हरियाणा के हिसार के एक गांव में एक व्यक्ति मंदिर में बाबा पवन गिरी के पास गया था। इस दौरान बाबा से कुछ कहासुनी हो गयी। उसके बाद व्यक्ति वापस घर नहीं लौटा और संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। 7 दिनों के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बरवाला पुलिस को दी शिकायत में गांव ज्ञानपुरा निवासी परमीत ने बताया कि उसके पिता सतबीर सिंह गांव में ही बने मंदिर में कई बार बाबा के पास चले जाते थे। उन्होंने बताया कि 18 नवम्बर को शाम को खाना खाने के बाद उनके पिता सतबीर सिंह मंदिर में बाबा पवन गिरी के पास चले गए थे। वहां पर कई देर बैठे रहे और किसी बात को लेकर बाबा की उनके साथ कहासुनी हो गयी। जिसके बाद उनके पिता रात को घर वापस नहीं आये। उसके बाद वह कई लोगों को साथ लेकर मंदिर में गए तो बाबा भी गायब मिला। उसके बाद एक दूसरा बाबा उस बाबा पवन गिरी को लेकर आया तो पवन गिरी बोला कि आपके पिता शाम तक घर आ जाएंगे। लेकिन उसके बाद भी जब उनके पिता वापस नहीं आये तो बाबा पवन गिरी बोला कल नहीं आये थे तो कोई बात नहीं आज आ जाएंगे। जिसके बाद वह वापस आ गए। शाम को फिर बाबा पवन गिरी से पूछने गए तो देखा कि बाबा पवन गिरी मंदिर में नहीं है और कहीं चला गया है। परमीत ने बताया कि अब ना ही तो बाबा मिल रहा है और ना ही उसके पिता का 7 दिनों बाद भी कोई सुराग लग पा रहा है। बरवाला पुलिस ने गांव ज्ञानपुरा निवासी परमीत की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के हिसार के एक गांव में एक व्यक्ति मंदिर में बाबा पवन गिरी के पास गया था। इस दौरान बाबा से कुछ कहासुनी हो गयी। उसके बाद व्यक्ति वापस घर नहीं लौटा और संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। 7 दिनों के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बरवाला पुलिस को दी शिकायत में गांव ज्ञानपुरा निवासी परमीत ने बताया कि उसके पिता सतबीर सिंह गांव में ही बने मंदिर में कई बार बाबा के पास चले जाते थे। उन्होंने बताया कि 18 नवम्बर को शाम को खाना खाने के बाद उनके पिता सतबीर सिंह मंदिर में बाबा पवन गिरी के पास चले गए थे। वहां पर कई देर बैठे रहे और किसी बात को लेकर बाबा की उनके साथ कहासुनी हो गयी। जिसके बाद उनके पिता रात को घर वापस नहीं आये। उसके बाद वह कई लोगों को साथ लेकर मंदिर में गए तो बाबा भी गायब मिला। उसके बाद एक दूसरा बाबा उस बाबा पवन गिरी को लेकर आया तो पवन गिरी बोला कि आपके पिता शाम तक घर आ जाएंगे। लेकिन उसके बाद भी जब उनके पिता वापस नहीं आये तो बाबा पवन गिरी बोला कल नहीं आये थे तो कोई बात नहीं आज आ जाएंगे। जिसके बाद वह वापस आ गए। शाम को फिर बाबा पवन गिरी से पूछने गए तो देखा कि बाबा पवन गिरी मंदिर में नहीं है और कहीं चला गया है। परमीत ने बताया कि अब ना ही तो बाबा मिल रहा है और ना ही उसके पिता का 7 दिनों बाद भी कोई सुराग लग पा रहा है। बरवाला पुलिस ने गांव ज्ञानपुरा निवासी परमीत की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हांसी में देर रात व्यापारियों पर हमला:दुकान में घुसे नकाबपोश युवक, डंडों और बिंडो से किया वॉर, 2 घायल हरियाणा के हिसार के हांसी में देर रात चाय की दुकान में घुसकर नकाबपोश युवकों ने व्यापारियों पर डंडों और बिंडो से हमला किया। दो व्यापारियों को चोट लगी। घायल व्यापारियों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित चला रहे थे चाय की दुकान जानकारी देते हुए दुकानदार दयानंद ने बताया कि बस स्टैंड के सामने उनकी चाय की दुकान हैं। जहां पर वह चाय, बिस्कुट इत्यादि सामान बेचते हैं। दयानंद ने बताया कि बीती देर रात 11 बजे के क़रीब वह अपनी दुकान पर काम कर रहे थे कि तभी 5 से 7 नकाबपोश युवक हाथों में डंडे लिए हुए थे, वह उनकी दुकान में घुसे और उन पर हमला कर दिया। जिसमें दयानंद और उसका भाई घायल हो गए। दुकानदारों की किसी ने नहीं रंजिश घटना की सूचना घायलों के परिजनों को दी। दयानंद का बेटा मौके पर पहुंचा और घायलों को नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने इलाज के उन्हें भर्ती कर लिया। दयानंद ने बताया कि उनका किसी से कोई भी झगड़ा नहीं था और ना ही दिन में किसी से कहासुनी हुई। दुकानदार दयानंद ने बताया कि उनकी अशोका टी-स्टाल के नाम से दुकान हैं। उनकी किसी प्रकाश से कोई रंजिश नहीं थी। मौके पर पहुंची डायल 112 टीम ये अज्ञात नकाबपोश युवक उनकी दुकान में घुसे और उन पर हमला कर दिया। मौके पर डायल 112 की टीम को इसकी सूचना दी गई। टीम मौके पर पहुंची और उनकी शिकायत सिटी थाने में देने के लिए भेजा। दयानंद के हाथ-पैरों पर और दूसरे व्यक्ति के दोनों हाथों में चोट आई है।
हरियाणा सीएम सैनी का जाटों को रिझाने का प्रयास:कहा- जाट हैं देशभक्त, कांग्रेस बोली- देशभक्ति नहीं भर्ती के लैटर बांटिए
हरियाणा सीएम सैनी का जाटों को रिझाने का प्रयास:कहा- जाट हैं देशभक्त, कांग्रेस बोली- देशभक्ति नहीं भर्ती के लैटर बांटिए हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करने वाली भाजपा अब जाटों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि जाट देशभक्त हैं और 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा को ही वोट देने वाले हैं। मुख्यमंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और राज्य में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चल रही है। इसलिए सीएम के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस ने सीएम के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा- “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए”। भाजपा की नजर गैर-जाट समुदाय के वोटबैंक पर ज्यादा रहती है इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जाट बाहुल क्षेत्रों में बीजेपी के लिए चक्रव्यूह तैयार करने में लगी हुई है। बीजेपी को भी इस बार ड़र सता रहा है कि कहीं जाटों का पूरा वोट कांग्रेस में ना शिफ्ट हो जाए। यही कारण है कि अब सीएम सैनी को जाटों की देशभक्ति याद आ गई है। सीएम बोले- जाट भाजपा को देंगे वोट
मंगलवार को सीएम नायब सिंह सैनी ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान एक पत्रकार ने कहा- “राज्य में भाजपा को जाटों का सर्मथन नहीं है”। इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा “ऐसा कोई फैक्टर नहीं है, कल मेरी तोशाम के अंदर रैली थी, रैली के दौरान जाट समाज ने खुले तौर पर अपने दोनों हाथ उठाकर कहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे। ‘हुड्डा पर बरसे सीएम सैनी’
सीएम ने कहा- हुड्डा ने जाट समाज का शोषण किया है, कांग्रेस के लोग नैरेटिव सेट करने में लगे हुए हैं कि हैं कि जाट भाजपा को वोट नहीं दे रहा, जबकि हकीकत ये है कि पूरा जाट समाज भाजपा को ही वोट दे रहा है। ‘जाट देशभक्त कौम है’
जाटों पर आगे बोलते हुए सीएम ने कहा- जाट देशभक्त कौम है, वो हुड्डा के विकास में योगदान नहीं देना चाहते, वो देश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं और इसीलिए वो लगे हुए हैं और इस बार चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े मैंडेट से जिताने वाला है। कांग्रेस ने सीएम को दिलाई भर्तियों की याद
सीएम का बयान सामने के बाद हरियाणा कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। पोस्ट में कांग्रेस ने सीएम को भर्तियों की याद दिलाई है। सीएम का वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा गया है “नौकरी के लैटर बांटने थे, लेकिन ये तो देशभक्ति के लैटर बांटने लग गए। हरियाणवी सब देशभक्त हैं साहब। आप सिर्फ ये बताओ कि आचार संहिता में भर्तियों का ड्रामा क्यों कर रहे हो, साढ़े नौ साल मनोहर लाल जी खर्राटे क्यों लेते रहे ?” हरियाणा में है जाटों का दबदबा
हरियाणा में 22.2 प्रतिशत जाट समाज किसी को भी सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने और किसी की भी सरकार गिराने का दमखम रखता है। रोहतक, सोनीपत, कैथल, पानीपत, जींद, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी जिलों की करीब 35 विधानसभा सीटों पर जाटों की अच्छी पकड़ है। जिसके कारण इस इलाके को जाटलैंड भी कहा जाता है। इस बार के चुनाव में जाटलैंड की सीटें बीजेपी के लिए सिर दर्द बनी हुई हैं तो कांग्रेस इन्हीं सीटों की बदौलत एक बार फिर सत्ता में आने का सुनहरा सपना देख रही है। 33 साल तक सत्ता पर रहा जाटों का दबदबा
भले ही बीजेपी जाटों को दरकिनार कर बाकी 78 प्रतिशत को साधने में लगी हुई हो लेकिन ये तो तय है कि हरियाणा में जाटों की जड़ें बहुत गहरी हैं। हरियाणा का 58 साल का पूरा इतिहास देखें तो 33 सालों तक जाट समुदाय के नेता सीएम की कुर्सी पर काबिज रहे हैं। गैर-जाट मुख्यमंत्रियों में भगवत दयाल शर्मा, राव बीरेंद्र सिंह, भजन लाल, बनारसी दास गुप्ता, मनोहर लाल खट्टर और मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी हैं। वहीं, जाट समुदाय के मुख्यमंत्रियों की बात करें तो इस लिस्ट में बंसीलाल, देवीलाल, ओम प्रकाश चौटाला, हुकुम सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसमें से भी बंसीलाल तीन बार, ओपी चौटाला पांच बार और भूपेंद्र हुड्डा दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं।