि बस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मुख्य रूप से उनकी वजह से ही ट्रैफिक की गति धीमी हो जाती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस मालिक इस फैसले से नाखुश</strong><br />हालांकि इस फैसले पर बस के मालिकों ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि उनके वाहन एक बार में 40-50 लोगों को ढोते हैं. दिल्ली इंटरस्टेट बस ऑपरेटर संघ के महासचिव श्याम लाल घोला ने कहा कि हमने ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक में हिस्सा लिया और हमें कहा गया है कि शाम 6.30 से 8.30 बजे तक बस ना चलाएं. हमारे पास विकल्प कम हैं और हमें इसका पालन करना होगा. वर्ना हमारी बसों को जब्त कर लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बस किस तरह ट्रैफिक की गति धीमी कर सकती है जबकि यह एक बार में40-50 लोगों को ढोती है जबकि कार 5 से अधिक लोगों को नहीं ढोती. उन्हें ट्रैफिक को नियमित करने की जरूरत है और हम पर आरोप लगाने की जगह बदलाव करने की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Manish Sisodia: ‘ऐसा बोलने वाला होगा सबसे बड़ा…’, जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया का BJP पर हमला” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-aap-leader-manish-sisodia-attacks-on-bjp-said-jumlebaj-2757862″ target=”_self”>Manish Sisodia: ‘ऐसा बोलने वाला होगा सबसे बड़ा…’, जेल से बाहर आते ही मनीष सिसोदिया का BJP पर हमला</a></strong></p>
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करनाल में प्रेमी ने घर में घुसकर की फायरिंग:प्रेमिका को जान से मारने की धमकी, 7 साल से थी रिलेशनशिप में हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी में एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दी और पिस्टल से फायरिंग कर दी। प्रेमिका 6-7 साल से रिलेशनशिप में थी। आरोपी ने अपनी प्रेमिका को धमकी दी कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो वह उसे जान से मार देगा। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रात 11 बजे की घटना करनाल में नीलोखेड़ी के वार्ड नंबर-1 की निवासी सोफिया गील ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके प्रेमी राजेन्द्र सोलंकी उर्फ बिट्टू ने उसके घर में घुसकर उसे जान से मारने की धमकी दी और बंदूक से फायर किया। यह घटना देर रात करीब 11 बजे की है। सोफिया गील के अनुसार, वह राजेन्द्र सोलंकी के साथ पिछले 7 सालों से रिलेशनशिप में थी। उनके बीच पहले भी कई बार कहासुनी और मारपीट हो चुकी है। एक महीने पहले राजेन्द्र ने उसका iPhone 12 तोड़ दिया था, जिसके बाद सोफिया ने उसके साथ मिलना कम कर दिया था और उससे अलग रहने का फैसला किया था। यह था मामला सोफिया ने बताया कि घटना की रात राजेन्द्र सोलंकी उसके घर निलोखेड़ी आया और ऊपर वाले कमरे में बैठ गया। सोफिया की भाभी प्रीति ने उसे पानी दिया और सोफिया को बताया किया कि राजेन्द्र घर पर आया है। सोफिया और उसकी भाभी प्रीति कमरे में राजेन्द्र के पास बैठकर उससे बात करने लगीं। राजेन्द्र ने अपनी गन बैड पर रख दी और कहा कि यह लाइसेंसी है और वह इसे अपने दुश्मनों से डर के कारण अपने पास रखता है। वह घर पर बैठकर शराब पी रहा था और सोफिया की भाभी ने उसे खाना दिया, लेकिन उसने नहीं खाया। सोफिया ने बार-बार उसे घर से जाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं गया। जान से मारने की धमकी दी कुछ देर बाद, जब सोफिया कमरे में वापस जा रही थी, तो राजेन्द्र ने अचानक अपनी गन से फायर कर दिया, जिससे गोली चौखट के साथ दीवार में लगी। राजेन्द्र ने तुरंत माफी मांगी और कहा कि गोली गलती से चल गई। जाते-जाते उसने सोफिया को धमकी दी कि वह उसे जान से मार देगा। सोफिया ने घटना के कुछ देर बाद राजेन्द्र से फोन पर संपर्क किया, जिसमें उसने कहा कि गोली गलती से चल गई थी, लेकिन अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी, तो वह उसके और उसके परिवार को जान से मार देगा। राजेन्द्र ने यह भी दावा किया कि वह 500 करोड़ का मालिक है और उसे किसी भी तरह की शिकायत का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पुलिस ने किया मामला दर्ज बुटाना थाना के जांच अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सोफिया गील की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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UP By Polls 2024: फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए BJP से 40 नाम रेस में! ये लोग सबसे आगे <p style=”text-align: justify;”><strong>By Elections 2024:</strong> यूपी में जल्द ही जिन दस सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव होना है, उनमें संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर सीट भी शामिल है. फूलपुर में उपचुनाव यहां के विधायक प्रवीण पटेल के सांसद निर्वाचित हो जाने की वजह से होना है. इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. बीजेपी के लिए यह सीट कतई आसान नहीं मानी जा रही है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां तकरीबन दो हजार वोटो के मामूली अंतर से ही जीतने में ही कामयाब हो सकी थी, जबकि दो महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में उसे अठारह हजार से ज्यादा वोटो से हार का सामना करना पड़ा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बाद बीजेपी ने चुनाव को लेकर अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. पार्टी ने पिछले हफ्ते काशी प्रांत की कार्य समिति की बैठक फूलपुर क्षेत्र में ही आयोजित कर यह संदेश दे दिया है कि यहां कमल खिलाने को लेकर उसका पूरा फोकस है. हालांकि समाजवादी पार्टी से नजदीकी लड़ाई से पहले बीजेपी को उम्मीदवार का नाम तय करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. यहां से अब तक तकरीबन 40 दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं. आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़कर पचास तक जा सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दावेदारों की बड़ी संख्या होने की वजह से पार्टी के सामने दिक्कत यह है कि किसी एक को टिकट मिलने पर बाकी दावेदार नाराज या निष्क्रिय होकर घर बैठ सकते हैं और संगठन को उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. वैसे जातीय समीकरण के मद्देनजर पार्टी किसी ब्राह्मण या पटेल को टिकट देने का मन बना रही है. टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार भी इन्हीं दो वर्गों से ही हैं. फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव वोटर भी निर्णायक स्थिति में है. ऐसे में पार्टी के रणनीतिकार किसी यादव को मैदान में उतारकर विपक्षी वोट बैंक में सेंधमारी करने पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-outsourcing-job-recruitment-and-reservation-data-released-by-information-department-2745270″><strong>योगी सरकार ने दिया केशव प्रसाद मौर्य की चिट्ठी का जवाब, सामने आया आरक्षण पर बड़ा सच</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक दर्जन ब्राह्मण नेताओं ने दावेदारी जताई</strong><br />फूलपुर सीट पर तकरीबन एक दर्जन ब्राह्मण नेताओं ने टिकट को लेकर दावेदारी जताई है. ब्राह्मण वर्ग के दावेदारों में सबसे बड़ा नाम इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा का है. उनकी संघ में जबरदस्त पैठ है. उनके भाई यूपी में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और वह लोकसभा चुनाव में भी इलाहाबाद सीट से टिकट के प्रबल दावेदार थे. इसके अलावा पूर्व विधायक प्रभाशंकर पांडेय, पूर्व जिलाध्यक्ष कन्हैया लाल पांडेय, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र उर्फ पिंटू नेता, बहरिया के ब्लॉक प्रमुख शशांक मिश्र, स्कूल संचालक संगम लाल मिश्र, डीपी पांडेय और पूर्व पार्षद उमेश द्विवेदी भी प्रमुख दावेदार हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटेल बिरादरी से दावेदारी करने वालों में सबसे प्रमुख नाम पूर्व विधायक दीपक पटेल का है. वह फूलपुर की निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे हैं. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में पार्टी ने केशरी देवी का टिकट काट दिया था. ऐसे में उनके बेटे को उम्मीदवार बनाकर उनकी नाराजगी को दूर किया जा सकता है. मौजूदा सांसद प्रवीण पटेल की पत्नी गोल्डी पटेल भी प्रबल दावेदारों में एक हैं. हालांकि उन्होंने औपचारिक तौर पर अभी आवेदन नहीं किया है. सांसद प्रवीण पटेल के रिश्तेदार अनिरुद्ध पटेल भी टिकट मांग रहे हैं. फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे नागेंद्र पटेल वैसे तो सहयोगी पार्टी अपना दल एस में है, लेकिन वह भी यहां से बीजेपी का टिकट चाहते हैं. इसके अलावा फूलपुर के ब्लॉक प्रमुख जितेंद्र सिंह पटेल, पूर्व विधायक करन सिंह पटेल के बेटे और पार्टी के वरिष्ठ नेता विक्रम पटेल, गंगापार की जिलाध्यक्ष कविता पटेल और युवा नेता विपेन्द्र पटेल भी दावेदारी कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>फूलपुर विधानसभा सीट पर यादव वोटरों की संख्या तकरीबन साठ हजार है. ऐसे में पार्टी के कुछ नेता यादव उम्मीदवार उतारने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी के पास यहां दो मजबूत यादव नेता भी है. बहादुरपुर के ब्लॉक प्रमुख अरुणेंद्र यादव उर्फ डब्बू यादव जोर शोर से दावेदारी कर रहे हैं. ब्लॉक प्रमुख चुनाव में वह अपने राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन भी कर चुके हैं. उन्हें क्षेत्र में लोकप्रियता और पार्टी के एक बड़े नेता के करीबी होने का फायदा भी मिल सकता है. इसके अलावा काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष और नगर पंचायत के चेयरमैन अमरनाथ यादव भी यहां से टिकट चाहते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वैश्य समुदाय से भी बड़ी संख्या में दावेदारी</strong><br />ब्राह्मण और पटेल के बाद वैश्य समुदाय से भी बड़ी संख्या में नेताओं ने दावेदारी की है. पूर्व महानगर अध्यक्ष और काशी प्रांत के मौजूदा उपाध्यक्ष अवधेश गुप्त टिकट को लेकर पूरा जोर लगाए हुए हैं. उन्हें ओबीसी वर्ग से होने का फायदा मिल सकता है. वह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं. वैश्य समुदाय के अन्य दावेदारों में चायल के पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिला कोषाध्यक्ष आशीष केसरवानी, व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक रामबाबू केसरवानी, नमामि गंगे के संयोजक रहे गोपीनाथ स्वर्णकार अपनी दावेदारी जता रहे हैं. क्षत्रिय समाज से सहसो के पूर्व ब्लाक प्रमुख राकेश सिंह और महिला मोर्चे में पदाधिकारी विजयलक्ष्मी सिंह चंदेल ने दावेदारी की है. पाल बिरादरी से पूर्व जिला उपाध्यक्ष चंद्रकेश पाल और जिला मंत्री कमलेश पाल टिकट चाहते हैं. दलित वर्ग से आने वाली पूर्व एमएलसी और तेज तर्रार महिला नेत्री निर्मला पासवान भी दावेदारों में शामिल है. वह कौशांबी सीट से लोकसभा का टिकट भी मांग रही थी. ऐसे में उन्हें दलित वर्ग से इकलौती महिला दावेदार होने का फायदा मिल सकता है. निषाद समुदाय की पूर्व डिप्टी मेयर प्रदेश कार्यकारिणी में पदाधिकारी अनामिका चौधरी का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फूलपुर के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां यादव – पटेल, ब्राह्मण और मुसलमान वोटर निर्णायक स्थिति में है. इन चार वर्गों के वोट तकरीबन साठ फीसदी हैं. यही वजह है कि बीजेपी पटेल या ब्राह्मण में से किसी एक वर्ग को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है. वैसे पार्टी किसी यादव नेता को टिकट देकर सपाई खेमे में हलचल मचाने का मास्टर स्ट्रोक खेल दे तो उसमें हैरानी की कोई बात नहीं.</p>