<p style=”text-align: justify;”>झारखंड विधानसभा चुनाव की काउंटिंग से पहले बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को लेकर हम आश्वस्त हैं. झारखंड में इस बार 51 से ज्यादा सीटें आएंगी और एनडीए की सरकार बनेगी. हर प्रमंडल में बीजेपी और एनडीए गठबंधन को वोट मिला है और हम जीत भी रहे हैं. आज शाम तक नतीजे आ जाएंगे और विधायक दल बैठकर अपने नेता का चयन कर लेगी.</p> <p style=”text-align: justify;”>झारखंड विधानसभा चुनाव की काउंटिंग से पहले बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को लेकर हम आश्वस्त हैं. झारखंड में इस बार 51 से ज्यादा सीटें आएंगी और एनडीए की सरकार बनेगी. हर प्रमंडल में बीजेपी और एनडीए गठबंधन को वोट मिला है और हम जीत भी रहे हैं. आज शाम तक नतीजे आ जाएंगे और विधायक दल बैठकर अपने नेता का चयन कर लेगी.</p> झारखंड यूपी के इस जिले के लिए खुशखबरी, योगी सरकार ने मेट्रो कॉरिडोर के विस्तार को दी मंजूरी, 11 नए स्टेशन
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हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने आज लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ मंथन किया। इस बैठक में हरियाणा से 9 प्रत्याशियों को बुलाया गया था और एक सीट गठबंधन की होने के कारण उस पर फीडबैक नहीं मिल पाया। कुल 9 प्रत्याशियों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था। बाबरिया ने बैठक तो नहीं की, लेकिन प्रत्याशियों और जीते हुए सांसदों से एक-एक कर बात की। खास बात यह रही कि सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा दीपक बाबरिया के साथ विचार-विमर्श में शामिल नहीं हुईं। प्रदेश प्रभारी ने सिरसा को छोड़कर सभी जगहों से रिपोर्ट ली। सबसे खराब रिपोर्ट भिवानी और करनाल से मिली है, यहां के उम्मीदवारों ने भीतरघात की रिपोर्ट दी। वहीं हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने भी भीतरघात की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हिसार के बड़े नेताओं ने साथ नहीं दिया अगर साथ दिया होता तो जीत का मार्जन और बड़ा होता। इतना ही नहीं कुछ नेताओं के भाजपा प्रत्याशी की मदद करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थानीय नेताओं के अहीरवाल क्षेत्र में साथ नहीं देने की बात सामने आई है। हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट कल कांग्रेस हाई कमान को सौंपी जाएगी। बाबरिया ने उम्मीदवारों से आगामी विधानसभा के संभावित नामों पर चर्चा भी की ओर उनकी तरफ से हर विधानसभा में कौन बेहतर उम्मीदवार हो सकता है। इसके नाम भी पूछे। वहीं चुनाव में बढ़चढ़ कर काम करने वाले नेताओं और काम न करने वाले नेताओं व भीतरघात करने वालों के नाम भी उम्मीदवारों ने बताए। अब इसकी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी कल हाईकमान से होनी वाली बैठक में रखेंगे। हाई कमान आज करेगा बैठक, 30 नेताओं को बुलाया कांग्रेस हाई कमान आज दिल्ली में हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगा। इसमें खास तौर पर हारने वाली सीटों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और कुरूक्षेत्र सीट पर विस्तृत चर्चा होगी। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस के प्रदेश सचिव सहित कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस बैठक में बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया है। कांग्रेस इन कारणों से 5 सीटों पर हार गई… 1. करनाल में कमजोर कैंडिडेट
कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट पर अपने यूथ विंग के नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दिया। दिव्यांशु के नाम का ऐलान होते ही क्लियर हो गया था कि कांग्रेस ने इस सीट पर BJP के मनोहर लाल खट्टर को एक तरह से वॉकओवर दे दिया है। करनाल के कांग्रेसी नेताओं के तमाम तरह के असहयोग के बावजूद दिव्यांशु 4 लाख 79 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे। अगर कांग्रेस इस सीट पर किसी बड़े चेहरे को उतारती और करनाल के नेता उसका साथ देते तो भाजपा को यहां परेशानी हो सकती थी। 2. गुटबाजी भारी पड़ी
हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगा डाले। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह की हार का अंतर 41 हजार 510 वोट रहा। भिवानी जिले की 3 में से 2 सीटों पर भाजपा को लीड मिली। इनमें किरण चौधरी की तोशाम सीट शामिल रही। अगर पार्टी के नेता एकजुटता दिखाते तो यहां रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में भी आ सकता था। गुरुग्राम सीट पर भी यही कहानी रही। यहां कांग्रेस कैंडिडेट राज बब्बर 75 हजार वोट से हारे। लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव इस सीट पर लंबे अर्से से एक्टिव थे लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर उनकी जगह राज बब्बर को टिकट थमा दिया। इससे कैप्टन नाराज हो गए। राज बब्बर की इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अजय यादव बहुत कम मौकों पर नजर आए। फरीदाबाद सीट पर भी टिकट न मिलने के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल की नाराजगी देखने को मिली। 3. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला की तिकड़ी ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 4. चुनाव चिन्ह गायब होने से गठबंधन की कीमत चुकाई कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। आम आदमी पार्टी से उसकी हरियाणा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता कुरूक्षेत्र के रण में उतरे तो पार्टी की पूरी लीडरशिप यहां डट गई। कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला ने सुशील गुप्ता के लिए प्रचार किया लेकिन राज्य की दूसरी किसी सीट पर AAP नेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए ऐसा जोर नहीं लगाया। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि AAP ने बाकी 9 सीटों पर अपना कितना वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में शिफ्ट कराया? हां, कुरूक्षेत्र में सुशील गुप्ता को कांग्रेसी कैडर के वोट जरूर मिले।
राजस्थान में शुरू हुआ BJP के मंडल और बूथ अध्यक्षों का चयन, जानिए जिलाध्यक्ष की कब होगी घोषणा
राजस्थान में शुरू हुआ BJP के मंडल और बूथ अध्यक्षों का चयन, जानिए जिलाध्यक्ष की कब होगी घोषणा <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान में भाजपा के लिए दिसंबर का महीना बेहद खास है क्योंकि, यहां पर मंडल और बूथ अध्यक्षों का चयन 15 नवंबर तक हो जाएगा. उसके बाद जिला अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी. बीजेपी राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में 5 दिसम्बर तक बूथों के अध्यक्ष और समिति का गठन होगा. उन्होने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है कि 3-4 दिन में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के बूथों के अध्यक्ष बन जाएंगें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी को पार्टी से जोड़ने की तैयारी</strong><br />बूथ अध्यक्षों के चयन को लेकर पंचारिया ने कहा कि 15 दिसम्बर तक मंडल अध्यक्ष एवं 31 दिसम्बर तक जिला अध्यक्ष का गठन होगा. प्रदेश के सक्रिय सदस्यता के प्रभारी ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि, बूथ में रहने वाले प्रत्येक वर्ग के लोगों को इस बूथ के चुनाव से जोड़ना चाहिए. ठेले, घुमंतु एवं शहर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी पार्टी से जोड़ने की तैयारी है.<br /><br /><strong>संगठन की कुछ ऐसी है तैयारी</strong><br />जिला सह चुनाव अधिकारी मनीष पारीक ने बताया कि 33 मंडलों के संगठन पर्व सहयोगियों ने 250 शक्ति केंद्रों के संगठन पर्व सहयोगियों की नियुक्ति कर दी है जो बूथ समिति के गठन में अहम भूमिका निभाएंगे. जिला सह चुनाव अधिकारी निर्मल नाहटा ने बताया कि पन्ना प्रमुखों एवं बूथ समिति के निर्माण में वार्ड संयोजक एवं मंडल के एक पदाधिकारी का नाम तय किया है जो बूथ संरचना कर जिला चुनाव अधिकारी को सूचित कर देंगे. शहर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि जयपुर में भाजपा की सर्वाधिक सदस्यता हुई है.<br /><br /><strong>दावेदारों की है लम्बी लिस्ट</strong><br />इस समय भाजपा में मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष बनने की लम्बी लिस्ट है. भाजपा सक्रिय सदस्य बनाने वालो को प्रमोशन मिलेगा. भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि यहां सब चुनाव के माध्यम से होगा. इसमें पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/ajmer-dargah-sharif-issue-bjp-leader-rajendra-rathod-reaction-2834482″>’जो फैसला होगा, उसे…’, अजमेर दरगाह शरीफ मामले पर बोले BJP नेता राजेन्द्र राठौड़</a></strong></p>