सोनीपत जिले के खरखौदा के थाना कलां गांव के रहने वाले मुकुल दहिया ने ‘ओपन वाटर सी स्विमिंग एसोसिएशन’ के तहत तैराकी किया। उन्होंने मुंबई समुद्र में एल्फेंटा टापू से गेटवे ऑफ इंडिया तक की 12 किलोमीटर की दूरी 3 घंटा 36 मिनट में तय करने में सफलता हासिल की। जिस पर एसोसिएशन द्वारा ट्रॉफी से स्विमर मुकुल दहिया को सम्मानित किया गया। स्विमर मुकुल दहिया ने पहली बार समुद्र में स्विमिंग की है। इस मौके पर नेवी ऑफिसर संतोष पाटिल ने बताया कि मुकुल दहिया ने यह तरह की सफलतापूर्वक पूरी की है। जिसमें उसे सफलता मिली है। सरकार की तरफ से नेवी अधिकारियों को सुरक्षा एवं सेफ्टी के लिए ड्यूटी पर लगाया हुआ था करीब 6 ऑफिसर इस स्विमिंग इवेंट की निगरानी कर रहे थे। ताकि किसी भी प्रकार की चूक ना हो। हर मैडिकल फैसिलिटी उपलब्ध करवाई हुई थी। इस मौके पर स्विमर मुकुल दहिया ने बताया कि इससे पहले उन्होंने दिल्ली में हुई 10 किलोमीटर स्विमिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर सिल्वर मैडल जीता था। उनकी इच्छा थी कि वे सागर में तैराकी करें, इसलिए उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन एल्फेंटा से गेटवे ऑफ इंडिया की दूरी तक स्विमिंग के लिए करवाया था और उन्होंने सफलतापूर्वक यह दूरी तय की। हालांकि स्विमिंग पूल व सागर में स्विमिंग करने में काफी अंतर होता है। यहां पर लहरों का प्रभाव पड़ता है वाटर की गहराई थी प्रभावित करती है। वे इस सफलता से उत्साहित है और आगे देश के लिए स्विमिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं। ताकि वे देश का नाम रोशन कर सके। उनके पिता पूर्व सरपंच बलराम दहिया का कहना है कि उन्हें तो खुद स्विमिंग से डर लगता है, लेकिन उसके बच्चे समुद्र में तैराकी कर रहें हैं। गांव में पहुंचने पर तैराक मुकुल दहिया का स्वागत किया जाएगा। सोनीपत जिले के खरखौदा के थाना कलां गांव के रहने वाले मुकुल दहिया ने ‘ओपन वाटर सी स्विमिंग एसोसिएशन’ के तहत तैराकी किया। उन्होंने मुंबई समुद्र में एल्फेंटा टापू से गेटवे ऑफ इंडिया तक की 12 किलोमीटर की दूरी 3 घंटा 36 मिनट में तय करने में सफलता हासिल की। जिस पर एसोसिएशन द्वारा ट्रॉफी से स्विमर मुकुल दहिया को सम्मानित किया गया। स्विमर मुकुल दहिया ने पहली बार समुद्र में स्विमिंग की है। इस मौके पर नेवी ऑफिसर संतोष पाटिल ने बताया कि मुकुल दहिया ने यह तरह की सफलतापूर्वक पूरी की है। जिसमें उसे सफलता मिली है। सरकार की तरफ से नेवी अधिकारियों को सुरक्षा एवं सेफ्टी के लिए ड्यूटी पर लगाया हुआ था करीब 6 ऑफिसर इस स्विमिंग इवेंट की निगरानी कर रहे थे। ताकि किसी भी प्रकार की चूक ना हो। हर मैडिकल फैसिलिटी उपलब्ध करवाई हुई थी। इस मौके पर स्विमर मुकुल दहिया ने बताया कि इससे पहले उन्होंने दिल्ली में हुई 10 किलोमीटर स्विमिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर सिल्वर मैडल जीता था। उनकी इच्छा थी कि वे सागर में तैराकी करें, इसलिए उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन एल्फेंटा से गेटवे ऑफ इंडिया की दूरी तक स्विमिंग के लिए करवाया था और उन्होंने सफलतापूर्वक यह दूरी तय की। हालांकि स्विमिंग पूल व सागर में स्विमिंग करने में काफी अंतर होता है। यहां पर लहरों का प्रभाव पड़ता है वाटर की गहराई थी प्रभावित करती है। वे इस सफलता से उत्साहित है और आगे देश के लिए स्विमिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं। ताकि वे देश का नाम रोशन कर सके। उनके पिता पूर्व सरपंच बलराम दहिया का कहना है कि उन्हें तो खुद स्विमिंग से डर लगता है, लेकिन उसके बच्चे समुद्र में तैराकी कर रहें हैं। गांव में पहुंचने पर तैराक मुकुल दहिया का स्वागत किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में:कल दोनों बेटों ने मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी श्रद्धांजलि दी
ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी देवीलाल स्टेडियम में:कल दोनों बेटों ने मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी श्रद्धांजलि दी हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा 31 दिसंबर को होगी। सिरसा के चौधरी देवीलाल स्टेडियम में यह सभा सुबह 11 बजे शुरू होगी। कल (21 दिसंबर) शनिवार को ओपी चौटाला का सिरसा के तेजा खेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चौटाला के दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण और अर्जुन चौटाला ने अंतिम रस्में निभाईं। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने चौटाला को श्रद्धांजलि दी। ओपी चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को दिल का दौरा पड़ने के बाद 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में निधन हो गया था। ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार से जुडी 4 अहम बातें… 1. पार्थिव देह तिरंगे से लपेटी, हरी तुर्रा पगड़ी–चश्मा पहनाया
ओपी चौटाला की पार्थिव देह शनिवार को अंतिम दर्शन के लिए तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में रखी गई। इस दौरान उनकी पार्थिव देह तिरंगे में लपेटी गई। इसके अलावा उनके सिर पर हरे रंग की तुर्रा पगड़ी और चश्मा पहनाया गया। हरी तुर्रा पगड़ी इनेलो की पहचान और चश्मा चुनाव चिन्ह है। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक समर्थकों ने उनके अंतिम दर्शन किए। 2. 12 क्विंटल फूलों से सजा समाधि स्थल, चिता के लिए चंदन की लकड़ी
ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के लिए फार्म हाउस में ही समाधि स्थल बनाया गया। जिसे 12 क्विंटल फूलों से सजाया गया। इनमें 8 क्विंटल गेंदा और 2–2 क्विंटल गुलाब व गुलदाउदी के फूल थे। यह फूल कोलकाता से मंगाए गए थे। इसके अलावा चिता के लिए लाल चंदन की लकड़ियां मंगाई गईं थी। 3. दोनों बेटों–पोतों, भाईयों ने अर्थी को कंधा दिया
ओपी चौटाला की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के बाद समाधि स्थल के लिए ले जाया गया तो सबसे आगे उनके दोनों बेटों अजय चौटाला और अभय चौटाला ने अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद उनके पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, कर्ण चौटाला, अर्जुन चौटाला के अलावा भाई रणजीत चौटाला और भतीजे आदित्य चौटाला ने अंतिम यात्रा में अर्थी के साथ रहे। 4. समर्थकों ने फूल बरसाए, नारे लगाए
ओपी चौटाला की पार्थिव देह को समाधि स्थल की तरफ ले जाया गया तो समर्थकों की भारी भीड़ उनके साथ रही। इस दौरान करीब 200 मीटर के रास्ते भर में समर्थक उनकी पार्थिव देह पर फूल बरसाते रहे। उन्होंने ‘ओपी चौटाला–अमर रहे’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार के मौके एकजुट दिखा चौटाला परिवार
ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार के मौके पर पूरा चौटाला परिवार एकजुट दिखा। ओपी के बेटे अजय और अभय के साथ पूर्व सीएम के पूर्व मंत्री भाई रणजीत चौटाला भी मौजूद रहे। वे श्रद्धांजलि देने आए लोगों का आभार व्यक्त करते रहे। राजनीतिक तौर पर अभय इनेलो के प्रधान महासचिव हैं। अजय और उनके बेटों दुष्यंत–दिग्विजय को ओपी चौटाला के इनेलो से निकालने के बाद उन्होंने JJP बना ली। वहीं रणजीत लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में गए थे लेकिन अब निर्दलीय राजनीति कर रहे हैं। इनके अलावा चौटाला फैमिली की बहुएं भी एक साथ बैठी दिखीं। इनमें हिसार से एक–दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी शामिल हैं। ओपी चौटाला से जुड़ी 5 खास बातें 1. पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 5 संतानों में सबसे बड़े थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ। वे 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 2. पिता से ज्यादा न पढ़ जाएं, इसके लिए शुरुआती शिक्षा के बाद ही चौटाला ने पढ़ाई छोड़ दी थी। जब वे टीचर घोटाले में जेल गए तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की। 3. 1968 में ओपी चौटाला ने ऐलानाबाद से पहला चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। बाद में हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाकर उन्होंने चुनाव रद्द करा दिया। 2 साल बाद 1970 में हुए उपचुनाव में वह इसी सीट से जीते। 4. ओपी चौटाला के CM रहते 2 कांड बड़े मशहूर हुए। पहला महम कांड, जिसमें उन्होंने महम सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हिंसा और बूथ कैप्चरिंग के बाद चुनाव रद्द हो गया। पुलिस की गोलियों से 10 लोगों की मौत हुई। दूसरा कंडेला कांड, जिसमें फ्री बिजली और कर्ज माफी वादा पूरा न होने पर किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान गोलियों से 9 किसानों की मौत हुई। 5. ओपी चौटाला के 1999–2000 के सीएम कार्यकाल के दौरान टीचर भर्ती घोटाला हुआ। जिसमें उन्हें व उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद हुई। वे तिहाड़ जेल में रहे लेकिन बाद में 60 से ज्यादा उम्र और आधी सजा पूरी होने की वजह से केंद्र की माफी स्कीम के तहत उन्हें 2 साल पहले रिहा कर दिया गया। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा के पूर्व CM ओपी चौटाला का निधन:रात 10 बजे पार्थिव शरीर फार्म हाउस पहुंचा, कल सुबह 8 बजे से लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। वे 89 साल के थे। शुक्रवार को वे गुरुग्राम में अपने घर पर थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद साढ़े 11 बजे उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में लाया गया। करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पूरी खबर पढ़ें… 5 बार के CM ओपी चौटाला पंचतत्व में विलीन:दोनों बेटों ने मिलकर दी मुखाग्नि, चारों पोतों ने अंतिम रस्में निभाईं; समर्थकों ने फूल बरसाए हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे ओपी चौटाला शनिवार (21 दिसंबर) शाम करीब 4 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरी खबर पढ़ें… ओपी चौटाला की अंतिम विदाई के PHOTOS:तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह, हरी पगड़ी-चश्मा पहनाया; उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दी श्रद्धांजलि हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। सिरसा के गांव तेजा खेड़ा स्थित फार्म हाउस में ही उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दोनों बेटों अजय और अभय चौटाला ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ा। पूरी खबर पढ़ें…
फतेहाबाद में गोली लगने से व्यक्ति की मौत:दोस्त के पिस्तौल से हुआ फायर, साथ बैठकर दोनों कर रहे थे हंसी- मजाक
फतेहाबाद में गोली लगने से व्यक्ति की मौत:दोस्त के पिस्तौल से हुआ फायर, साथ बैठकर दोनों कर रहे थे हंसी- मजाक फतेहाबाद में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई। शख्स को गोली उसके दोस्त के ही पिस्तौल से लगी है, घटना के वक्त दोनों साथ में बैठे बातचीत करते रहे थे। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, मामले की जांच की जा रही है। शिव नगर निवासी 46 वर्षीय मनोज बंसल फतेहाबाद के सिरसा रोड पर धर्मकांटे पर पार्टनरशिप में काम करता था। शहर के एक पूर्व पार्षद कुलवंत सवणा का पुत्र 30 वर्षीय पलविंद्र के साथ उसकी दोस्ती थी, जो उसके पास आता-जाता था। बताया जा रहा है कि मनोज अपने दोस्त के साथ सिरसा किसी काम से गया था और शाम को वह वापस लौट आए और धर्मकांटे पर बने कमरे में बैठ गए। पलविंद्र के पास पिस्तौल थी और पिस्तौल को हाथ में लेकर दोनों दोस्त हंसी मजाक व बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पिस्तौल से गोली चल गई और गोली मनोज के सिर में जा लगी। जिससे वहां पर हड़कंप मच गया। पलविंद्र अन्य लोगों के साथ मनोज को हॉस्पिटल लेकर आया। इसके बाद परिजनों को भी घटना के बारे में सूचना दी गई। यहां पर डॉक्टरों ने मनोज को मृत घोषित कर दिया। गोली किस परिस्थिति में चली अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है। उधर मौके पर पहुंचे एसएचओ प्रहलाद सिंह ने बताया कि गोली चलने से व्यक्ति की मौत हुई है। सीन ऑफ क्राइम इन्वेस्टिंग करने में जुटी है। परिजन जो बयान देंगे, उसके अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक:इंद्रजीत बोले-हर बार आप आते थे MLA इस बार मैं आया, जिताने की जिम्मेदारी आपकी
रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक:इंद्रजीत बोले-हर बार आप आते थे MLA इस बार मैं आया, जिताने की जिम्मेदारी आपकी हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों की मीटिंग ली। रामपुरा हाउस में बावल विधानसभा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हर बार आप MLA लेकर आते थे और मैंने उसका साथ देकर जिताने का काम किया। लेकिन इस बार मैं डॉ. कृष्ण कुमार के रूप में विधायक दे रहा हूं, इन्हें जिताने की जिम्मेदारी अब आपकी है। मीटिंग के दौरान मौजूद बावल से प्रत्याशी डॉ. कृष्ण कुमार से राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि आज जो ये कार्यकर्ता पहुंचे हैं, ये मेरा कुनबा है। आज से इन्हें संभालने की जिम्मेदारी भी आपकी है। बता दें कि राव इंद्रजीत सिंह के 5 समर्थकों को इस बार बीजेपी ने टिकट दिया हैं। उन्हें जिताने की जिम्मेदारी भी राव इंद्रजीत सिंह के ही कंधों पर है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह हर हल्के के कार्यकर्ताओं की मीटिंग ले रहे हैं। 5 सीटे राव के कहने से दी, 2 पर उनकी पसंद के उम्मीदवार उतारे इस बार राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल बेल्ट की 11 में से 7 सीटों पर अपने समर्थकों की टिकट मांग रहे थे। पार्टी उन्हें 5 सीटें देने पर राजी हो गई। अटेली से उनकी बेटी आरती राव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, कोसली से अनिल डहीना, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार और पटौदी से बिमला चौधरी को टिकट दी गई हैं। इसी तरह रेवाड़ी में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से लक्ष्मण सिंह यादव और गुरुग्राम में मुकेश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इस बार हालात विपरित दरअसल, इस बार दक्षिणी हरियाणा में भी पिछले 2 चुनाव के मुकाबले हालात बदले हुए हैं। इसका अंदाजा राव इंद्रजीत सिंह को भी हैं। उन्होंने एक चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान इसका जिक्र भी किया था। उनके मुताबिक, 2014 और 2019 वाला माहौल इस बार नहीं है। लेकिन उनकी कोशिश है कि कम से कम पिछले चुनाव वाला परिणाम तो दोहराया जाए। राव इंद्रजीत की खुद की बेटी आरती राव अटेली से चुनाव लड़ रही है। अगले कुछ दिनों में राव इंद्रजीत सिंह पूरे अहीरवाल इलाके का दौरा करेंगे।