खींवसर सीट पर 20 साल बाद BJP का कब्जा, क्या है जीत के पीछे की पूरी कहानी?

खींवसर सीट पर 20 साल बाद BJP का कब्जा, क्या है जीत के पीछे की पूरी कहानी?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Bypoll Results 2024:</strong> नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर 20 साल के बाद बीजेपी को जीत मिली है. यहां पर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. पार्टी ने मजबूत लोगों को पिछले छह महीने से यहां पर उतारा हुआ था. जिसकी वजह से हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका को 13901 वोटों से बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने हरा दिया है. रेवंतराम डांगा एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>त्रिकोणीय मुकाबले में लड़ाई सिर्फ बीजेपी और आरएलपी में ही रही. ये सीट बीजेपी और आरएलपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी. चूंकि यहां से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे लेकिन अब उनकी जीत में ब्रेक लग गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन है खींवसर की जीत के हीरो?</strong><br />पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी युवा मोर्चा और प्रदेश प्रवक्ता अशोक सैनी को पार्टी मे खींवसर चुनाव में प्रभारी बनाया गया था. उन्होंने जुलाई के आखिरी सप्ताह में काम शुरू कर दिया गया था. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और 13 दिन नवंबर में लगभग 100 दिन से अधिक का कार्य खींवसर में ही रहकर सैनी ने काम किया. जिन्होंने मजबूत रणनीति के तहत सभी सात मंडलों में एक-एक विस्तारक और एक-एक प्रभारी बनाकर बूथ मैनेजमेंट को मजबूत किया है. सैनी का कहना है कि लगातार नीचे तक प्रवासकर संगठन के पदाधिकारियों को मोटिवेट किया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की योजनाओं को नीचे तक ले जाकर प्रचार किया गया. कार्यकर्ताओं के रुके हुए सभी काम सरकार द्वारा करवाने का किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी-आरएलपी ने झोंकी थी पूरी ताकत</strong><br />पिछली बार हनुमान बेनीवाल खुद सिर्फ 2059 वोटों से चुनाव जीतकर आए थे. ऐसे में उपचुनाव में बीजेपी और आरएलपी दोनों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बीजेपी ने क्षेत्रिय वोटर्स को एक किया रावणा राजपूत और राजपूत दोनों को साधा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि रेवंतराम डांगा 2023 के विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले 15 साल तक वे सरपंच रहे और आरएलपी में कई पदों पर रह चुके है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” पत्नी के चुनाव हारने पर हनुमान बेनीवाल की पहली प्रतिक्रिया, क्यों कहा- ‘कोई बचना नहीं चाहिए’?” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/hanuman-beniwal-reaction-on-rajasthan-by-election-results-khinwsar-kanika-beniwal-rlp-lost-ann-2829323″ target=”_blank” rel=”noopener”> पत्नी के चुनाव हारने पर हनुमान बेनीवाल की पहली प्रतिक्रिया, क्यों कहा- ‘कोई बचना नहीं चाहिए’?</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Bypoll Results 2024:</strong> नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर 20 साल के बाद बीजेपी को जीत मिली है. यहां पर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी. पार्टी ने मजबूत लोगों को पिछले छह महीने से यहां पर उतारा हुआ था. जिसकी वजह से हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका को 13901 वोटों से बीजेपी के रेवंतराम डांगा ने हरा दिया है. रेवंतराम डांगा एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करने में कामयाब रहे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>त्रिकोणीय मुकाबले में लड़ाई सिर्फ बीजेपी और आरएलपी में ही रही. ये सीट बीजेपी और आरएलपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई थी. चूंकि यहां से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे लेकिन अब उनकी जीत में ब्रेक लग गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन है खींवसर की जीत के हीरो?</strong><br />पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी युवा मोर्चा और प्रदेश प्रवक्ता अशोक सैनी को पार्टी मे खींवसर चुनाव में प्रभारी बनाया गया था. उन्होंने जुलाई के आखिरी सप्ताह में काम शुरू कर दिया गया था. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और 13 दिन नवंबर में लगभग 100 दिन से अधिक का कार्य खींवसर में ही रहकर सैनी ने काम किया. जिन्होंने मजबूत रणनीति के तहत सभी सात मंडलों में एक-एक विस्तारक और एक-एक प्रभारी बनाकर बूथ मैनेजमेंट को मजबूत किया है. सैनी का कहना है कि लगातार नीचे तक प्रवासकर संगठन के पदाधिकारियों को मोटिवेट किया गया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की योजनाओं को नीचे तक ले जाकर प्रचार किया गया. कार्यकर्ताओं के रुके हुए सभी काम सरकार द्वारा करवाने का किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी-आरएलपी ने झोंकी थी पूरी ताकत</strong><br />पिछली बार हनुमान बेनीवाल खुद सिर्फ 2059 वोटों से चुनाव जीतकर आए थे. ऐसे में उपचुनाव में बीजेपी और आरएलपी दोनों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बीजेपी ने क्षेत्रिय वोटर्स को एक किया रावणा राजपूत और राजपूत दोनों को साधा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि रेवंतराम डांगा 2023 के विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले 15 साल तक वे सरपंच रहे और आरएलपी में कई पदों पर रह चुके है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” पत्नी के चुनाव हारने पर हनुमान बेनीवाल की पहली प्रतिक्रिया, क्यों कहा- ‘कोई बचना नहीं चाहिए’?” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/hanuman-beniwal-reaction-on-rajasthan-by-election-results-khinwsar-kanika-beniwal-rlp-lost-ann-2829323″ target=”_blank” rel=”noopener”> पत्नी के चुनाव हारने पर हनुमान बेनीवाल की पहली प्रतिक्रिया, क्यों कहा- ‘कोई बचना नहीं चाहिए’?</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p>  राजस्थान Malaika Arora: ‘मुन्नी’ ने लूट लिया जहानाबाद में फैंस का दिल, मलाइका अरोड़ा को देख बेकाबू हुई भीड़